मध्य प्रदेश की प्राचीन गुफाएं। Ancient Caves of Madhya Pradesh in Hindi
मध्य प्रदेश की प्राचीन गुफाएं
(Ancient Caves of Madhya Pradesh in Hindi)
मध्य प्रदेश की प्राचीन गुफाएं (Cave of MP)
उदयगिरि की गुफाएं
- की गुफाएं मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में भिलसा के समीप अराल में पत्थरों को खोदकर उदयगिरि की 20 गुफाओं का निर्माण गुप्त काल में किया गया है। उदयगिरि की पहाड़ियों के पूर्वी ढाल को खोदकर तराशी गई इन गुफाओं में चौथी से पांचवीं शताब्दी की गुप्त काल की कलाकृतियां विद्यमान हैं। इन 20 गुफाओं में जैन गुफा, वाराह गुफा, शैव धर्म से संबंधित तवा गुफा, अमृत गुफा आदि प्रमुख हैं। जैन धर्म से संबंधित जैन गुफा का संबंध गुफा संख्या 1 व 20 से है। गुफा संख्या 5 में वाराह की विशाल प्रतिमा है, जो पुराणों में वर्णित पृथ्वी के उद्धार की कहानी पर आधारित है।
भर्तृहरि गुफाएं
- राजा भर्तृहरि की याद में परमार वंश के राजाओं द्वारा 11वीं शताब्दी में उज्जैन से 12 कि.मी. दूर कलियादह महल की ओर 9 गुफाओं का निर्माण कराया गया, जिनमें से 4 खंडित हो चुकी हैं। भर्तृहरि गुफाओं में प्राचीन उज्जैन नगर की सभ्यता और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले सभी चित्र रंगीन हैं।
बाघ की गुफाएं
- धार जिले से 97 कि.मी. दूर बाघ नदी के किनारे स्थित विंध्याचल की पहाड़ियों को काटकर बाघ की गुफाओं का निर्माण चौथी से छठी शताब्दी में कराया गया। प्रारंभ में यहां बौद्ध विहारों के रूप में निर्मित 9 बौद्ध गुफाएं थीं, लेकिन अब मात्र 5 शेष रह गई हैं। इन गुफाओं में प्रमुख हैं- पांडव गुफा, गृहा गुफा, हाथी गुफा, रंगमहल आदि।
- गुफा संख्या 2 में पांच बौद्धों के चित्र हैं, जिन्हें स्थानीय निवासी पांच पांडव मानते थे। गुफा संख्या 4 में रंग-बिरंगे चित्र थे एवं गुफा की छत रंगीन चित्रकारी से सुसज्जित थी। रंगीन चित्रकारी के कारण ही गुफा संख्या 4 को रंगमहल कहा जाता था। बाघ की गुफाओं के बाहर यक्षराज का एक बड़ा चित्र भी मौजूद है। बाघ की गुफाएं अजंता की गुफाओं के समान कलापूर्ण भित्ति चित्रों से युक्त हैं, जिनको पांचवीं एवं सातवीं शताब्दी (भारतीय चित्रकला का स्वर्ण युग) के मध्य चित्रित किया गया। इन भित्ति चित्रों को बौद्ध चित्र का प्राण कहा जाता है।
भीमबेटका की गुफाएं
- भोपाल से 46 कि.मी. दूर रायसेन जिले में स्थित भीमबेटका की प्रागैतिहासिक गुफाओं में शैल चित्र बने हैं, जिनमें पशुओं की प्रधानता है। इन शैल चित्रों में लाल एवं सफेद रंगों का अधिक प्रयोग हुआ है। इनमें हरे एवं पीले रंगों का प्रयोग भी देखने को मिलता है। भीमबेटका की लगभग 500 प्रागैतिहासिक गुफाओं को 'यूनेस्को' ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है।
कबरा गुफाएं
- पांचवीं शताब्दी में निर्मित 11 कबरा गुफाएं मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में स्थित हैं। इन गुफाओं में आखेट के चित्रों की प्रधानता है। चित्रों की आकृतियों में गेरुए तथा पीले रंग का प्रयोग हुआ है।
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