MP Tourism Quiz Contest Question With Answer|MP Tourism Quiz Competition 2019 - Question & Answers

 MP Tourism Quiz Contest Question With Answer

MP Tourism Quiz Contest Question With Answer|MP Tourism Quiz Competition 2019 - Question & Answers


Quiz Competition 2019 - Question & Answers 

State Level Paper in English & Hindi


प्रश्न 01 

  • मध्य प्रदेश की एक नदी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश राज्यों की सीमाऐं बनाती है। यह अपने प्रवाह के अन्तिम चरण में चार नदियों के साथ यमुना नदी में मिलती है, जिसे पंचनद कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण जलक्षेत्र का पर्यटन स्थल है। इस नदी पर चूलिया जल प्रपात पर्यटन स्थल है, यह मध्य प्रदेश की कौन सी नदी है । ?


उत्तर - चंबल नदी 


प्रश्न 02 

  • रायसेन जिले के गौहरगंज के पास से एक नदी का उद्गम हुआ है, गुना, सांची, विदिशा, औरछा आदि इसके प्रमुख तटीय स्थान है। इस नदी पर सागर में राहतगढ़ नगर के पास एक जलप्रपात है। पर्यटन दृष्टि से यह नदी विंध्याचल पर्वतमाला में प्रवाहित होती है, मार्ग में खूबसूरत प्राकृतिक स्थल है। यह मध्य प्रदेश की कौन सी नदी है ?
उत्तर - बेतवा नदी 


प्रश्न 03 

  • मध्य प्रदेश की यह नदी तैमूर की पहाड़ियों में तमसा कुण्ड / जलाशय से उद्गम होती है। पन्ना की पहाड़ियों को काटकर यह अनेक जल प्रपातों का निर्माण करती है। चचाई जलप्रपात पर्यटन स्थल इसमें प्रमुख है, आगे जाकर यह नदी गंगा नदी में मिल जाती है, यह मध्य प्रदेश की कौन सी नदी है ?


उत्तर- टोंस नदी 

 

प्रश्न 04 

  • मध्य प्रदेश की यह नदी भाण्डेर पर्वत श्रंखला से उद्गम होती है, जो अहिरगवां ग्राम के निकट स्थित है। यह नदी पन्ना की पहाड़ियों को काटकर अनेक गहरी घाटी / गार्ज का निर्माण करती है, इस पर रनेह जल प्रपात तथा केन घड़ियाल अभ्यारण्य प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह मध्य प्रदेश की कौन सी नदी है ?

 उत्तर- केन नदी 

प्रश्न 05 

  • मध्य प्रदेश की यह नदी सिवनी जिले से उद्गम होती है। यह दक्षिण दिशा में प्रवाहित होने वाली एक मात्र प्रमुख नदी है। बालाघाट में यह वहाँ के निवासियों के लिये जीवन रेखा के समतुल्य है। अपने प्रवाह में वर्धा नदी के साथ यह गोदावरी में मिल जाती है। बाढ़ के कारण निर्मित मैदान तथा मियेण्डर्स प्रमुख दर्शानीय स्थान है। यह मध्य प्रदेश की कौन सी नदी है ?

 उत्तर - बेन गंगा नदी 

प्रश्न 06

  • मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के प्रवाह स्थल में जबलपुर के पास एक विशिष्ट प्रकार की चट्टाने / पत्थरों की खदानें स्थित है। पर्यटन दृष्टि से यह खूबसूरत प्राकृतिक स्थल है। इस पत्थर से मूर्तियाँ तथा दैनिक उपयोगी सामान निर्मित होते है । यह जबलपुर की पहचान के रूप में जाने जाते है। यह कौन सी चट्टाने या पत्थर की खदाने है ?

उत्तर - श्वेत संगमरमर 

 प्रश्न 07 

  • मध्य प्रदेश में बाघ राष्ट्रीय पशु विविध भौगोलिक एवं प्राकृतिक क्षेत्रों में विविधता के साथ पाये जाते है। मध्य प्रदेश में बाघ की एक विशेष प्रजाति सफेद बाघ भी पाया जाता है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से वन्य जीव प्रेमी आते है। यह एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। ये सफेद बाघ मध्य प्रदेश के किस जिले में पाये जाते है ?
उत्तर - रीवा 

प्रश्न 07 

  • मध्य प्रदेश का एक मात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल पचमढ़ी है। पचमढ़ी सतपुड़ा पर्वत श्रंखला में स्थित है। इन पर्वतों में सबसे ऊँचा स्थान धूपगढ़ के नाम से जाना जाता है, जो सतपुड़ा पर्वत श्रंखला के प्रमुख पर्वत की चोटी है। आपको यह बताना है कि यह धूपगढ़ चोटी किस पर्वत की है। ?

उत्तर -  महादेव पर्वत 

प्रश्न 09

  • मध्य प्रदेश के उत्तर-पश्चिम में एक इतिहास, कला, संस्कृति एवं स्वतंत्रता आंदोलन दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल स्थित है। यहाँ रानी लक्ष्मीबाई की समाधि तथा प्रसिद्ध संगीतज्ञ तानसेन का मकबरा स्थित है। यंही संगीत कला एवं फाईन आर्ट का राजा मान सिंह तोमर विश्विविद्यालय तथा दुनिया का सबसे पुराना शून्य स्थित है। यह मध्य प्रदेश का कौन सा जिला / नगर है ?

