प्रसार कार्यकर्ता | प्रसार कार्यकर्ता के गुण एवं प्रशिक्षण | Extension worker tanning
प्रसार कार्यकर्ता, प्रसार कार्यकर्ता के गुण एवं प्रशिक्षण
प्रसार कार्यकर्ता Extension worker
- समुदाय में कौन प्रसार शिक्षा प्रदान करता है? तो आप को जानकारी देते हैं कि यह कार्य एक प्रसार कार्यकर्ता करता है। वे सभी व्यक्ति जो समाज या किसी समुदाय में प्रसार कार्य करते हैं प्रसार कार्यकर्ता कहलाते हैं या इस प्रकार भी कह सकते हैं कि वे लोग जो समुदाय में शिक्षा या सेवा प्रदान करने का कार्य करते हैं प्रसार कार्यकर्ता कहलाते हैं। इसका यह अर्थ हुआ कि गाँव स्तर के कार्यकर्ता, प्रसार अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, विषय विशेषज्ञ और गृह वैज्ञानिक सभी प्रसार कार्यकर्ता कहलाते है।
- हालाँकि विभिन्न स्तरों में इन लोगों द्वारा किये गए कार्य की प्रकृति एक दूसरे से अलग हो सकती है किन्तु सब का उद्देश्य एक ही होता है। यह सभी कार्यकर्ता विभिन्न स्तरों के समुदाय मुख्यत: ग्रामीण समुदाय के विकास हेतु विभिन्न पहलुओं पर कार्य कर रहे के होते हैं। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि प्रसार कार्यकर्ता परिवर्तन के उत्प्रेरक होते हैं जो सक्रिय रूप से लोगों के साथ कार्य करके उनके ज्ञान, कौशल तथा व्यवहार आदि में परिवर्तन लाते हैं इस कारण उन्हें परिवर्तन कारक कहा जाता है। जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गया है।
1 प्रसार कार्यकर्ता की भूमिका
- एक प्रसार कार्यकर्ता का कार्य समुदाय में प्रसार शिक्षा प्रदान करना है। मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को । हालाँकि कई बार वह अच्छी अर्द्ध शहरी या शहरी समुदायों के साथ भी काम करते हैं। वहाँ वह कई तरह की भूमिका निभाते हैं और एक प्रसार कार्यकर्ता के रूप में कई गतिविधियां करते हैं।
प्रसार कार्यकर्ता की कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिकाओं और गतिविधियों पर नजर डालते हैं:
i. समुदाय, उनकी आवश्यकताओं और समस्याओं से परिचित
- आमतौर पर प्रसार कार्यकर्ता द्वारा सर्वप्रथम यही गतिविधि की जाती है। गाँव का भ्रमण उसको लोगों और वहाँ के परिवेश से उसका परिचय कराएगा । भ्रमण के दौरान किया जाने वाला सर्वेक्षण उसको वहाँ के वास्तविक हालातों तथा समुदाय की समस्याओं को जानने में मदद करेगा।
ii. विभिन्न प्रसार शिक्षा के तरीकों का प्रयोग
- लोगों तक सूचना पहुँचाने में कई विधियों का उपयोग होता है। लोगों की आवश्यकताओं, शिक्षा स्तर व रूचि के हिसाब से प्रसार कार्यकर्ता द्वारा उचित विधि का चयन किया जाता है।
iii. सामूहिक कार्यों को बढ़ावा देना
- समुदाय में समूह या संगठन बनाने हेतु प्रसार कार्यकर्ता को एक नेता की तरह कार्य करना होता है। इसके बाद उसे समूह द्वारा कार्यक्रमों को अपने प्रसार कार्यक्रमों / योजनाओं की तरह अपनाने के लिए चर्चा या विचार विमर्श शुरू करना होता है।
iv. लोगों और उनके आस पास के जीवन में
- समुदाय को सक्रिय रूप से अपने आस पास के माहौल में सुधार के लिए प्रेरित करना और जिम्मेदारी लेना प्रसार कार्यकर्ता के लिए आवश्यक है।
v. खेती, पशुपालन और गृह प्रबंधन हेतु नई और उत्तम तकनीक से परिचित कराना
- परिवार की आय बढ़ाने के लिए प्रसार कार्यकर्ता को खेती, पशुपालन तथा गृह प्रबंधन की उत्तम तकनीकों से लोगों को परिचित कराना जैसे बेहतर आतंरिक वायु प्रबंधन के लिए धुँआरहित चूल्हे का प्रयोग |
