सितंबर के राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवस की सूची।सितंबर माह के महत्वपूर्ण दिवस की विस्तृत जानकारी ।List of Important Days in September
सितंबर के राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवस की सूची List of Important Days in September in Hindi
सितंबर के राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवस की सूची
List of Important Days in September in Hindi
- NCERT स्थापना दिवस 01 सितंबर
- शिक्षक दिवस 5 सितंबर
- अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितंबर
- विश्व फिज़ियोथेरेपी दिवस 08 सितंबर
- शिक्षा को हमले से बचाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस 09 सितंबर
- यूनिवर्सल ब्रदरहुड डे 11 सितंबर
- अंतर्राष्ट्रीय दक्षिण-दक्षिण सहयोग दिवस 12 सितंबर
- हिंदी दिवस 14 सितंबर
- अभियंता दिवस 15 सितंबर
- अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 15 सितंबर
- तमिलनाडु में ‘सामाजिक न्याय दिवस’ 17 सितंबर
- विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 17 सितंबर
- मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस 17 सितंबर
- विश्व बाँस दिवस 18 सितंबर
- अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस 21 सितंबर
- हाइफा दिवस 23 सितंबर
- अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस 23 सितंबर
- विश्व फार्मासिस्ट दिवस 25 सितंबर
- सैन्य इंजीनियरिंग सेवा दिवस 26 सितंबर
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थापना दिवस 27 सितंबर
- विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर
- विश्व रेबीज़ दिवस 28 सितंबर
- विश्व हृदय दिवस 29 सितंबर
- विश्व समुद्री दिवस 30 सितंबर
सितमबर माह के महत्वपूर्ण दिवस की विस्तृत जानकारी
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद NCERT स्थापना दिवस 01 सितंबर
- 01 सितंबर, 2021 को ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद’ (NCERT) का 61वाँ स्थापना दिवस आयोजित किया गया। ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद’ 01 सितंबर, 1961 को भारत सरकार द्वारा गठित एक स्वायत्त संगठन है, जो कि स्कूाली शिक्षा से संबंधित मामलों पर केंद्र सरकार और राज्य् सरकारों को सहायता प्रदान करने तथा उन्हेंस सुझाव देने का कार्य करता है। NCERT और इसकी घटक इकाइयों का मुख्य उद्देश्य स्कूली शिक्षा से संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान करना, उसे बढ़ावा देना और समन्वय स्थापित करना; पाठ्यपुस्तक, संवादपत्र तथा अन्य शैक्षिक सामग्रियों का निर्माण करना एवं उन्हें प्रकाशित करना; शिक्षकों हेतु प्रशिक्षण का आयोजन करना है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है, जबकि इसकी कई घटक इकाइयाँ देश के अन्य हिस्सों में स्थापित हैं। NCERT, स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के लिये भी एक कार्यान्वयन एजेंसी है। NCERT अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ समन्वय एवं वार्ता करता है और अन्य विकासशील देशों के शैक्षिक कर्मियों को विभिन्न प्रशिक्षण सुविधाएँ प्रदान करता है।
शिक्षक दिवस 5 सितंबर
- राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। भारत में शिक्षक दिवस का आयोजन भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, दूसरे राष्ट्रपति और शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में किया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुट्टनी में हुआ था और वर्ष 1962 में वे भारत के राष्ट्रपति बने थे तथा वर्ष 1967 तक इस पद पर रहे थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को शिक्षक होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध दार्शनिक और राजनेता के रूप में भी जाना जाता है। उल्लेखनीय है कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को साहित्य में नोबेल पुरस्कार के लिये कुल 16 बार और नोबेल शांति पुरस्कार के लिये कुल 11 बार नामांकित किया गया था। 16 अप्रैल, 1975 को चेन्नई में उनकी मृत्यु हो गई। शिक्षक दिवस के अवसर पर विद्यार्थी अपने-अपने तरीके से शिक्षकों के प्रति आदर और सम्मान प्रकट करते हैं। ध्यातव्य है कि विश्व शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष 5 अक्तूबर को मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 20वीं सदी के महानतम विचारकों में से एक होने के साथ-साथ भारतीय समाज में पश्चिमी दर्शन को प्रस्तुत करने के लिये भी याद किया जाता है।
