मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध राजनीतिक व्यक्ति । मध्यप्रदेश के राजनीतिज्ञ । MP ke rajnitigya
मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ ( राजनीतिक व्यक्ति )
मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध राजनीतिक (राजनीतिज्ञ) व्यक्ति
मौलाना बरकतुल्ला
- इनका जन्म भोपाल में 1862 ई. में हुआ था। इन्होंने अमेरिका में गदर पार्टी की स्थापना की और विदेशों में भारत की आजादी के लिए अपना पक्ष रखा।
- 1 नवम्बर, 1913 को इन्होंने गदर नामक साप्ताहिक - पत्र निकाला, जिसके सम्पादक डॉ. बरकतुल्ला और रामचन्दर थे।
- 27 सितम्बर, 1927 को इनका निधन हो गया।
कैलाशनाथ काटजू
- इनका जन्म 17 जून, 1887 को मध्य प्रदेश की जावरा रियासत (इंदौर के निकट) में हुआ था। इन्होंने वर्ष 1908 में कानपुर से वकालत शुरू की।
- वर्ष 1937 में वकालत को त्याग कर कांग्रेस में शामिल हो गए। वह उड़ीसा (ओडिशा) और पश्चिम बंगाल (पश्चिम बंग) के राज्यपाल भी रहे।
- वर्ष 1957 से 1962 तक वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। श्री काटजू ने 'इलाहाबाद लॉ जर्नल' का सम्पादन भी किया था।
प्रकाश चन्द्र सेठी
- इनका जन्म 10 अक्टूबर, 1920 को झालरापाटन में हुआ था। उज्जैन से विधायक रहे सेठी ने 29 जनवरी, 1972 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और 1975 तक मुख्यमंत्री रहे ।
- वे मध्य प्रदेश के आठवें मुख्यमंत्री थे। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संबंधित थे। वह मध्य प्रदेश तथा केंद्र सरकार में विभिन्न विभागों (गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, रेलवे, आवास एवं विकास मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और मिनिस्टर ऑफ पर्सनल अफेयर्स) में मंत्री रहे थे। 1996 में इनकी मृत्यु हुई ।
रविशंकर शुक्ल
- इनका जन्म 2 अगस्त, 1877 को मध्य प्रदेश के सागर जिले में हुआ। यह एक वरिष्ठ कांग्रेसी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।
- 15 अगस्त, 1947 से 31 अक्टूबर, 1956 तक सीपी और बरार के प्रथम मुख्यमंत्री और 1 नवम्बर 1956 को अस्तित्व में आये नये राज्य मध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान 31 दिसंबर, 1956 को उनका स्वर्गवास हो गया था। दिल्ली स्थित भारत के संसद भवन परिसर में रविशंकर शुक्ल की प्रतिमा विद्यमान है।
गोविन्द नारायण सिंह
- इनका जन्म 25 जुलाई, 1920 में हुआ था। इन्होंने वर्ष 1948 में 'भारतीय प्रशासनिक सेवा से त्यागपत्र दे दिया।
- वर्ष 1952 में ये विधायक बनकर राज्य मन्त्रिमंडल में मंत्री बने। वर्ष 1967 में ये प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
- इन्हें बिहार का राज्यपाल बनने का गौरव भी प्राप्त है।
कैलाश चन्द्र जोशी
- इनका जन्म 14 जुलाई, 1929 को देवास जिले के हाटपीपल्या नामक स्थान पर हुआ था। वर्ष 1963 से 1966 तक ये जनसंघ विधायक दल के सभापति रहे। ये वर्ष 1968-69 में विधानसभा आश्वासन समिति तथा लोक लेखा समिति के सदस्य रहे।
- 23 जून, 1977 से जनवरी 1978 तक जोशी जी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 2004 से 2014 तक वे भारतीय जनता पार्टी की तरफ से लोकसभा सदस्य भी रहे हैं।
द्वारिका प्रसाद मिश्र
- इनका जन्म 5 अगस्त, 1901 को हुआ था। वर्ष 1920 में 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन' में शामिल होकर इन्होंने अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। पण्डित मोतीलाल नेहरू के नेतृत्व वाली केंद्रीय विधानसभा में इन्हें विपक्ष का सचेतक बनाया गया था। वर्ष 1963 से 1967 तक वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। वे एक स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता, पत्रकार और लेखक भी थे। उन्होंने 'उष्णायन' नामक एक महाकाव्य भी लिखा था।
