अक्टूबर 2021 में चर्चा में रहे व्यक्तित्व October Ke Me Charchit Vyakti
अक्टूबर 2021 में चर्चा में
रहे व्यक्तित्व October Ke Me Charchit Vyakti
चर्चित व्यक्ति 2021 Person in News 2021
शिवाजी गणेशन
- 1 अक्तूबर, 2021 को अमेरिकी सर्च इंजन गूगल ने दिवंगत अभिनेता शिवाजी गणेशन की 93वीं जयंती पर उन्हें डूडल के माध्यम से श्रद्धांजलि दी।
- दक्षिण भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता शिवाजी गणेशन का जन्म 1 अक्तूबर, 1928 को मद्रास प्रेसीडेंसी (वर्तमान तमिलनाडु) में विल्लुपुरम में हुआ था। मात्र सात वर्ष की आयु में उन्होंने एक थिएटर ग्रुप में शामिल होने के लिये अपना घर छोड़ दिया।
- दिसंबर 1945 में शिवाजी गणेशन ने ‘शिवाजी कांडा हिंदू राज्यम’ नामक एक नाटक में मराठा शासक शिवाजी का किरदार निभाया। शिवाजी गणेशन ने अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1952 की तमिल फिल्म ‘पराशक्ति’ से की थी। यद्यपि वह मुख्य रूप से तमिल सिनेमा में सक्रिय थे, किंतु गणेशन ने अपने संपूर्ण कॅरियर में 300 से अधिक फिल्मों में कार्य किया, जिनमें तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और हिंदी जैसी भाषाओं की फिल्में भी शामिल हैं। लगभग पाँच दशक लंबे अपने कॅरियर में शिवाजी गणेशन ने कई पुरस्कार जीते। उन्हें ‘एफ्रो-एशियन फिल्म फेस्टिवल’ (काहिरा-मिस्र) में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- गणेशन जिन्होंने राजनीति में भी सक्रिय रूप से कार्य किया, को ‘लॉस एंजिल्स टाइम्स’ ने “दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग के मार्लन ब्रैंडो" के रूप में वर्णित किया था। 21 जुलाई, 2001 को 72 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था।
नजला बौडेन रोमधाने
- ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति कैस सैयद ने ‘नजला बौडेन रोमधाने’ को प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया है। इस प्रकार ‘नजला बौडेन रोमधाने’ ट्यूनीशिया की पहली महिला प्रधानमंत्री बन गई हैं।
- वर्ष 1958 में ट्यूनीशिया के केंद्रीय ‘कैरौआन प्रांत’ में जन्मीं नजला रोमधाने, ट्यूनिस (ट्यूनीशिया की राजधानी) स्थित ‘नेशनल स्कूल ऑफ इंजीनियर्स’ में भूविज्ञान की प्रोफेसर हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्त से पूर्व नजला रोमधाने को विश्व बैंक विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करने हेतु ‘उच्च शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय’ का कार्यभार सौंपा गया था। ज्ञात हो कि ट्यूनीशिया, उत्तरी अफ्रीका का एक देश है, जो अल्जीरिया और लीबिया के बीच भूमध्य सागर की सीमा पर स्थित है। साथ ही यह इटली के साथ समुद्री सीमा साझा करता है।
- ट्यूनीशिया को ‘अरब स्प्रिंग’ की उत्पत्ति वाले देश के रूप में जाना जाता है, जो वर्ष 2011 में उत्तरी अफ्रीका तथा मध्य पूर्व के विभिन्न देशों में सरकारों के खिलाफ शुरू हुआ एक विद्रोह था।
कुमारस्वामी कामराज
- 15 जुलाई, 2021 को तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ‘कुमारस्वामी कामराज’ की जयंती मनाई गई। गौरतलब है कि कुमारस्वामी कामराज ने वर्ष 1964 में जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद भारत की राजनीति को आकार देने में अग्रणी भूमिका निभाई थी। उनका जन्म 15 जुलाई, 1903 को तमिलनाडु के एक गरीब परिवार में हुआ था। जब वह अठारह वर्ष के थे, तब गांधीजी के आह्वान पर अंग्रेज़ों के खिलाफ असहयोग के लिये वे स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए। अप्रैल 1930 में कामराज, वेदारण्यम में नमक सत्याग्रह आंदोलन में शामिल हुए और उन्हें दो वर्ष की जेल की सज़ा सुनाई गई। वर्ष 1937 में के. कामराज मद्रास विधानसभा में निर्विरोध निर्वाचित हुए। वर्ष 1946 में वह भारत की संविधान सभा और बाद में वर्ष 1952 में संसद के लिये भी चुने गए।
