रिपोतार्ज का अर्थ । रिपोतार्ज किसे कहते हैं । Reportaj Kise Kahte Hain

रिपोतार्ज का अर्थ, रिपोतार्ज किसे कहते हैं 

रिपोतार्ज का अर्थ । रिपोतार्ज किसे कहते हैं । Reportaj Kise Kahte Hain


रिपोतार्ज का अर्थ 

 

  • 'रिपोतार्ज़' फ्रेंच भाषा का शब्द है तथा अंग्रेजी के 'रिपोर्ट' शब्द से इसका घनिष्ठ संबंध है। किसी घटना के यथातथ्य विवरण को 'रिपोर्ट' कहते हैं जो प्रायः समाचारपत्रों के लिए लिखी जाती है। रिपोर्ट के साहित्यिक और कलात्मक रूप को हम 'रिपोतार्ज' कह सकते हैं ।

 

  • 'रिपोतार्ज़' का लेखक रिपोतार्ज़ में युद्ध, महामारी, अकाल, बाढ़ आदि के दुष्परिणामों का आँखों देखा समाचार वर्णित करता है पर उसका उद्देश्य सूचना देना-भर नहीं होता। इसके पीछे उसकी एक विशेष दृष्टि होती है। 
  • रिपोतार्ज़लेखक का मुख्य उद्देश्य महामारी, बाढ़, अकाल आदि से उत्पन्न विषम स्थितियों से लाभ उठाने वाले मुनाफाखोरों पर व्यंग्य करना होता है । वह ऐसे नीच व्यक्तियों पर व्यंग्य कर मानव जीवन के विकास में सहायक जीवन-मूल्यों के हास पर चिन्ता प्रकट करता है और पाठकों को इनके विषय में सोचने पर बाध्य करता है। यों तो, रिपोतार्ज़ में विनाशकारी घटना के वर्णन पर लेखक की दृष्टि टिकी होती है और पात्र उसके लिए विशेष महत्वपूर्ण नहीं होते, तथापि मानव-मूल्यों का नाश करने वाले कुछ पात्रों के अमानवीय कार्यों का वर्णन भी लेखक करता ही है। इस प्रकार एक वाक्य में यह कहा जा सकता है कि जब कोई समाचार केवल समाचार नहीं रहता, वरन् मानव-मूल्यों से जुड़कर साहित्य की स्थायी सम्पत्ति बन जाता है तब उसे 'रिपोतार्ज़' कहते हैं हिंदी के रिपोतार्ज़-लेखकों में शिवदान सिंह चौहान, अमृत राय, प्रभाकर माचवे, लक्ष्मीचंद जैन, धर्मवीर भारती, प्रकाशचंद्र गुप्त आदि के नाम लिये जा सकते हैं। 
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