विद्युत धारा अर्थ परिभाषा मात्रक प्रकार।पदार्थों में विद्युत धारा का प्रवाह ।Vidhut Dhara Paribhasa Matrak Prakar

विद्युत धारा अर्थ परिभाषा मात्रक प्रकार, पदार्थों में विद्युत धारा का प्रवाह 

विद्युत धारा अर्थ परिभाषा मात्रक प्रकार ।पदार्थों में विद्युत धारा का प्रवाह  ।Vidhut Dhara Paribhasa Matrak Prakar

 

 

विद्युत धारा (Electric Current) किसे कहते हैं 

  • हमें यह जानकारी हो चुकी है कि विद्युत आवेश सदैव ऊँचे विभव से नीचे विभव की ओर चलते हैं। चूँकि धनावेश का गमन नहीं होता और ऋणावेश गतिशील होता है अतः ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन ऊँचे विभव से कम विभव के स्थान की ओर गमन करते हैं। इलेक्ट्रॉनों का यह गमन तब तक जारी रहता है जब तक कि दोनों स्थान समान विभव वाले न बन जायें।
  • किसी चालक में विद्युतावेशों (इलेक्ट्रॉनों) का चलना विद्युत धारा का प्रवाहित होना कहलाता है। 
  • किसी चालक के किसी बिन्दु से प्रति सेकण्ड गुजरने वाले विद्युत आवेश चालक में प्रवाहित विद्युत धारा से परिमाण को प्रकट करते हैं। 

यदि t सेकण्ड में कूलॉम आवेश चालक के किसी बिन्दु से गुजरते हैं तो-

 

विद्युत धारा का परिमाण =विद्युत आवेश/समय 

i = Q (कूलॉम) / t सेकंड

 

इस तरह किसी चालक में विद्युत आवेश के प्रवाह की दर को विद्युतधारा कहते हैं

 

विद्युत धारा का मात्रक

  • S.I. प्रणाली में विद्युत धारा का मात्रक एम्पियर है। 
  • यह नाम फ्रांस के भौतिकशास्त्री ए० एम० एम्पियर (A.M. Ampere) को सम्मान देने हेतु दिया गया है। 
  • किसी चालक के अनुप्रस्थ परिच्छेद (cross-section) से प्रति सेकण्ड यदि एक कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है तो विद्युत धारा का मान एक एम्पियर होता है।

 

एक एम्पियर =एक कूलॉम /एक सेकण्ड 

एम्पियर = कूलॉम/सेकण्ड

 

  • एम्पियर से छोटा मात्रक मिली एम्पियर होता है मान 10 की घात-3 एम्पियर होता है। इससे छोटा मात्रक माइक्रोएम्पियर हैयह 10 की घात -6 एम्पियर के तुल्य होता है। 


एक एम्पियर विद्युत धारा का अर्थ है

 

  • प्रति सेकण्ड ( 1 कूलॉम) / (1.6 x 10 की घात -19 कुलॉम अर्थात् 6.25 x 10 की घात 18 इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह ।

 

विद्युत धारा यह एक अदिश राशि है 

  • विद्युत धारा यह एक अदिश राशि है जबकि इसमें परिमाण एवं दिशा दोनों होती है। कारण यह कि यह जोड़ के त्रिभुज नियम (Vector Rule) का पालन नहीं करती।

 

पदार्थों में विद्युत धारा का प्रवाह (Flow of Electric Current in Substances) 

धातुओं में विद्युत धारा का प्रवाह  (In Metals) - 

  • सभी धातुएं विद्युत के लिए सुचालक (Good Conductor) होती हैं। इनमें धारा का प्रवाह युक्त इलेक्ट्रानों के गति के कारण होता है। चाँदी विद्युत का सबसे अच्छा चालक है।

 

विलयनों में विद्युत धारा का प्रवाह  (In Solutions) - 

  • आसुत (Pure) जल विद्युत का चालक नहीं होता परन्तु यदि जल में कोई अम्ल (acid), क्षार (base) या लवण (Salt) धुला हुआ हो तो वह चालक हो जाता है। अम्लोंक्षारों तथा लवणों के जलीय विलयनों में विद्युत धारा का प्रवाहधनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों प्रकार के आवेशों की गति से होता है। विद्युत सेलों के विलयनों में भी विद्युत धारा का प्रवाह इसी प्रकार होता है।

 

गैसों में (In Gasses)विद्युत धारा का प्रवाह  -

  •  सामान्यतया गैसें विद्युत की चालक नहीं होती परन्तु किसी बंद नलिका में बहुत कम दाब पर गैस में से विद्युत का प्रवाह हो सकता है।

 

अर्धचालकों में विद्युत धारा का प्रवाह  (In Semi Conduc tors)-

  • जरमेनियमसिलिकन आदि कुछ पदार्थ विद्युत के चालक नहीं होते परन्तु यदि इनमें कुछ अशुद्धियाँ मिला दी जायँ तो ये विद्युत के चालक बन जाते हैं।  इसीलिए इन्हें अर्धचालक (Semi Conductor) कहते हैं।

 

विद्युत धारा के प्रकार (Kinds of Electric Current) 

विद्युत धारा दो प्रकार की होती है 

(a) दिष्ट धारा (Direct Current)- 

  • यदि किसी परिपथ (Circuit) में प्रवाहित धारा की दिशा में कोई परिवर्तन न हो अर्थात् धारा एक ही दिशा में गतिमान रहे तो इसे हम दिष्ट धारा (D.C.) कहते हैं। जैसे विद्युत सेल (electric Cell) युक्ति से प्राप्त विद्युत धारा दिष्ट धारा होती है ।

 

(b) प्रत्यावर्ती धारा (Alternative Current) 

  • यदि किसी परिपथ में धारा की दिशा लगातार बदलती है अर्थात् धारा का प्रवाह एकान्तर क्रम में समान्तर रूप से आगे और पीछे होता रहता है तो ऐसी धारा को हम प्रत्यावर्ती धारा (A.C.) कहते हैं। घरों में विद्युत की सप्लाई प्रत्यावर्ती धारा के रूप में ही की जाती है।

 

आवश्यकतानुसार विभिन्न उपकरणों का प्रयोग कर प्रत्यावर्ती धारा (A.C.) को दिष्ट धारा (D.C.) में तथा दिष्ट धारा (DC) को प्रत्यावर्ती धारा (AC) में बदला जा सकता है।


Also Read...

विद्युत धारा के प्रभाव -ऊष्मीय प्रभाव। सीबेक पेल्टियर थाम्सन प्रभाव 

चुम्बक पृथ्वी के चुम्बकीय तत्व , चुम्बकीय क्षेत्र और चुम्बकीय बल रेखायें ,  चुम्बकों के उपयोग

No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.