 उत्तर- ग्वालियर 

प्रश्न 10 

  • मध्य प्रदेश का पश्चिमी भाग तथा राजस्थान, गुजरात के सीमावर्ती जिले मध्य प्रदेश के मालवा परिक्षेत्र के नाम से जाने जाते है। यह जिला मालवा परिक्षेत्र का प्रवेश स्थल कहा जाता है। यहाँ शैक्षणिक पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण गैस आधारित उर्वरक का कारखाना भी है। यह मध्य प्रदेश का कौन सा जिला / नगर है ?

 उत्तर - गुना 


MP Tourism Quiz Fill in the Blank Question with  Answer

  • मध्य प्रदेश में भारत के जिब्राल्टर के नाम से ग्वालियर किले को जाना जाता है। यहाँ प्रदेश का एक माह तक चलने वाला सबसे बड़ा व्यापारिक मेला लगता है। यहाँ देश का पहला एडवोकेट ट्रेनिंग सेन्टर स्थित है। यहाँ प्रदेश का राजस्व मुख्यालय है। मध्य प्रदेश के महालेखाकार का मुख्यालय भी यहाँ है

 

  • मध्य प्रदेश के प्रथम पर्यटन नगर के रूप में शिवपुरी जिले को जाना जाता है। यहाँ पावा प्रपात एवं माधव विलास भवन सहित सोन चिरैय्या तथा साइबेरियन पक्षियों का आश्रय स्थल प्रमुख पर्यटन केन्द्र के रूप में स्थित है। यहाँ फ्लेग स्टोन प्राप्त होता है। साथ ही यूरेनियम के विशाल भण्डारों के संकेत मिले है।

 

  • मध्य प्रदेश राज्य का प्रथम जैव आरक्षित मण्डल पचमढ़ी स्थान पर स्थित है। यह नगर जल प्रपातों के पर्यटन स्थल के नाम से जाना जाता है। खूबसूरत हरी-भरी पहाड़ियाँ, पर्वत श्रंखला तथा घने वन यहाँ की विशेषता है। इस परिसर में हाल ही में विकसित एक राष्ट्रीय उद्यान भी स्थित है।

 

  • मध्य प्रदेश की नगरी इंदौर को साइन्स सिटी के नाम से जाना जाता है। यह मालवा के मुख्यालय तथा मध्य प्रदेश की व्यापारिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। आध्यात्मिक दृष्टि से गणेश पूजा का यह एक प्रमुख स्थल है। यहाँ का खाद्य पदार्थ पोहा पूरे प्रदेश ही नही देश में पसन्द किया जाता है।

 

  • मध्य प्रदेश का पहला मेगा फूड पार्क खरगोन  जिले / नगर में स्थित है। खाद्य प्रसंस्करण तथा प्रौद्योगिकी दृष्टि से यह एक प्रमुख व्यावसायिक पर्यटन स्थल है। निमाड़ संस्कृति तथा लोककला यहां की स्थानीय विशेषताऐं है। नवग्रह मंदिर, देजला- देवड़ा जलक्षेत्र, कसरावद स्तूप तथा सिंगाजी मेला यहाँ के प्रमुख स्थल है।

 

  • मध्य प्रदेश में भारतीय पर्यटन तथा यात्रा प्रबंध संस्थान ग्वालियर जिला / नगर में स्थित है। यहाँ मध्य प्रदेश के प्रथम मेडीकल कॉलेज प्रथम सूचना तकनीकी विश्वविद्यालय, प्रथम महारानी लक्ष्मी बाई शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय तथा प्रथम संगीत कला विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। यह स्थान 1948 से 1956 तक मध्य भारत की राजधानी के रूप में रहा।

 

  • मध्य प्रदेश का एक मात्र चिकित्सा विश्वविद्यालय, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय, कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जिले जबलपुर / नगर में स्थित है। यहाँ मध्य प्रदेश का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज, शिक्षा मनोविज्ञान एवं संदर्शन महाविद्यालय, मोन्टेसरी शिक्षा संस्थान तथा राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान भी स्थित है।

 

  • मध्य प्रदेश का एक मात्र प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ( इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी) भोपाल जिले / नगर में स्थित है। यहाँ प्रदेश का एक मात्र पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय विधि संस्थान, अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा संस्थान (एम्स) भी स्थित है।

 

  • मध्य प्रदेश का प्राचीनतम विश्वविद्यालय तथा वर्तमान में एक मात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर जिले/नगर में स्थित है। यहाँ शिक्षा के समस्त विकल्प तथा अवसर उपलब्ध है। यहाँ बुन्देलखण्ड क्षेत्र का मेडीकल कॉलेज भी स्थित है। इसे भारत का हृदय कहा जाता है। यहाँ एक मात्र राज्य पुलिस अकादमी, वनस्पति विज्ञान का सबसे बड़ा प्रादेशिक विश्वविद्यालय भी स्थित है।

 

  • मध्य प्रदेश का प्रथम संस्कृत विश्वविद्यालय उज्जैन जिला / नगर में स्थापित किया गया है। यहाँ पूर्व में कालिदास अकादमी, विक्रम शिला विश्वविद्यालय तथा संदीपनी आश्रम स्थित है। इसे मंदिर मूर्तियों का शहर भी कहा जाता है। यहाँ ज्योतिष विद्या आधारित गणित अध्ययन का केन्द्र जंतर-मंतर भी स्थित है। देशान्तर की शून्य रेखा यहाँ से मानी जाती है।

