सत्यनिष्ठा (सच्चरित्रता) का अर्थ रूप एवं प्रकार । What is Integrity in Hindi
सत्यनिष्ठा (सच्चरित्रता) का अर्थ रूप एवं प्रकार (What is Integrity in Hindi )
सत्यनिष्ठा (सच्चरित्रता) का अर्थ
- सत्यनिष्ठा के अंग्रेजी पर्याय Integrity का तात्पर्य किसी चीज के संपूर्ण रूप से जुड़े होने और आंतरिक सुसंगित से है। सत्यनिष्ठा सम्पन्न व्यक्ति का आचरण लगभग हर स्थिति में उसके नैतिक सिद्धांतों के अनुरूप होना चाहिए और नैतिक सिद्धांत वस्तुनिष्ठ आधार पर नैतिक होना चाहिए।
सिविल सेवा का एक महत्वपूर्ण मूल्य सत्यनिष्ठा
- सिविल सेवा का एक महत्वपूर्ण मूल्य सत्यनिष्ठा है। सिविल सेवक भय, दबाव, पूर्वाग्रह, पाखंड, प्रलोभन से मुक्त होकर संवैधानिक मूल्यों के प्रति निष्ठा रखते हैं, सार्वजनिक हित में अपने कर्तव्यों का दृढ़तापूर्वक पालन करना ही सत्यनिष्ठा है। सत्यनिष्ठा को नैतिक सिद्धांतों की दृढ़ता, निर्दोष चरित्र, स्पष्टता, ईमानदारी एवं निष्कपट रूप से कर्तव्य पालन के पर्यायवाची के रूप में परिभाषित किया गया है। स्वच्छ, निष्पक्ष एवं प्रभावी प्रशासन की स्थापना सच्चरित्रता के बिना संभव नहीं है, सच्चरित्रता का विपरीत शब्द भ्रष्टाचार है।
सत्यनिष्ठता का अर्थ
- सत्यनिष्ठता का अर्थ पद और प्रस्थिति के अनुसार अपने दायित्वों को निभाने में ईमानदारी, विश्वसनीयता, प्रतिबद्धता होनी चाहिए। सार्वजनिक पद पर बैठे लोगों को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए कि वे वित्तीय या किसी अन्य रूप में उनका अन्य व्यक्तियों या संगठनों के प्रति कृतज्ञता पैदा हो और बाध्यतावश उनको उन संगठनों के हित में कार्य करना पड़े या उनका सरकारी कार्य निष्पादन प्रभावित हो ।
- नोलन कमेटी U.K. के अनुसार, सार्वजनिक पद पर बैठे लोगों को बाहर के ऐसे व्यक्तियों या संगठनों के साथ-वित्तीय या अन्य बाध्यतावश अपने को लिप्त नहीं करना चाहिए जो उनके सरकारी कार्य-निष्पादन को प्रभावित करे।
'सत्यनिष्ठा के विभिन्न रूप या प्रकार (Types of Integrity )
सत्यनिष्ठा बहुत व्यापक शब्द है। इसे और अधिक सुपरिभाषित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के अनुसार-देखा जा सकता है। जिसमें निम्नानुसार है-
1. बौद्धिक सत्यनिष्ठा (Intellectual Integrity)-
- अपना मूल्यांकन उन्हीं प्रतिमानों पर तथा उतनी ही कठोरता से करना जिन पर हम किसी और का मूल्यांकन करते हैं। अगर कोई व्यक्ति पीठ पीछे किसी और के बारे में गलत सोचता है तो उसे किसी ऐसे व्यक्ति पर नाराज नहीं होना चाहिए जो उसके बारे में भी गलत बोलकर अपने सिद्धांतों और व्यवहारों पर गहराई से विचार करके उन असंगतियों या अंतर्विरोधों की खोज करना जो हमारी सत्यनिष्ठा पर सवाल उठाते हैं और जहाँ तक संभव से ऐसी असंगतियों को समाप्त करने की कोशिश करना चाहिए। अर्थात व्यक्ति की कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए।
- दूसरे शब्दों में विचार और व्यवहार में संगतता होना चाहिए, स्वीकृत मूल्यों विश्वास, मानकों, नियमों के अनुरूप ही व्यवहार होना चाहिए। दबाव वश- भग्नवश, लोभवश या दुविधा की स्थिति में स्वीकृत मूल्यों और विश्वासों के विपरीत आचरण नहीं करना चाहिए। समान परिस्थितियों में समरूप नैतिक मापदंडों का प्रयोग किया जाना चाहिए। दूसरों वैसी ही अपेक्षा रखना - जो हम दूसरों के लिए करते है। बौद्धिक पाखण्ड यह कि अपने लिए अलग व दूसरे के लिए अलग नैतिक मानदण्ड रखना तथा अपने अंतर्विरोधों के प्रति लापरवाह रहना या उन्हें जानबूझकर नजरअंदाज करना।
