MP Current Affairs September 2021 Part 2 | मध्य प्रदेश करंट अफेयर्स सितम्बर 2021
MP Current Affairs September 2021 Part 2
मध्य प्रदेश करंट अफेयर्स सितम्बर 2021
मध्य प्रदेश राज्य सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग
- 15 सितंबर, 2021 को राज्य शासन द्वारा राज्य सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग का नाम परिवर्तित कर ‘मध्य प्रदेश राज्य सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग’ कर दिया गया।
- उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने 28 जनवरी, 2008 को राज्य सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया था।
- नाम परिवर्तन के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की उप-सचिव मनीषा सेतिया ने आदेश जारी कर दिये हैं।
- ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों सतना में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में घोषणा की थी।
एथेनॉल एवं जैव ईधन के उत्पादन को प्रोत्साहन के लिए वित्तीय सहायता योजना
एथेनॉल एवं जैव ईधन के उत्पादन को प्रोत्साहन के लिए वित्तीय सहायता योजना के लाभ का वर्णन कीजिये ?
- मध्य प्रदेश में एथेनॉल एवं जैव ईधन के उत्पादन के प्रोत्साहन के लिए वित्तीय सहायता योजना जारी किये जाने का निर्णय लिया गया।
- उत्पादन से जुड़े प्लांट एवं मशीनरी मे किये गये पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत की अधिकतम सीमा तक, पेट्रोलियम तेल उत्पादन कंपनियों को इकाई द्वारा उत्पादित एथेनॉल प्रदाय करने पर 1.50 रूपये प्रति लीटर की वित्तीय सहायता वाणिज्यिक उत्पादन की दिनांक से 7 वर्ष के लिये प्रदान की जायेगी।
- इकाइयों के लिए भूमि क्रय करने पर स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी।
- वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 5 साल के लिए विद्युत शुल्क में 100 प्रतिशत छूट दी जायेगी।
- गुणवत्ता प्रमाणन प्रतिपूर्ति गुणवत्ता प्रमाणन लागत का 50 प्रतिशत या 1 लाख रूपये जो भी कम हो, दी जायेगी। 100 प्रतिशत पेटेंट शुल्क की प्रतिपूर्ति 5 लाख रूपये तक की सीमा तक की जायेगी।
- जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सुविधा के लिये इक्विपमेंट पर 50 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान, जो 1 करोड़ रूपये की अधिकतम सीमा तक होगा, प्रदान किया जाएगा।
- उद्योग के लिए निजी/ आवंटित अविकसित शासकीय भूमि पर पानी/बिजली/सड़क अधोसंरचना विकास के लिए परियोजना पर हुए व्यय के 50 प्रतिशत, जो प्रत्येक मद के लिये अधिकतम 1 करोड़ रूपये की सीमा तक होगा, की प्रतिपूर्ति की जाएगी। इस नीति के क्रियान्वयन के लिए एमपीआईडीसी, भोपाल नोडल एजेंसी होगी।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम में संशोधन
- मध्यप्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम, 2017 के नियम-14 के बाद 14 (अ) जोड़ा जाने का निर्णय लिया गया।
- इसके अतंर्गत अभ्यर्थी से नियमित नियुक्ति के समय इस आशय का रुपये 5 लाख का बंधपत्र निष्पादित कराया जाएगा कि उसे पदभार ग्रहण करने के पश्चात् न्यूनतम 3 वर्ष तक सेवाएँ देना अनिवार्य होगा अन्यथा किसी भी कारण से त्यागपत्र देकर सेवाएँ नहीं देने पर उक्त राशि या 3 महीने के वेतन और भत्ते के बराबर राशि, जो भी अधिक हो, देना होगी।
- उक्त शर्तों के उल्लंघन के मामले में बांड की पूरी राशि राजसात की जा सकेगी।
- यदि आवेदक केन्द्र या मध्यप्रदेश राज्य की शासकीय सेवा के लिए पूर्व अनुमति के साथ त्यागपत्र देता है तो बंधपत्र की राशि का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
मानसिक चिकित्सालय, इन्दौर का "सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स
- मानसिक चिकित्सालय, इन्दौर का "सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स" के रूप में उन्नयन किये जाने के लिए नवीन एस.ओ.आर दरों के अनुसार परियोजना के लिए 33.1 करोड़ रूपये की स्वीकृति और संस्था में पूर्व से स्वीकृत 25 पदों को समर्पित करते हुए 13 नवीन पदों के सृजन की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।
