गणित विषय में शिक्षण की समस्याएं। Maths Teaching Problem in Hindi
गणित विषय में शिक्षण की समस्याएं (Maths Teaching Problem in Hindi)
गणित विषय में समस्याओं के प्रमुख कारण
आजकल अधिकांश विद्यार्थी गणित विषय में उतने निपुण नहीं हैं जितनी कि उनसे आशा की जाती है। जिसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-
प्राथमिक स्तर पर छात्रों की गणितीय नीव का कमजोर होना
Weakness Base in Mathematics at Primary Level
- माध्यमिक स्तर पर गणित शिक्षण की एक प्रमुख समस्या यह भी है कि छात्रों का प्राथमिक स्तर पर गणित शिक्षण बहुत कमजोर रूप में होता है। जिस कारण माध्यमिक स्तर पर छात्र गणित को ठीक से नहीं समझ पाते तथा इसी कारण से गणित शिक्षण के प्रति उनकी रुचि कम हो जाती है। जिस कारण माध्यमिक स्तर पर गणित शिक्षण का कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पाता। जो माध्यमिक स्तर पर गणित की एक प्रमुख समस्या बन जाती है।
छात्रों का शारीरिक स्वास्थ्य एवं मानसिक स्वास्थ्य
Physical and Mental Health of Students
- गणित शिक्षण के अन्तर्गत छात्रों का शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ्य होना नितान्त आवश्यक है। क्योंकि बालक के ध्यान, रुचि व एकाग्रता पर इसका प्रभाव पड़ता है। किसी भी प्रकार की मानसिक विकृति, शारीरिक रुग्णता तथा मानसिक तनाव का प्रत्यक्ष प्रभाव बालकों के शिक्षण पर प्रतिकूल पड़ता है। शारीरिक एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ बालक शीघ्र ही थक जाते हैं।
गणित शिक्षण का समय एवं अवधि
Time and Period of Mathematics Teaching
- यदि छात्र अधिक देर तक किसी क्रिया को करता रहता है, तो वह थकान का अनुभव करने लगता है, और थकान अनुभव होने से सीखने की प्रक्रिया में शिथिलता उत्पन्न हो जाती है। विद्यालयों में समय-चक्र बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि गणित जैसे कठिन विषयों को पहले तथा सरल विषयों को समय-चक्र में बाद में पढ़ाने की व्यवस्था बनाई जाए साथ ही मध्यान्तर की व्यवस्था भी आवश्यक रूप से की जानी चाहिए। समय चक्र में इस बात का भी ध्यान. रखा जाना चाहिए कि एक कक्षा की समय अवधि कितनी है।
अध्यापक का विषय के प्रति सही ज्ञान न होना
Lack of Good Knowledge about Subject in Teacher to
- अध्यापक को किसी विषय से सम्बन्धित ज्ञान, अनुभव एवं योग्यता आदि छात्रों को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। यदि अध्यापक को अपने विषय की गहन जानकारी नहीं है, तो वह छात्रों को बहुत कुछ नहीं दे पाएगा। इसके विपरीत, यदि अध्यापक को अपने विषय का पूर्ण ज्ञान तो वह आत्म-विश्वास के साथ छात्रों को नवीन ज्ञान देने में सक्षम होगा तथा उसका शिक्षण प्रभावी होगा। आजकल गणित शिक्षण से जुड़ी यह एक प्रमुख समस्या है।
शिक्षक का व्यवहार Behavior of Teacher
- शिक्षक का व्यवहार छात्रों के सीखने को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। शिक्षक में एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण होने चाहिए। उसके व्यवहार में सहानुभूति, से सहयोग, समानता, शिक्षण कला में निपुणता, मृदुभाषी, संयम आदि गुण हैं, तो छात्र कक्षा वातावरण में सहज रूप से सब कुछ सीख सकेंगे। लेकिन यदि शिक्षक का व्यवहार अत्यन्त कठोर है, तो छात्र उसकी कक्षा से पलायन करने लगते हैं, जो शिक्षण के दौरान एक प्रमुख समस्या है।
गणित शिक्षक की शिक्षण विधि
Teaching Method of Mathematics Teacher