- वर्ष 1954 में वह मद्रास के मुख्यमंत्री बने। वर्ष 1963 में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सुझाव दिया कि काॅन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को संगठनात्मक कार्य करने के लिये मंत्री पद छोड़ देना चाहिये, इस सुझाव को 'कामराज योजना' के नाम से जाना जाता है। 9 अक्तूबर, 1963 को कामराज को भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। 2 अक्तूबर, 1975 को के. कामराज की मृत्यु हो गई और वर्ष 1976 में उन्हें मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था।
फुमियो किशिदा
- जापान की संसद ने पूर्व विदेश मंत्री ‘फुमियो किशिदा’ को देश के नए प्रधानमंत्री के तौर पर चुना है। वे जापान के 100वें प्रधानमंत्री होंगे। वे प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा का स्था न लेंगे। गौरतलब है कि बीते दिनों पूर्व प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। 64 वर्षीय फुमियो किशिदा एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता और दादा दोनों जापान की प्रतिनिधि सभा के सदस्य थे। वह वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के बीच विदेश मंत्री के पद पर रहे। फुमियो किशिदा, मूलतः हिरोशिमा से संबंधित हैं और अपने गृह नगर पर परमाणु हथियारों के प्रभाव को देखते हुए इनके उपयोग का कड़ा विरोध करते हैं। ज्ञात हो कि जापान में एक बहुदलीय, द्विसदनीय और प्रतिनिधि लोकतांत्रिक संवैधानिक राजतंत्र है। जापान ने संविधान की सर्वोच्चता के साथ एकात्मक मॉडल को अपनाया है। जापान की शासन प्रणाली में भी विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका शामिल हैं। जापान का सम्राट राज्य का प्रमुख होता है और प्रधानमंत्री, सरकार एवं मंत्रिमंडल का प्रमुख होता है। सम्राट के पास नाममात्र के औपचारिक अधिकार होते हैं।
’मारिया रसा’ और रूस के पत्रकार ‘दिमित्री मुरातोफ’ नोबेल
- वर्ष 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार हेतु फिलीपींस की पत्रकार ’मारिया रसा’ और रूस के पत्रकार ‘दिमित्री मुरातोफ’ को चुना गया है। अभिव्य्क्ति की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें यह पुरस्कािर प्रदान किया जा रहा है। नॉर्वे की नोबेल पुरस्का र समिति ने शांति और लोकतंत्र की रक्षा में इन दोनों पत्रकारों के निर्भीक योगदान का उल्लेीख करते हुए कहा है कि दोनों पत्रकारों ने अपने देश में सच्चाोई और प्रेस की स्वउतंत्रता हेतु निर्भय होकर कार्य किया है। नोबेल पुरस्कार भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य और शांति के क्षेत्र में दिये जाने वाले वार्षिक पुरस्कारों की एक शृंखला है। स्वीडिश वैज्ञानिक ‘अल्फ्रेड नोबेल’ की वसीयत के माध्यम से वर्ष 1895 में पाँच श्रेणियों में नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की गई थी। नोबेल शांति पुरस्कार ‘नोबेल फाउंडेशन’ द्वारा विश्व स्तर पर शांति के लिये किये गए प्रयासों हेतु प्रदान किया जाता है। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में संयुक्त राष्ट्र के ‘विश्व खाद्य कार्यक्रम’ (WFP) को ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख
