MP PSC Mains History 3 Marker Notes । मुख्य परीक्षा इतिहास तैयारी प्रश्न उत्तर
MP PSC Mains History 3 Marker Notes ( मुख्य परीक्षा इतिहास तैयारी प्रश्न उत्तर )
MP PSC Mains History 3 Marker Notes
आंभी
- सिकंदर के आक्रमण के समय तक्षशिला का शासक जिसने स्वेच्छा से सिकंदर के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया तथा बाद में पोरस अथवा पुरुषोत्तम के न विरुद्ध सिकंदर के युद्ध में सिकंदर की मदद की।
अमीरखुसरो
- 'तूतिये हिंद' के नाम से लोकप्रिय, दिल्ली सल्तनत के प्रसिद्ध 7 कवि, इतिहासकार तथा संगीतज्ञ थे। ये फारसी, उर्दू तथा हिंदी में लिखते थे तथा इन्हें बल्वन से गियासुद्दीन तुगलक तक सभी सुल्तानों का संरक्षण प्राप्त था। इनकी मृत्यु 1324 ई० में हुई।
अनंतवर्मन चोड़गंग
- उड़ीसा के पूर्वी गंग शासकों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण शासक जिन्होंने 12वीं शताब्दी में पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करवाया।
डॉ० अंसारी, (1880-1936)
- पेशे से चिकित्सक अंसारी शुरू में मुस्लिम लीग की राजनीति से जुड़े हुए थे तथा इसके 1920 के अधिवेशन के अध्यक्ष थे। लेकिन बाद में कांग्रेसी हो गए तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मद्रास अधिवेशन (1927) के अध्यक्ष बने । इन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया तथा 1930 एवं 1932 में दो बार जेल गए।
एंटियालकिडास
- तक्षशिला का इंडो-ग्रीकशासक (140-130 ई०पू० ), जिसने विदिशा के पांचवें शुंग शासक काशीपुत्र भागभद्र के दरबार में हेलियोडोरस को राजदूत के रूप में भेजा। मध्य प्रदेश में विदिशा के निकट बेसनगर स्तंभ लेख पर एटियालकिडास का उल्लेख हुआ है।
एंटिगोनस गोनातास
- मकदूनिया का शासक (277-239 ई०पू०), अशोक के वृहत शिलालेख XIII में इसका उल्लेख ' अंतिकिनी' नाम से हुआ है। यह यूनानी शासकों में से एक था जिसके साथ अशोक के मित्रवत संबंध थे।
एंटिओकस प्रथम-
- सेल्युकस निकेटर का पुत्र, यह सीरिया का शासक था जिसने बिंदुसार के दरबार में डायमेकस को अपने राजदूत के रूप में भेजा। जब बिंदुसार ने उससे मीठी शराब, सूखे अंजीर तथा एक विदूषक भेजने का आग्रह किया तो उसने जवाब दिया कि शराब तथा अंजीर भेज दिया जाएगा किंतु विदूषक नहीं क्योंकि कानून इसके विक्रय की अनुमति नहीं देता है।
एन्टिओकस द्वितीय थिओस-
- सीरिया का यूनानी राजा (261-246 ई०पू०) जिसका उल्लेख अशोक के वृहत शिलालेख XIII में अंतियोक' के रूप में हुआ है। अशोक के साथ इसके मित्रवत संबंध थे।
अनुरुद्ध –
- मगध के हर्यक वंश के उदयन का पुत्र एवं उत्तराधिकारी श्रीलंकाई बौद्ध इतिहास के अनुसार इस वंश का अंतिम शासक था।
अपोलोडोटस
- एक इंडो-ग्रीक शासक जो लगभग 156 ई०पू० पिता यूक्रेटाइड्स की हत्या कर सत्ता में आया।
फादररिडोल्फो एक्वाविवा
- गोवा में कार्यरत जेसुइट धर्म प्रचारक जिसे अकबर के आग्रह पर पुर्तगाली सरकार द्वारा फादर मांसरेट के साथ फतेहपुर सीकरी भेजा गया था क्योंकि अकबर ईसाईयत के मूलभूत सिद्धांतों को जानना चाहता था।
गुरू अर्जुन –
- सिखों के पांचवें गुरू (1581-1606), ये गुरू रामदास के पुत्र एवं उत्तराधिकारी थे। इन्होंने आदि ग्रंथको संकलित किया तथा अमृतसर शहर में प्रसिद्ध हरमंदिर साहिब का निर्माण करवाया। इस स्थान को 1577 में अकबर ने रामदास को दान में दिया था जिन्होंने यहां शहर बसाया। गुरु अर्जुन ने सिखों से' आध्यात्मिक कर' (एक प्रकार का धार्मिक कर लेना) प्रारंभ किया जिसके कारण गुरुओं के पास संपत्ति एकत्रित होने लगी। इन्हें जहांगीर के आदेश पर शहजादा खुसरो, जिसने जहांगीर के विरुद्ध विद्रोह किया था, को सहायता देने के कारण मृत्युदंड दिया गया।
आसफ खान
- अकबर का सेनापति जिसने रानी दुर्गावती से गढ़कटंगा को जीता तथा हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप को पराजित करने में मानसिंह का साथ दिया।
आसफ खान