अटल बिहारी वाजपेयी
- वाजपेयी जी का जन्म ग्वालियर में 25 दिसम्बर, 1926 को हुआ था। इनकी शिक्षा ग्वालियर और कानपुर में हुई। इनके पिता का नाम श्रीकृष्ण बिहारी वाजपेयी था। इन्होंने 'भारत छोड़ो आन्दोलन' से सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया। वह 'जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। वर्ष 1951 से 1957 तक लोकसभा के तथा वर्ष 1957 से 1977 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। इन्होंने वर्ष 1966-67 में कनाडा में आयोजित 'गुट-निरपेक्ष संसदीय सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। 'मेरी 51 कविताएं', 'मेरी संसद यात्रा' इनकी प्रमुख कृतियां हैं।
- पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का 93 वर्ष की अवस्था में लम्बी बीमारी के बाद 16 अगस्त, 2018 को निधन हो गया।
- भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संस्थापकों में शामिल वाजपेयी 1996 से 1999 के बीच तीन बार प्रधानमंत्री चयनित हुए। वह पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार मात्र 13 दिन ही चल पाई। 1998 में जब वह दूसरी बार प्रधानमंत्री नियुक्त हुए, तब उनकी सरकार 13 महीने तक चली। 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री नियुक्त हुए और तब उन्होंने 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा किया। विदित हो कि 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले वह पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। वह 10 बार लोकसभा के लिए और 2 बार राज्यसभा के लिए चुने गए। उनके जन्मदिन 25 दिसंबर को 'गुड गवर्नेस डे' के रूप में मनाया जाता है। 1977 में जनता पार्टी की सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री थे। उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े मंच से हिंदी में भाषण दिया था। वाजपेयी ने 'वसुधैव कुटुम्बकम' का संदेश देते हुए मानवाधिकारों की रक्षा के साथ-साथ रंगभेद जैसे गंभीर मुद्दों का जिक्र किया था।
अटल जी की उपलब्धियां
- वाजपेयी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि 5846 किलोमीटर की स्वर्णिम चुतर्भुज सड़क योजना थी। यह मुख्य रूप से राजमार्गों को आपस में जोड़ने वाली एक नेटवर्क योजना है, जो देश के चार प्रमुख महानगरों को दिल्ली (उत्तर), चेन्नई (दक्षिण), कोलकाता (पूर्व) और मुंबई (पश्चिम) में जोड़ती है। वाजपेयी सरकार की नई दूरसंचार नीति ने निश्चित लाइसेंस शुल्क की जगह दूरसंचार क्रांति की शुरुआत की। नयी टेलिकॉम नीति के कारण भारत ने 12 साल में टेलिकॉम सेक्टर में 3 से 70 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की।
- वाजपेयी सरकार में पहली बार विनिवेश से निजीकरण तेजी से बढ़ा। इंडियन पेट्रोकेमिकल कार्पोरेशन (आई.पी.सी.एल.) और हिंदुस्तान जिंक का स्वामित्व निजी समूह के पास गया। अटल जी के कार्यकाल में सर्वशिक्षा अभियान' आरम्भ किया गया। इसके तहत उन्होंने 6-14 साल के बच्चों की मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान को मौलिक अधिकार बना दिया।