 

MP Tourism Quiz Question Answer

1- मध्य प्रदेश का राजकीय फल...आम....... है। इसे फलो के राजा के नाम से जाना जाता है। मध्य प्रदेश में इस फल की अनेक अविकल्प प्रजातियाँ यहाँ उपलब्ध है।

 

(अ) अंजीर

 (ब) अंगूर

(स) आम

(द) अनानास

 

2- मध्य प्रदेश का राजकीय वृक्ष...बरगद..........है। इसकी उम्र 100 वर्ष से अधिक तक होती है। धार्मिक दृष्टि से इसका अपना महत्व है। इसके नाम पर एक विशेष अमावस्या होती है।

 

(अ) बरगद 

(ब) पीपल 

(स) नीम

(द) सागौन 

 

3 मध्य प्रदेश का राजकीय पक्षी दूधराज  चयनित किया गया है। इसके संरक्षण हेतु सरदारपुर अभ्यारण्य को चयनित 

 

(अ) बाज 

(ब) दूधराज 

(स) सोनचिरैया

(द) नीलकंठ

  

4 मध्य प्रदेश का राजकीय पशु बारहसिंगा  कान्हाकिसली राष्ट्रीय उद्यान में इसके संरक्षण हेतु विशेष परिक्षेत्र विकसित किया गया है।

 

(अ) बाघ 

(ब) चिंकारा 

(स) नीलगाय

(द) बारहसिंगा

 

मध्य प्रदेश का राजकीय राई लोक नृत्य है, जो बुन्देलखण्ड क्षेत्र की प्रमुख लोक कला प्रस्तुति है। विविध पर्यटन स्थलों में सामूहिक लोक कार्यक्रम में यह महत्वपूर्ण है।

 

(अ) राई लोक नृत्य

 (ब) दादर लोक नृत्य

(स) बधाई लोक नृत्य

(द) ढिमरयाई लोक नृत्य

 

MP Tourism GK Quiz 


1- मध्य प्रदेश का प्रथम केन्द्रीय पुरातत्व संग्रहालय  इन्दौर जिले / नगर में स्थित है। यहाँ 5000 वर्ष ईसा पूर्व की पाषाण प्रतिमा, 10वीं से 17वीं शताब्दी की धातु प्रतिमा, मुद्रा सहित बौधिसत्व पदमपाणी की प्रतिमा एवं 2500 से अधिक प्रकार के सिक्कों का संकलन है।

 

(अ) इन्दौर

(ब) भोपाल

(स) जबलपुर 

(द) ग्वालियर

 

2-  मध्य प्रदेश में गौड़वाना साम्राज्य एवं गौड़ महारानी दुर्गावती को समर्पित संग्रहालय जबलपुर जिले / नगर में स्थित है। इसमें गौड़ कालीन सामाजिक रीति-रिवाज, पहनावा, कला, संस्कृति आदि को विशेष रूप में प्रदर्शित किया गया है ।

 

(अ) मण्डला

 (ब) जबलपुर

(स) डिण्डोरी 

(द) रामनगर 

 

3- मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के औरछा पर्यटन स्थल पर जहांगीर महल संग्रहालय स्थापित है। यहाँ आस-पास तथा स्थानीय क्षेत्र की उपलब्ध पाषाण प्रतिमाऐं, सती स्तम्भ तथा शिला लेख आदि व्यवस्थित रूप से प्रदर्शित है। यहाँ महाराजा छत्रसाल दीर्घा प्रदर्शित है।

 

(अ) जहांगीर महल

 (ब) शाहजहाँ महल

(स) नूरजहा महल 

(द) बहादुर शाह महल

 

4- मध्य प्रदेश में सतना जिले के रामवन नगर में तुलसी संग्रहालय स्थित है। जहाँ भरहुत स्तूप के पुरातत्व अवशेष, देश के विशिष्ट व्यक्तियों के हस्ताक्षर का संकलन / डाक टिकिट तथा रामायण चित्रांकन दीर्घा स्थित है। 


(अ) हनुमानगढ़ी

(ब) रामपुर बघेलान

(स) रामवन

(द) मैहर


5- मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में यशोवर्धन  संग्रहालय स्थित है, जिसमें शैर, वैष्णव तथा जैन प्रतिमाओं सहित चाँदी एवं तांबों के सिक्कों का संकलन है।

 

(अ) यशोवर्धन 

(ब) हर्ष वर्धन

(स) सुरवर्धन 

(द) तपोवर्धन

 

6- मध्य प्रदेश के धार जिले के मांडू पर्यटन स्थल में नीलकंठ मंदिर तथा जामा मस्जिद प्रमुख दर्शनीय एवं ऐतिहासिक पुरातत्व दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है ।

 

7- मध्य प्रदेश के दतिया जिले में पीताम्बरापीठ, शक्तिपीठ तथा दिगम्बर जैन समुदाय का 108 मन्दिर सोनागिरि स्थित है, जो पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण है ।

 

8- मध्य प्रदेश पंचमठा के जबलपुर में स्थित मन्दिर 1100 वर्ष पुराना है, इसमें श्रीयंत्र की अनोखी संरचना है। मन्दिर में स्थापित माँ लक्ष्मी की प्रतिमा प्रातः काल में श्वेत, दोपहर में पीला तथा संध्या में नीला रंग प्रदर्शित करती है ।