- मिर्जा गियास बेग (एत्मादुद्दौला) का पुत्र तथा मेहरुन्निसा (नूरजहां) का भाई जिसकी बेटीयों, अर्जुमंद बानू बेगम (मुमताज महल), का विवाह शहजादा खुर्रम (शाहजहां) से हुआ था तथा उसने जहांगीर की मृत्यु के बाद शाहजहां को बादशाह बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में यह अपने दामाद का वज़ीर बना।
असंग
- प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान, भिक्षु तथा लेखक, असंग चौथी शताब्दी में था तथा वसुबंधु (समुद्रगुप्त का गुरू एवं मंत्री) का भाई था वह सूत्रालंकार (महायानवाद के योगाचार मत का प्राचीनतम ग्रंथ) तथा योगाचार भूमि शास्त्रका लेखक था।
अश्वघोष
- कनिष्क के काल का बौद्ध (महायानवादी) भिक्षु तथा विद्वान जिसने चतुर्थ बौद्ध संगीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह बुद्धचरित (बुद्ध जीवनी), राष्ट्रपाल तथा सारिपुत्र प्रकरण (नाटक) का लेखक था।
अतिश दीपांकर
- पाल काल के प्रसिद्ध बज्रयानी बौद्ध भिक्षु तथा उपदेशक (981-1054 ई०) जिनका मूल नाम चंद्रगर्भ था। ये लगभग 18 वर्ष तक विक्रमशिला विश्वविद्यालय के प्राचार्य रहे तथा बाद में तिब्बत चले गए जहां इन्होंने 12 वर्षों तक उपदेश दिये।
अवंतिवर्मन
- कन्नौज का मौखरी शासक जो ग्रहवर्मन का पिता था जिसका विवाह पुष्यभूति वंश के हर्षवर्धन की बहन राज्यश्री के साथ हुआ था।
अजीमुद्दौला
- स्वायत्त कर्नाटक राज्य का अंतिम नवाब जिसे लार्ड वेलेजली ने 1801 में ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाकर पेंशन देकर हटा दिया।
बादल एवं गोरा
- मेवाड़ के राजपूत बहादुर जिन्होंने अलाउद्दीन की सेना से चित्तौड़ की रक्षा करते हुए अपनी जान दे दी।
बदायूंनी
- अकबर के काल का एक प्रसिद्ध इतिहासकार जिसने मुंतखाब उल-तवारीखकी रचना की जिसमें अकबर के उदारवादी शासनकाल का आलोचनात्मक विवरण है।
बहादुरशाह
- गुजरात का शासक (1526-37), जिसने अपने पड़ोसियों, मालवा के सुल्तान तथा मेवाड़ के राजा को पराजित किया तथा उनके क्षेत्रों में अपना साम्राज्य विस्तार किया। हालांकि हुमायूं ने 1535 में उसे पराजित कर राज्यविहीन कर दिया था परंतु उसने शीघ्र ही मुगल सेना को खदेड़कर अपने क्षेत्र पर अधिकार कर लिया। लेकिन 1537 में पुर्तगालियों से जहाज पर बातचीत करते हुए डूब जाने से उसकी मृत्यु हो गई।
बहारखान लोहानी
- बिहार का अफगान शासक तथा फरीदखान (बाद में शेरशाह सूरी) का संरक्षक, जिसने फरीद को 'शेरखान' की उपाधि दी तथा उसे अपना नायब नियुक्त किया।
बैरम खान
- अकबर का अभिभावक तथा बाद में प्रतिशासक (1556 60) जिसने पानीपत की दूसरी लड़ाई जीतने तथा ग्वालियर, अजमेर एवं जौनपुर जीतने में अकबर की सहायता की। जब 18 वर्ष की आयु में अकबर ने प्रशासन को अपने प्रत्यक्ष नियंत्रण में लिया तो बैरम ने विद्रोह कर दिया जिसे दबा कर इसे माफ कर दिया गया। मक्का जाते हुए गुजरात के पाटन नामक स्थान पर इसके कुछ शत्रुओं ने इसकी हत्या (1561) कर दी।
बल्लाल सेन
- बंगाल का द्वितीय स्वतंत्र सेन शासक (1158-79 ई०) जिसने अपने राज्य का काफी विस्तार किया। यह संस्कृत का प्रसिद्ध लेखक था तथा इसने दान सागर तथा अद्भुत सागरकी रचना की। रूढ़िवादी हिंदूधर्म का संरक्षक होने के कारण इसने बंगाल के कायस्थों तथा ब्राह्मणों के बीच कुलीनवाद का प्रचलन प्रारंभ किया।
बंदा बहादुर
- दसवें तथा अंतिम सिख गुरु गोविंद सिंह के शिष्य बंदा बहादुर 1708 से 1785 के बीच सिखों के राजनैतिक गुरू थे। इन्होंने मुगल अधिकारी वजीर खान से बदला चुकाया जिसने गुरू के पुत्रों की हत्या की थी। मुगलों ने अंततः 1715 में पकड़कर इनकी हत्या कर दी
जियाउद्दीन बरनी
- फिरोजशाह तुगलक के काल का रूढ़िवादी इतिहासकार जिसकी तारीखे फिरोजशाही में फिरोज के काल तक तुगलकों के बारे में जानकारी मिलती है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रश्न उत्तर
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