सामुदायिक विकास योजनाओं का वर्तमान स्वरूप ग्रामीण पुनर्निर्माण में सामुदायिक विकास योजनाओं की भूमिका |Community Development Role
सामुदायिक विकास योजनाओं का वर्तमान स्वरूप
- सामुदायिक विकास योजना में कार्य करने की इकाई को खण्ड (Block ) कहते है। खण्ड का एक मुख्य अधिकारी होता है तथा सामान्यतः उसके अधीन प्रसार अधिकारी होते हैं और विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिये ग्राम सेवक होते हैं। इसके साथ ही साथ महिला व बाल्य - कार्यों की देखरेख के लिये दो ग्राम- सेविकायें भी होती हैं। एक ग्राम सेवक के अधीन छह-सात हजार की आबादी आती है। इकाई खण्ड के समस्त अधिकारी तथा सेवकों का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक जीवन का पुनर्निर्माण करना है।
सामुदायिक विकास खण्डों के संगठन निम्नलिखित होते हैं
(1) केन्द्रीय स्तर पर -
- केन्द्रीय स्तर पर समस्त कार्यक्रम खाद्यान्न व कृषि तथा सामुदायिक विकास और सहकारिता के मंत्रालय के अधीन होता है। यह मंत्रालय सामुदायिक विकास कार्यक्रम की नीतियों को निर्धारित करता है। वैसे आधारभूत नीति को प्रतिपादित करने का दायित्व केन्द्रीय समिति पर होता है। इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं। इस समिति का गठन योजना आयोग ( वर्तमान में नीति आयोग ) के सदस्यों तथा खाद्य व कृषि और सामुदायिक विकास तथा सहकारी मंत्रियों को लेकर होता है।
(2) राज्य स्तर पर
- राज्य स्तर पर एक राज्य विकास समिति' होती है जिसका अध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है। विभिन्न विभागों से सम्बन्धित मंत्री इसके सामान्य सदस्य होते हैं। विकास आयुक्त इसका मंत्री होता है। जिला स्तर पर विकास कार्यक्रमों को संचालित करने का उत्तरदायित्व जिला परिषद पर होता है। इसके सदस्य समस्त खण्ड पंचायत समितियों के प्रधान तथा राज्य विधान-सभा तथा लोकसभा के सदस्य होते हैं।
( 3 ) खण्ड स्तर पर
- खण्ड स्तर पर सामुदायिक विकास योजनाओं के कार्यों को संचालित करने का दायित्व खंड पंचायत समितियों पर है। समिति के सदस्य निर्वाचित सरपंच तथा कुछ स्त्रियां और अनुसूचित जातियों के कुछ प्रतिनिधि होते हैं। इन्हें मनोनीत किया जाता है। इसमें एक खण्ड विकास अधिकारी व अधीनस्थ कर्मचारी होते हैं जो कृषि, शिक्षा, सहकारिता, सिंचाई आदि के कार्य के विशेषज्ञ होते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ युवक क्लब, किसान, स्वयं सेवी संस्थायें, महिला मण्डल आदि पंचायत कार्यों में सहयोग देते हैं ।
ग्रामीण पुनर्निर्माण में सामुदायिक विकास योजनाओं की भूमिका
सामुदायिक विकास योजना के माध्यम से ग्रामीण आर्थिक सामाजिक जीवन को परिवर्तित करने में काफी सहायता मिली है। इस दृष्टि से सामुदायिक विकास योजना की भूमिका को निम्नलिखित तथ्यों से जाना जा सकता है-
(1) खण्ड स्तर के अधिकारी तथा ग्राम सेवक किसानों को कृषि सम्बन्धी जानकारी व प्रशिक्षण देते हैं ।
(2) कृषि व्यवसाय में कैसे प्रगति करें इसके उपाय बताते हैं, जैसे अच्छे बीज, खाद, वैज्ञानिक उपकरण आदि का प्रयोग करना । अच्छी फसल कैसे उत्पन्न करें और कैसे फसल की कीटाणुओं से रक्षा करें, इसके भी तरीके बताये जाते हैं।
( 3 ) व्यर्थ में पड़ी भूमि का प्रयोग प्रशिक्षण, साग-सब्जी को अधिक से अधिक कैसे उगाया जाऐ, इसके उपाय बताना।
( 4 ) इन योजनाओं ने बंजर भूमि को उपयोगी बनाया है। इससे कृषक को आर्थिक लाभ हुआ है और उत्पादन में वृद्धि भी हुई है। भूमिहीन श्रमिकों को कार्य मिला है। ग्रामीण जनता के रहन सहन का स्तर भी सुधरा है।
(5) कुटीर उद्योग धन्धों के विकास ने सराहनीय कार्य किया है।
(6) इस योजना के माध्यम से स्वास्थ्य और स्वच्छता की जानकारी भी ग्रामीणों को दी जाती है।
(7) शिक्षा का प्रचार व प्रसार किया जाता है, जैसे- रात्रि पाठशालाओं को चलाना, पुस्तकालय और वाचनालय की स्थापना करना। युवक-मण्डल और कृषक संघों की स्थापना करना, विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण केन्द्रों और विरों की स्थापना करना ।
(8) इन योजनाओं से ग्रामीण यातायात और संचार के साधनों में प्रगति हुई है।
(9) इसने पंचायत सहकारी समिति को सुचारू रूप से कार्यान्वित किया है।
(10) यह योजनाऐं, हरिजन, अनुसूचित जातियां, पिछड़े वर्ग तथा निर्धन स्त्रियों के कल्याण के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका अभिनीत कर रही हैं।
(11) इसके अतिरिक्त ये गांव में मनोरंजन का भी प्रबन्ध करती हैं, जैसे- प्रद” नी और चलचित्रों, मेले और हाट की व्यवस्था करना
उपर्युक्त तथ्यों से यह ज्ञात होता है कि सामुदायिक विकास योजनाओं का ग्रामीण पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण स्थान है। इस योजना के माध्यम से गांव के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रतिमान में काफी परिवर्तन हुए हैं। कृषक वैज्ञानिक खेती से परिचित हुआ है। उत्पादन में वृद्धि हुई है। इनके रहन-सहन के स्तर में भी परिवर्तन आया है। इन्होंने अन्धविश्वास और रूढ़ियों को तोड़ने का प्रयास किया है। सामुदायिक विकास कार्यक्रम ग्रामीण पुनर्निर्माण में एक विशिष्ट स्थान रखता है।
विषय सूची-
सामुदायिक विकास योजना का अर्थ एवं परिभाषा एवं उद्देश्य
सामुदायिक विकास योजनाओं का वर्तमान स्वरूप ग्रामीण
सामुदायिक विकास कार्यक्रम एवं ग्रामीण सामाजिक संरचना में परिवर्तन
समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम का अर्थ आरम्भ एवं महत्व
समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के मार्ग में बाधाऐं
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