 

9- मध्य प्रदेश के सागर जिले के राहेली, मुरैना के एैती तथा शिवपुरी के सैसाई में  सूर्य देवता को समर्पित मन्दिर स्थित है, जो प्राकृतिक शक्ति का प्रतीक है।

 

10 -मध्य प्रदेश के भिंड  जिले / नगर में माता रेणुका मन्दिर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ परशुराम का जन्म हुआ था। यंही परशुराम जी ने जमदग्नि के आदेश पर माता रेणुका का सिर काट दिया था ।

 

11- मध्य प्रदेश के ग्वालियर दुर्ग को भारत के किलो का रत्न कहा जाता है। इसे किलो का सिरमोर नाम से भी जाना जाता है। 1857 की प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन / क्रान्ति में इस दुर्ग का विशेष महत्व रहा है। अभिलेखों के अनुसार इसे 525वीं शताब्दी में राजा सूरज सेन ने बनवाया था। इसमें 5 विशिष्ट द्वार है । पर्यटन दृष्टि से यह ऐतिहासिक धरोहर है।

 

12- मध्य प्रदेश के ओरछा दुर्ग को 16वीं शताब्दी में राजा वीर सिंह बुन्देला ने बनवाया था। इस किले में चतुर्भुज मन्दिर, राम मन्दिर, लक्ष्मी नारायण मन्दिर स्थित है। इतिहास के स्त्रोतो के अनुसार प्रसिद्ध मुगल बादशाह जहाँगीर ने भी इस किले के अन्दर जहांगीर महल का निर्माण किया था ।

 

13- मध्य प्रदेश के धार का किला को दिल्ली सल्तनत के तुगलक वंश के सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक ने 1344 ईसवी में बनवाया था। बाद में इस किले का पुर्न निर्माण अब्दुल शाह द्वारा किया गया। इस किले के अन्दर चन्गेश का मकबरा एवं खरबूजा महल स्थित है । 1732 ईसवी में इस किले पर मराठा तथा पवार नरेशो ने आधिपत्य किया।

 

14 - मध्य प्रदेश मंदसौर का किला दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी ने 14वीं शताब्दी में बनवाया था। शिवनी नदी के किनारे स्थित इस किले की प्राचीर में, पत्थरों पर हिन्दु देवी-देवताओं की मूर्तियाँ है । यहाँ 500 वर्ष पुराना तापेश्वर महादेव का मन्दिर भी स्थित है। खिलजी वंश के बाद इस किले का संबंध कछवाहा, तोमर, जयपुर नरेश से रहा।

 

15- मध्य प्रदेश का दतिया किले की स्थापना 1626 में बुन्देलखण्ड नरेश वीर सिंह जूदेव ने की थी। महाराजा भवानी सिंह ने इस किले के प्रवेश द्वार पर "जस्टिस इस द जेम ऑफ क्राउन" लिखवाया। इस किले की भीतरी दीवारों पर गेंडा, हाथी निर्मित है, जबकि विपरीत दिशा की दीवारों पर हिप्पो चिड़िया का सिर टंगा हुआ है।

 

16-भोपाल में 1887 में नवाब शाहजहाँ बेगम के द्वारा निर्मित ताजुल मस्जिद जो विश्व में तीसरे क्रमांक की सबसे बड़ी मस्जिद है।

17- जबलपुर में महारानी दुर्गावती की स्मृति में निर्मित तालाब के निकट स्थित विशाल रानीताल ईदगाह है।

18- बुरहानपुर में 1540 में फारूखी वंश के बादशाह आज़म हुमायूँ ने बेगम रूकैया के निर्देश पर बीबी की मस्जिद का निर्माण कराया था।

19-भोपाल में स्थापित पहली ढ़ाई सीढ़ी की मस्जिद मस्जिद जिसका निर्माण दोस्त मोहम्मद खान द्वारा 1716 में कराया गया था। इसे एशिया की सबसे छोटी मस्जिद भी माना जाता है।

21-भोपाल की जामा मस्जिद का निर्माण भोपाल राज्य की शासिका नवाब कुदसिया बेगम के द्वारा करवाया गया था। इसका निर्माण 1832 में शुरू हुआ तथा 1857 में सम्पन्न हुआ। 

22- सिंधिया घराने की महारानी सांख्य राजे सिंधिया की समाधि शिवपुरी स्थान / नगर / जिला पर है। यह आगरे के ताज महल के समान सुन्दर इमारत है। सफेद संगमरमर से निर्मित है।

 

23- गौड़वाना साम्राज्य की प्रमुख महारानी दुर्गावती की समाधि जबलपुर जिले के बारहा गाँव के निकट स्थित नरई नाला स्थान पर है। यही उनके हाथी तथा दत्तक पुत्र की समाधि भी है।

 

24- मण्डला जिले में गौड़वाना रानी अवन्ती बाई की एक सहायिका गिरधारी बाई की समाधि है। जो उनके निजी जीवन से लेकर युद्ध के मैदान तक साथ रही।

 

25 प्रख्यात संगीतकार तानसेन, तानसेन के गुरु सिद्धपीर मोहम्मद गौस तथा प्रख्यात सितार वादक अमजद अली खाँ के दादा-हाफिज़ अली खाँ के पिता हस्सू खाँ के मकबरे ग्वालियर में स्थित है।

