अगस्त के राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवस की सूची।अगस्त माह के महत्वपूर्ण दिवस की विस्तृत जानकारी ।List of Important Days in August
अगस्त के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवस की सूची अगस्त माह के महत्वपूर्ण दिवस की विस्तृत जानकारी
अगस्त के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवस की सूची
List of Important Days in August-
- मुस्लिम महिला अधिकार दिवस 01 अगस्त
- विश्व स्तनपान सप्ताह 01 अगस्त से 07 अगस्त
- राष्ट्रीय पर्वतीय पर्वतारोहण दिवस , यॉर्कशायर डे 1 अगस्त
- हिरोशिमा दिवस 06 अगस्त
- राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 07 अगस्त
- नागासाकी दिवस 9 अगस्त
- विश्व जैव ईंधन दिवस 10 अगस्त
- डेंगू निरोधक दिवस 10 अगस्त
- विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त
- अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस 12 अगस्त
- विश्व अंगदान दिवस 13 अगस्त
- विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस 14 अगस्त
- स्वतंत्रता दिवस: भारत 15 अगस्त
- डी जुरे ट्रांसफर डे 16 अगस्त
- विश्व फोटोग्राफी दिवस 19 अगस्त
- विश्व मानवतावादी दिवस 19 अगस्त
- सद्भावना दिवस 20 अगस्त
- विश्व मच्छर दिवस 20 अगस्त
- मद्रास दिवस 22 अगस्त
- अंतर्राष्ट्रीय दास व्यापार और उसका उन्मूलन स्मरण दिवस 23 अगस्त
- महिला समानता दिवस 26 अगस्त
- राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त
- परमाणु परीक्षण के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस 29 अगस्त
- लघु उद्योग दिवस 30 अगस्त
अगस्त माह के महत्वपूर्ण दिवस की विस्तृत जानकारी
मुस्लिम महिला अधिकार दिवस 01 अगस्त
- देश भर में तीन तलाक के खिलाफ कानून के महत्त्व को रेखांकित करने के लिये 01 अगस्त को ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ का आयोजन किया गया।
- केंद्र सरकार ने 01 अगस्त, 2019 को तीन तलाक की प्रथा को एक कानूनी अपराध घोषित करते हुए कानून अधिनियमित किया था।
- ध्यातव्य है कि भारत सरकार द्वारा अधिनियमित इस कानून का उद्देश्य तीन तलाक जैसी गंभीर सामाजिक बुराई के खिलाफ कानून लाकर ‘लैंगिक समानता’ सुनिश्चित करना था तथा मुस्लिम महिलाओं के संवैधानिक, मौलिक एवं लोकतांत्रिक अधिकारों को और मज़बूत करना था।
- इस कानून का उद्देश्य महिलाओं के बीच आत्मनिर्भरता और आत्म-सम्मान को बढ़ावा देना है, ताकि उन्हें और अधिक सशक्त बनाया जा सके। संसद द्वारा पारित इस अधिनियम के मुताबिक, तलाक की घोषणा को एक संज्ञेय अपराध के रूप में माना जाएगा जिसके लिये जुर्माने के साथ 3 वर्ष की कैद हो सकती है। गौरतलब है कि इस कानून के माध्यम से तीन तलक के मामलों में 82 प्रतिशत की कमी आई है।
- ‘मिस्र’ पहला मुस्लिम राष्ट्र था जिसने वर्ष 1929 में तीन तलाक नामक सामाजिक बुराई को समाप्त किया था, जिसके पश्चात् सूडान, पाकिस्तान (1956), मलेशिया (1969), बांग्लादेश (1972), इराक (1959), सीरिया (1953) द्वारा इस पर प्रतिबंध लगाया गया।
विश्व स्तनपान सप्ताह 01 अगस्त से 07 अगस्त
- प्रतिवर्ष दुनिया भर में 01 अगस्त से 07 अगस्त तक ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य स्तनपान के माध्यम से दुनिया भर में शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार को प्रोत्साहित करना है।
- यह दिवस अगस्त 1990 में सरकारी नीति निर्माताओं, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और अन्य संगठनों द्वारा स्तनपान, इसका प्रचार और समर्थन करने हेतु हस्ताक्षरित ‘इनोसेंटी डिक्लेरेशन’ की याद दिलाता है।