- 11 अक्तूबर, 2020 को देश भर में लोकनायक ‘जयप्रकाश नारायण’ और ‘नानाजी देशमुख’ की जयंती मनाई गई। जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्तूबर, 1902 को बलिया (उत्तर प्रदेश) ज़िले में हुआ था। जयप्रकाश नारायण की शिक्षा अमेरिका के विश्वविद्यालयों में हुई, जहाँ वे मार्क्सवादी विचारधारा के समर्थक बन गए। वर्ष 1929 में भारत लौटने पर वह ‘भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस’ में शामिल हो गए। वर्ष 1932 में उन्हें भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लेने पर एक वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई गई थी। उन्होंने काॅन्ग्रेस पार्टी के भीतर एक वामपंथी समूह ‘काॅन्ग्रेस सोशलिस्ट पार्टी’ के गठन में अग्रणी भूमिका निभाई। वर्ष 1952 में उन्होंने ‘प्रजा सोशलिस्ट पार्टी’ की स्थापना की। स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान और गरीबों एवं दलितों के उत्थान के लिये जयप्रकाश नारायण को मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया। वहीं समाजिक कार्यकर्त्ता और राजनीतिज्ञ नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्तूबर, 1916 को महाराष्ट्र के ‘परभणी’ ज़िले में हुआ था। नानाजी देशमुख लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सदस्य और जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे। बाद में वह जनता पार्टी व भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बन गए। उन्हें वर्ष 1974 में आपातकाल के खिलाफ जय प्रकाश नारायण द्वारा शुरू किये गए आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक माना जाता है। उन्हें वर्ष 1999 में पद्मविभूषण और मरणोपरांत वर्ष 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
अमित खरे
- हाल ही में पूर्व आईएएस अधिकारी अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है। ‘कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग’ द्वारा इस संबंध में जारी अधिसूचना के मुताबिक, प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में अमित खरे की नियुक्ति दो वर्ष के लिये की गई है। ज्ञात हो कि अमित खरे वर्ष 1985 बैच के बिहार/झारखंड कैडर के अधिकारी हैं। उन्होंने दिसंबर 2019 में शिक्षा मंत्रालय (उच्च शिक्षा विभाग) के सचिव का पदभार ग्रहण किया था और उन्हीं की देखरेख में 29 जुलाई, 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंज़ूरी दी गई थी।
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती
- 15 अक्तूबर, 2021 को देश भर में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती मनाई गई। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने वर्ष 2002 से वर्ष 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। वे न केवल एक सुविख्यात एयरोस्पेस वैज्ञानिक थे, बल्कि महान शिक्षक भी थे, जिन्होंने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ काम किया था। डॉ. कलाम वर्ष 1962 में ‘इसरो’ से जुड़े और वहाँ उन्हें प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (SLV- lll) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल हुआ। डॉ. कलाम भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं। डॉ. कलाम ने अपने ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ के दर्शन से भारत समेत दुनिया भर के लाखों युवाओं को प्रेरित किया है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने डॉ. कलाम के जन्म दिवस को चिह्नित करते हुए वर्ष 2010 में 15 अक्तूबर को ‘विश्व छात्र दिवस’ के रूप में नामित किया था। डॉ. कलाम की उपलब्धियों को इस बात से समझा जा सकता है कि उन्हें भारत एवं विदेशों के 48 विश्वविद्यालयों और संस्थानों द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। उन्होंने वर्ष 1992 से वर्ष 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में भी कार्य किया। डॉ. कलाम को वर्ष 1981 में पद्म भूषण, वर्ष 1990 में पद्म विभूषण और वर्ष 1997 में ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।
बांग्लादेश में महान सूफी संत ‘लालन फकीर’