 

26- दिल्ली सल्तनत के लोधी वंश के सुल्तान दौलत खाँ लोधी तथा मुगल सम्राट शाहजहाँ की बेगम मुमताज महल की कब्र बुरहानपुर पर स्थित है।


27- दतिया जिले के भाण्डेर तहसील में प्रतिवर्ष जनवरी-फरवरी / माघ माह में एक विशेष मेला लगता है। यह मेला 100 से अधिक वर्ष पूर्व स्वामी पीताम्बर दास द्वारा प्रारम्भ किया गया था। कुछ लोगो के अनुसार ब्रिटिश काल में भाण्डेर एक सूबा कहलाता था। इसके तत्कालीन कलेक्टर राम भक्त ईनामतुल्लाह के द्वारा इसको आरम्भ किया गया था। इस मेले का नाम रमीलीला मेला  है। 

28 सीधी जिले के घोघरा गाँव में देवी का एक मन्दिर है, यहाँ प्रतिवर्ष एक विशाल मेला आयोजित किया जाता है। मान्यता है कि मुगल बादशाह अकबर के नवरत्नों में एक बीरबल यहाँ के निवासी थे। बीरबल को माँ सरस्वती देवी का आर्शीवाद प्राप्त हुआ था। यह मेला बीरबल के द्वारा आरम्भ किया गया था। इस मेले का नाम चंडी देवी का मेला है।

 

29-सिवनी जिले के ग्राम भैरोथान स्थान पर प्रत्येक शिवरात्री को विशाल मेला लगता है, जो 15 दिनों तक चलता है। इस स्थान पर एक प्राकृतिक गुफा तथा हरियाली परिसर युक्त झील है। मान्यता के अनुसार इस स्थान पर भगवान शिव महादेव प्रकट हुये थे इस मेले का नाम मठ घोघरा का मेला है।

 

30- मुरैना जिले के पोरसा गाँव में नवम्बर-- दिसम्बर माह के दौरान एक माह के लिये यह मेला आयोजित होता है। यह मुगल बादशाह अकबर के समकालीन संत जी की स्मृति में आयोजित होता है। यहाँ पहले बन्दरों को विक्रय किया जाता था, वर्तमान में सभी प्रकार के पशुओं का क्रय विक्रय किया जाता है। इस मेले का नाम नागाजी का मेला  है।

 

31- दतिया जिले के सेवढ़ा ग्राम में प्रतिवर्ष कार्तिक माह की पूर्णिमा की तिथि से एक सप्ताह तक यह मेला आयोजित होता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान ब्रम्हा के मानस पुत्र सनक, सनन्दन, सनातन एवं सनत कुमार ने इसी स्थान पर तपस्या की थी। इस स्थान को सनत्कूप भी कहा जाता है। इसके पास ही नारदमुनि का तपोस्थल है। इस मेले का नाम सनकुआ का मेला है।

 

32- मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र का यह प्रमुख पर्व है। यह वर्ष में 02 बार मनाया जाता है। एक बार यह चैत्र माह में मनाया जाता है। दूसरी बार यह भाद्रपद (भादौ माह) में मनाया जाता है। इसमें महिलाऐं शिव पावर्ती की पूजी करती है। श्रंगार, गीत-संगीत तथा नृत्य इसकी विशेषता है। इस पर्व का गणगोर है। 

 

33- मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड का यह महत्वपूर्ण पर्व है। इसमें दीवार पर से लगे चबूतरे पर राक्षस की प्रतिमा रखी जाती है। उसके सिर पर शिव पावर्ती की प्रतिमा रखी जाती है। दीवार पर सूर्य एवं चन्द्रमा के चित्र बनाये जाते है। नव युवतियाँ पूजा कर गीत गाती है। युवक डण्डे का प्रतीक लेकर घर-घर जाकर अनाज एवं रूपये इक्ट्ठा करते है। इस पर्व का नाम सुआटा है।

 

34- मध्य प्रदेश में ज्येष्ठ माह की बड़ी दर्शनीय तिथि को यह पर्व सम्पूर्ण मध्य भारत में बनाया जाता है। कृष्ण पक्ष में मनाये जाने वाले इस पर्व के लिये मान्यता है कि इसी दिवस को पृथ्वी पर गंगा नदी का अवतरण हुआ था। इस पर्व का नाम गंगा दशहरा है।

 

35- मध्य प्रदेश में यह पर्व बैसाख माह की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस अवसर पर लड़कियाँ, नव विवाहिताऐं तथा सुहागिन स्त्रियाँ वट वृक्ष की पूजा करती है, अपने अक्षय सुहाग की कामना करती है। इस तिथि विशेष पर बिना मुहूर्त निकाले विवाह सम्पन्न होते है। इस पर्व का नाम अक्षय तृतीया है।

 

36- यह पर्व फाल्गुन माह में मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में भीलों के द्वारा मनाया जाता है। इस माह में प्रत्येक गाँव में साप्ताहिक हॉट / बाजार के दिवस युवा पुरूष एवं महिला एकत्रित होते है, जहाँ वे एक दूसरे को रंग / गुलाल लगाकर वैवाहिक सहमति प्रदान करते हैं। इस पर्व का नाम भगोरिया है।

 

37- मध्य प्रदेश में कला, संस्कृति तथा इतिहास, धरोहर आदि के लिये विशेष दीर्घा सहित ऑडिटोरियम के साथ भारत भवन का निर्माण किया गया है, जो हमारी राष्ट्रीय एकता, अनेकता मे एकता का प्रतीक है। इस भवन का आर्किटेक्चर / वास्तु नक्शा चार्ल्स कोरिया  आर्किटेक्ट द्वारा बनाया गया है। 

 

38- मध्य प्रदेश का नया विधान सभा भवन का निर्माण 1983 से 1993 के मध्य हुआ। इसके निर्माणकर्ता आर्किटेक्चर, प्रख्यात वास्तुविद् श्री चार्ल्स कोरियन रहे। इस विधान सभा भवन का नाम इन्दिरा गांधी विधान भवन  है ?