vi. आय सृजन के नये अवसरों से परिचय कराना
- एक प्रसार कार्यकर्ता लोगों को नये कौशल सिखाकर या वर्तमान में उसमें निहित कौशलों में सुधार करके लोगों को आय सृजन का नया अवसर दे सकता है। उदाहरण स्वरूप- अचार बनाना, पैक करना और बेचना या परम्परागत कला का उपयोग करके सजावट का सामान तैयार करना
vii. समुदाय के लोगों को व्यवस्थित ढंग से रहने के अवसरों और विशेषाधिकारों को पहचानने में मदद करना
- व्यवस्थित ढंग से रहना सबके लिए अच्छा है। प्रसार कार्यकर्ता लोगों को संगठित रहने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है ताकि वह सरकार द्वारा चलाये जाने वाले विकास कार्यक्रमों का लाभ उठा सकें ।
viii. समुदाय में सामाजिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक गतिविधियों को बढ़ाना
- एक प्रसार कार्यकर्ता को ग्रामीण जीवन में सुधार के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
ix. लोगों को विकसित देशों की ग्रामीण समुदाय के जीवन स्तर से अवगत कराना
- विकासशील देशों के लिए विकसित देशों के ग्रामीणों तथा किसानों के जीवन स्तर को जानना अत्यंत आवश्यक है। ताकि वे भी अपना जीवन स्तर बेहतर करने के लिए प्रेरित हों ।
x. समुदाय के लोगों का व्यवहार, ज्ञान व कौशल बढ़ाना
- प्रसार कार्यकर्ता को एक परिवर्तन कारक की तरह कार्य करना पड़ता है और कई गतिविधियां लोगों का व्यवहार बदलने तथा उनके ज्ञान व कौशल को बढ़ाने के लिए करनी पड़ती हैं।
xi. समुदाय व वैज्ञानिकों के बीच केन्द्र बिंदु बनाना
- एक प्रसार कार्यकर्ता को लोगों की समस्याओं को वैज्ञानिकों के पास ले जाकर उसका समाधान लोगों को बताना होता है। इसलिए उसे वैज्ञानिकों और आम आदमी के बीच केन्द्र बिंदु का कार्य करना पड़ता है।
xii. जीवन के नये तरीके अपनाने में समुदाय की मदद करना
- एक प्रसार कार्यकर्ता को लोगों के मनोविज्ञान या सोचने के तरीके में बदलाव के लिए लोगों को शिक्षित करना चाहिए। जिससे लोग आसानी से नये तरीकों, विचार तथा तकनीकों को अपना पायेंगे
2 प्रसार कार्यकर्ता के गुण
- अभी तक हमने सिर्फ प्रसार कार्यकर्ता की भूमिकाओं या कार्यों की चर्चा की। इन सभी कार्यों को सही प्रकार से पूरा के लिए एक प्रसार कार्यकर्ता में कुछ गुणों का होना भी आवश्यक है। इनमें से कुछ गुण उसमें पहले से ही निहित होते हैं और कुछ वह प्रशिक्षण व अभ्यास के द्वारा स्वयं में समाहित कर सकता है। ये सभी गुण किसी भी प्रसार कार्यक्रम को सफल बनाने उसकी में मदद करते हैं।
ये गुण निम्नलिखित हैं:
i. वह ग्रामीण क्षेत्र से सम्बंधित होना चाहिए। ii. उसे समुदाय की संस्कृति तथा समस्याओं की समझ होनी चाहिए।
iii. उसे गाँव की स्थिति, वातावरण और जीवन में अच्छी तरह समायोजित होना चाहिए ।
iv. उसे विषय की अच्छी समझ होनी चाहिए
v. वह ईमानदार, साहसी तथा बुद्धिमान होना चाहिए ।
vi. अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वह आत्मविश्वासी, सही निर्णय लेने की क्षमता वाला व दृढ़ निश्चयी होना चाहिए ।
vii. वह समाज के सुख दुःख साझा करने में सक्षम होना चाहिए।
viii. वह लोगों को प्रेरित करने में सक्षम होना चाहिए ।
ix. वह सिखाने हेतु उचित तरीकों के चुनाव में सक्षम होना चाहिए।
X. वह विकास कार्यक्रमों के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों से संसाधनों के अनुदान, अनु के व खरीद में सक्षम होना चाहिए ।