विश्व फिज़ियोथेरेपी दिवस 08 सितंबर
- प्रतिवर्ष 08 सितंबर को वैश्विक स्तर पर ‘विश्व फिज़ियोथेरेपी दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस लोगों को फिट और स्वस्थ्य बनाने में फिज़ियोथेरेपिस्ट की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करता है। इस वर्ष ‘विश्व फिज़ियोथेरेपी दिवस’ कोविड-19 संक्रमण से रिकवरी और इससे प्रभावित लोगों के प्रबंधन तथा उपचार में फिज़ियोथेरेपी की भूमिका पर केंद्रित है। 08 सितंबर को वैश्विक स्तर पर ‘विश्व फिज़ियोथेरेपी दिवस’ के रूप में वर्ष 1996 में नामित किया गया था। इस दिवस का आयोजन फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा रोगियों के लिये किये जाने वाले कार्यों को मान्यता देने के साथ-साथ फिज़ियोथेरेपी के क्षेत्र में नवाचार को भी प्रोत्साहित करता है। फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस की ऐसी प्रणाली है, जिसकी सहायता से जटिल रोगों का इलाज आसानी से किया जाता है। फिज़ियोथेरेपी किसी भी प्रकार की पुरानी चोट से निपटने और भविष्य में चोट को रोकने में सक्षम है। फिज़ियोथेरेपी चोट की संभावना को कम करते हुए शरीर को अधिक मज़बूत एवं लचीला बनाने में मदद कर सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितंबर
- अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को व्यक्तियों, समुदायों और समाजों के लिये साक्षरता के महत्त्व और अधिक साक्षर समाजों हेतु गहन प्रयासों की आवश्यकता की याद दिलाने के लिये वर्ष 1966 में यूनेस्को द्वारा 8 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था। पहला अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 1967 में मनाया गया था और अब यह दिवस बीते 50 से अधिक वर्षों से प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है। वर्ष 2021 के लिये अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम ‘मानव-केंद्रित रिकवरी हेतु साक्षरता: डिजिटल डिवाइड को कम करना’ है। यह थीम सभी को शामिल करते हुए प्रौद्योगिकी-सक्षम साक्षरता को बढ़ावा देने के अवसरों पर केंद्रित है। यूनेस्को के अनुसार, ‘महामारी के प्रारंभिक चरण के दौरान स्कूलों के बंद होने के कारण दुनिया भर की कुल छात्र आबादी (1.09 बिलियन) के 62.3 प्रतिशत हिस्से की शिक्षा बाधित हुई थी। महामारी के कारण स्कूल की कक्षाओं को ऑनलाइन कर दिया गया, जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी गरीबों में डिजिटल विभाजन और अधिक गंभीर हो गया। भारत में वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, कुल 74.04 प्रतिशत साक्षर हैं, जो पिछले दशक (2001-11) से 9.2 प्रतिशत अधिक है। यूनेस्को के अनुसार, भारत को सार्वभौमिक साक्षरता प्राप्त करने में और 50 वर्ष (यानी वर्ष 2060) लगेंगे।
तमिलनाडु में ‘सामाजिक न्याय दिवस’ 17 सितंबर
- तमिलनाडु सरकार ने प्रतिवर्ष 17 सितंबर को सुधारवादी नेता ‘ई.वी. पेरियार’ की जयंती को ‘सामाजिक न्याय दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है। इस संबंध में घोषणा करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि पेरियार की विचारधारा सामाजिक न्याय, स्वाभिमान, तर्कवाद और समानता के बारे में थी, जिसने पिछली शताब्दी के दौरान तमिल समाज के विकास की आधारशिला रखी और भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त किया। पेरियार का जन्म 17 सितंबर, 1879 को तमिलनाडु के कोयंबटूर ज़िले के इरोड कस्बे में हुआ था। तर्क और विवेक के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने के लिये इन्होने 'आत्मसम्मान आंदोलन' चलाया। इन्हें ‘द्रविड़ आंदोलन’ का जनक भी माना जाता है। पेरियार को दक्षिण भारत में दलित आंदोलन का प्रमुख नेता माना जाता है, इन्हीं के आदर्शों ने तमिल समाज के विकास की नींव रखी। वे हिंदू धर्म ग्रंथों के प्रमुख आलोचक थे और उन्होंने ब्राह्मणों के प्रभुत्व का कड़ा विरोध किया। अपनी राजनीतिक धारणा को जन-जन तक पहुँचाने के लिये पेरियार ने वर्ष 1938 में जस्टिस पार्टी का गठन किया।
