घर्षण बल किसे कहते हैं| घर्षण बल के प्रकार |घर्षण गुणांक | Friction Force GK in Hindi

 घर्षण बल किसे कहते हैं, घर्षण बल  के प्रकार 

घर्षण बल किसे कहते हैं| घर्षण बल  के प्रकार |घर्षण गुणांक | Friction Force GK in Hindi



घर्षण क्या होता है 

  • घर्षण वह बल है, जो परस्पर स्पर्श करती दो सतहों के मध्य सापेक्ष गति के विपरीत कार्य करता है। हमारे जीवन में घर्षण की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारे जूतों के तलवों व भूमि के मध्य कार्यरत घर्षण के फलस्वरूप ही हम चल पाते हैं और घर्षण में कमी के कारण (जो चिकनी सतह में होता है) हम फिसल जाते हैं।

 

  • घर्षण तब ही कार्यरत होता है, जब वस्तु पिंड किसी सतह पर गति (सर्पण) में हो, यह सर्पण घर्षण (sliding friction) कहलाता है। सर्पण घर्षण की माप दोनों सतहों की प्रकृति पर निर्भर करता है, संस्पर्शी क्षेत्रफल पर नहीं। यह गतिमान वस्तु के भार पर भी निर्भर करती है ।

 

  • गोलाकार अथवा बेलनाकार वस्तु किसी सतह पर लुढ़कती है तो उस पर जो विपरीत बल लगता है उसे बेलन घर्षण (rolling friction) कहते हैं। किन्हीं दो पदार्थों के लिए सर्पण घर्षण की अपेक्षा बेलन घर्षण कम होता है।

 

  • जहां कुछ परिस्थितियों में घर्षण एक ओर आवश्यक (अथवा सहायक) है, वहीं कुछ अन्य स्थितियों में यह कठिनाई भी पैदा करता है। मशीन में घर्षण के कारण ऊर्जा की हानि तथा टूट-फूट होती है। 


घर्षण बल तीन प्रकार का हो सकता है-

 

(I) स्थैतिक चर्पण (Static Friction)- 

  • जब एक स्थिर पर स्थित किसी वस्तु को लगाकर गतिमान करने का प्रयास किया हैपरन्तु वस्तु गतिमान नहीं होती। इस दशा में बल के बराबर विपरीत दिशा में जो घर्षण है उसे स्थैतिक घर्षण कहते हैं।

 

(ii) सर्पी घर्षण (Sliding Friction)- 

  • किसी सतह पर जब कोई वस्तु गतिमान होती है तो सतह के समानान्तर व विपरीत दिशा में जो घर्षण कार्य करता है उसे सर्पी घर्षण बल कहते हैं।

 

(iii) लोटनिक घर्षण बल (Rolling Friction)- 

  • जब कोई गोलाकार वस्तु किसी सतह पर लुढ़कती है तो दोनों सतहों के बीच व गति की विपरीत दिशा में लगने वाले घर्षण बल को लोटनिक घर्षण कहते हैं।



घर्षण को कम कैसे किया जाता है 

  • घर्षण को (i) स्नेहक (lubricant) के द्वारा तथा (ii) बाल-बेयरिंग के उपयोग से कम किया जा सकता है। मशीन में डाला गया द्रव (liquid) स्नेहक, धातु से धातु के संपर्क को कम करता है क्योंकि द्रव की परतों के बीच घर्षण (वास्तव में यह द्रव की श्यानता है) कम होने से, जो धात्विक (ठोस) घर्षण की अपेक्षा कम होता है, मशीन के कार्य में सुगमता आती है। सर्पण-घर्षण की अपेक्षा बेलन-घर्षण कम होता है, अत: बाल-बेयरिंग के लगाने से मशीन के घर्षण में बहुत कमी आ जाती है।

 

घर्षण क्यों होता है 

  • जब कोई वस्तु वायु में गमन करती है तो इस पर भी घर्षण बल गति के विपरीत कार्यरत होता है जो वायु के कारण घर्षण है। द्रव घर्षण की अपेक्षा वायु घर्षण बहुत कम होता है। इसका एक अच्छा उदाहरण, होवर क्राफ्ट है जो वायु की हल्की व नरम परतों पर सुगमतापूर्वक गमन करता है | होवर-क्राफ्ट के आकार की नाव को पानी में चलते समय हवा में चल रहे होवर-क्राफ्ट की अपेक्षा अधिक घर्षण का सामना करना पड़ता है। है। 

 

घर्षण गुणांकः

  • दो वस्तुओं के तलों के मध्य सीमांत घर्षण F तथा अभिलम्ब प्रतिक्रिया R के अनुपात को घर्षण गुणांक कहते हैं। इसे निम्न सूत्र से दर्शाया जाता है।  

μ= F/ R

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