 

39-मध्य प्रदेश के चन्देल वंश के द्वारा स्थापित मन्दिरों के शहर खजुराहो तथा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को रेल मार्ग से जोड़ा गया है। इसके मध्य एक दैनिक सवारी रेलगाड़ी चलती है, जिसे विशेष नाम दिया गया है। इस रेलगाड़ी का नाम महामना एक्स्प्रेस है ?

 

40 मध्य प्रदेश का एक अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा इंदौर है, जहाँ से हाल ही में दुबई के लिये अन्तर्राष्ट्रीय उड़ान प्रारम्भ की गई है ?

 

41- मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर के निकट हनुवंतिया जल पर्यटन तथा एडवेंचर सेन्टर है। मध्य प्रदेश में इसके अतिरिक्त जबलपुर के पास आवासीय सुविधाओं तथा जल पर्यटन सुविधायुक्त एक स्थान और विकसित किया गया है। इस स्थान का नाम बरगी है। 


42- मध्य प्रदेश की यह आदिवासी जनजाति इन्डो आर्यन परिवार से विकसित मानी जाती है। गौत्रों में विभाजित इस जाति में विवाह के समय वधु का मूल्य देना होता है। इनके महत्वपूर्ण तथा शक्तिशाली देवता राजपंथा है। ये घोड़े को श्रद्धा देते है, साँप की पूजा करते है। परम्परागत शस्त्र धनुष-बाण है, प्रणय पर्व भगौरिया है, इनके निवास स्थल फाल्या कहलाते है। इनके प्रमुख लोक नृत्य ढोहा, बड़वाह, भगौरिया, गर्वी है। इस जनजाति का नाम भील है । 

 

43- मध्य प्रदेश की यह जनजाति दक्षिण भारत से आकर यहाँ बसी है। इनकी उत्पत्ति बोरादेव / महादेव से बताई जाती है। इनका संबंध प्राक् द्रविण से है। इस जनजाति के प्रमुख देवता दूल्हादेव है। ये बारी नामक खेती करते है। सूती वस्त्रों का प्रयोग करते है। मध्य प्रदेश में इनकी जनसंख्या सबसे अधिक छिन्दवाड़ा जिले में है। इनके प्रमुख लोक नृत्य रीना, कर्मा, सैला, केहरवा, सजनी, गोचो, गेंड़ी है। इस जनजाति का नाम गोंड है। 

 

44- मध्य प्रदेश की यह जनजाति नर्मदा-सोन- गंगा तथा चम्बल के बीच निवास करती है। मुख्यतः विंध्य और कैमोर श्रेणियों में रहते है। सूर्य, चन्द्र, पवन तथा इन्द्र की पूजा करते है। जादू-टोने पर विश्वास करते है। संगीत के शौकीन होते है। इनमें गौत्र का चिन्ह नही होता है। इनके प्रमुख लोक नृत्य कौल दहकी अर्थात दहका नृत्य मुद्रा है। इस जनजाति का नाम कौल है । 

 

45- यह द्रविण समूह की जनजाति है, जिसका शब्दिक अर्थ पुरोहित होता है। प्रमुख देवता बूढ़ादेव माने जाते है। मान्यता है कि वे साज वृक्ष पर रहते है। इनके भूमि के देवता ठाकुरदेव कहलाते है। बीमारियों से रक्षा के लिए दूल्हादेव की पूजा करते है। देव स्थल पर परधान की मूर्ति रखते है। इनके प्रमुख लोक नृत्य बिमला, परधौनी, दशहरा, अटारी, सुवा तथा सुआ है। मुकद्दम इनके मुखिया होते है। इस जनजाति का बेगा है  ?

 

46- मध्य प्रदेश की यह जनजाति सीधी और शहडोल जिले में पायी जाती है। यह द्रविण प्रजाति की जनजाति है। ये कबीरपंथी होते है। इन्हें कबीरहा भी पुकारा जाता है। ऐसा माना जाता है कि कपड़ा बुनने का कार्य सर्व प्रथम इन्होंने ही किया था। सूर्य, इन्द्र, हनुमान, मरहीमाता, हुल्की बाई की पूजा करते है। कबीरपंथी गायन तथा इस पर लोक अभिव्यक्ति इनकी प्रमुख पहचान है। इस जनजाति का नाम पनिका है । 


47- मध्य प्रदेश में शीघ्र ही खण्डवा जिले में एक नया राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना प्रस्तावित की गई है। यह राष्ट्रीय उद्यान ओंकारेश्वर मे स्थापित किया जाना है।

 