यूनिवर्सल ब्रदरहुड डे 11 सितंबर
- वर्ष 1893 में शिकागो में भारतीय विचारक और अध्यात्मवादी स्वामी विवेकानंद द्वारा दिये गए ऐतिहासिक भाषण की याद में प्रतिवर्ष 11 सितंबर को ‘यूनिवर्सल ब्रदरहुड डे’ मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद द्वारा यह प्रतिष्ठित भाषण 11 सितंबर से 27 सितंबर, 1893 तक आयोजित पहली विश्व धर्म संसद में दुनिया भर के प्रतिनिधियों के बीच दिया गया था। यह भाषण अपने शुरुआती शब्दों- ‘अमेरिकी बहनों और भाइयों’ के लिये काफी लोकप्रिय है, जिसके लिये उन्हें दो मिनट का लंबा स्टैंडिंग ओवेशन मिला था। अपने भाषण में उन्होंने धार्मिक सर्वोच्चता के विचार का विरोध किया और न केवल पारस्परिक सहिष्णुता एवं धार्मिक स्वीकृति के संदेश का प्रचार किया, बल्कि दोनों को परिभाषित करने तथा दोनों के बीच अंतर को स्पष्ट करने का भी प्रयास किया। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ और उनके बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। वह रामकृष्ण परमहंस के मुख्य शिष्य एवं भिक्षु थे। उन्होंने वेदांत और योग के भारतीय दर्शन का परिचय पश्चिमी दुनिया को कराया। विवेकानंद का विचार है कि सभी धर्म एक ही लक्ष्य की ओर ले जाते हैं, जो उनके गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस के आध्यात्मिक प्रयोगों पर आधारित है। विवेकानंद एक मानवतावादी चिंतक थे, उनके अनुसार मनुष्य का जीवन ही एक धर्म है।
शिक्षा को हमले से बचाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस 09 सितंबर
- प्रतिवर्ष 09 सितंबर को वैश्विक स्तर पर ‘शिक्षा को हमले से बचाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार का पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस वर्ष 2020 में आयोजित किया गया था। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य संघर्ष से प्रभावित देशों में रहने वाले लाखों बच्चों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिवस की घोषणा करने वाले संयुक्त राष्ट्र के संकल्प को ‘कतर’ द्वारा प्रस्तुत किया गया था और कुल 62 देशों द्वारा इसे सह-प्रायोजित किया गया था। यह दिवस स्पष्ट करता है कि सभी शिक्षार्थियों को सुरक्षा प्रदान करना और सभी स्तरों पर समावेशी एवं समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना सरकारों का प्राथमिक उत्तरदायित्व है। यह दिवस स्कूलों, शिक्षार्थियों और शैक्षिक कर्मियों को किसी भी प्रकार के हमले से बचाने हेतु सभी संभव उपायों द्वारा मानवीय आपात स्थितियों में सुरक्षित और सुरक्षात्मक स्कूल वातावरण को बढ़ावा देने के लिये प्रयासों को तेज़ करने, वित्तपोषण बढ़ाने और सशस्त्र संघर्ष की स्थितियों में शिक्षा तक पहुँच को सुविधाजनक बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर देता है, साथ ही यह उन कार्यों पर रोक लगाता है, जो बच्चों की शिक्षा तक पहुँच में बाधा उत्पन्न करते हैं।
हिंदी दिवस 14 सितंबर
- प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को देश भर में ‘हिंदी दिवस’ मनाया जाता है। भारत में 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने भारत संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी भाषा को स्वीकृति दी थी, जिसे भारत के संविधान द्वारा अनुमोदित किया गया था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया। यद्यपि आज़ादी के बाद हिंदी एवं अंग्रेज़ी दोनों को भारत की भाषा के रूप में चुना गया और संविधान सभा ने देवनागरी लिपि वाली हिंदी के साथ ही अंग्रेज़ी को भी आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया किंतु वर्ष 1949 में 14 सितंबर के दिन संविधान सभा ने हिंदी को ही भारत की राजभाषा घोषित किया। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्द्धा के आग्रह पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। हिंदी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली पाँच भाषाओं में से एक है। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को ‘विश्व हिंदी दिवस’ मनाया जाता है।
