राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2023 : राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 11 नवंबर को क्यों मनाया जाता है | National Education Day 2021

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2023 : राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 11 नवंबर को क्यों मनाया जाता है   

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2021 : राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 11 नवंबर को क्यों मनाया जाता है | National Education Day 2021



राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 11 नवंबर को क्यों मनाया जाता है 

  • 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप मे देश भर में मनाया गया। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • पहली बार राष्ट्रीय शिक्षा दिवस वर्ष 2008 मे मनाया गया था । 


मौलाना अबुल कलाम आजाद महत्वपूर्ण जानकारी 

  • मौलाना कलाम स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री ,एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी,बेहतरीन लेखक व एक उच्च शिक्षाविद भी थे।
  • मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म मक्का,सऊदी अरब में 1888 में हुआ था,जो उस वक्त आँटोमन साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। 1890 में वे अपने परिवार के साथ कलकत्ता आ गये और यही रहकर उन्होने अपनी शिक्षा ग्रहण की।
  • मौलाना कलाम शुरूआत से ही बहुत तार्किक थे और उन्होनें हमेशा से ही अग्रेजों की साम्राज्यवादी नीतिओं का विरोध किया व मुस्लिमो को साम्प्रदायिता की सोंच से दूर रखने का भरसक प्रयास किया।
  • उनका राजनैतिक सफर 1905 से बंगाल के विभाजन के बाद शुरू हुआ जब वे अरब्रिन्द घोष और श्याम सुन्दर चक्रवर्ती जैसे बंगाल के नेताओं के संपर्क में आये।
  • 1920 के बाद से हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के हर बड़े आन्दोलन में उन्होने भाग लिया। इतना ही नहीं 1923 व 1940 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में वे अध्यक्ष पद के लिये भी चुने गये।
  • उनके द्वारा 1912 में शुरू किये गये राष्ट्रवादी साप्ताहिक अखबार अल-हिलाल’ ने उन्हे काफी प्रसिद्धि दिलाई
  • असहयोग आंदोलन में भाग लेने के बाद वे गाँधी जी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक हो गये व उनकी विचारधारा का प्रचार प्रसार करने लगे।
  • भारत आये कैबिनेट मिशन के साथ बातचीत करने के लिये व समझौता करने के लिये कांग्रेस द्वारा बनाई गई कमेटी के वे मुख्य वार्ताकारों में से एक थे।
  • उन्होने साम्प्रदायिक आधार पर देश के बँटवारे का पुरजोर विरोध किया


मौलाना आजाद के स्वतंत्र भारत मे योगदान 

  • एक शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होनें Quality education या गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात कही,उन्होने स्कूलों को एक प्रयोगशाला बताया जहाँ देश का भविष्य पलता है।
  • उन्होने महिलाओं की शिक्षा पर विशेष जोर दिया ।
  • उनकी सोच कितनी दूरगामी थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होने भारत के कुछ सबसे प्रमुख संस्थानों की नींव डाली
  • इन संस्थानों में Indian Institute of Technology यानि (IIT),Indian Institute of Science यानि IISC, School of planning and Architecture और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि UGC आदि आते है।
  • इसके साथ ही संस्कृति व साहित्य के सबसे प्रमुख केन्द्रों जैसे संगीत नाटक अकादमी,ललित कला अकादमीसाहित्य अकादमी आदि भी उनके ही कार्य काल के दौरान स्थापित किये गये।
  • भारत देश को उनके द्वारा दिये गये इस योगदान के कारण उन्हे मरणोपरान्त 1992 में भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।
  • साथ ही 2008 से हर साल 11 नंवबर का दिन उनकी याद में शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है प्रथम शिक्षा दिवस का उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने 2008 में विज्ञान भवन नई,दिल्ली में किया था।

शिक्षक दिवस 5 सितंबर

  • 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर उनकी याद में प्रतिवर्ष पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • विश्व शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 अक्तूबर को शिक्षकों की स्थिति से संबंधित 1966 अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन/यूनेस्को अनुशंसा को अपनाने की वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
  • यह उपकरण शिक्षकों के अधिकारों तथा ज़िम्मेदारियों और उनकी प्रारंभिक तैयारी व आगे की शिक्षाभर्तीरोज़गारशिक्षण एवं सीखने की स्थिति के मानकों को निर्धारित करता है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

  • उनका जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुट्टनी में हुआ था। वे एक शिक्षकदार्शनिकलेखक और राजनीतिज्ञ थे।
  • वह भारत के पहले उपराष्ट्रपति (1952-1962) और वर्ष 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।
  • उन्हें 1931 में नाइटहुड से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1954 में उन्हें भारत रत्न (भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1963 में उन्हें ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट की मानद सदस्यता मिली।



विश्व शिक्षक दिवस 05 अक्टूबर

  • विश्वभर में 05 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस (World Teachers Day) मनाया जाता है। इसे अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस (International Teachers Day) के रूप में भी जाना जाता है। यह दिवस दुनिया में शिक्षकों की स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। 
  • यूनेस्को और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के बीच वर्ष 1966 में हुई बैठक में इसका निर्णय लिया गया था। विश्व शिक्षक दिवस न केवल शिक्षकों के लिये बल्कि छात्रों के लिये भी एक विशेष दिन है। इस दिन, शिक्षकों और सेवानिवृत्त शिक्षकों को उनके विशेष योगदान के लिये सम्मानित किया जाता है। प्रत्येक वर्ष यूनिसेफ, यूएनडीपी, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और यूनेस्को द्वारा एक साथ मिलकर विश्व शिक्षक दिवस के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। 

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