- 16 अक्तूबर, 2021 को बांग्लादेश में महान सूफी संत ‘लालन फकीर’ की 131वीं पुण्यतिथि के अवसर पर बांग्लादेश शिल्पकला अकादमी द्वारा 'लालन स्मरण उत्सव' का आयोजन किया गया। लालन फकीर का जन्म बांग्लादेश के कुश्तिया ज़िले के हरीशपुर गाँव (1774) में एक कुलिन हिंदू कायस्थ परिवार में हुआ था, हालाँकि उनका पालन-पोषण एक मुस्लिम परिवार में हुआ। ‘फकीर लालन शाह’ अविभाजित हिंदुस्तान खासतौर पर बंगाल क्षेत्र में अपने समय के एक महान रहस्यवादी संत, दार्शनिक और समाज सुधारक थे। लालन ‘शिराज शाह फकीर’ के शिष्य थे और ‘लालन शाह फकीर’ के नाम से प्रसिद्ध हुए। वह न केवल एक बंगाली संत थे बल्कि एक गीतकार, दार्शनिक और समाज सुधारक भी थे। गरीब एवं अनपढ़ होने के बावजूद वे 19वीं सदी के दौरान बंगाल में धर्म के एकीकरण के प्रतीक के रूप में उभरे। उन्होंने अपने जीवनकाल में लगभग 10,000 गीतों की रचना की थी। उनके दर्शन में इस्लाम, वैष्णववाद और शाहजिया, बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म का सम्मिश्रण मिलता है। उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर, काजी नजरूल इस्लाम और अमेरिकी कवि एलन गिन्सबर्ग जैसी महान हस्तियों को प्रेरित और प्रभावित किया। 116 वर्ष की आयु में वर्ष 1890 में उनकी मृत्यु हो गई।
सर सैयद अहमद खान 204वीं जयंती
- 17 अक्तूबर, 2021 को देश भर में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की 204वीं जयंती मनाई गई। सर सैयद अहमद खान का जन्म वर्ष 1817 में एक ऐसे परिवार में हुआ जो मुगल दरबार के करीब था। वह कई प्रतिभाओं के धनी (सिविल सेवक, पत्रकार, शिक्षाविद, समाज सुधारक, इतिहासकार) थे। वर्ष 1857 के विद्रोह से पहले वह ब्रिटिश प्रशासन की सेवा में कार्यरत थे। भारतीय परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने वर्ष 1857 के विद्रोह के कारणों को स्पष्ट करने के लिये ‘द कॉज़ेज़ ऑफ द इंडियन रिवॉल्ट’ नामक पुस्तक लिखी। सर सैयद को उन महत्त्वपूर्ण मुस्लिम सुधारकों के रूप में जाना जाता है जिन्होंने मुस्लिम समाज के सुधार के लिये शैक्षिक अवसरों को बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाई। सर सैयद ने महसूस किया कि मुस्लिम समुदाय की प्रगति तभी संभव है, जब वह आधुनिक शिक्षा ग्रहण करेगा। इसके लिये उन्होंने अलीगढ़ आंदोलन की शुरुआत की। यह एक व्यवस्थित आंदोलन था जिसका मूल उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षिक स्थिति में सुधार करना था। हालाँकि बाद के वर्षों में सर सैयद द्वारा भारतीय मुसलमानों को राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल नहीं होने के लिये प्रोत्साहित किया गया जिसके कारण आलोचकों ने उन पर सांप्रदायिकता और अलगाववाद की विचारधारा को प्रोत्साहित करने का भी आरोप लगाया।
गीता गोपीनाथ
- एक हालिया घोषणा के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ अपने तीन वर्षीय कार्यकाल के बाद जनवरी 2022 में सेवामुक्त हो रही हैं। भारतीय मूल की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ, हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में प्रोफेसर के रूप में अपना कार्य पुनः शुरू करेंगी। विदित हो कि गीता गोपीनाथ ‘अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष’ की पहली महिला मुख्य अर्थशास्त्री और रघुराम राजन के बाद यह प्रतिष्ठित पद संभालने वाली दूसरी भारतीय थीं। वह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की 11वीं मुख्य अर्थशास्त्री बनी थीं। ‘अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष’ की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् युद्ध प्रभावित देशों के पुनर्निर्माण में सहायता के लिये विश्व बैंक (World Bank) के साथ की गई थी। इन दोनों संगठनों की स्थापना के लिये अमेरिका के ब्रेटन वुड्स में आयोजित एक सम्मेलन में सहमति बनी। इसलिये इन्हें ‘ब्रेटन वुड्स ट्विन्स’ (Bretton Woods Twins) के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष 1945 में स्थापित IMF विश्व के 190 देशों द्वारा शासित है तथा यह अपने निर्णयों के लिये इन देशों के प्रति उत्तरदायी है। भारत 27 दिसंबर, 1945 को IMF में शामिल हुआ था। ‘अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष’ का प्राथमिक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करना है।