अभियंता दिवस 15 सितंबर
- देश में प्रतिवर्ष 15 सितंबर को ‘अभियंता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। अभियंता दिवस भारत के सुविख्यात इंजीनियर डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें आधुनिक भारत के ‘विश्वकर्मा’ के रूप में जाना जाता है। इस वर्ष उनकी 160वीं जयंती मनाई जा रही है। एम. विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर, 1861 को मैसूर (कर्नाटक) के 'मुद्देनाहल्ली' नामक स्थान पर हुआ था। भारत सरकार ने वर्ष 1968 में उनकी जन्म तिथि को ‘अभियंता दिवस’ घोषित किया था। डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को सिंचाई डिज़ाइन के मास्टर के रूप में भी जाना जाता है। कृष्णा राजा सागर झील और बाँध उनकी सबसे उल्लेखनीय परियोजनाओं में से एक है, जो कर्नाटक में स्थित है। उस समय वह भारत में सबसे बड़ा जलाशय था। वे मैसूर के दीवान भी रहे। वर्ष 1955 में उनकी अभूतपूर्व तथा जनहितकारी उपलब्धियों के लिये उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। जब वह 100 वर्ष के हुए तो भारत सरकार ने उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया। उन्हें ब्रिटिश नाइटहुड अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय दक्षिण-दक्षिण सहयोग दिवस 12 सितंबर
- प्रतिवर्ष 12 सितंबर को दक्षिणी क्षेत्र के देशों के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास को बढ़ावा देने हेतु ‘अंतर्राष्ट्रीय दक्षिण-दक्षिण सहयोग दिवस’ का आयोजन किया जाता है। मूलतः ‘दक्षिण-दक्षिण सहयोग’ का आशय ‘ग्लोबल साउथ’ की परिधि में आने वाले विकासशील देशों के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है। साथ ही यह दिवस विकासशील देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने हेतु संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों पर भी प्रकाश डालता है। दक्षिण-दक्षिण सहयोग विकासशील देशों को ज्ञान, कौशल, विशेषज्ञता और संसाधनों को साझा करने में मदद करता है, ताकि उनके विकास लक्ष्यों को सतत् प्रयासों के माध्यम से पूरा किया जा सके। यह पहल ‘ग्लोबल साउथ’ के लोगों के बीच एकजुटता की अभिव्यक्ति है जो उनके राष्ट्रीय कल्याण, उनकी राष्ट्रीय और सामूहिक आत्मनिर्भरता तथा सतत् विकास हेतु वर्ष 2030 एजेंडा सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहमत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान देता है। यह दिवस 138 सदस्य देशों द्वारा विकासशील देशों के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने और लागू करने हेतु वर्ष 1978 में ‘ब्यूनस आयर्स प्लान ऑफ एक्शन’ (BAPA) को अपनाने की याद में भी मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 15 सितंबर
- प्रत्येक वर्ष 15 सितंबर को विश्व भर में ‘अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस आम जनमानस को विश्व भर में लोकतंत्र की स्थिति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लोकतंत्र समावेश, समान व्यवहार और भागीदारी पर बनाया गया है और केवल अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, राष्ट्रीय शासी निकाय, नागरिक समाज व आम जनमानस की पूर्ण भादीगारी के माध्यम से ही जीवंत लोकतंत्र का निर्माण किया जा सकता है। एक जीवंत लोकतंत्र का निर्माण किया जाना महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह मानवाधिकारों की रक्षा हेतु अनिवार्य होता है। यह दिवस वर्ष 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से विभिन्न देशों की सरकारों को अपने देश में लोकतंत्र को मज़बूत और समेकित करने के लिये प्रोत्साहित करने हेतु स्थापित किया गया था, इसके पश्चात् वर्ष 2008 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का आयोजन किया गया।
मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस 17 सितंबर
