अक्टूबर के राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवस की सूची।अक्टूबर माह के महत्वपूर्ण दिवस की विस्तृत जानकारी ।List of Important Days in October
अक्टूबर माह के महत्वपूर्ण दिवस की विस्तृत जानकारी List of Important Days in October
अक्टूबर के राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवस की सूची
- विश्व पर्यावास दिवस 04 ,
- विश्व पशु दिवस 4 अक्टूबर
- विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर
- भारतीय वायुसेना दिवस 08 अक्टूबर
- विश्व डाक दिवस 9 अक्टूबर
- प्रादेशिक सेना स्थापना दिवस 9 अक्टूबर
- अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर
- जयप्रकाश नारायण’ और ‘नानाजी देशमुख’ की जयंती 11 अक्टूबर,
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग स्थापना दिवस 12 अक्टूबर
- विश्व गठिया रोग दिवस 12 अक्टूबर
- अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस 13 अक्टूबर
- अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस 15 अक्टूबर
- विश्वप खाद्य दिवस 16 अक्टूबर
- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड स्थापना दिवस 16 अक्टूबर
- अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस 17 अक्टूबर
- पुलिस स्मृति दिवस 21 अक्टूबर
- विश्व आयोडीन अल्पता दिवस 21 अक्टूबर
- अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस 23 अक्टूबर
- भारत-स्वीडन नवाचार दिवस 26 अक्टूबर
- इन्फेंट्री दिवस 27 अक्टूबर
- राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर
- इंदिरा गांधी पुण्यतिथि 31 अक्टूबर
अक्टूबर माह के महत्वपूर्ण दिवस की विस्तृत जानकारी
विश्व पर्यावास दिवस 04 अक्तूबर
- 04 अक्तूबर, 2021 को विश्व भर में ‘विश्व पर्यावास दिवस’ का आयोजन किया गया। यह दिवस मुख्य तौर पर मानव बस्तियों की स्थिति और पर्याप्त पर्यावास के मानवीय अधिकार पर ध्यान केंद्रित करता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य दुनिया भर के सभी नागरिकों को शहरों और कस्बों के भविष्य को आकार देने की दिशा में उनके कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना है। गौरतलब है कि वर्ष 1985 में संयुक्त राष्ट्र ने प्रत्येक वर्ष अक्तूबर माह के पहले सोमवार को विश्व पर्यावास दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। पहली बार ‘विश्व पर्यावास दिवस’ वर्ष 1986 में मनाया गया था, जिसकी थीम ‘शेल्टर इज़ माइ राइट’ रखी गई थी। ध्यातव्य है कि प्रत्येक वर्ष विश्व के अलग-अलग शहरों द्वारा इसकी मेज़बानी की जाती है और पहले विश्व पर्यावास दिवस की मेज़बानी केन्या की राजधानी नैरोबी द्वारा की गई थी। संयुक्त राष्ट्र के आँकड़ों की मानें तो लगभग 1.8 बिलियन लोग पहले से ही झुग्गी बस्तियों और अनौपचारिक बस्तियों, अपर्याप्त आवास या दुनिया भर के शहरों में बेघर हैं। इस वर्ष ‘विश्व पर्यावास दिवस’ की थीम कार्बन मुक्त विश्व के निर्माण हेतु शहरी कार्रवाई में तीव्रता लाने पर केंद्रित है। ज्ञात हो कि परिवहन, भवन, ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन लेखांकन आदि गतिविधियाँ शहरी क्षेत्रों में वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के लगभग 70 प्रतिशत हेतु उत्तरदायी हैं।
विश्व पशु दिवस 4 अक्तूबर
- प्रतिवर्ष दुनिया भर में 4 अक्तूबर को ‘विश्व पशु दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य दुनिया भर में जानवरों की स्थिति में सुधार लाना और उसे बेहतर बनाना है। पशु कल्याण आंदोलन को एकजुट करने के लिये लोगों को जागरूक करना भी इस दिवस का एक लक्ष्य है। यह दिवस पृथ्वी को जानवरों के लिये एक बेहतर स्थान बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। विश्व पशु दिवस मनाने की शुरुआत स्त्री रोग विशेषज्ञ ‘हेनरिक ज़िमरमन’ (Heinrich Zimmermann) ने की थी। उन्होंने 24 मार्च, 1925 को बर्लिन, जर्मनी के स्पोर्ट्स पैलेस में पहला विश्व पशु दिवस आयोजित किया था। ध्यातव्य है कि देश में पशु संरक्षण को बढ़ावा देने और पशुओं के प्रति क्रूरता को समाप्त करने हेतु ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960’ को लागू किया गया है। इस अधिनियम का लक्ष्य ‘अनावश्यक सज़ा या जानवरों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति’ को रोकना है। अधिनियम में क्रूरता और जानवरों का उत्पीड़न करने पर सज़ा का प्रावधान भी है। साथ ही यह अधिनियम जानवरों और जानवरों के विभिन्न प्रकारों को परिभाषित करता है।
विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्तूबर
- दुनिया भर में शिक्षकों और उनके अधिकारों तथा दायित्त्वों को रेखांकित करने हेतु प्रतिवर्ष 5 अक्तूबर को ‘विश्व शिक्षक दिवस’ का आयोजन किया जाता है। ‘विश्व शिक्षक दिवस’ का उद्देश्य दुनिया भर में शिक्षकों की सराहना करना उनके महत्त्व के बारे में लोगों को जागरूक करना है। यूनेस्को द्वारा इस दिवस को शिक्षकों एवं शिक्षण से संबंधित मुद्दों पर विचार करने और उन्हें संबोधित करने के अवसर के रूप में देखा जाता है। विश्व शिक्षक दिवस-2021 की थीम है- 'शिक्षा सुधार के केंद्र में शिक्षक'। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने वर्ष 1994 में 5 अक्तूबर को ‘विश्व शिक्षक दिवस’ के रूप में घोषित किया और तब से यह दिन प्रतिवर्ष 5 अक्तूबर को वैश्विक स्तर पर आयोजित किया जाता है। ध्यातव्य है कि बच्चों को उनकी सीखने की प्रक्रिया में सहायता करने हेतु पूरे देश में शिक्षकों ने महामारी के दौरान महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भारतीय वायुसेना दिवस 08 अक्तूबर