- मानसिक चिकित्सालय, इन्दौर का उन्नयन "सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स" के रूप में करने तथा नवीन पद सृजित किए जाने से मनोरोग विषय में एम.डी. की 4 सीट, क्लीनिकल साइकोलॉजी की 18 एम. फिल सीट, साइकियाट्रिक सोशल वर्क की 18 एम.फिल सीट और साइकियाट्रिक नर्सिंग डिप्लोमा कोर्स की 40 अतिरिक्त सीट प्रारम्भ की जा सकेगी।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कुटीर एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का प्रमोशन
- मंत्रि-परिषद द्वारा कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के उत्पादों का प्रमोशन, ब्राण्ड बिल्डिंग और विपणन अधोसंरचना नवीन योजना का अनुमोदन दिया गया।
- योजना के परियोजना अभिलेख (DPR) में प्रमुखतः तीन मदों ब्राण्ड प्रमोशन, ई-कॉमर्स प्रचार-प्रसार और विपणन अधोसंरचना विकास में व्यय किया जायेगा।
- यह नवीन योजना सभी ग्रामोद्योगी उत्पाद, मृगनयनी (हाथकरघा / हस्तशिल्प उत्पाद), कबीरा (खादी उत्पाद), विन्ध्या वैली (ग्रामोद्योग उत्पाद) और प्राकृत (रेशम उत्पादों) के लिये लागू होगी।
शासकीय महाराजा स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय का महाराजा छत्रसाल में संविलियन
- शासकीय महाराजा स्वशासी स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय, छतरपुर का महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर में समस्त संसाधनों सहित संविलियन एवं पूर्व में स्वीकृत 236 पदों (प्रशासकीय 13, शैक्षणिक 140 एवं गैर शैक्षणिक 83) की पुनर्संरचना के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020
- हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 में उल्लेखित ऐसी भूमियों, जिन पर योजना बनाकर निर्माण करने से नियमित आय होती है- जैसे मार्केट, कॉम्प्लेक्स, बस स्टेंड आदि में से केवल "बस स्टेंड" शब्द को विलोपित किया जाकर उसे "सार्वजनिक प्रयोजन के लिए- जैसे सड़क, उद्यान, खेल का मैदान, फिल्टर प्लांट, कचरा खन्ती (ट्रेंचिंग ग्राउंड), अस्पताल, स्कूल, कार्यालय'' के बाद प्रतिस्थापित करने का निर्णय लिया।
- ये निर्देश राजपत्र में प्रकाशन के दिनांक से प्रवृत्त होंगे, परन्तु राज्य सरकार की किसी योजना अंतर्गत सक्षम स्तर से, ऐसी योजना में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार, भूमि के निर्वर्तन के मामले में ये निर्देश लागू नहीं होंगे।
छतरपुर में सौर ऊर्जा परियोजना
- मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ताप विद्युत परियोजना के लिए अधिग्रहित/आवंटित भूमि पर एनटीपीसी अथवा उसकी पूर्ण स्वामित्व की कंपनी द्वारा 550 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना अल्ट्रा मेगा रिन्यूअल इनर्जी पावर प्रोजेक्ट मोड एवं सीपीएसयू योजना के तहत करने के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति दी।
- प्रस्तावित परियोजना से उत्पादित सौर ऊर्जा को 25 वर्ष के लिए 2.45 रूपये प्रति यूनिट की दर पर क्रय करने का प्रथम अधिकार एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी का रहेगा।
- केन्द्र सरकार के उपक्रम एनटीपीसी लिमिटेड दवारा बरेठी जिला छतरपुर में 3960 मेगावाट क्षमता की ताप विद्युत परियोजना प्रस्तावित की गई थी। इस परियोजना के लिए एनटीपीसी के पास 1148.192 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है।
- ताप विद्युत परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति एवं कोल लिंकेज प्राप्त नहीं होने के कारण एनटीपीसी द्वारा उपलब्ध भूमि पर 550 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना के लिए राज्य सरकार से भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति चाही गई है।
छतरपुर के विकासखण्ड बक्सवाहा में नया आई.टी.आई.
