अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस 2023 थीम महत्व उद्देश्य इतिहास । International Anti Corruption Day 2023 Theme History
अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस 2023 थीम महत्व उद्देश्य इतिहास
‘अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस (International Anti Corruption Day)' कब मनाया जाता है ?
- 9 दिसंबर को प्रति वर्ष पूरे विश्व में ‘अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस (International Anti Corruption Day)' मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस मनाए जाने का उद्देश्य क्या है ?
- अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस को मनाए जाने का प्रमुख उद्देश्य
भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता फैलाते हुए सरकारी, निजी एवं गैर सरकारी संस्थाओं समेत नागरिक समाज
को भ्रष्टाचार उन्मूलन हेतु संयुक्त रुप से कार्यवाही करने हेतु प्रेरित करना है।
अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस मनाए जाने को घोषणा कब हुई थी ?
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2003 में यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन अगेंस्ट करप्शन (United Nations Convention against Corruption) प्रस्ताव पारित किया एवं इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस को मनाए जाने की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस थीम (विषय) (International Anti Corruption Day Theme)
- 2021 की थीम - आपका अधिकार, आपकी भूमिका: भ्रष्टाचार को ना कहें (Your right, your role: Say no to corruption)
- 2020 की थीम - यूनाइटेड अगेंस्ट करप्शन
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार क्या
है?
- संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक भ्रष्टाचार एक गंभीर अपराध है जो देश के सामाजिक और आर्थिक विकास को कमजोर करता है। आज के समय में भ्रष्टाचार से कोई देश, क्षेत्र या समुदाय बचा नहीं है। यह दुनिया के सभी हिस्सों में फैल गया है चाहे वो राजनीतिक, सामाजिक या आर्थिक हो। इसके साथ ही यह लोकतांत्रिक संस्थाओं को भी कमजोर करता है, सरकारी अस्थिरता में योगदान देता है और आर्थिक विकास को भी धीमा करता है।
भ्रष्टाचार के कारण होते हैं
- निरक्षरता, गरीबी और जागरूकता के अभाव के कारण लोगों का अपने अधिकार के प्रति सजग ना होना
- कम वेतनमान और पारिश्रमिक भ्रष्टाचार की गतिविधियों को बढ़ावा देती है
- कठोर कानूनों एवं त्वरित न्याय व्यवस्था का अभाव
- सार्वजनिक खरीद, व्यापार समझौते इत्यादि में पारदर्शिता का अभाव
- राजनीतिक, प्रशासनिक एवं न्यायिक व्यवस्था में उत्तरदायित्व की कमी
- कुशल नियामक के अभाव में अनुचित व्यापार गतिविधियों को प्रोत्साहन
- विकासमुखी कार्यक्रमों के प्रभावी प्रबंधन और कुशल कार्यान्वयन का अभाव
- देश में आर्थिक विकास और आर्थिक स्थिरता का अभाव
- प्रभावी राजनीतिक नेतृत्व एवं स्थाई राजनीतिक नेतृत्व का अभाव
- जनसंख्या के आकार में संसाधनों का अल्प होना
- किसी देश में कारपोरेट और राजनीतिक गठजोड़ का होना
- भ्रष्टाचार को समाज के द्वारा मौन स्वीकृति
- विवेकाधीन शक्तियों का दुरुपयोग करना
भ्रष्टाचार का क्या प्रभाव पड़ता है
- देश की अर्थव्यवस्था के समानांतर अर्थव्यवस्था का सृजन होना
- आय का असमान वितरण
- भ्रष्टाचार के कारण किसी भी देश का उपभोग पैटर्न प्रभावित हो जाता है
- भ्रष्टाचार के कारण निजी निवेश ( घरेलू और विदेशी) प्रभावित होते हैं
- भ्रष्टाचार संसाधनों और अवसरों की उपलब्धता के रास्ते में रुकावट पैदा करता है
- भ्रष्टाचार से सार्वजनिक संस्थानों में भरोसा कम होता है और सामाजिक सेवाओं की अहमियत कम होती है
- भ्रष्टाचार धन व संसाधनों को ग़रीबी दूर करने के प्रयासों से हटा देता है