- भारतीय वायुसेना 08 अक्तूबर, 2021 को अपना 89वाँ स्थापना दिवस मना रही है। भारतीय वायुसेना की स्थापना आधिकारिक तौर पर 8 अक्तूबर, 1932 को हुई थी और वायुसेना की पहली उड़ान 01 अप्रैल, 1933 को भरी गई थी। प्रारंभ में भारतीय वायुसेना को ‘रॉयल इंडियन एयर फोर्स’ के रूप में जाना जाता था, वर्ष 1950 के बाद जब भारत को एक गणराज्य के रूप में स्थापित किया गया, तब ‘रॉयल’ शब्द को हटा दिया गया। वर्तमान में ‘भारतीय वायुसेना’ भारतीय सशस्त्र बलों की वायु शाखा है और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य आधिकारिक और सार्वजनिक रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा में भारतीय वायुसेना के महत्त्व के विषय में जागरूकता बढ़ाना है। गौरतलब है कि ‘भारतीय वायुसेना’ (IAF) पर भारतीय हवाई क्षेत्र को सुरक्षित रखने के साथ-साथ संघर्ष के दौरान हवाई युद्ध में हिस्सा लेने का उत्तरदायित्व है, इस प्रकार भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना और थलसेना के साथ-साथ देश की रक्षा प्रणाली का एक मौलिक और महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा यह प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी महत्त्वपूर्ण सहायता प्रदान करती है। ‘भारतीय वायुसेना’ विभिन्न युद्धों में शामिल रही है, जिसमें द्वितीय विश्वयुद्ध, चीन-भारत युद्ध, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन विजय, कारगिल युद्ध, भारत-पाकिस्तान युद्ध, कांगो संकट, ऑपरेशन पूमलाई और ऑपरेशन पवन आदि प्रमुख हैं।
विश्व कपास दिवस 7 अक्तूबर
- वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष 7 अक्तूबर को ‘विश्व कपास दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य एक प्राकृतिक फाइबर के रूप में कपास के महत्त्व को अधिकतम करना है। साथ ही यह दिवस कपास के उत्पादन से संबंधित अर्थव्यवस्था से जुड़ी समस्याओं को भी रेखांकित करने का प्रयास करता है, क्योंकि कपास दुनिया की सभी प्रकार की अर्थव्यवस्थाओं के विकास हेतु महत्त्वपूर्ण है। इस दिवस की स्थापना ‘अंतर्राष्ट्रीय कपास सलाहकार समिति’ (ICAC) और ‘विश्व व्यापार संगठन’ (WTO) द्वारा संयुक्त रूप से वर्ष 2019 में जिनेवा में की गई थी। ‘कॉटन-4 राष्ट्रों’ यानी बेनिन, बुर्किना फासो, चाड और माली ने अगस्त 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘विश्व कपास दिवस’ की स्थापना का आधिकारिक प्रस्ताव दिया था, जिसका लक्ष्य विश्वव्यापी संसाधन के रूप में कपास के महत्त्व को रेखांकित करना था। ज्ञात हो कि ‘कपास’ भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण व्यावसायिक फसलों में से एक है, जो लगभग 6 मिलियन कपास किसानों को प्रत्यक्ष जीविका प्रदान करती है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपास उत्पादक और सबसे बड़ा उपभोक्ता है तथा वर्ष 2020 में भारत ने अपना पहला लेबल- ‘कस्तूरी कॉटन’ प्रस्तुत किया था।
विश्व डाक दिवस 9 अक्तूबर
- विश्व भर में प्रतिवर्ष 9 अक्तूबर को ‘विश्व डाक दिवस’ का आयोजन किया जाता है। विश्व डाक दिवस का उद्देश्य विश्व भर में लोगों के दैनिक जीवन, व्यापार और सामाजिक तथा आर्थिक विकास में डाक की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। विश्व डाक दिवस का आयोजन वर्ष 1874 में स्विट्ज़रलैंड की राजधानी ‘बर्न’ में ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ (UPU) की स्थापना की याद में मनाया जाता है। वर्ष 1969 में टोक्यो (जापान) में आयोजित ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ काॅन्ग्रेस द्वारा इसे ‘विश्व डाक दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था। ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ एक वैश्विक संचार क्रांति पर केंद्रित है जिसका उद्देश्य दुनिया भर में लोगों के मध्य पत्र व्यवहार की संस्कृति विकसित करना है। भारत में सर्वप्रथम वर्ष 1541 में शेरशाह सूरी ने बंगाल और सिंध के बीच (2000 मील की दूरी के लिये) घोड़ों के माध्यम से डाक सेवा की शुरुआत की थी। वर्ष 1766 में रॉबर्ट क्लाइव ने एक नियमित डाक प्रणाली की स्थापना की। भारत वर्ष 1876 में ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ (UPU) में शामिल हुआ।
प्रादेशिक सेना स्थापना दिवस 9 अक्तूबर