- शिक्षण विधि का सीधा सम्बन्ध अधिगम प्रक्रिया से होता है। साथ ही, प्रत्येक शिक्षक का पढ़ाने का तरीका भी भिन्न होता है तथा सभी छात्र एक ही विधि से नहीं सीख पाते। शिक्षण की विधि जितनी अधिक वैज्ञानिक एवं प्रभावशाली होगी उतनी ही सीखने की प्रक्रिया सरल एवं लाभप्रद होगी। बच्चों के सन्दर्भ में खेल विधि द्वारा सीखना, करके सीखना, निरीक्षण द्वारा सीखना, योजना विधि द्वारा सीखना, खोज विधि द्वारा सीखना आदि का अपना अलग-अलग महत्त्व है। लेकिन शिक्षक छात्रों की रुचि के अनुरूप उन्हें शिक्षा न देकर पुरानी विधियों पर ही निर्भर रहते हैं।
व्यक्तिगत भेदों के ज्ञान की समस्या
Problem of Individual Knowledge
- प्रत्येक छात्र की बुद्धि, रुचि, योग्यता, क्षमता, अभिवृत्ति आदि अलग-अलग होती हैं तथा यही विशेषता शिक्षण की एक समस्या बन जाती है। इन्हीं विशेषताओं के कारण कुछ छात्र तो अध्यापक द्वारा प्रदत्त ज्ञान को आसानी से आत्मसात कर लेते हैं। और कुछ देर से कर पाते हैं या बिल्कुल ही नहीं कर पाते। सामान्यतः एक कक्षा में अध्यापक को तीन प्रकार के छात्रों का सामना करना होता है-मेधावी, सामान्य तथा पिछड़े हुए छात्र। इसी समस्या को व्यक्तिगत भेद की समस्या की संज्ञा दी जाती है। आजकल शिक्षक अपने शिक्षण की व्यवस्था इनके अनुरूप सुचारू रूप से व्यवस्थित करने में असफल हो रहे हैं।
अभ्यास
के उचित विभाजन की व्यवस्था न होना
Lack of Proper Division Arrangement for Exercise
- अभ्यास, गणित शिक्षण का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। गणित शिक्षण में अभ्यास का उचित विभाजन नहीं है, गणित शिक्षण में अभ्यास का मापदण्ड आवश्यक है। अभ्यास उतना होना चाहिए जितना कि छात्र उसे बिना थकावट का अनुभव करे कर सके तथा यह प्रक्रिया निरन्तर होनी चाहिए। माध्यमिक स्तर पर गणित शिक्षण में अभ्यास की प्रक्रिया का स्वरूप एक समान नहीं है जो गणित शिक्षण में एक प्रमुख समस्या है। आवश्यकता से अधिक अभ्यास कराने से सीखने की क्षमता का ह्रास होता है।
पाठ्यक्रम की संरचना की समस्या
Problem of Curriculum Structure
- गणित शिक्षण में पाठ्यक्रम की संरचना का बड़ा महत्त्व है। पाठ्यक्रम सरल से कठिन में की ओर 'बाल केन्द्रित' तथा 'जीवन से सम्बन्धित सिद्धान्तों पर आधारित होना चाहिए। लेकिन माध्यमिक स्तर पर पाठ्यक्रम की संरचना का व्यवस्थित न होना भी गणित शिक्षण की एक प्रमुख समस्या है।
गणित शिक्षण के लिए उचित वातावरण का न होना
Lack of Proper Environment for Mathematics Teaching
- विद्यालयों में गणित शिक्षण के लिए उचित वातावरण की समस्या आज गणित शिक्षण की एक प्रमुख समस्या बन गई है। गणित शिक्षण में गणित कक्ष, गणित, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, कक्षा-कक्ष में प्रकाश व वायु की व्यवस्था आदि का उत्तम प्रबन्ध न होना प्रमुख हैं।
उचित दृष्टिकोण का अभाव Lack of Proper View
- आज जन मानस में गणित के प्रति उचित दृष्टिकोण का अभाव है। गणित मानव जीवन तथा उसके सम्बन्धों का एक व्यापक विषय है फिर भी उचित दृष्टिकोण न बन पाना एक समस्या है। इसी प्रकार विद्यालय में अध्यापकों एवं विद्यार्थियों में इस विषय के प्रति सकारात्मक सोच की कमी है। गणित की महत्ता की समझ की कमी के कारण उचित दृष्टिकोण का अभाव नजर आता है।
आधुनिकतम शिक्षण विधियों की कमी
Lack of Modern Teaching Method
- गणित एक विषय के रूप में अपने व्यापक स्वरूप को समेटे हुए है। यह अपने एकीकृत रूप में विभिन्न विषयों से अपनी विषय वस्तु ग्रहण कर एक नवीन स्वरूप लेता है। गणित के शिक्षण में आधुनिकतम शिक्षण विधियों की कमी दिखाई देती है। कुछ परम्परागत एवं आधुनिक विधियों एवं प्रविधियों की सहायता से गणित शिक्षण अपनी पूर्णता को प्राप्त नहीं कर पाता। आज गणित पर जितना बल दिया जा रहा है उसको ध्यान में रखते हुए आधुनिकतम शिक्षण विधियों का भी प्रतिपादन होना चाहिए ।
Post a Comment