जून 2018 में प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के रायगढ़ ज़िले में मोहनपुरा सिंचाई परियोजना राष्ट्र
को समर्पित की। यह परियोजना कृषि भूमि की सिंचाई सुविधा के साथ-साथ इस क्षेत्र के
गाँवों को पीने का पानी भी उपलब्ध कराएगी।
मोहनपुरा सिंचाई परियोजना की जानकारी
मोहनपुरा सिंचाई परियोजना देश की ऐसी
पहली ऐसी परियोजना है जिससे प्रेशर से खेतों में सिंचाई की जाएगी। यह देश की पहली लंबी
पाइपलाइन है, 3800
करोड़ लागत की इस परियोजना के तहत सबसे लंबी प्रेशरयुक्त पाइप वाली अंडरग्राउंड नहर
से 1 लाख 35 हजार हेक्टेयर जमीन में सिंचाई की जाएगी। पहले चरण में कालीपीठ
क्षेत्र में 25 हेक्टेयर की पथरीली जमीन में सिंचाई की जाएगी। अन्य क्षेत्रों में
अंडरग्राउंड पाइप बिछाने का काम जारी है। मोहनपुरा डैम राजगढ़ से 8 किलोमीटर दूर
नेवज नदी पर बनाया गया है। बांध का जलग्रहण क्षेत्र 3726 वर्ग किमी है। मोहनपुरा
बांध में सिंचाई, घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा , बांध से लगभग 35500 हेक्टेयर खरीफ और
62250 हेक्टेयर रबी मौसम में सिंचाई करना प्रस्तावित है।
मोहनपुरा सिंचाई परियोजना अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु
इस
परियोजना का निर्माण कार्य दिसंबर 2014 में शुरू हुआ था। फरवरी 2018 में
निर्माणावधि से पहले इसे पूरा कर लिया गया।
इस
बांध में करीब 61.63 करोड़ घन मीटर जल भराव की क्षमता है। 456.50 मीटर लंबा और
77.50 मीटर की ऊँचाईवाला पक्का बांध
बनाया गया है।
इस
बांध के निर्माण से करीब 1.34 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जा सकेगी।
इस
परियोजना से मध्यप्रदेश की राजगढ़ ज़िले के 727 ग्राम लाभान्वित होंगे। परियोजना के
अंतर्गत उद्योगों और पेयजल के लिये 5-5 मिलियन घन मीटर पानी आरक्षित किया गया है।
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गेट वाला यह बांध ज़िले का सबसे बड़ा और भोपाल संभाग का दूसरा सबसे बड़ा बांध है।
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