- 9 अक्तूबर, 2021 को 72वाँ ‘प्रादेशिक सेना स्थापना दिवस’ का आयोजन किया गया। प्रादेशिक सेना बल ने राष्ट्र निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है और योग्यता हेतु नए बेंचमार्क स्थापित किये हैं। ‘सावधानी व शूरता’ भारतीय प्रादेशिक सेना का आदर्श वाक्य है। वर्ष 1920 में ‘प्रादेशिक सेना’ को ‘भारतीय प्रादेशिक अधिनियम-1920’ के माध्यम से ब्रिटिश सरकार द्वारा दो शाखाओं- भारतीय स्वयंसेवकों के लिये 'भारतीय प्रादेशिक बल' और यूरोपीय एवं एंग्लो-इंडियन के लिये 'सहायक बल' के रूप में स्थापित किया गया था। स्वतंत्रता प्रति के पश्चात् वर्ष 1948 में ‘प्रादेशिक सेना अधिनियम’ पारित किया गया। इसके पश्चात् वर्ष 1949 में भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल ‘सी राजगोपालाचारी’ ने औपचारिक रूप से 9 अक्तूबर, 1949 को प्रादेशिक सेना का शुभारंभ किया। नियमित सेना के एक हिस्से के रूप में ‘प्रादेशिक सेना’ (TA) की भूमिका प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में नागरिक प्रशासन की सहायता करना, नियमित सेना को नागरिक दायित्वों से मुक्त करना और देश की सुरक्षा तथा समग्र समुदाय को प्रभावित करने वाली स्थितियों में आवश्यक सेवा का रखरखाव सुनिश्चित करना है। आवश्यकता पड़ने पर प्रादेशिक सेना नियमित सेना को सैन्य टुकड़ियाँ भी प्रदान करती है। प्रादेशिक सेना की विभिन्न इकाइयों ने उत्तर-पूर्व, जम्मू-कश्मीर और भारत की पश्चिमी एवं उत्तरी सीमाओं में सक्रिय सेवाएँ प्रदान की हैं। यह बल 29 जुलाई, 1987 से 24 मार्च, 1990 तक श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (IPKF) का भी हिस्सा रहा।
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्तूबर
- दुनिया भर में युवा लड़कियों की आवाज़ को सशक्त करने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 11 अक्तूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस’ की थीम ‘डिजिटल जनरेशन, अवर जनरेशन’ है। इस दिवस की शुरुआत युवा महिलाओं के समक्ष मौजूद चुनौतियों का समाधान करने हेतु एक गैर-सरकारी, अंतर्राष्ट्रीय कार्य योजना के रूप में की गई थी। वर्ष 1995 में बीजिंग में आयोजित ‘महिला विश्व सम्मेलन’ के दौरान युवा एवं संवेदनशील महिलाओं पर केंद्रित एक कार्यक्रम की आवश्यकता महसूस की गई। इसी आवश्यकता के मद्देनज़र 19 दिसंबर, 2011 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 11 अक्तूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस’ के रूप में घोषित करने का एक प्रस्ताव पारित किया गया था। गौरतलब है कि लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण जैसे लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2015 में अपनाए गए कुल 17 सतत् विकास लक्ष्यों का एक अभिन्न अंग है। इस प्रकार ‘अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस’ महिलाओं और लड़कियों, जो कि विश्व की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं, को सशक्त बनाने हेतु आवश्यक कदम उठाने पर ज़ोर देता है।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्तूबर
- प्रतिवर्ष 10 अक्तूबर को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ का आयोजन किया जाता है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इस संबंध में शिक्षा का प्रसार करना है। ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ पहली बार 10 अक्तूबर, 1992 को ‘वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ’ की वार्षिक गतिविधि के रूप में आयोजित किया गया था। इस वर्ष ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ की थीम 'मेंटल हेल्थ इन एन अनइक्वल वर्ल्ड’ है। ज्ञात हो कि मानसिक स्वास्थ्य के तहत हमारा भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण शामिल होता है। यह हमारे सोचने, समझने, महसूस करने तथा कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी स्वास्थ्य संबंधी परिभाषा में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी शामिल करता है। विभिन्न सर्वेक्षण बताते हैं कि विश्व की लगभग 14% आबादी या प्रत्येक 7 में से 1 व्यक्ति किसी-न-किसी प्रकार के मनोवैज्ञानिक विकार से पीड़ित है। मानसिक विकार में ‘अवसाद’ दुनिया भर में सबसे बड़ी समस्या है। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ महिलाओं में सबसे अधिक देखी जाती हैं।
जयप्रकाश नारायण’ और ‘नानाजी देशमुख’ की जयंती 11 अक्तूबर,
- 11 अक्तूबर, 2020 को देश भर में लोकनायक ‘जयप्रकाश नारायण’ और ‘नानाजी देशमुख’ की जयंती मनाई गई। जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्तूबर, 1902 को बलिया (उत्तर प्रदेश) ज़िले में हुआ था। जयप्रकाश नारायण की शिक्षा अमेरिका के विश्वविद्यालयों में हुई, जहाँ वे मार्क्सवादी विचारधारा के समर्थक बन गए। वर्ष 1929 में भारत लौटने पर वह ‘भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस’ में शामिल हो गए। वर्ष 1932 में उन्हें भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लेने पर एक वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई गई थी। उन्होंने काॅन्ग्रेस पार्टी के भीतर एक वामपंथी समूह ‘काॅन्ग्रेस सोशलिस्ट पार्टी’ के गठन में अग्रणी भूमिका निभाई। वर्ष 1952 में उन्होंने ‘प्रजा सोशलिस्ट पार्टी’ की स्थापना की। स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान और गरीबों एवं दलितों के उत्थान के लिये जयप्रकाश नारायण को मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया। वहीं समाजिक कार्यकर्त्ता और राजनीतिज्ञ नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्तूबर, 1916 को महाराष्ट्र के ‘परभणी’ ज़िले में हुआ था। नानाजी देशमुख लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सदस्य और जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे। बाद में वह जनता पार्टी व भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बन गए। उन्हें वर्ष 1974 में आपातकाल के खिलाफ जय प्रकाश नारायण द्वारा शुरू किये गए आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक माना जाता है। उन्हें वर्ष 1999 में पद्मविभूषण और मरणोपरांत वर्ष 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग स्थापना दिवस 12 अक्तूबर