- प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ही दिल्ली में मेट्रो प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। उन्होंने कश्मीरी गेट से सीलमपुर के लिए मेट्रो चलाने की मंजूरी दी थी। पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने ही लुक ईस्ट नीति की शुरुआत की, जिसे वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ने 15 अगस्त, 2003 को चंद्रयान-1 परियोजना को मंजूरी दी थी। इस प्रोजेक्ट को 22 अक्टूबर, 2008 को लांच किया गया। वह राजकोषीय जिम्मेदारी अधिनियम भी लाए थे, जिसकी वजह से 5 साल में राजकोषीय घाटा निचले स्तर पर आया। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की आमदनी बढ़ाने के लिए भी काम किया।
- अटल सरकार ने 11 और 13 मई, 1998 को पोखरण 5 भूमिगत परमाणु परीक्षण करके भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र घोषित किया। उनके इस कदम से वैश्विक स्तर पर भारत परमाणु अस्त्र संपन्न देशों में शामिल हो गया।
- उन्होंने हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ मित्रवत एवं सौहार्दपूर्ण रिश्ते रखे। इसी उद्देश्य के साथ उन्होंने 19 फरवरी, 1999 को 'सदा-ए-सरहद' नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा की शुरुआत की। इस सेवा के प्रथम यात्री के रूप में वाजपेयी जी ने पाकिस्तान की यात्रा की।
मोतीलाल वोरा
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) से संबंधित मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसम्बर, 1928 को हुआ था। वर्ष 13 मार्च, 1985 से 13 फरवरी, 1988 तक वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने भारत सरकार में भी विभिन्न मंत्री पदों को सुशोभित किया। पत्रकार के रूप में भी इन्हें ख्याति प्राप्त थी। पेशे से मोतीलाल वोरा एक पत्रकार, राजनीतिज्ञ और सोशल वर्कर भी रहे हैं।
मोहम्मद शफी कुरैशी
- इनका जन्म 24 नवम्बर, 1929 को श्रीनगर में हुआ था। वह वर्ष 1965 से 1967 तक राज्य सभा तथा वर्ष 1967 से 1979 तक लोकसभा के सदस्य रहे। इन्हें केंद्रीय मन्त्रिमंडल में भी अनेक बार शामिल किया गया। इन्हें अपने गृह राज्य की 'नेशनल कॉन्फ्रेंस' को 'नेशनल कांग्रेस में परिवर्तित करके कांग्रेस की स्थापना करने का श्रेय प्राप्त है। ये बिहार, मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे हैं।
अर्जुन सिंह
- राष्ट्रीय कांग्रेस से संबंध रखने वाले अर्जुन सिंह का जन्म 5 नवम्बर, 1930 को चुरहट, जिला सीधी में हुआ था। वह मध्य प्रदेश के विभिन्न विभागों में मंत्री पद को सुशोभित कर चुके हैं। वर्ष 1980 में वे मध्य प्रदेश के 12वें मुख्यमंत्री बने थे। उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान ही भोपाल के हृदयविदारक गैस कांड की घटना हुई थी। बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में यूनियन मिनिस्टर ऑफ हयूमन रिसोर्स डेवलपमेंट के पद पर भी 2004-2009 तक कार्यरत रहे। केंद्रीय स्तर पर भी ये कई बार मंत्री बन चुके हैं। 4 मार्च, 2011 को इनका निधन हो गया।
आरिफ बेग
- इनका जन्म इंदौर में 2 फरवरी, 1936 को हुआ था। वह वर्ष 1967 से 1972 तक मध्य प्रदेश विधानसभा के तथा वर्ष 1977 से 1979 तक लोकसभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे हैं। इनकी मृत्यु 5 सितंबर, 2016 को भोपाल में हुई।
सुन्दरलाल पटवा
- इनका जन्म 11 नवम्बर, 1924 को मंदसौर के कुकड़ेश्वर नामक स्थान पर हुआ था। वर्ष 1942 में 'राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से इन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। इन्हें संघ प्रचारक, विधानसभा सदस्य विरोधी दल का मुख्य सचेतक, राज्य सहकारी बैंक का संचालक तथा जनता पार्टी की कार्यसमिति का सदस्य रहने का गौरव प्राप्त है। वह वर्ष 1990 से 1992 तक राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे।
डॉ. शंकर दयाल शर्मा