- महाराष्ट्र में प्रतिवर्ष 17 सितंबर को ‘मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस हैदराबाद के निज़ाम के भारतीय सैनिकों द्वारा पराजित होने के बाद मराठवाड़ा क्षेत्र के भारतीय संघ में विलय की वर्षगाँठ को चिह्नित करता है। गौरतलब है कि 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई तो रियासतों को नव निर्मित राष्ट्रों- भारत और पाकिस्तान में से किसी एक में शामिल होने अथवा स्वतंत्र रहने का विकल्प दिया गया था। कुछ ही समय में हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर जैसी कुछ रियासतों को छोड़कर अधिकांश रियासतों का भारतीय संघ में विलय हो गया। निज़ाम मीर उस्मान अली खान बहादुर के शासन में हैदराबाद ने स्वतंत्र रहने का निर्णय किया। भारतीय संघ की एकता के लिये किसी भी चुनौती को समाप्त करने हेतु भारत सरकार ने हैदराबाद रियासत को शामिल करने के लिये ‘ऑपरेशन पोलो’ की शुरुआत की, हैदराबाद की तत्कालीन रियासत में तेलंगाना, मराठवाड़ा और कर्नाटक के चार ज़िले शामिल थे। इस अभियान की शुरुआत के बाद 17 सितंबर, 1948 को निज़ाम की सेना के प्रमुख ‘अल इदरीस’ ने आत्मसमर्पण कर दिया। कुछ ही समय में निज़ाम ने भी आत्मसमर्पण कर दिया और हैदराबाद रियासत को भारतीय संघ में शामिल कर लिया गया।
विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 17 सितंबर
- दुनिया भर में रोगी सुरक्षा के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य देखभाल के प्रति आम जनमानस की प्रतिबद्धता को मज़बूत करने हेतु प्रतिवर्ष 17 सितंबर को ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’ का आयोजन किया जाता है। 72वीं विश्व स्वास्थ्य सभा ने मई 2019 में ‘रोगी सुरक्षा पर वैश्विक कार्रवाई’ पर संकल्प को अपनाकर 17 सितंबर को ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’ की स्थापना की थी। ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’ रोगी सुरक्षा पर वार्षिक वैश्विक मंत्रिस्तरीय शिखर सम्मेलन की एक शृंखला की आधारशिला है जो वर्ष 2016 में लंदन में शुरू हुई थी। वर्ष 2021 में ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’ का आयोजन ‘सुरक्षित मातृत्त्व एवं नवजात देखभाल’ विषय के साथ किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आँकड़ों के मुताबिक, प्रतिदिन लगभग 810 महिलाओं की मृत्यु गर्भावस्था एवं प्रसव संबंधी परिहार्य कारणों से हो जाती है। इसके अलावा, स्वास्थ्य देखभाल की कमी के कारण प्रतिदिन पाँच वर्ष से कम उम्र के लगभग 6700 शिशुओं की मृत्यु होती है, जो कि कुल मौतों का 47 प्रतिशत है। इस दिवस का लक्ष्य प्रसव एवं प्रसव के दौरान सभी महिलाओं तथा नवजात शिशुओं को होने वाले अनावश्यक जोखिम एवं क्षति को कम करना है, साथ ही यह गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के प्रावधान की भी वकालत करता है।
अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस 21 सितंबर
- विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 21 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों और नागरिकों के बीच शांति व्यवस्था कायम रखने के लिये प्रयास करना एवं अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों तथा विवादों पर विराम लगाना है। वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम ‘रिकवरिंग बेटर फॉर एन इक्विटेबल एंड सस्टेनेबल वर्ल्ड’ रखी गई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिवस को अहिंसा और संघर्ष विराम के अवलोकन के माध्यम से शांति के आदर्शों को मज़बूत करने हेतु एक दिवस के रूप में घोषित किया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1981 में अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मनाने की घोषणा की थी, जिसके पश्चात् पहली बार वर्ष 1982 में इस दिवस का आयोजन किया गया था। वर्ष 1982 से लेकर वर्ष 2001 तक सितंबर माह के तीसरे मंगलवार को विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता था, किंतु वर्ष 2002 से इसके लिये 21 सितंबर की तारीख निर्धारित कर दी गई है।
विश्व बाँस दिवस 18 सितंबर