- 12 अक्तूबर, 2021 को ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग’ (NHRC) का 28वाँ स्थापना दिवस आयोजित किया गया। ज्ञात हो कि ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग’ एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है, जिसकी स्थापना मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के तहत 12 अक्तूबर, 1993 को की गई थी। मानवाधिकार आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। यह संविधान द्वारा प्रदत्त मानवाधिकारों जैसे- जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार एवं समानता का अधिकार आदि की रक्षा करता है और उनके प्रहरी के रूप में कार्य करता है। NHRC एक बहु-सदस्यीय संस्था है। इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है। इन्हें इनके पद से केवल तभी हटाया जा सकता है जब सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की जाँच में इन पर दुराचार या असमर्थता के आरोप सिद्ध हो जाएँ। इसके अतिरिक्त आयोग में पाँच विशिष्ट विभाग (विधि विभाग, जाँच विभाग, नीति अनुसंधान एवं कार्यक्रम विभाग, प्रशिक्षण विभाग और प्रशासन विभाग) भी होते हैं। राज्य मानवाधिकार आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री, राज्य के गृह मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष के परामर्श पर की जाती है।
विश्व गठिया रोग दिवस 12 अक्तूबर
- गठिया रोग और इसके प्रभाव के विषय में जागरूकता फैलाने के लिये प्रतिवर्ष 12 अक्तूबर को ‘विश्व गठिया रोग दिवस’ (WLD) का आयोजन किया जाता है। गठिया रोग कोई एक अकेली बीमारी नहीं है, बल्कि जोड़ों से संबंधित सौ से अधिक रोगों के लिये एक व्यापक शब्द है। यह जोड़ों या उसके आसपास सूजन पैदा कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप दर्द, जकड़न और कभी-कभी चलने में कठिनाई होती है। ‘विश्व गठिया दिवस’ का आयोजन पहली बार वर्ष 1996 में किया गया था। वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम है- ‘डोंट डिले, कनेक्ट टुडे: टाइम2वर्क’। ‘यूरोपियन एलायंस ऑफ एसोसिएशंस फॉर रुमेटोलॉजी’ के आँकड़ों की मानें तो गठिया रोग से पीड़ित अनुमानतः सौ मिलियन लोग ऐसे हैं, जो बिना किसी निदान के इसके लक्षणों से निपटने की कोशिश कर रहे हैं और अक्सर इसे अनदेखा कर दिया जाता है। गठिया रोग कई प्रकार के होते हैं, जिसमें ‘ऑस्टियोआर्थराइटिस’ (OA) और ‘रूमेटोइड गठिया’ (RA) प्रमुख हैं। दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा गठिया रोग से प्रभावित है, जो उनके जीवन की गुणवत्ता एवं समाज में भागीदारी को प्रभावित करता है।
अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस 13 अक्तूबर
- विश्व स्तर पर आपदा न्यूनीकरण और इसके कारण उत्पन्न होने वाले जोखिम को कम करने के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने हेतु प्रतिवर्ष 13 अक्तूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस’ का आयोजन किया जाता है। ‘अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस’ की स्थापना वर्ष 1989 में दुनिया भर में आपदा न्यूनीकरण की संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ (UNGA) के आह्वान के बाद की गई थी। इस वर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस’ की थीम ‘विकासशील देशों के लिये उनके आपदा जोखिम और आपदा नुकसान को कम करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय सहयोग’ है। यह थीम जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने हेतु वर्ष 2015 के पेरिस समझौते को पूरा करने की आवश्यकता पर ज़ोर देती है। जलवायु परिवर्तन को लेकर किसी विशिष्ट कार्रवाई के अभाव में विकासशील देशों को भविष्य में और अधिक चरम मौसम की घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है, जो मृत्यु दर को बढ़ा सकता है एवं महत्त्वपूर्ण बुनियादी अवसंरचना को प्रभावित कर सकता है। ऐसी स्थिति में बेहतर नियोजन एवं जोखिम के प्रति जागरूकता के माध्यम से प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदाओं से उत्पन्न जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवस 14 अक्तूबर
- विश्व भर में प्रतिवर्ष 14 अक्तूबर को ई-कचरे के स्वास्थ्य प्रभावों के संबंध में जागरूकता पैदा करने हेतु ‘अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस की शुरुआत ‘वेस्ट इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक फोरम’ (WEEF) द्वारा वर्ष 2018 में की गई थी। कंप्यूटर व उससे संबंधित अन्य उपकरण और टी.वी., वाशिंग मशीन, फ्रिज जैसे घरेलू उपकरण एवं कैमरे, मोबाइल फोन तथा उससे जुड़े अन्य उत्पाद जब चलन/उपयोग से बाहर हो जाते हैं तो इन्हें संयुक्त रूप से ‘ई-कचरे’ की संज्ञा दी जाती है। जुलाई 2020 में ‘संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय’ द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें बताया गया गया था कि वर्ष 2020 और वर्ष 2030 की अवधि में वैश्विक ई-कचरे में तकरीबन 38 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है। आँकड़ों की मानें तो भारत ने वर्ष 2019 में 3.2 मिलियन टन ई-कचरा उत्पन्न किया था। ‘केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ के अनुसार भारत में 312 पंजीकृत ई-कचरा पुनर्चक्रणकर्त्ता हैं, जिनकी क्षमता प्रतिवर्ष 782,080.62 टन ई-कचरे के प्रबंधन की है।