आर.के. लक्ष्मिण 100वीं जयंती
- 24 अक्तूबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट ‘आर.के. लक्ष्मिण’ की 100वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ‘उनके कार्टूनों में सामाजिक-राजनीतिक वास्तंविकता का सजीव चित्रण रहता था।’ रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण का जन्म 24 अक्तूबर, 1921 को मैसूर में हुआ था और उनके पिता ‘आर.के. नारायण’ भी एक प्रसिद्ध उपन्यासकार थे। उच्च शिक्षा हेतु उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहाँ से उन्होंने कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1947 में उन्होंने बाल ठाकरे के साथ बॉम्बे में ‘द फ्री प्रेस जर्नल’ के लिये कार्टून बनाना शुरू किया। इसके पश्चात् वर्ष 1951 में वह ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ समूह में शामिल हो गए। आर.के. लक्ष्मयण को अपने संपूर्ण कॅरियर के दौरान कई महत्त्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त हुए जिसमें वर्ष 1973 में पद्मभूषण पुरस्कार, वर्ष 1984 में ‘रेमन मैग्सेसे पुरस्कार’ (नोबेल पुरस्कार के एशियाई समकक्ष) और वर्ष 2008 में पत्रकारिता के लिये लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड आदि शामिल हैं। वर्ष 2005 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
‘अलेक्सी नवालनी
- रूस के विपक्षी नेता और राजनीतिक कैदी ‘अलेक्सी नवालनी’ को हाल ही में यूरोपीय संसद के शीर्ष सम्मान ‘सखारोव प्राइज़ फॉर फ्रीडम ऑफ थॉट्स’ से सम्मानित किया गया है। ‘सखारोव पुरस्कार’ यूरोपीय संघ द्वारा प्रदान किया जाने वाला मानवाधिकार कार्यों से संबंधित सर्वोच्च सम्मान है। पहला ‘सखारोव पुरस्कार’ दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद विरोधी क्रांतिकारी नेल्सन मंडेला और सोवियत संघ के विद्रोही लेखक ‘अनातोली मार्चेंको’ को वर्ष 1988 में प्रदान किया गया था। यूरोपीय संघ द्वारा यह पुरस्कार प्रायः राजनीतिक विद्रोहियों, राजनीतिक लेखकों, पत्रकारों, वकीलों, लेखकों, अल्पसंख्यक नेताओं और आतंकवाद विरोधी समूहों को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के अन्य विजेताओं में मलाला यूसुफज़ई (2013), वेनेज़ुएला का मज़बूत लोकतांत्रिक विपक्ष (2017) और अर्थशास्त्र की प्रोफेसर व चीन के उइगर मुस्लिमों की वकालत करने वाले ‘इल्हाम तोहती’ (2019) शामिल हैं।
ओटो विख्तर्ले 108वीं जयंती
- विश्व प्रसिद्ध टेक कंपनी गूगल ने हाल ही में चेक केमिस्ट ‘ओटो विख्तर्ले’ की 108वीं जयंती पर डूडल बनाकर उन्हें सम्मानित किया। ओटो विख्तर्ले को आधुनिक सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस का आविष्कार करने के लिये जाना जाता है, जिसे वर्तमान में दुनिया भर में अनुमानित 140 मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जा रहा है। वर्ष 1913 में चेक गणराज्य (तत्कालीन ऑस्ट्रिया-हंगरी) के प्रोस्टेजोव में जन्मे ओटो विख्तर्ले ने वर्ष 1936 में ‘प्राग इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी’ से जैविक रसायन विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी। उन्होंने 1950 के दशक में ‘प्राग इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी’ में एक प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। वर्ष 1961 में ओटो विख्तर्ले ने विश्व का पहला सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस तैयार किया।