- मध्य प्रदेश शासन द्वारा तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अन्तर्गत नये शासकीय आई.टी.आई. की स्थापना विधानसभा क्षेत्र छतरपुर के विकासखण्ड बक्सवाहा में स्वीकृत की है।
- आई.टी.आई. की स्थापना, संचालन एवं उन्नयन के लिये 18 करोड़ 43 लाख रूपये व्यय होंगे। नये आई.टी.आई. के लिए कुल 30 पदों के सृजन की स्वीकृति दी है।
मध्य प्रदेश दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना की नीति-2019
- प्रदेश में नागरिकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में दूरसंचार इंटरनेट सेवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में प्रचलित दूरसंचार इंटरनेट सेवाओं के लिए दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना की नीति-2019 एवं दिशानिर्देश 2019 लागू है।
- मंत्रि- परिषद ने वर्तमान परिदृश्य में दूरसंचार/इंटरनेट सेवाओं के विकास की आवश्यकताओं के दृष्टिगत नीति 2019 एवं दिशा-निर्देश-2019 में संशोधन करने की मंजूरी दी हैं।
- दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना के लिए उपयोग में ली जाने वाली शासकीय भूमि के लिए कलेक्टर गाइडलाईन दरों के अनुसार संबंधित भूमि/ संपत्ति के लिए निर्धारित मूल्य के 20 प्रतिशत के समतुल्य राशि अनुज्ञप्ति शुल्क के रूप में प्राप्त की जाती है।
- पृथक-पृथक अवसंरचना स्थल के लिए भुगतान करने वाले अनुज्ञप्ति शुल्क की गणना किया जाना जटिल होने के कारण उक्त प्रावधान का सरलीकरण किया गया है।
- इस संबंध में शुल्क भुगतान की प्रक्रिया को सरल करते हुए, कलेक्टर गाइडलाइन के स्थान पर महानगर (इन्दौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर), अन्य नगर पालिक निगम, नगर पालिका परिषद, नगर परिषद एवं ग्रामीण क्षेत्र को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत करते हुए श्रेणीवार प्रति स्थान (शासकीय भूमि के मामले में) के लिए महानगर में 50 हजार रूपये, अन्य नगर पालिक निगम में 40 हजार रूपये, नगरपालिका परिषद में 35 हजार रूपये, नगर परिषद में 30 हजार रूपये तथा ग्रामीण क्षेत्र में 20 हजार रूपये शुल्क का निर्धारण किया गया है।
- प्रदेश में जहाँ निजी भूमि/ स्थानीय निकाय/ सार्वजनिक उपक्रम/ आयोग आदि की भूमि पर यदि कोई दूरसंचार अवसंरचना बिना अनुज्ञप्ति के स्थापित है तो, नीति-2019 के अंतर्गत पात्रता आने पर सेवा प्रदाता से नीति में प्रावधानित शुल्क के अतिरिक्त 1 लाख रूपये प्रति टॉवर / स्थान के मान से शमन राशि जमा कराने के बाद ऐसी अवसंरचना को नियमित कर अनुज्ञप्ति जारी की जा सकती है।
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