- भ्रष्टाचार की वजह से समाज में टकराव और संघर्ष पनपते और बढ़ते हैं
- भ्रष्टाचार सरकार की बजट व्यवस्था आय और व्यय दोनों को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए- सरकार को कर चोरी से कम आय, सरकार द्वारा किए गए खर्च का अधिकांश हिस्सा तक वांछित लोगों की पहुंच नहीं होना, सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की लागत का बढ़ जाना
- सरकार के द्वारा किए जा रहे आर्थिक सुधारों का प्रभावित होना
- देश के संसाधनों (वन्य जीव संसाधन, खनिज संसाधन) इत्यादि का अविवेकपूर्ण प्रबंधन जिससे ना केवल संसाधनों का अपव्यय होता है बल्कि इससे प्रदूषण( जल, थल एवं वायु) इत्यादि की भी समस्या आती है।
भ्रष्टाचार को रोकने हेतु महत्वपूर्ण वैश्विक संस्थाएं एवं पहल
- यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन अगेंस्ट करप्शन (United Nations Convention against Corruption): संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2003 में यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन अगेंस्ट करप्शन (United Nations Convention against Corruption) के प्रस्ताव को प्रस्ताव पारित किया गया।
संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (UNODC):
- UNODC की स्थापना 1997 में संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ नियंत्रण कार्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय अपराध रोकथाम केन्द्र को मिलाकर संयुक्त राष्ट्र सुधारों के तहत की गई थी। यह भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र समझौता के मानकों के कार्यान्वयन हेतु संयुक्त राष्ट्र की अधिकृत एजेंसी है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम-UNDP:
- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम UNODC के साथ मिलकर विश्व में भ्रष्टाचार के उन्मूलन हेतु मिलकर कार्य करता है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल (Transparency International):
- ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल एक स्वतंत्र अन्तरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है, जो वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार से जुड़े सूचकांक निर्धारित करता है। यह संस्था कई रिपोर्ट प्रकाशित करती है जिसमें विश्व के विभिन्न देशों में भ्रष्टाचार की स्थिति का मूल्यांकन होता है।इस संगठन के द्वारा भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (Corruption Perceptions Index-CPI), वैश्विक भ्रष्टाचार रिपोर्ट (Global Corruption Report) और रिश्वत भुगतानकर्ता सूचकांक (Bribe Payers Index) प्रकाशित किया जाता है।
भारत में भ्रष्टाचार को रोकने हेतु संस्थाएं एवं पहल
- अखिल भारतीय सेवा
(आचरण) नियम 1954 एवं केंद्रीय नागरिक
सेवा नियम 1956
- 1964 में केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना
- बेनामी लेन-देन
(निषेध) अधिनियम, 1988
- सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण
- सूचना का अधिकार,2005
- व्हिसल ब्लोअर्स
प्रोटेक्शन एक्ट, 2014
- सरकारी सहायता का
प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण (DBT)
- लोकपाल
- विमुद्रीकरण और डिजिटल मनी को प्रोत्साहन
- लेखा परीक्षण एवं लेखांकन प्रक्रियाओं को मजबूत करना
- भ्रष्टाचार
निरोधक अधिनियम,1988, भ्रष्टाचार
रोकथाम (संशोधन) विधेयक,
2018
- गवर्नमेंट-ई-मार्केट (जीईएम) जैसे उपायों ने सार्वजनिक खरीद में जवाबदेही
- सरकार के द्वारा ई गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाना
- काले धन से लड़ने के लिए एक विशेष जाँच टीम का गठन
- बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम, 1988 को मजबूत बनाने के लिए संशोधन
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