डॉ. कोचेरिल रमन नारायणन
- 27 अक्तूबर, 2021 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में पूर्व राष्ट्रपति ‘के.आर. नारायणन’ को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. कोचेरिल रमन नारायणन का जन्म 27 अक्तूबर, 1920 को केरल के कोट्टायम ज़िले के उझावूर में एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने त्रावणकोर विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। वर्ष 1944-45 में उन्होंने ‘द हिंदू’ और ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में पत्रकार के रूप में कार्य शुरू किया। 1944 में उन्हें लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्ययन के लिये प्रतिष्ठित टाटा छात्रवृत्ति से सम्मानित किया गया, जहाँ उन्होंने अर्थशास्त्र में ‘बैचलर ऑफ साइंस’ (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1948 में वे वापस भारत लौट आए और पंडित जवाहरलाल नेहरू के अनुरोध पर भारतीय विदेश सेवा में शामिल हो गए। वर्ष 1979-80 तक के.आर. नारायणन ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य किया। इसके पश्चात् वे सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए और लगातार तीन कार्यकाल (1984, 1989 और 1991) के लिये ओट्टापलम निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य रहे। वर्ष 1992 में वे भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए और बाद में 1997 में वे भारत के राष्ट्रपति के सर्वोच्च पद के लिये चुने गए। ज्ञात हो कि राष्ट्रपति नारायणन भारत के राष्ट्रपति का पद संभालने वाले पहले दलित थे।
कानो जिगोरो 161वीं जयंती
- विश्व प्रसिद्ध टेक कंपनी गूगल ने हाल ही में जूडो के जनक ‘कानो जिगोरो’ की 161वीं जयंती पर डूडल बनाकर उन्हें सम्मानित किया। वर्ष 1860 में ‘मिकेज’ (अब ‘कोबे’ का हिस्सा) में जन्मे ‘कानो जिगोरो’ 11 वर्ष की उम्र में अपने पिता के साथ टोक्यो चले गए। टोक्यो विश्वविद्यालय में एक छात्र के रूप में उन्होंने ‘जुजुत्सु मास्टर’ और पूर्व समुराई ‘फुकुदा हाचिनोसुके’ से प्रशिक्षण प्राप्त किया। मार्शल आर्ट के रूप में जूडो का जन्म पहली बार ‘जुजुत्सु’ के एक मैच के दौरान हुआ था, जब ‘कानो जिगोरो’ ने अपने से बड़े प्रतिद्वंद्वी को इसके माध्यम से पछाड़ दिया। वर्ष 1882 में कानो जिगोरो ने टोक्यो में ‘कोडोकन जूडो इंस्टीट्यूट’ खोला, जहाँ उन्होंने वर्षों तक जूडो के सिद्धांतों का विकास किया। वर्ष 1909 में कानो जिगोरो ‘अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति’ (IOC) के पहले एशियाई सदस्य बने और 1960 में IOC ने जूडो को एक आधिकारिक ओलंपिक खेल के रूप में मंज़ूरी दी। कानो जिगोरो को 14 मई, 1999 को इंटरनेशनल जूडो फेडरेशन (IJF) हॉल ऑफ फेम के पहले सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।
अनीता आनंद
- भारतीय मूल की कनाडाई राजनेता अनीता आनंद को हाल ही में प्रधानमंत्री ‘जस्टिन ट्रूडो’ द्वारा कनाडा के नए रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। अनीता आनंद का जन्म ‘नोवा स्कोटिया’ के केंटविले में हुआ था। उनके माता-पिता दोनों चिकित्सक थे और दोनों ही भारत से संबंधित थे। वह पहली बार वर्ष 2019 में ओंटारियो प्रांत में ‘ओकविले’ के प्रतिनिधि के रूप में संसद में चुनी गईं। गौरतलब है कि अनीता आनंद ने वित्तीय बाज़ारों, कॉर्पोरेट प्रशासन और शेयरधारकों के अधिकारों के विनियमन पर व्यापक शोध किया है। वर्ष 2015 में उन्हें वित्तीय सलाहकार और वित्तीय योजना नीति विकल्पों पर विचार करने हेतु ओंटारियो की विशेषज्ञ समिति में नियुक्त किया गया था। इसके अतिरिक्त उन्होंने ओंटारियो की पंचवर्षीय समीक्षा समिति और कनाडा में प्रतिभूति कानून के आधुनिकीकरण हेतु कार्यबल में भी कार्य किया है।