- वर्ष 2018 में विश्व स्वास्थ्य सभा के एक प्रस्ताव के माध्यम से ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ को एक महत्त्वपूर्ण स्तनपान प्रोत्साहन रणनीति के रूप में घोषित किया गया था। स्तनपान, जिसे नर्सिंग के रूप में भी जाना जाता है, शिशुओं को उनकी वृद्धि और विकास के लिये आवश्यक पोषक तत्त्व प्रदान करने की एक विधि है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बच्चे के स्वास्थ्य और उत्तरजीविता को सुनिश्चित करने के लिये स्तनपान सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। हालाँकि विश्व भर में 3 में से लगभग 2 शिशुओं को अनुशंसित 6 महीनों तक स्तनपान नहीं कराया जाता है, जिसके कारण लाखों बच्चों को स्वास्थ्य स्तर पर भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 07 अगस्त
- 07 अगस्त, 2021 को देश भर में 7वाँ ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ आयोजित किया गया। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम जनता के बीच हथकरघा उद्योग के बारे में जागरूकता पैदा करना और सामाजिक-आर्थिक विकास में इसके योगदान को रेखांकित करना है। इसके अलावा यह दिवस भारत की हथकरघा विरासत की रक्षा करने व हथकरघा बुनकरों एवं श्रमिकों को अधिक अवसर प्रदान करने पर भी ज़ोर देता है। इस दिन को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में इसलिये चुना गया, क्योंकि ब्रिटिश सरकार द्वारा किये जा रहे बंगाल विभाजन का विरोध करने के लिये वर्ष 1905 में इसी दिन कलकत्ता टाऊन हॉल में स्वदेशी आंदोलन आरंभ किया गया था और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर भारतीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने की घोषणा की गई थी। तकरीबन एक सदी तक इस दिवस के महत्त्व को देखते हुए वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री द्वारा पहले ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ का उद्घाटन किया गया।
- ज्ञात हो कि भारत का हथकरघा क्षेत्र देश की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। भारत की सॉफ्ट पावर को लंबे समय से हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र द्वारा समर्थन दिया गया है। 'खादी डिप्लोमेसी' इसी का एक उदाहरण है। भारत में कपड़ा और हथकरघा क्षेत्र कृषि के बाद लोगों के लिये रोज़गार व आजीविका का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है। ‘चौथी अखिल भारतीय हथकरघा जनगणना’ (2019-20) के अनुसार, 31.45 लाख परिवार हथकरघा, बुनाई और संबद्ध गतिविधियों में संलग्न हैं।
विश्व जैव ईंधन दिवस 10 अगस्त
- ईंधन के अपरंपरागत स्रोतों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अगस्त को ‘विश्व जैव ईंधन दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
- यह दिवस पांरपरिक जीवाश्म् ईंधनों के विकल्पर के रूप में गैर-जीवाश्म् ईंधनों के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाता है तथा जैव ईंधन क्षेत्र में सरकार द्वारा किये गए विभिन्नश प्रयासों पर प्रकाश डालता है।
- 10 अगस्त को विश्व जैव ईंधन दिवस के रूप में चिह्नित किया जाता है क्योंकि इसी दिन वर्ष 1893 को डीज़ल इंजन के आविष्कारक ‘सर रूडोल्फ डीज़ल’ ने पहली बार मूँगफली के तेल से यांत्रिक इंजन को कुशलतापूर्वक चलाया था। उन्होंने अपने प्रयोग के माध्यम से भविष्यवाणी की थी कि वनस्पति तेल आने वाले समय में यांत्रिक इंजनों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण हो जाएगा। यह दिवस उनके प्रयोग के महत्त्व को मान्यता देता है।