xi. उसे समुदाय की विकास योजना बनाने में सक्षम होना चाहिए ।
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3 प्रसार कार्यकर्ता का प्रशिक्षण
प्रसार कार्यकर्ता को कई भूमिकाएं निभानी पड़ती हैं जिसके लिए उसमें कई गुण होने आवश्यक हैं। इसलिए बुनियादी शिक्षा के अलावा उसे प्रशिक्षण की भी आवश्यकता होती है। यह प्रशिक्षण उसे अपनी भूमिका को समझने में तथा इस हेतु आवश्यक ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है।
आइये अब इन प्रशिक्षणों के सम्बन्ध में विस्तार से पढ़ते हैं;
- प्रशिक्षण का अर्थ है निश्चित कार्य करने हेतु उचित ज्ञान, कौशल व व्यवहार में प्रवीणता प्राप्त करना प्रसार कार्यकर्ता के प्रशिक्षण का अर्थ है कि जिस समुदाय में उसे काम करना है उसके हर एक पहलू में ज्ञान हासिल करना । जैसा कि आप जानते हैं कि प्रसार कार्यकर्ता एक परिवर्तन कारक है अत: सर्वप्रथम उसे अपने व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा।
- इसलिए प्रसार कार्यकर्ता का प्रशिक्षण उसके ज्ञान, कौशल, मूल्यों, व्यवहार व विश्वास में परिवर्तन के लिए होता है। उसे समुदाय को प्रभावित करने में सक्षम होना चाहिए। उसे कृषि, पशुपालन व गृह प्रबंध की नई तकनीकों तथा तरीकों की जानकारी होनी चाहिए। अंतत: उसे समुदाय में अपने ज्ञान व कौशल को दिखाने के तरीके जानने चाहिए।
अत: हम यह कह सकते हैं कि प्रसार कार्यकर्ता को निम्न में प्रशिक्षित होना आवश्यक है :
a) क्या प्रसारित करना है? सामग्री या ज्ञान या कौशल जो समुदाय में प्रसारित करना है।
b) कैसे प्रसारित करना है ? शिक्षण विधियां, संचार प्रक्रिया कार्यक्रम नियोजन, प्रशासन, समुदाय का सामाजिक विज्ञान तथा नियोजित सामाजिक परिवर्तन जैसा कि आप जानते हैं कि दुनिया और प्रौद्योगिकी बहुत तेजी से बदल रही है। एक प्रसार कार्यकर्ता को भी बदलते समय के साथ बदलने की आवश्यकता होती है। इस हेतु प्रसार कार्यकर्ता को दो प्रशिक्षणों की आवश्यकता होती है :
i. सेवा पूर्व प्रशिक्षण
- समुदाय के साथ कार्य करने से सार कार्यकर्ता को इस प्रशिक्षण से गुजरना होता है। यह प्रशिक्षण आमतौर पर शैक्षिक होता है। इस उद्देश्य के लिए उसे अपने पसंद के विषय में डिप्लोमा या डिग्री के लिए विद्यालय या विश्वविद्यालय में जाना होता है। उदाहरण स्वरूप एक व्यक्ति, बी. टेक. या बी. एस. सी. कृषि या बी. एस. सी. गृह विज्ञान किसी कृषि विश्वविद्यालय या अन्य विश्वविद्यालय से कर सकता है। इसके साथ ही उसे समुदाय में कार्य करने का विशिष्ट प्रशिक्षण लेना होता है।
ii. सेवाकालीन प्रशिक्षण
- एक प्रसार कार्यकर्ता को लगातार अपना ज्ञान बढ़ाना होता है और नई तकनीकों और नवाचारों के बारे में जानना होता है इसके लिए उसे समय समय पर सेवाकालीन प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। इसमें अभिविन्यास कार्यक्रम, कम समय के पाठ्यक्रम, नियत कालिक पत्रिका सम्मलेन व सेमीनार शामिल हो सकते हैं।
- इस प्रकार हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि एक सक्षम और अद्यतन प्रसार कार्यकर्ता समुदाय के वांछनीय परिवर्तन के लिए एक प्रेरक की तरह कार्य करता है। यह प्रसार कार्यकर्ता का समर्पण एवं प्रयास है जिससे पूरा समाज समग्र विकास की ओर अग्रसर होता है।
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