शौकत मिर्जियोयेव
- उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव को 24 अक्तूबर, 2021 को हुए एक सर्वेक्षण में 80.1% मत प्राप्त करने के बाद दूसरी बार पाँच वर्ष के कार्यकाल के लिये फिर से चुना गया है। हालाँकि पश्चिमी पर्यवेक्षकों के अनुसार, मतदान प्रतिस्पर्द्धी नहीं था। शौकत मिर्जियोयेव वर्ष 2016 से उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति और उज़्बेकिस्तान के सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्यरत हैं। वर्ष 2003 से 2016 तक वह उज़्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे। राष्ट्रपति करीमोव की मृत्यु के बाद मिर्जियोयेव को वर्ष 2016 में सुप्रीम असेंबली द्वारा अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में उन्हें दिसंबर 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में राष्ट्रपति के रूप में पूर्ण कार्यकाल के लिये चुना गया, जिसमें उन्हें 88.6% मत मिले। 24 अक्तूबर, 2021 को हुए चुनावों में मिर्जियोयेव ने भारी जीत के साथ उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में दूसरा कार्यकाल हासिल किया। उज़्बेकिस्तान गणराज्य में हुए राष्ट्रपति चुनाव में 16.21 मिलियन से अधिक लोगों ने मतदान किया, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों के अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने चुनाव में भाग लिया। संयुक्त अरब अमीरात का प्रतिनिधित्व संघीय राष्ट्रीय परिषद (FNC) की एशियाई संसदीय मैत्री समिति के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा किया गया था।
इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि
- 31 अक्तूबर, 2021 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि मनाई गई। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुत्री इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को प्रयागराज (इलाहाबाद) में हुआ था। इंदिरा गांधी एकमात्र महिला हैं, जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया है। ध्यातव्य है कि इंदिरा गांधी अपने पिता जवाहरलाल के बाद सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली देश की दूसरी प्रधानमंत्री थीं। वर्ष 1959 में उन्हें काॅन्ग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया और वर्ष 1964 में प्रधानमंत्री नेहरू की मृत्यु के बाद उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्त्व में एक कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया, किंतु लाल बहादुर शास्त्री की आकस्मिक मृत्यु के बाद वर्ष 1966 में वे देश की 5वीं प्रधानमंत्री बनीं। वर्ष 1975 में उनके कार्यकाल के दौरान भारत में आपातकाल लागू किया गया, जो कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक ‘काला अध्याय’ माना जाता है। आपातकाल की समाप्ति के बाद हुए चुनावों में वे हार गईं, जिसके बाद वर्ष 1980 में हुए चुनावों में एक बार फिर सत्ता में आईं। प्रधानमंत्री के तौर पर इंदिरा गांधी के दूसरे कार्यकाल के दौरान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ को अंजाम दिया गया। 31 अक्तूबर, 1984 को उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा उनकी हत्या कर दी गई। इंदिरा गांधी को उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिये जाना जाता था और उन्होंने बांग्लादेश के गठन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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