- भारत में इस दिवस को पहली बार वर्ष 2015 में पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था। भारत में ‘जैव ईंधन विकास कार्यक्रम’ सरकार के अन्य कार्यक्रमों जैसे- स्वच्छ भारत अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान आदि के साथ समन्वय से आगे बढ़ रहा है। चूँकि दुनिया भर में संसाधन सीमित हैं, ऐसे में ऊर्जा की बढ़ी हुई मांग, आपूर्ति सुरक्षा के लिये खतरा उत्पन्न करेगी। ऐसी स्थिति में जैव ईंधन जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करके ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस 14 अगस्त
- हाल ही में भारत सरकार ने प्रतिवर्ष 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में आयोजित करने की घोषणा की है। इसके आयोजन का उद्देश्य विभाजन के दौरान आम जनमानस द्वारा झेले गए दर्द और पीड़ा को याद करना है।
- अगस्त 1947 में जब अंततः ब्रिटिश शासकों ने भारत छोड़ा तो देश को दो स्वतंत्र राष्ट्र राज्यों में विभाजित कर दिया गया- भारत और पाकिस्तान। इसी के साथ मानव इतिहास में सबसे बड़े प्रवासों में से एक की शुरुआत हुई, जिसमें लाखों हिंदू और सिख वर्तमान भारत की ओर आ गए, जबकि लाखों मुसलमानों ने पश्चिम और पूर्वी पाकिस्तान (जिसे अब बांग्लादेश के रूप में जाना जाता है) की ओर पलायन किया, हालाँकि इसमें सैकड़ों-हज़ारों लोग ऐसे भी थे, जो प्रवास के लिये चले तो थे पर कभी कहीं पहुँच नहीं सके। समग्र भारतीय उपमहाद्वीप में लगभग एक सहस्राब्दी से सह-अस्तित्व में रहने वाले समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा पैदा हो गई।
- पंजाब और बंगाल, जो क्रमशः पश्चिम और पूर्वी पाकिस्तान के साथ सटे प्रांत थे, में नरसंहार, आगज़नी, ज़बरन धर्मांतरण, महिलाओं के साथ दुष्कर्म, सामूहिक अपहरण और बर्बर हिंसा के मामले सबसे अधिक देखे गए। वर्ष 1948 में जब यह महान प्रवास का सिलसिला समाप्त हुआ, तब तक पंद्रह मिलियन से अधिक लोग एक ओर से दूसरी ओर जा चुके थे और लगभग एक मिलियन से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी थी।
डी जुरे ट्रांसफर डे 16 अगस्त
- 16 अगस्त, 2021 को पुद्दुचेरी में ‘डी जुरे ट्रांसफर डे’ मनाया गया। ‘डी जुरे ट्रांसफर डे’ एक क्षेत्रीय सार्वजनिक अवकाश है, जो पुडुचेरी में प्रतिवर्ष 16 अगस्त को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1962 में पुद्दुचेरी का भारतीय संघ में विलय हुआ था।
- गौरतलब है कि यद्यपि 15 अगस्त, 1947 को संपूर्ण भारत को स्वतंत्रता मिल गई, किंतु उस समय देश के कई क्षेत्र ऐसे भी थे जो यूरोपीय देशों के नियंत्रण में थे और पुद्दुचेरी तथा गोवा उनमें से थे। वर्तमान केंद्रशासित प्रदेश पुद्दुचेरी में तत्कालीन फ्राँसीसी उपनिवेश- पुद्दुचेरी, कराईकल, माहे और यनम शामिल थे।
- पुद्दुचेरी और कराईकल क्षेत्र तमिलनाडु राज्य से घिरे हुए हैं, जबकि माहे केरल राज्य से और यनम आंध्र प्रदेश राज्य से घिरा हुआ है। 1 नवंबर, 1954 को फ्राँसीसी कब्ज़े वाले भारत के क्षेत्रों को वास्तव में भारत गणराज्य में स्थानांतरित कर दिया गया था और 16 अगस्त, 1962 को भारत में फ्राँसीसी अस्तित्व समाप्त हो गया तथा फ्राँसीसी संसद ने भारत सरकार और फ्राँसीसी सरकार द्वारा हस्ताक्षरित संधि की पुष्टि कर दी।
विश्व मानवता दिवस 19 अगस्त