- वैश्विक स्तर पर बाँस उद्योग के संरक्षण और जागरूकता को बढ़ावा देने हेतु प्रतिवर्ष 18 सितंबर को ‘विश्व बाँस दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक लक्ष्य बाँस के लाभों के संबंध में जागरूकता फैलाना और रोज़मर्रा के उत्पादों में इसके उपयोग को बढ़ावा देना है। वर्ष 2009 में बैंकाक (थाईलैंड) में आयोजित 8वीं विश्व बाँस काॅन्ग्रेस में ‘विश्व बाँस संगठन’ ने आधिकारिक रूप से 18 सितंबर को विश्व बाँस दिवस (WBD) मनाए जाने की घोषणा की थी। विश्व बाँस संगठन का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों एवं पर्यावरण की रक्षा के लिये इसके स्थायी उपयोग सुनिश्चित करने हेतु दुनिया भर में बाँस की खेती को बढ़ावा देना और साथ ही सामुदायिक आर्थिक विकास के लिये स्थानीय रूप से इसके पारंपरिक उपयोग को बढ़ावा देना है। बाँस को ‘ग्रीन गोल्ड’ के रूप में भी जाना जाता है। बाँस का विकास काफी तेज़ी से होता है और इसमें बहुमुखी क्षमता मौजूद होती है।
अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस 23 सितंबर
- बधिर लोगों के मानवाधिकारों की पूर्ण प्राप्ति में सांकेतिक भाषा के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु प्रतिवर्ष 23 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस’ का आयोजन किया जाता है। ‘अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस’ का प्रस्ताव बधिर लोगों के 135 राष्ट्रीय संघों के संघ- ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ’ (WFD) ने रखा। इस प्रस्ताव को 19 दिसंबर, 2017 को सर्वसम्मति से अपनाया गया। इस प्रकार वैश्विक स्तर पर पहला ‘अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस’ का आयोजन वर्ष 2018 में किया गया था। वर्ष 1951 की 23 सितंबर की तारीख ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ’ की स्थापना का प्रतीक है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस की थीम ‘वी साइन फॉर ह्यूमन राइट्स’ है। यह विषय इस बात को रेखांकित करता है कि किस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति जीवन के सभी क्षेत्रों में सांकेतिक भाषाओं का उपयोग करके बाधिर व्यक्तियों के मानवाधिकारों को मज़बूत कर सकता है। ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ’ के आँकड़ों की मानें तो दुनिया भर में 70 मिलियन से अधिक बधिर व्यक्ति हैं। ज्ञात हो कि सांकेतिक भाषा संप्रेषण का एक माध्यम है, जहाँ हाथ के इशारों और शरीर तथा चेहरे के हाव-भावों का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार सांकेतिक भाषाएँ बोली जाने वाली भाषाओं से संरचनात्मक रूप से अलग होती हैं और इनका प्रयोग अधिकांशतः श्रवण बाधित लोगों द्वारा किया जाता है।
हाइफा दिवस 23 सितंबर
- प्रत्येक वर्ष 23 सितंबर को भारतीय सेना द्वारा हाइफा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हाइफा दिवस का मुख्य उद्देश्य हाइफा के युद्ध में लड़ने वाले भारतीय सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करना है। हाइफा का युद्ध 23 सितंबर, 1918 को हुआ था, जिसमें जोधपुर, मैसूर तथा हैदराबाद के सैनिकों, जो कि 15 इंपीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड का हिस्सा थे, ने मित्र राष्ट्रों की ओर से प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लेकर जर्मनी व तुर्की के आधिपत्य वाले इज़राइल के ‘हाइफा शहर’ को मुक्त करवाया था। इस युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों को सम्मान देते हुए बीते वर्ष भारत सरकार ने दिल्ली स्थित विख्यात तीन मूर्ति मेमोरियल को तीन मूर्ति हाइफा मेमोरियल के रूप में पुनः नामित किया था।
विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर
- प्रतिवर्ष 27 सितंबर को ‘विश्व पर्यटन संगठन’ (UNWTO) की स्थापना को चिह्नित करने हेतु ‘विश्व पर्यटन दिवस’ का आयोजन किया जाता है। ‘विश्व पर्यटन संगठन’ की स्थापना इसी दिन वर्ष 1980 में वैश्विक स्तर पर सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक मूल्यों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के विकास में पर्यटन की भूमिका को रेखांकित करने के उद्देश्य से की गई थी। वर्तमान में ‘विश्व पर्यटन संगठन’ संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के रूप में कार्यरत है, जो सतत् एवं सार्वभौमिक रूप से सुलभ पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु उत्तरदायी है। मौजूदा महामारी के बाद रिकवरी के दौर में वैश्विक स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देना काफी महत्त्वपूर्ण है। ज्ञात हो कि बीते वर्ष महामारी के कारण 90% विश्व धरोहर स्थल बंद हो गए थे, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण समुदायों के अधिकांश युवा बेरोज़गार गए। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि विकासशील देशों में गरीबी का मुकाबला करने हेतु ‘पर्यटन क्षेत्र’ एक महत्त्वपूर्ण उपकरण के तौर पर कार्य कर सकता है। वर्ष 2021 के लिये ‘विश्व पर्यटन दिवस’ की थीम है- ‘समावेशी विकास हेतु पर्यटन’।
विश्व फार्मासिस्ट दिवस 25 सितंबर
- दुनिया भर में प्रतिवर्ष 25 सितंबर को स्वास्थ्य में सुधार हेतु ‘फार्मासिस्ट’ की भूमिका को रेखांकित करने के लिये ‘विश्व फार्मासिस्ट दिवस’ का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2021 के लिये ‘विश्व फार्मासिस्ट दिवस’ की थीम है- ‘फार्मेसी: ऑलवेज़ ट्रस्टेड टू योर हेल्थ’। दुनिया भर में फार्मासिस्ट, आम लोगों को बेहतर दवाएँ प्राप्त करने में मदद करते हैं और उन्हें स्थानीय स्तर पर चिकित्सीय सलाह भी प्रदान करते हैं। ज्ञात हो कि इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन (FIP), जो कि फार्मासिस्ट और फार्मास्युटिकल वैज्ञानिकों के राष्ट्रीय संघों का वैश्विक महासंघ है, 25 सितंबर, 1912 को अस्तित्व में आया था। विश्व फार्मासिस्ट दिवस की स्थापना वर्ष 2009 में इस्तांबुल (तुर्की) में ‘वर्ल्ड काॅन्ग्रेस ऑफ फार्मेसी एंड फार्मास्युटिकल साइंसेज़’ में इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन (FIP) काउंसिल द्वारा की गई थी।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थापना दिवस 27 सितंबर
- 27 सितंबर, 2021 को ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण’ का स्थापना दिवस आयोजित किया गया। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत में आपदा प्रबंधन के लिये शीर्ष वैधानिक निकाय है। औपचारिक रूप से इसका गठन 27 सितंबर, 2006 को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत किया गया था। प्रधानमंत्री इसका अध्यक्ष होता है और इसके अलावा अन्य नौ सदस्यों की नियुक्ति की जाती है, इनमें से एक सदस्य को उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया जाता है। इसका प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के दौरान प्रतिक्रियाओं हेतु समन्वय कायम करना और आपदा-प्रत्यास्थ (आपदाओं में लचीली रणनीति) व संकटकालीन प्रतिक्रिया हेतु क्षमता निर्माण करना है। यह आपदाओं के संबंध में समय पर प्रभावी प्रतिक्रिया के लिये आपदा प्रबंधन नीतियाँ, योजनाएँ और दिशा-निर्देश तैयार करने हेतु यह एक शीर्ष निकाय है। इसके अलावा अधिनियम के तहत भारत में आपदा प्रबंधन और उसके प्रति एक समग्र व एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करने हेतु संबंद्ध राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में ‘राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों’ (SDMAs) की स्थापना की परिकल्पना की गई है।
सैन्य इंजीनियरिंग सेवा दिवस 26 सितंबर
- 26 सितंबर, 2021 को 99वें ‘सैन्य इंजीनियरिंग सेवा दिवस’ का आयोजन किया गया। यह दिवस ‘सैन्य इंजीनियरिंग सेवा’ की स्थापना को चिह्नित करता है। 26 सितंबर, 1923 को स्थापित ‘सैन्य इंजीनियरिंग सेवा’ भारतीय सेना के ‘कोर ऑफ इंजीनियर्स’ के स्तंभों में से एक है, जो सशस्त्र बलों को रियर लाइन इंजीनियरिंग सहायता प्रदान करती है। यह लगभग 30000 करोड़ रुपए के कुल वार्षिक कार्यभार के साथ भारत में सबसे बड़ी निर्माण एवं रखरखाव एजेंसियों में से एक है। ‘सैन्य इंजीनियरिंग सेवा’ की विभिन्न इकाइयाँ और उप-इकाइयाँ देश भर में फैली हुई हैं, यह मुख्य तौर पर थल सेना, वायु सेना, नौसेना, आयुध कारखानों, सीमा सड़क संगठन तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की विभिन्न संरचनाओं को इंजीनियरिंग सहायता प्रदान करती है। ‘सैन्य इंजीनियरिंग सेवा’ ने कोविड-19 से मुकाबले में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जनवरी 2021 में सैन्य इंजीनियरिंग सेवा द्वारा पुणे में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं वाले एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया गया।