48- जेम्स फोर्सिथ ने अपनी किताब सेन्ट्रल इण्डियन हाईलैण्ड ( 1860 ) में एक स्थान का उल्लेख किया। वर्ष 1879 में इसे आरक्षित वन घोषित किया गया। वर्ष 1910 में यहाँ विश्राम गृह बनाया गया और 1955 में इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में विकसित किया गया। 1973 में यहाँ प्रोजेक्ट टाईगर आरम्भ किया गया। मध्य प्रदेश का कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान है।

 

49- मध्य प्रदेश का यह राष्ट्रीय उद्यान 1968 में स्थापित किया गया। यहाँ विश्व में बाघों का सर्वाधिक घनत्व है। यहाँ प्रति 8 कि.मी. पर एक बाघ है। 1993 में इसे प्रोजेक्ट टाईगर के रूप में शामिल किया गया। 32 पहाड़ियों से घिरे इस राष्ट्रीय उद्यान को हाथियों के निवास के रूप में विकसित किया जा रहा है। मध्य प्रदेश का यह बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान है।

 

50- ग्वालियर जिले के घाटी गाँव राष्ट्रीय अभ्यारण्य तथा शिवपुरी जिले के करेरा राष्ट्रीय अभ्यारण्य को एक विशेष वन्य जीव के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु चिन्हित / घोषित किया गया है। उस विशेष वन्य जीव का नाम सोन चिरिया है ।

 

51- धार जिले के सरदारपुर राष्ट्रीय अभ्यारण्य तथा रतलाम जिले के सैलाना राष्ट्रीय अभ्यारण्य को एक विशेष वन्य जीव के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु चिन्हित / घोषित किया गया है। उस विशेष वन्य जीव का नाम खरमोर पक्षी है ।

  

52- मध्य प्रदेश में बरगी, जबलपुर के निकट नर्मदा नदी पर एक बहुउद्देशीय जल परियोजना स्थापित की गई है। यहाँ एडवेंचर खेलों की सुविधा भी उपलब्ध है। साथ ही पर्यटन विभाग का मैकल रिसोर्ट भी स्थापित है। इस जल परियोजना का नाम अवन्ति बाई सागर है।

 

53- मध्य प्रदेश में राजस्थान के सहयोग से मन्दसौर के निकट चम्बल नदी पर एक बहुउद्देशीय जल परियोजना स्थापित की गई है। यहाँ एडवेंचर खेलों सहित वॉटर क्रूज़ की सुविधा भी उपलब्ध है।  इस जल परियोजना का नाम गांधीसागर है।

 

54- मध्य प्रदेश में शिवपुरी जिले के निकट कालीसिन्ध नदी पर एक बहुउद्देशीय जल परियोजना स्थापित की गई है। यहाँ वॉटर स्पोर्टस सहित मोटर बोट की सुविधा भी उपलब्ध है।  इस जल परियोजना का नाम मडिखेड़ा है।

 

55- मध्य प्रदेश में अशोकनगर जिले के निकट बेतवा नदी पर एक बहुउद्देशीय जल परियोजना स्थापित की गई है। यहाँ वॉटर स्पोर्टस सहित मोटर बोट की सुविधा भी उपलब्ध है।इस जल परियोजना का नाम राजघाट  है।

 

56- मध्य प्रदेश में उमरिया जिले के निकट जोहिला नदी पर एक बहुउद्देशीय जल परियोजना स्थापित की गई है। यहाँ जल गतिविधियाँ सहित मोटर बोट की सुविधा भी उपलब्ध है। आपको इस जल परियोजना का नाम बीरसिंहपुर है।

 

57-मध्य प्रदेश में जबलपुर के प्राकृतिक वन्य जीव स्थल टूरिस्ट सर्किट में कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान, पेंच राष्ट्रीय उद्यान के अतिरिक्त एक अन्य राष्ट्रीय उद्यान भी स्थित है। इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम बांधवगढ़ है । 

 

58- मध्य प्रदेश में भोपाल के धार्मिक तथा आध्यात्मिक टूरिस्ट सर्किट में भोजपुर, भीमबैठिका के अतिरिक्त एक अन्य धार्मिक पर्यटन स्थल भी स्थित है। इस पर्यटन स्थल का नाम आशापुरी है । 

 

59- मध्य प्रदेश के खण्डवा खरगौन जलाशय / जलपरिक्षेत्र टूरिस्ट सर्किट में ओंकारेश्वर बाँध, महेश्वर बाँध के अतिरिक्त एक अन्य बाँध भी स्थित है। इस पर्यटन स्थल का नाम पुनाशा है । 


60- मध्य प्रदेश में पचमढ़ी टूरिस्ट सर्किट में प्राकृतिक तथा जलाशय संदर्भित टूरिस्ट पर्यटन सर्किट में पातालकोट, तामिया, मढ़ई के अतिरिक्त एक अन्य जलाशय पर्यटन स्थल भी स्थित है। इस पर्यटन स्थल का नाम तवा है । 

 

61- मध्य प्रदेश में बौद्ध, आध्यात्म, पुरातत्व दृष्टि से भोपाल से उदयपुर के मध्य साँची विदिशा के अतिरिक्त एक अन्य पर्यटन स्थल है। इस पर्यटन स्थल का उदयगिरि है । 

 

 