विश्व मानक दिवस 14 अक्तूबर
- प्रतिवर्ष 14 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ‘विश्व मानक दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य उपभोक्ताओं, नियामकों और उद्योग के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था के मानकीकरण के महत्त्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह दिवस वर्ष 1956 में लंदन में 25 देशों के प्रतिनिधियों की पहली बैठक को चिह्नित करता है, जिन्होंने मानकीकरण की सुविधा हेतु एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन के निर्माण का निर्णय लिया था। इस दिवस का आयोजन पहली बार वर्ष 1970 में किया गया था। यह दिवस उन हज़ारों विशेषज्ञों के प्रयासों का सम्मान करता है, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर मानकों के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। ज्ञात हो कि भारत में मानकीकरण गतिविधियों के सामंजस्यपूर्ण विकास के उद्देश्य से वर्ष 1947 में भारतीय मानक संस्थान की स्थापना की गई थी। भारतीय मानक संस्थान को भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 1986 के माध्यम से भारतीय मानक ब्यूरो में रूपांतरित कर दिया गया। यह उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।
विश्व खाद्य दिवस 16 अक्तूबर
- प्रत्येक वर्ष वैश्विक स्तर पर ‘खाद्य और कृषि संगठन’ (FAO) के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिये 16 अक्तूबर को ‘विश्व खाद्य दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस भूख, कुपोषण, खाद्य स्थिरता एवं खाद्य उत्पादन हेतु जागरूकता बढ़ाने पर ज़ोर देता है। इस वर्ष के विश्वा खाद्य दिवस का विषय है- 'स्वस्थ भविष्य के लिये सुरक्षित भोजन।' इस वर्ष का विषय उन व्यक्तियों की सराहना करने पर आधारित है, जिन्होंने ऐसे स्थायी वातावरण बनाने में योगदान दिया है, जहाँ कोई भी भूखा न रहे। खाद्य और कृषि संगठन (FAO) संयुक्त राष्ट्र संघ की सबसे बड़ी विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसियों में से एक है जिसकी स्थाठपना वर्ष 1945 में कृषि उत्पाबदकता और ग्रामीण आबादी के जीवन निर्वाह की स्थि ति में सुधार करते हुए पोषण तथा जीवन स्तर को उन्नत बनाने के उद्देश्य के साथ की गई थी। खाद्य और कृषि संगठन का मुख्यालय रोम, इटली में स्थित है। ‘खाद्य और कृषि संगठन’ की प्रमुख पहलों में ‘विश्व स्तरीय महत्त्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली’ (GIAHS), विश्व में मरुस्थलीय टिड्डी की स्थिति पर नज़र रखना, कोडेक्स एलेमेंट्रिस आयोग (CAC) और ‘प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज़ पर अंतर्राष्ट्रीय संधि’ आदि शामिल हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड स्थापना दिवस 16 अक्तूबर
- 16 अक्तूबर, 2021 को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड’ (NSG) का 37वाँ स्थापना दिवस आयोजित किया गया। वर्ष 1984 के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक संघीय आकस्मिक बल (Federal Contingency Force) गठित करने का निर्णय लिया, जिसमें सभी प्रकार के आतंकवाद से निपटने के लिये आधुनिक तकनीक से सुसज्जित और प्रशिक्षित कर्मियों को शामिल किया गया। यह गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। सामान्यतः इनको ब्लैक कैट (Black Cats) के नाम से जाना जाता है। चूँकि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) में अत्यधिक प्रशिक्षित कर्मियों को शामिल किया जाता है, अतः इसका उपयोग भी विशेष परिस्थितियों में ही किया जाता है। आंतरिक सुरक्षा को स्थिर रखने में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की भूमिका प्रमुख है। असाधारण स्थितियों में विशेष आतंकवाद निरोधक बल के रूप में इनकी तैनाती की जाती है और आतंकवाद के विरुद्ध भारत की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ (Zero Tolerance) की नीति में NSG की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। NSG में भर्ती भारत के केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों और भारतीय सशस्त्र बलों से की जाती है।
अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस 15 अक्तूबर
- ग्रामीण क्षेत्रों में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 15 अक्तूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस’ का आयोजन किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, इस दिवस का उद्देश्य कृषि एवं ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना, खाद्य सुरक्षा में सुधार करना और ग्रामीण गरीबी उन्मूलन में स्वदेशी महिलाओं सहित ग्रामीण महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका एवं योगदान को मान्यता देना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 18 दिसंबर, 2007 को अपने संकल्प 62/136 में इस दिवस की स्थापना को मंज़ूरी दी थी। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील देशों में कुल कृषि श्रम शक्ति में 40% महिलाएँ शामिल हैं। दक्षिण अमेरिकी देशों में यह आँकड़ा लगभग 20% है, जबकि एशिया और अफ्रीका में कृषि श्रम शक्ति में महिलाओं का आँकड़ा 50% से अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की उपयुक्त संसाधनों एवं संपत्तियों, सार्वजनिक सेवाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी अवसंरचना, जिसमें जल एवं स्वच्छता भी शामिल है, तक समान पहुँच नहीं है।
अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस 17 अक्तूबर
- प्रतिवर्ष 17 अक्तूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस गरीबी में जीवनयापन करने के लिये मज़बूर लोगों के संघर्षों को मान्यता देने का एक साधन है। गौरतलब है कि 17 अक्तूबर, 1987 को गरीबी, भूख एवं हिंसा के पीड़ितों को सम्मानित करने हेतु पेरिस के ‘ट्रोकाडेरो’ में एकत्र हुए लोगों द्वारा ‘गरीबी’ को मानवाधिकारों के उल्लंघन के रूप में घोषित किया गया था। साथ ही इसी दिन वर्ष 1948 में ‘मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा’ पर भी हस्ताक्षर किये गए थे। इसके पश्चात् संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 दिसंबर, 1992 को ‘संकल्प-47/196’ को अपनाकर 17 अक्तूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस’ के रूप में घोषित किया। ‘विश्व बैंक’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी ने लगभग 88 से 115 मिलियन लोगों को गरीबी में धकेल दिया है, जिसमें से अधिकांश लोग दक्षिण एशियाई और उप-सहारा क्षेत्रों के हैं। माना जाता है कि यह संख्या आने वाले समय में 143 से 163 मिलियन तक बढ़ सकती है। विदित हो कि ये आँकड़े मौजूदा 1.3 बिलियन लोगों के अतिरिक्त हैं जो महामारी से पूर्व भी गरीबी में जीवनयापन कर रहे थे।
सर सैयद अहमद खान जयंती 17 अक्तूबर,
- 17 अक्तूबर, 2021 को देश भर में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की 204वीं जयंती मनाई गई। सर सैयद अहमद खान का जन्म वर्ष 1817 में एक ऐसे परिवार में हुआ जो मुगल दरबार के करीब था। वह कई प्रतिभाओं के धनी (सिविल सेवक, पत्रकार, शिक्षाविद, समाज सुधारक, इतिहासकार) थे। वर्ष 1857 के विद्रोह से पहले वह ब्रिटिश प्रशासन की सेवा में कार्यरत थे। भारतीय परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने वर्ष 1857 के विद्रोह के कारणों को स्पष्ट करने के लिये ‘द कॉज़ेज़ ऑफ द इंडियन रिवॉल्ट’ नामक पुस्तक लिखी। सर सैयद को उन महत्त्वपूर्ण मुस्लिम सुधारकों के रूप में जाना जाता है जिन्होंने मुस्लिम समाज के सुधार के लिये शैक्षिक अवसरों को बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाई। सर सैयद ने महसूस किया कि मुस्लिम समुदाय की प्रगति तभी संभव है, जब वह आधुनिक शिक्षा ग्रहण करेगा। इसके लिये उन्होंने अलीगढ़ आंदोलन की शुरुआत की। यह एक व्यवस्थित आंदोलन था जिसका मूल उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षिक स्थिति में सुधार करना था। हालाँकि बाद के वर्षों में सर सैयद द्वारा भारतीय मुसलमानों को राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल नहीं होने के लिये प्रोत्साहित किया गया जिसके कारण आलोचकों ने उन पर सांप्रदायिकता और अलगाववाद की विचारधारा को प्रोत्साहित करने का भी आरोप लगाया।
पुलिस स्मृति दिवस 21 अक्तूबर
- भारत में प्रत्येक वर्ष 21 अक्तूबर को ‘पुलिस स्मृति दिवस’ उन पुलिसकर्मियों को याद करने और उनका सम्मान करने के लिये मनाया जाता है, जिन्होंने अपने दायित्त्वों का निर्वाह करते हुए अपना जीवन दांव पर लगा दिया। साथ ही यह दिवस आम जनमानस को पुलिसकर्मियों के समक्ष मौजूद चुनौतियों को जानने और उनके साहस तथा कठिन परिश्रम का सम्मान करने का भी अवसर प्रदान करता है। ध्यातव्य है कि यह दिवस वर्ष 1959 में हुई एक घटना की स्मृति में मनाया जाता है, जब लद्दाख में चीन की सेना द्वारा किये गए हमले में 10 पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो गई थी। तभी से प्रत्येक वर्ष 21 अक्तूबर को शहीद पुलिसकर्मियों के सम्मान में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2018 में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में भारत के पहले राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का उद्घाटन किया था। दिल्ली स्थित इस राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में सभी केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के 34,844 पुलिसकर्मियों को याद किया गया है, जिन्होंने वर्ष 1947 के बाद से अब तक ड्यूटी पर रहते हुए अपनी जान गंवाई है। वर्ष 2016 के आँकड़ों की मानें तो देश में स्वीकृत पुलिस बल अनुपात प्रति लाख व्यक्तियों पर 181 पुलिसकर्मी था, जबकि वास्तविक संख्या मात्र 137 थी। ज्ञात हो कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रति लाख व्यक्तियों पर 222 पुलिस के अनुशंसित मानक की तुलना में यह बहुत कम है।
विश्व आयोडीन अल्पता दिवस 21 अक्तूबर