- प्रतिवर्ष 19 अगस्त को दुनिया भर में ‘विश्व मानवतावादी दिवस’ या ‘विश्व मानवता दिवस’ (World Humanitarian Day) का आयोजन किया जाता है। यह दिन उन लोगों की स्मृति में मनाया जाता है जिन्होंने विश्व स्तर पर मानवतावादी संकट में अपनी जान गंवाई या मानवीय उद्देश्यों के कारण दूसरों की सहायता हेतु अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया है।
- ‘विश्व मानवतावादी दिवस’ उस घटना को भी चिह्नित करता है, जब 19 अगस्त, 2003 को बगदाद में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर बमबारी में इराक के महासचिव के तत्कालीन विशेष प्रतिनिधि ‘सर्जियो विएरा डी मेलो’ और 21 सहायता कर्मियों की मृत्यु हो गई थी।
- इस घटना के बाद वर्ष 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 अगस्त को विश्व मानवतावादी दिवस के रूप में नामित करने के लिये एक प्रस्ताव अपनाया। वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम है- ‘द ह्यूमन रेस’ (The Human Race)।
मद्रास दिवस 22 अगस्त
- चेन्नई में आम लोगों द्वारा प्रतिवर्ष 22 अगस्त को ‘मद्रास दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस, चेन्नई शहर में रहने वाले लोगों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1639 में मद्रास शहर की स्थापना की गई थी।
- गौरतलब है कि 22 अगस्त, 1639 को मद्रासपट्टनम गाँव को ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ ने स्थानीय शासकों से खरीद लिया था। यद्यपि इस सौदे की सही तिथि को लेकर कुछ विवाद रहे हैं, किंतु 22 अगस्त को सबसे उपयुक्त तारीख माना जाता है।
- यह समझौता ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी ‘फ्रांसिस डे’ और तत्कालीन स्थानीय शासकों के बीच हुआ था। धीरे-धीरे इस क्षेत्र और इसके आसपास के क्षेत्र में लोगों की आबादी बढ़ने लगी तथा कुछ समय बाद आसपास के गाँवों को भी ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा खरीद लिया गया। इस नए और पुराने क्षेत्र को मिलाकर एक नए मद्रास शहर की स्थापना की गई।
- ‘मद्रास दिवस’ की अवधारणा की संकल्पना वर्ष 2004 में चेन्नई के पत्रकार ‘विन्सेंट डिसूज़ा’ ने की थी। उन्होंने चेन्नई हेरिटेज फाउंडेशन के ट्रस्टियों की एक बैठक के दौरान शहर के प्रसिद्ध इतिहासकार ‘एस. मुथैया’ को यह विचार दिया और इसके बाद ‘मद्रास दिवस’ को आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
अंतर्राष्ट्रीय दास व्यापार और उसका उन्मूलन स्मरण दिवस 23 अगस्त
- प्रतिवर्ष 23 अगस्त को विश्व भर में ‘अंतर्राष्ट्रीय दास व्यापार और उसका उन्मूलन स्मरण दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यूनेस्को के मुताबिक, यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दास व्यापार की त्रासदी से पीड़ित लोगों की याद में आयोजित किया जाता है। विदित हो कि पश्चिमी यूरोप के औपनिवेशिक साम्राज्यों को ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार के कारण सबसे अधिक लाभ हुआ था।
- इस व्यवस्था के तहत दुनिया भर के तमाम हिस्सों, विशेष तौर पर अफ्रीकी देशों से प्राप्त दासों को हैती, कैरिबियाई देशों और विश्व के अन्य हिस्सों में मौजूद औपनिवेशों में अमानवीय परिस्थितियों में कार्य करने के लिये ले जाया गया। हालाँकि यह व्यवस्था लंबे समय तक न चल सकी और जल्द ही लोगों में असंतोष पैदा हो गया।
- 22-23 अगस्त, 1791 की रात आधुनिक हैती और डोमिनिकन गणराज्य के ‘सैंटो डोमिंगो’ में इसके विरुद्ध पहले विद्रोह की शुरुआत हुई। इस विद्रोह ने ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार के उन्मूलन में एक प्रमुख भूमिका निभाई।
- यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिवस को ‘अंतर्राष्ट्रीय दास व्यापार और उसका उन्मूलन स्मरण दिवस’ के रूप में आयोजित किया जाता है। यह दिवस हमें दास व्यापार जैसी त्रासदी के ऐतिहासिक कारणों, परिणामों और तरीकों पर सामूहिक रूप से पुनर्विचार करने का अवसर प्रदान करता है।
राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त
- भारत में प्रतिवर्ष 29 अगस्त को ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिन भारतीय हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद भारतीय और विश्व हॉकी में सबसे महान खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने वर्ष 1928, वर्ष 1932 और वर्ष 1936 के ‘समर ओलंपिक’ में जीत के साथ भारत को ओलंपिक स्वर्ण पदक की पहली हैट्रिक पूरी करने में काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त, 1905 को प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद मेजर ध्यानचंद वर्ष 1922 में एक सैनिक के रूप में भारतीय सेना में शामिल हो गए। मेजर ध्यानचंद हॉकी खेल के प्रति काफी समर्पित थे और उन्होंने अपने हॉकी कॅरियर की शुरुआत ब्रिटिश भारतीय सेना की रेजिमेंटल टीम से की।
- वर्ष 1926 से वर्ष 1948 तक के अपने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी कॅरियर में मेजर ध्यानचंद ने कुल 185 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें उन्होंने 400 से अधिक गोल किये। यही कारण है कि मेजर ध्यानचंद की विरासत का सम्मान करने और हमारे जीवन में खेलों के महत्त्व को स्वीकार करने के लिये प्रतिवर्ष ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
- भारत में पहला ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ 29 अगस्त, 2012 को आयोजित किया गया था।
परमाणु परीक्षण के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस 29 अगस्त
- परमाणु हथियारों के परीक्षण के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता लाना और ऐसे परीक्षणों के विरुद्ध आमजन की भावना को मज़बूत करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 29 अगस्त को ‘परमाणु परीक्षण के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ (International Day against Nuclear Tests) का आयोजन किया जाता है।
- ‘परमाणु परीक्षण के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ की स्थापना 2 दिसंबर, 2009 को ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ द्वारा अपने 64वें सत्र के दौरान की गई थी।
- वर्ष 1991 में कज़ाखस्तान में यूएसएसआर-नियंत्रित ‘सेमिपालाटिंस्क परमाणु परीक्षण’ स्थल के बंद होने की 18वीं वर्षगाँठ के अवसर पर कज़ाखस्तान ने इस दिवस के आयोजन का प्रस्ताव दिया था। ज्ञात हो कि पहला परमाणु परीक्षण (जिसे ‘ट्रिनिटी’ कहा जाता है) संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना द्वारा न्यू मैक्सिको के एक रेगिस्तान में 16 जुलाई, 1945 को किया गया था। इसके बाद अमेरिका ने अगस्त 1945 में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में पहली बार इसका प्रयोग किया। इस हमले के कारण अनुमानतः 2,00,000 लोगों की मृत्यु हुई और जीवित बचे हुए लोग विकिरण-प्रेरित कैंसर से ग्रसित हो गए।
- इस विनाशकारी घटना के बावजूद वर्ष 1945 से वर्ष 1996 के बीच कुल 2000 परमाणु परीक्षण किये गए। इसके अलावा वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा ‘26 सितंबर’ को ‘अंतर्राष्ट्रीय परमाणु हथियार पूर्ण उन्मूलन दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था।
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