62- भारत की स्वर कोकिला के रूप में परिचित इस महान कलाकार का जन्म मध्य प्रदेश के इन्दौर में हुआ है। गिनीज बुक वर्ल्ड रिकार्ड में इनका नाम सर्वाधिक गीत गायन में दर्ज है, इन्हें पद्मश्री, पदमभूषण, पदविभूषण और भारत रत्न नागरिक अलंकरण दिये गये है। फिल्म क्षेत्र के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहेब फाल्के पुरस्कार एवं यश चौपड़ा पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। इस कलाकार का नाम लता मंगेशकर है। 

 

63- प्रख्यात फिल्म अभिनेत्री जिनका जन्म 1950 में जबलपुर में हुआ। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा भोपाल में सम्पन्न हुई। इनका फिल्मी केरियर "सत्यजीत से" प्रख्यात निर्देशक के निर्देशन में हुआ। इन्हें पद्मश्री सम्मान मिला इस कलाकार का नाम जया बच्चन है । 

 

64- भारतीय फिल्म उद्योग में प्रतिष्ठित गांगुली परिवार के अनेक कलाकार अभिनय, गायन, निर्देशन आदि सभी क्षेत्रों में सक्रिय रहे। बाद में सभी ने अपना फिल्मी केरियर आरम्भ करते ही कुमार सरनेम लिखना आरम्भ किया। अशोक, अनूप एवं किशोर। यह परिवार मध्य प्रदेश के खंडवा  जिले से संबंधित है। 

 

65- मध्य प्रदेश के जबलपुर के जिस में "जिस देश में गंगा बहती है एवं सम्राट अशोका" फिल्मों कुछ अंशो को फिल्माया गया है। उस क्षेत्र का नाम भेड़ा घा है .


66- भारत के प्रख्यात निर्देशक प्रकाश झा की फिल्म राजनीति, आरक्षण फिल्मों का फिल्मांकन मध्य प्रदेश के भोपाल में हुआ ?

 

67- प्राचीन मध्य प्रदेश के मौर्य शासक सम्राट अशोक ने अपने राज्य अवंती (मालवा) की राजधानी उज्जैयिनी को बनाया था। इस मौर्य राजा ने विदिशा के नगर सेठ की पुत्री से विवाह किया, अपने पुत्र-पुत्री संघमित्रा एवं महेन्द्र को बौद्ध धर्म के प्रचार हेतु श्रीलंका भेजा। इसका प्रमाण उज्जैन के बौद्ध महास्तूप है। 

 

68- मध्य प्रदेश में विदिशा के भोजपुर, रायसेन के खरबई, सतना के पास भरहुत, रीवा के निकट देउरकोठार, गुना में तूमेन तथा खरगौर में कसरावत में मौर्य साम्राज्य के अवशेष के रूप में कौन से स्तूप खोजे गये। 

 

69- मध्य प्रदेश के प्राचीन इतिहास के एक नगर को मनुष्य को मोक्ष देने वाली भूमि माना गया है। इसे पृथवी का नाभि स्थल भी कहा जाता है। इसे कनक श्रंगा, कुश स्थलीय, मदमावती, कुमुखी अमरावती एवं ओजिनी नाम से भी जाना जाता है। इस ऐतिहासिक नगर का नाम उज्जैन है । 

 

70- मध्य प्रदेश में गोंडवाना राज्य की रानी अवंतीबाई व उनकी अंगरक्षिका गिरधारी बाई, वीर शंकर शाह बहादुर शाह ने 1857 की क्रांति में विशेष योगदान दिया। आप मंडला जिले के निकट स्थान विशेष से संबंधित रहे है। यहाँ का किला ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है, इस किले का  नाम रामगढ़ का किला है । 

 

71- मध्य प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों जिन्होंने झण्डा सत्याग्रह, नमक सत्याग्रह, जंगल सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा आंदोलन सहित भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय सहभागिता की उनकी स्मृति में जबलपुर में एक विशेष स्मृति स्थल बनाया गया है, जिसका शिलान्यास डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एवं उद्घाटन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया।  इसका नाम शहीद स्मारक है । 

 

72- मध्य प्रदेश के इस अंचल के गजक, बूंदी के लड्डू, लम्बी पानी पूरी, दाल बाफले, अंजीर रोल, पनीर पिलाफ एवं खसखस रोल आदि मुख्य व्यंजन है, आपको इस अंचल का नाम ग्वालियर है। 


73- मध्य प्रदेश के इस अंचल के मावाबाटी, बूरा लड्डू (नारियल) काबुली चना, साबूदाना खिचड़ी, सोयाबड़ी मुख्य व्यंजन है, इस अंचल का नाम मालवा है। 

 

73- मध्य प्रदेश के इस महानगर के दही कबाव, गूलर कबाव, मूँग भजियाँ, पापड़ी चाट, शाही शिकंजी, बरगी की बड़ी, पोहा जलेबी प्रमुख व्यंजन है, इस महानगर का नाम इंदौर  है। 


74- मध्य प्रदेश के इस महानगर के खोबे की जलेबी, केसरिया दूध, इमरती, कचौड़ी, हलुवा, सोन हलुआ एवं मिल्क केक प्रमुख व्यंजन है इस महानगर का जबलपुर बताना है । 


75- मपूरी के लड्डू, लवंगलता, हिंगोरा, खोपरा - पाक, चाडुला, वफोरी, माहेरी एवं रास की खीर मुख्य व्यंजन है। इस अंचल का नाम बुंदेलखंड है। 


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