- प्रत्येक वर्ष 21 अक्तूबर को दुनिया भर में ‘विश्व आयोडीन अल्पता दिवस’ का आयोजन किया जाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (WHO) 1980 के दशक से ‘राष्ट्रीय नमक आयोडीनीकरण’ कार्यक्रम के माध्यम से आयोडीन की कमी के प्रभावों को रेखांकित करने हेतु काम कर रहा है। यूनिसेफ ने ‘इंटरनेशनल काउंसिल फॉर कंट्रोल ऑफ आयोडीन डिफिशिएंसी डिसऑर्डर’ (ICCIDC) के साथ मिलकर कई अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों की रणनीति बनाई है और यह 66 प्रतिशत घरों में आयोडीन युक्त नमक उपलब्ध कराने में सक्षम रहा है। आयोडीन एक खनिज पदार्थ है जो आमतौर पर समुद्री भोजन, डेयरी उत्पादों, अनाज और अंडे में पाया जाता है। दुनिया भर में आयोडीन की कमी एक गंभीर समस्या है। वैश्विक स्तर पर 2 बिलियन लोग आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों के खतरे में हैं। आयोडीन की कमी को रोकने में मदद करने के लिये इसे घरेलू नमक में मिलाया जाता है। भारत में वर्ष 1992 में मानव उपभोग के लिये आयोडीन युक्त नमक को अनिवार्य किया गया था। इस अनिवार्यता को वर्ष 2000 में शिथिल कर दिया गया, परंतु वर्ष 2005 में इसे फिर से लागू कर दिया गया।
संयुक्त राष्ट्र दिवस 24 अक्तूबर
- वर्ष 1948 से प्रत्येक वर्ष 24 अक्तूबर को ‘संयुक्त राष्ट्र दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अस्तित्त्व में आने को चिह्नित करता है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर, वैश्विक शांति और समानता की दिशा में कार्य कर रहे संयुक्त राष्ट्र (UN) का संस्थापक दस्तावेज़ है। दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र का प्रारूप तैयार करने के लिये 50 देशों के प्रतिनिधि अमेरिका के सैन फ्रांसिस्कोष में एकत्रित हुए और 26 जून, 1945 को सभी देशों के हस्तािक्षर के बाद इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर (U.N. Charter) के रूप में स्वी कार किया गया था। ध्यातव्य है कि पोलैंड, बाद में इस पर हस्ताक्षर करके संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक सदस्य बना था। इसके पश्चात् संयुक्त राष्ट्र (UN) आधिकारिक रूप से 24 अक्तूबर, 1945 को तब अस्तित्व में आया, जब चीन, फ्रांँस, सोवियत संघ, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका समेत अधिकांश हस्ताक्षरकर्त्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर की पुष्टि कर दी। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र 193 सदस्यों वाले एक महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संगठन के तौर पर कार्य कर रहा है, इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को सुविधाजनक बनाने हेतु सहयोग प्रदान करना, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक एवं सामाजिक विकास तथा मानवाधिकारों की सुरक्षा के साथ-साथ विश्व शांति की दिशा में कार्य करना है। संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 अंग हैं- 1. महासभा, 2. सुरक्षा परिषद, 3. आर्थिक एवं सामाजिक परिषद 4. न्यास परिषद, 5. सचिवालय और 6. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय।
अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस 23 अक्तूबर
- हिम तेंदुओं के प्रवास क्षेत्र के संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु प्रतिवर्ष 23 अक्तूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस’ का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2013 की ‘बिश्केक घोषणा’ (Bishkek Declaration) के तहत 23 अक्तूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस’ के रूप में अधिसूचित किया गया था। गौरतलब है कि वर्ष 2013 में 12 ‘स्नो लेपर्ड’ रेंज देशों (अफगानिस्तान, भूटान, चीन, भारत, कज़ाखस्तान, किर्गिज गणराज्य, मंगोलिया, नेपाल, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान) द्वारा बिश्केक घोषणा पर हस्ताक्षर किये गए थे। साथ ही इस अवसर पर ‘वैश्विक हिम तेंदुआ और पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण’ (GSLEP) कार्यक्रम की शुरुआत भी की गई थी। हिम तेंदुए का वैज्ञानिक नाम ‘पैंथेरा अनकिया’ (Panthera Uncia) है। हिम तेंदुआ या ‘स्नो लेपर्ड’ को ‘पहाड़ों का भूत’ (Ghost of the Mountains) भी कहा जाता है, क्योंकि इनके संकोची स्वभाव और खाल के रंग के कारण इन्हें बर्फीले वातावरण में देखना बहुत ही मुश्किल होता है। हिम तेंदुए उत्तरी और मध्य एशिया के ऊँचे पहाड़ों (हिमालय क्षेत्र सहित) के विशाल क्षेत्र में रहते हैं। हिम तेंदुए को IUCN रेड लिस्ट में सुभेद्य (Vulnerable) की सूची में रखा गया है। वहीं भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I के तहत हिम तेंदुए का शिकार करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
भारत-स्वीडन नवाचार दिवस 26 अक्तूबर
- 26 अक्तूबर, 2021 को भारत और स्वीडन द्वारा 8वाँ नवाचार दिवस आयोजित किया गया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं और ‘ग्रीन ट्रांज़िशन’ के संभावित समाधानों पर चर्चा की। जलवायु परिवर्तन पर चर्चा के उद्देश्य से आयोजित इस एक दिवसीय कार्यक्रम को नौ हिस्सों में विभाजित किया गया था। सत्र के दौरान जलवायु के अनुकूल समाधान प्रस्तुत करने हेतु डिजिटल प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लागू करने के लिये विचारों का आदान-प्रदान भी किया गया। ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन 'एक्सेलरेटिंग इंडिया-स्वीडन ग्रीन ट्रांज़िशन' थीम के तहत किया गया। भारत-स्वीडन नवाचार दिवस की मेज़बानी ‘इंडिया अनलिमिटेड’ द्वारा स्वीडन में भारत के दूतावास, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और स्वीडन-भारत व्यापार परिषद के सहयोग से की गई थी। गौरतलब है कि भारत और स्वीडन के बीच ऐतिहासिक द्विपक्षीय संबंध हैं। स्वीडन उन देशों में शामिल है, जिन्होंने वर्ष 1947 में सर्वप्रथम भारत की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। वर्ष 1949 में दोनों देशों ने अपने औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित किये। स्वीडन ने कोलकाता, चेन्नई और मुंबई में मानद वाणिज्य दूतावास भी स्थापित किये हैं।