विश्व हृदय दिवस 29 सितंबर
- हृदय रोगों, उनकी रोकथाम और वैश्विक प्रभाव के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व भर में 29 सितंबर को ‘विश्व हृदय दिवस’ का आयोजन किया जाता है। विश्व हृदय दिवस की स्थापना सर्वप्रथम वर्ष 1999 में ‘वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन’ (WHF) ने ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (WHO) के साथ मिलकर की थी और यह दिवस सर्वप्रथम वर्ष 2000 में आयोजित किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा एकत्रित आँकड़ों के अनुसार, हृदय रोग (CVDs) के कारण प्रत्येक वर्ष लगभग 17.9 मिलियन लोगों की मृत्यु हो जाती है। इस प्रकार वैश्विक स्तर पर होने वाली कुल मौतों में 31 प्रतिशत मौतें हृदय संबंधी रोगों के कारण होती हैं। हृदय रोग (CVDs) संबंधी रोग मुख्य तौर पर तंबाकू, अस्वास्थ्यकर भोजन, शारीरिक गतिविधियों का अभाव और शराब के अत्यधिक उपयोग के कारण उत्पन्न होते हैं। इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य हृदय रोगों के संबंध में लोगों को शिक्षित करना है, ताकि तंबाकू का उपयोग, अस्वास्थ्यकर आहार और शारीरिक निष्क्रियता जैसे जोखिम वाले कारकों को नियंत्रित करके हृदय रोग से होने वाली कम-से-कम 80 प्रतिशत मौतों को रोका जा सके।
विश्व रेबीज़ दिवस 28 सितंबर
- रेबीज़ और इसकी रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज़ दिवस मनाया जाता है। यह दिवस फ्रांँस के प्रसिद्ध जीवविज्ञानी ‘लुई पाश्चर’ की पुण्यतिथि के अवसर पर 28 सितंबर को मनाया जाता है, जिन्होंने पहला रेबीज़ टीका विकसित कर रेबीज़ की रोकथाम की नींव रखी थी। वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम- ‘रेबीज़: फैक्ट, नॉट फियर’ (Rabies: Facts, not Fear) रखी गई है। रेबीज़ एक विषाणु जनित रोग है। यह वायरस अधिकांशतः रेबीज़ से पीड़ित जानवरों जैसे- कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि की लार में मौजूद होता है। आँकड़ों के अनुसार, मनुष्यों के लगभग 99 प्रतिशत मामलों में रेबीज़ का कारण कुत्ते का काटना है। पागल जानवर के काटने और रेबीज़ के लक्षण दिखाई देने की समयावधि चार दिनों से लेकर दो वर्ष तक या कभी-कभी उससे भी अधिक हो सकती है। इसलिये घाव से वायरस को जल्द-से-जल्द हटाना ज़रूरी होता है।
विश्व समुद्री दिवस 30 सितंबर
- विश्व की अर्थव्यवस्था में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री उद्योगों खासतौर पर शिंपिंग उद्योग के योगदान को चिह्नित करने के लिये वैश्विक स्तर पर 30 सितंबर, 2021 को ‘विश्व समुद्री दिवस’ का आयोजन किया गया। यद्यपि इस दिवस के आयोजन की तारीख प्रत्येक देश की सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है, किंतु आमतौर पर यह दिवस सितंबर माह के अंतिम ‘गुरुवार’ (Thursday) को मनाया जाता है। विश्व समुद्री दिवस का मुख्य उद्देश्य समुद्री सुरक्षा, शिपिंग सुरक्षा और समुद्री पर्यावरण के महत्त्व के संबंध में जागरूकता पैदा करना है। पहली बार विश्व समुद्री दिवस 17 मार्च, 1978 को आयोजित किया गया था। उल्लेखनीय है कि विश्व एक सुरक्षित और कुशल अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग उद्योग पर निर्भर करता है, जो कि स्थायी रूप से भविष्य में हरित आर्थिक विकास के किसी भी कार्यक्रम का एक अनिवार्य घटक है। आँकड़ों की माने तो अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग उद्योग, विश्व भर में आम लोगों और समुदायों के लिये वैश्विक व्यापार का 80 प्रतिशत से अधिक परिवहन करता है।
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