- इनका जन्म भोपाल में 19 अगस्त, 1918 को हुआ था। डॉ. शर्मा ने सेंट जॉन्स कॉलेज, आगरा से स्नातक, इलाहाबाद से एम. ए. लखनऊ विश्वविद्यालय एल.एल.बी. व कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1952 से 1956 तक वह भोपाल स्टेट के मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 1956 में मध्य प्रदेश के गठन के बाद डॉ. शर्मा राज्य मन्त्रिमंडल मंत्री बने। वर्ष 1972 में डॉ. शर्मा को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया और वह वर्ष 1974 तक पद पर बने रहे। वर्ष 1992 से 1997 तक भारत के राष्ट्रपति भी रहे। डॉ. शर्मा द्वारा लिखी गई पुस्तक का नाम है- कांग्रेस अप्रोच टू इंटरनेशनल अफेयर्स। डॉ. शर्मा का निधन 26 दिसम्बर, 1999 को हो गया।
उमा भारती
- उमा भारती का जन्म 3 मई, 1959 को टीकमगढ़ के डुण्डा में हुआ था। वह 8 दिसम्बर, 2003 को मध्य प्रदेश की प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनी। भारतीय जनता पार्टी से संबंधित उमा भारती मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट से 1989 1991, 1996 व 1998 में लोकसभा सीट के लिए चुनी गईं।
- 1999 एवं 2014 में भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ा और विजयी रहीं। इनके द्वारा लिखित पुस्तकें हैं- स्वामी विवेकानन्द (1972), पीस ऑफ माइण्ड (1978) तथा मानव: एक भक्ति का नाता (1983 ) । वर्तमान में वे 'ड्रिंकिंग वॉटर एंड सैनिटेशन' विभाग की कैबिनेट मंत्री के रूप में यूनियन गवर्नमेंट ऑफ इण्डिया में कार्यरत हैं।
वीरेन्द्र कुमार सकलेचा
- सकलेचा जी का जन्म 4 मार्च, 1930 को हुआ था। वीरेंद्र कुमार सकलेचा पेशे से एक क्रिमिनल बैरिस्टर थे। वे साफ-सुथरी राजनीति के हिमायती थे। भाजपा की तरफ से वह प्रदेश में कई बार विधायक निर्वाचित हुए। संविद शासन काल में उप-मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 1978 से 1980 के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
माधव राव सिन्धिया
- इनका जन्म ग्वालियर के महाराजा जीवाजी राव सिन्धिया के यहां 10 मार्च, 1945 को हुआ था। इनकी माता राजमाता विजयाराजे सिन्धिया थीं। पहली बार मात्र 26 साल की उम्र में उन्होंने गुना की लोकसभा सीट जीती थी। वह 9 बार लोकसभा के सदस्य रहे। बाद में कांग्रेस से जुड़कर इन्होंने केंद्र सरकार में विभिन्न मंत्री पदों को भी सुशोभित किया था। 30 सितम्बर, 2001 को एक विमान दुर्घटना में इनकी मृत्यु हो गई।
विजयाराजे सिन्धिया
- राजमाता विजयाराजे सिन्धिया का जन्म 12 अक्टूबर, 1919 को सागर जिले में ठाकुर महेन्द्र (नेपाल के राजा के वंशज ) के यहां हुआ था। इनके बचपन का नाम लेखा दिव्येश्वरी था। वह मैट्रिक पास करने वाली प्रथम नेपाली महिला थीं। इनका विवाह ग्वालियर के महाराज जीवाजी राव सिन्धिया से हुआ था। उन्हें राजमाता के नाम से भी जाना जाता था। वह प्रथम बार वर्ष 1957 में गुना से लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ीं थी। वे 'जनसंघ' और 'भारतीय जनता पार्टी की एक सक्रिय सदस्य थीं। 25 जनवरी, 2001 को इनका निधन हो गया।
शबनम मौसी
- शबनम मौसी वर्ष 2000 में शहडोल जिले के सोहागपुर विध कानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में विधायक पद हेतु निर्वाचित होने वाली भारत की पहली किन्नर हैं। वे सिर्फ दो वर्ष ही प्राइमरी स्कूल की शिक्षा ग्रहण कर पाई थी, लेकिन वे 12 तरह की भाषाएं बोल लेती थीं। उनकी संघर्षपूर्ण जीवनी पर वर्ष 2005 में 'शबनम मौसी' फिल्म भी बन चुकी है, जिसका किरदार आशु राणा ने अभिनीत किया था।
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