World AIDS Day 2023: Theme Importance Aim :विश्व एड्स दिवस 2023 विषय महत्व उद्देश्य
World AIDS Day 2023: Theme Importance Aimविश्व एड्स दिवस 2023 विषय महत्व उद्देश्य
विश्व एड्स दिवस 2023 (World AIDS Day 2023)
- विश्व में प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को 'विश्व एड्स दिवस' (World AIDS Day) मनाया जाता है।
- 'विश्व एड्स दिवस' (World AIDS Day) की शुरुआत वर्ष 1988 में 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' (WHO) द्वारा की गई थी और यह 'एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम' (एड्स) के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पहला 'वैश्विक स्वास्थ्य दिवस' था।
- एड्स, 'ह्यूमन इम्यूनो वायरस' (एचआईवी) के संक्रमण के कारण होने वाली एक महामारी है, जो मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती है।
- वर्ष 2020 में एचआईवी तथा उससे संबंधित कारणों की वजह से 6,80,000 लोगों की मृत्यु हो गई तथा 15 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए। इनमें से लगभग 62% संक्रमण के मामले घनी आबादी वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तथा उनके साथियों में देखे गए।
World AIDS Day Theme विश्व एड्स दिवस थीम विषय
वर्ष 2022 की थीम: "समानता"
The theme of World AIDS Day 2022 is "Equalize"
इस वर्ष विश्व AIDS दिवस की थीम इक्वलाइज (Equalize) या समानता रखी गई है क्योंकि जो लोग एड्स से पीड़ित होते हैं, उन्हें समाज में अलग नजर से देखा जाता है तथा उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ता है। लोगों को लगता है कि यह छूआ-छूत की बीमारी है, जबकि ऐसा नहीं है। इस साल की थीम, भेदभाव को खत्म करने तथा हर उस व्यक्ति के सम्मान करने पर जोर देती है, जो इस बीमारी से पीड़ित है।
World AIDS Day Theme List
2021 End inequalities. End AIDS. End pandemics.
2020 Global solidarity, shared responsibility
2019 Communities make the difference
2018 Know your status
2017 My health, my right
2016 Hands up for HIV prevention
2015 On the Fast-Track to end AIDS
2014 Close the gap
2013 Zero discrimination
2012 Together we will end AIDS
2011 Getting to zero
2010 Universal access and human rights
2009 Universal access and human rights
2008 Stop AIDS. Keep the promise—lead, empower, deliver
2007 Stop AIDS. Keep the promise—leadership
2006 Stop AIDS. Keep the promise—accountability
2005 Stop AIDS. Keep the promise
2004 Women, girls, HIV and AIDS
2003 Stigma and discrimination
2002 Stigma and discrimination
2001 I care, do you?
2000 AIDS: men make a difference
1999 Listen, learn, live! World AIDS campaign with children and young people
1998 Force for change—world AIDS campaign with young people
1997 Children living in a world of AIDS
1996 One world, one hope
1995 Shared rights, shared responsibilities
1994 AIDS and the family
1993 Time to act
1992 AIDS—a community commitment
1991 Sharing the challenge
1990 Women and AIDS
1989 Our lives, our world—let’s take care of each other
1988 A world united against AID
विश्व एड्स दिवस का महत्त्व: World AIDS Day Importance
- विश्व एड्स दिवस अंतर्राष्ट्रीय समुदायों तथा सरकारों को याद दिलाता है कि एचआईवी का अभी पूरी तरह से उन्मूलन किया जाना बाकी है। इस दिशा में अधिक धन जुटाने, जागरूकता बढ़ाने, पूर्वाग्रह को समाप्त करने और साथ ही लोगों को इस बारे में शिक्षित किया जाना महत्त्वपूर्ण है।
- यह दिवस दुनिया भर में एचआईवी ग्रसित लाखों लोगों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर प्रदान करता है।
HIV-AIDS क्या है
- ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस या HIV एक प्रकार का रेट्रोवायरस है, जिसका सही ढंग से इलाज न किये जाने पर यह एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम या AIDS का रूप धारण कर सकता है। AIDS को HIV संक्रमण का सबसे गंभीर चरण माना जाता है।
- गौरतलब है कि HIV का वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सीडी4 (CD4) नामक श्वेत रक्त कोशिका (टी-सेल्स) पर हमला करता है। ये वे कोशिकाएँ होती हैं जो शरीर की अन्य कोशिकाओं में विसंगतियों और संक्रमण का पता लगाती हैं।
- शरीर में प्रवेश करने के बाद HIV की संख्या बढ़ती जाती है और कुछ ही समय में वह CD4 कोशिकाओं को नष्ट कर देता है एवं मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाता है। विदित हो कि एक बार जब यह वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो इसे पूर्णतः समाप्त करना काफी मुश्किल है।
- HIV से संक्रमित व्यक्ति की CD4 कोशिकाओं में काफी कमी आ जाती है। ज्ञातव्य है कि एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में इन कोशिकाओं की संख्या 500-1600 के बीच होती है, परंतु HIV से संक्रमित लोगों में CD4 कोशिकाओं की संख्या 200 से भी नीचे जा सकती है।
- कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली व्यक्ति को विभिन्न गंभीर रोगों जैसे- कैंसर आदि के प्रति संवेदनशील बना देती है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के लिये मामूली चोट या बीमारी से भी उबरना अपेक्षाकृत काफी मुश्किल हो जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि HIV संक्रमण की उत्पत्ति कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में वर्ष 1920 के आसपास हुई थी।
- वर्ष 1959 में HIV के पहले ज्ञात मामले की पुष्टि एक ऐसे व्यक्ति में की गई, जिसकी मृत्यु कांगो में हुई थी।
- इस विषय पर हुए अनुसंधानों से ज्ञात होता है कि अमेरिका में यह वायरस सर्वप्रथम वर्ष 1968 में पहुँचा था।
HIV के
प्रकार
HIV के
सामान्यतः 2 प्रकार होते हैं:
- HIV-1
- HIV-2
- HIV-1 को विश्व भर में अधिकांश संक्रमणों का प्रतिनिधित्व करने वाला प्रमुख प्रकार माना जाता है, जबकि HIV-2 के रोगियों की संख्या काफी है और यह मुख्यतः पश्चिम एवं मध्य अफ्रीकी क्षेत्रों में पाया जाता है।
- गौरतलब है कि इन दोनों ही प्रकार के HIVs से AIDS हो सकता है, परंतु HIV-1 की तुलना में HIV-2 का प्रसार काफी कठिन है।
एड्स कैसे फैलता है (HIV-AIDS का प्रसार)
- सामान्यतः HIV-AIDS का प्रसार रक्त, वीर्य, योनि स्राव और माँ के दूध आदि के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे में होता है।
- HIV-AIDS के प्रसार का सबसे प्रमुख कारण असुरक्षित यौन संबंध को माना जाता है। गौरतलब है कि मिज़ोरम राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (MCACS) द्वारा एकत्रित आँकड़ों के अनुसार, मिज़ोरम में वर्ष 2006 से मार्च 2019 तक पाए गए एड्स प्रभावित व्यक्तियों में 67.21 प्रतिशत व्यक्ति असुरक्षित यौन संबंधों के कारण प्रभावित हुए थे।
- HIV संक्रमित रक्त के संपर्क में आने से भी इसके प्रसार का खतरा बढ़ जाता है। हालाँकि HIV संक्रमण का पता लगाने के लिये रक्त की जाँच के माध्यम से HIV संक्रमण के जोखिम को काफी हद तक कम कर दिया है।
- किसी ऐसे व्यक्ति के साथ सुई, सीरिंज या ड्रग आदि साझा करना जो कि इस वायरस से संक्रमित है, भी इस रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- HIV वायरस से ग्रसित माताओं के माध्यम से भी यह रोग उनके शिशुओं तक पहुँच सकता है।
एड्स के क्या लक्षण होते हैं ( HIV-AIDS के लक्षण)
- कई अध्ययनों में सिद्ध किया गया है कि HIV से संक्रमित तकरीबन 80 प्रतिशत लोगों के शरीर में वायरस के प्रवेश के लगभग 2-6 सप्ताह बाद एक्यूट रेट्रोवायरल सिंड्रोम (Acute Retroviral Syndrome) नामक लक्षण विकसित होते हैं।
- शुरुआती लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, बढ़ी हुई ग्रंथियाँ, थकान, कमज़ोरी और वज़न कम होना आदि शामिल हैं।