इन्फेंट्री दिवस 27 अक्तूबर
- भारतीय सेना प्रत्येक वर्ष 27 अक्तूबर को ‘इन्फेंट्री दिवस’ के रूप में आयोजित करती है, क्योंकि इसी दिन सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन की दो इन्फेंट्री कंपनियों को पाकिस्तानी सेना द्वारा समर्थित आक्रमणकारियों से कश्मीर को मुक्त कराने के लिये दिल्ली से श्रीनगर भेजा गया था। इस कार्रवाई का आदेश तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा तब दिया गया था, जब जम्मू-कश्मीर रियासत के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर को भारत में शामिल करने के लिये ‘इंस्ट्रू मेंट ऑफ एक्से शन’ यानी विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर किये थे। महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्तूबर, 1947 को इंस्ट्रूनमेंट ऑफ एक्से शन पर हस्ताक्षर किये और 27 अक्तूबर, 1947 को भारतीय सेना की दो इन्फेंट्री कंपनियाँ जम्मू-कश्मीर पहुँच गईं। दरअसल विभाजन के दौरान जम्मू-कश्मीर रियासत को भारत अथवा पाकिस्तान में शामिल होने का विकल्प दिया गया था लेकिन उस समय के शासक महाराजा हरि सिंह ने इसे एक स्वतंत्र राज्य के रूप में रखने का फैसला किया। वर्ष 1947 में पाकिस्तान के पख्तून आदिवासियों ने जम्मू-कश्मीर पर हमला कर दिया और पाकिस्तान की सेना ने इस हमले का पूरा समर्थन किया था तथा आक्रमणकारियों को रसद, हथियार एवं गोला-बारूद मुहैया कराया था।
राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्तूबर
- भारत में प्रतिवर्ष 31 अक्तूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिवस को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह वर्ष 2014 में पहली बार 'भारत के लौह पुरुष' सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से मनाया गया था। वर्ष 2018 में भारत सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण किया था। गौरतलब है कि यह विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा है। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्तूबर, 1875 को नाडियाड, गुजरात में हुआ था। भारत राष्ट्र को एक संघ बनाने तथा भारतीय रियासतों के एकीकरण में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। ध्यातव्य है कि स्वतंत्रता के समय विभिन्न रियासतों को भारतीय संघ में शामिल होने के लिये राज़ी करने में सरदार पटेल की मुख्य भूमिका थी। बारडोली की महिलाओं ने उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि दी, जिसका अर्थ ‘प्रमुख या नेता’ होता है। भारत को एकीकृत और एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें भारत की एकजुटता के वास्तविक सूत्रधार के रूप में जाना जाता है। उन्होंने आधुनिक अखिल भारतीय सेवा प्रणाली की स्थापना की, जिसके कारण उन्हें ‘भारतीय सिविल सेवकों के संरक्षक’ के रूप में भी याद किया जाता है।
इंदिरा गांधी पुण्यतिथि 31 अक्तूबर
- 31 अक्तूबर, 2021 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि मनाई गई। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुत्री इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को प्रयागराज (इलाहाबाद) में हुआ था। इंदिरा गांधी एकमात्र महिला हैं, जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया है। ध्यातव्य है कि इंदिरा गांधी अपने पिता जवाहरलाल के बाद सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली देश की दूसरी प्रधानमंत्री थीं। वर्ष 1959 में उन्हें काॅन्ग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया और वर्ष 1964 में प्रधानमंत्री नेहरू की मृत्यु के बाद उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्त्व में एक कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया, किंतु लाल बहादुर शास्त्री की आकस्मिक मृत्यु के बाद वर्ष 1966 में वे देश की 5वीं प्रधानमंत्री बनीं। वर्ष 1975 में उनके कार्यकाल के दौरान भारत में आपातकाल लागू किया गया, जो कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक ‘काला अध्याय’ माना जाता है। आपातकाल की समाप्ति के बाद हुए चुनावों में वे हार गईं, जिसके बाद वर्ष 1980 में हुए चुनावों में एक बार फिर सत्ता में आईं। प्रधानमंत्री के तौर पर इंदिरा गांधी के दूसरे कार्यकाल के दौरान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ को अंजाम दिया गया। 31 अक्तूबर, 1984 को उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा उनकी हत्या कर दी गई। इंदिरा गांधी को उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिये जाना जाता था और उन्होंने बांग्लादेश के गठन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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