मध्य प्रदेश कला एवं संस्कृति -मध्यप्रदेश की बोलियां । MP ki Boliyan

 मध्य प्रदेश कला  एवं संस्कृति -मध्यप्रदेश की बोलियां

मध्य प्रदेश कला  एवं संस्कृति -मध्यप्रदेश की बोलियां । MP ki Boliyan



मध्यप्रदेश की बोलियां

 

बुन्देलखंडी

 

  • बुन्देलखंडी, शौरसेनी अपभ्रंश से जन्मी पश्चिमी हिन्दी की एक प्रमुख बोली है। मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, सागर, पन्ना, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, होशंगाबाद, उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र के जिलों में भी यह बोली विस्तृत है। बुन्देली बोली साहित्य रचना की दृष्टि से अत्यन्त समृद्ध है। जगनिक, केशव, पद्माकर, लाल कवि, ईसुरी आदि इस बोली के प्रमुख कवि हैं।

 

कोरकू 

  • यह बोली बैतूल, होशंगाबाद, छिन्दवाड़ा, खरगौन जिलों के कोरकू आदिवासियों द्वारा बोली जाती है। इस बोली में लोकगीतों एवं लोक कथाओं के रूप में फुटकर साहित्य रचा गया है।

 

निमाड़ी 

  • धार, यह बोली प्रमुख रूप से खंडवा, खरगौन, देवास, बड़वानी, झाबुआ एवं इंदौर जिलों में बोली जाती है। यह बोली शौरसेनी अपभ्रंश से विकसित हुई है।

 

बघेलखंडी 

  • बघेली अर्द्ध-मागधी अपभ्रंश से जन्मी पूर्वी हिन्दी की एक महत्वपूर्ण बोली है। प्रदेश में विशुद्ध बघेली रीवा, शहडोल, सतना और सीधी जिलों में देखने को मिलती है। इस बोली में लोक-गीतों एवं लोक कथाओं के रूप में फुटकर साहित्य रचा गया है।

 

मालवी 

  • मालवी हिन्दी राजस्थानी वर्ग की बोली है। मालवा क्षेत्र में बोली जाने के कारण इसे मालवी कहा गया है। यह प्रमुख रूप से सीहोर, नीमच, रतलाम, मंदसौर, शाजापुर, झाबुआ, उज्जैन, देवास एवं इंदौर जिलों में बोली जाती है।

 

ब्रजभाषा 

  • ब्रजभाषा, खड़ी हिन्दी की एक बोली है, जो मुख्य रूप से भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर में बोली जाती है। इस बोली में सूरदास, मीरा, रसखान जैसे कवियों ने बड़े पैमाने पर साहित्य का सृजन किया है।

 

गोंडी 

  • इसका प्रयोग गोंड जनजाति एवं उसकी उप-जातियों द्वारा किया । यह म.प्र. के साथ संलग्न प्रदेशों की गोंड जातियों जाता है। द्वारा भी बोली जाती है।

MP-PSC Study Materials 
MP PSC Pre
MP GK in Hindi
MP One Liner GK
One Liner GK 
MP PSC Main Paper 01
MP PSC Mains Paper 02
MP GK Question Answer
MP PSC Old Question Paper

No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.