- ध्यातव्य है कि कई बार व्यक्ति लंबे समय तक किसी लक्षण का अनुभव किये बिना भी HIV के वायरस से ग्रसित हो सकता है। इस दौरान वायरस विकसित होता है एवं प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुँचाता है।
HIV-AIDS का इलाज
एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी
- मौजूदा समय में HIV-AIDS का पूर्ण इलाज संभव नहीं है, हालाँकि कई अलग-अलग दवाओं के माध्यम से इसके वायरस को नियंत्रित किया जा सकता है। इस तरह के उपचार को एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (Antiretroviral Therapy) या ART कहा जाता है।
- गौरतलब है कि यह दैनिक दवाओं का एक संयोजन है जो वायरस को प्रजनन करने से रोकते हैं।
- एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी CD4 कोशिकाओं की रक्षा करने में मदद करती है जिससे रोग से लड़ने के लिये प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत होती है।
- साथ ही यह HIV के प्रसार को रोकने में भी मददगार है।
स्टेम सेल ट्रांसप्लांट
- स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के तहत अस्वस्थ कोशिकाओं को स्वस्थ कोशिकाओं के साथ बदलने का प्रयास किया जाता है।
- ज्ञात है कि इस पद्धति का उपयोग करने वाले विशेषज्ञों द्वारा अब तक केवल दो लोगों को ही HIV से मुक्ति दिलाई गई है।
- शोधकर्त्ताओं का मानना है कि यह तरीका बहुत जटिल, महँगा और जोखिमपूर्ण है।
भारत में एड्स HIV-AIDS?
- HIV-AIDS के संदर्भ में भारत की स्थिति काफी सकारात्मक है, परंतु फिर भी देश में निरंतर सतर्कता और प्रतिबद्ध कार्रवाई की आवश्यकता है।
- विदित हो कि भारत में HIV का पहला मामला वर्ष 1986 में सामने आया था। इसके बाद यह वायरस पूरे देश में तेज़ी से फैला और 135 अन्य मामले सामने आए, जिनमें से 14 पहले ही एड्स से प्रभावित हो चुके थे।
एड्स रोकथाम के प्रयास
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACP)
- वर्ष 1986 में HIV संक्रमण के पहले मामले की रिपोर्ट करने के कुछ समय बाद ही भारत सरकार ने एक राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACP) की स्थापना की, जो अब स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एड्स विभाग बन गया है।
UNAIDS क्या है
- UNAIDS नए HIV संक्रमणों को रोकने की दिशा में कार्य कर रहा है । इसके अलावा UNAIDS यह भी सुनिश्चित करता है कि HIV से संक्रमित सभी लोगों की HIV उपचार तक पहुँच प्राप्त हो। UNAIDS यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है कि वर्ष 2020 तक लगभग 30 मिलियन लोगों को इलाज की सुविधा प्राप्त हो सके। इस कार्य हेतु UNAIDS द्वारा 90–90–90 लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य के अनुसार, वर्ष 2030 तक यह सुनिश्चित किया जाना है कि 90 प्रतिशत लोग अपनी HIV स्थिति जान सकें, पॉजिटिव HIV वाले 90 प्रतिशत लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँच सकें और इलाज तक पहुँच प्राप्त 90 प्रतिशत लोगों में से वायरस के दबाव को कम किया जा सके।
SDG 3.3
- वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र (UN) के सदस्य देशों द्वारा अपनाए गए सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) में भी वर्ष 2030 तक एड्स, तपेदिक और मलेरिया महामारियों को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
HIV और AIDS (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 2017
- सितंबर 2018 से लागू यह कानून देश में HIV और AIDS के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने का प्रयास करता है। साथ ही अधिनियम HIV और AIDS से संक्रमित व्यक्तियों के खिलाफ भेदभाव को समाप्त करने का कार्य भी करता है। इस अधिनियम में ऐसे व्यक्तियों के उपचार के संबंध में गोपनीयता प्रदान करने का भी प्रावधान किया गया है। इसमें HIV और AIDS से संबंधित शिकायतों के निवारण तंत्र का भी प्रावधान है।
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