2. व्यावसायिक सत्यनिष्ठा (Professional Integrity) -
- व्यवसाय विशेष में स्वीकृत मूल्यों, मानकों निर्देशों आदि के अनुसार कार्य करते हुए अपने लक्ष्यो की प्राप्ति करने का प्रयास ही व्यावसायिक सत्यनिष्ठा है जैसे वर्तमान में अनेक मेडिकल कंपनियाँ नई दवाइयों की खोज हेतु मुपचुप तरीके से लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल करती हैं। यह व्यावसायिक सत्यनिष्ठा का उल्लंघन है। पुनः मरीजों को वैसी दवाएँ लेने की सलाह देना जो उनके (डॉक्टर) लिए लाभदायक होती है। व्यवसायिक सत्यनिष्ठा को निश्चित करने के लिए आचार संहिता, शपथ आदि की प्रभावी भूमिका हो सकती है।
- अपने व्यवसाय से जुड़े उन नैतिक सिद्धांतों का पालन करना जो उस व्यवसाय की आचार संहिता में शामिल है जैसे वकील द्वारा अपने मुवक्किल की पूरी सहायता करना नैतिक है और दूसरे पक्ष के वकील से साँठ-गाँठ कर लेना अनैतिक है।
3. कलाकार की सत्यनिष्ठा Artisite Integrity-
- कलाकार को वही बात कहनी चाहिए जो वह सचमुच सोचता है। किसी आर्थिक लाभ या अन्य प्रकार के दबाव में आकर कोई गलत बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि कलाकार की बातों से समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है इसलिए उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि झूठ का प्रचार-प्रसार न करें।
- भी उदाहरण के तौर पर एक कलाकार किसी वस्तु का विज्ञापन करता है तो समाज भी वस्तु को इसलिए खरीदना पसंद करता है क्योंकि उनके आदर्श कलाकार • वस्तु का उपयोग करता हुआ दिखाया जा रहा है जबकि वास्तव में कलाकार केवल उम विज्ञापन दिखा रहा है उस वस्तु का उपयोग कभी नहीं करता है। अत: इस प्रकार झूठे प्रचार प्रसार नहीं करना चाहिए।
4. ब्राण्ड सत्यनिष्ठा (Brand Integrity)
- किसी ब्राण्ड का अपनी छवि को सुसंगत बनाए रखना जैसे विज्ञापनों के प्राय: एक जैसी होती बाजार संबन्धित नीतियों में समरूपता आदि ब्राण्ड सत्यनिष्ठा के अंतर्गत आते हैं।
व्यक्तिगत जीवन में सत्यनिष्ठा के लाभ
- इससे व्यक्ति की विश्वसनीयता बढ़ती है। जिससे राजनीति, व्यापार, प्रशासन में सफलता की संभावना बढ़ती है।
- सम्मान बढ़ने से उसे आत्मसंतोष प्राप्त होता है। इससे निष्पादन और बेहतर होता है।
- अगर ऐसे व्यक्ति से कोई गलती हो भी जाती है तो या तो उसे अपवाद समझा जाता है या ये माना जाता है कि उसका इरादा गलत नहीं रहा होगा।
प्रशासन में सत्यनिष्ठा के लाभ
- कर्मचारियों और वरिष्ठ अधिकारियों का विश्वास प्राप्त हो जाता है। जनता का विश्वास भी प्राप्त हो जाता है और अगर जनता अधिकारियों पर विश्वास हो तो सामाजिक परिवर्तन तथा अन्य मामलों में उसका सक्रिय सहयोग मिलता है। कल्याणकारी राज्य में सत्यनिष्ठा रखने वाले लोक सेवकों की उपस्थिति से इस बात की गारंटी होती है कि राज्य जिन वर्गों को लाभान्वित करना चाहता है वे लाभ सचमुच उन्हें प्राप्त होंगे।
सत्यनिष्ठा के उदाहरण
- सफलता में उतना ही श्रेय लेना जितना योगदान वास्तव में उस व्यक्ति का है। अधिक श्रेय मिल रहा हो तो विनम्रता से अस्वीकार कर देना।
- मतदाताओं, नागरिकों, उपभोक्ताओं के सामने कोई झूठा वादा न करना ।
- विफलता की स्थिति में आगे बढ़कर उसकी जिम्मेदारी को स्वीकार करना चाहे उसमें उसके अधीनस्थों की भूमिका प्रमुख रही है।
- व्यक्तिगत लाभ के लिए झूठ बोलने, दूसरों की बुराई या तारीफ करने जैसे प्रवृत्तियों से बचना जैसे 12 साल से ऊपर के बच्चे का पूरा टिकिट लेना।
- किसी व्यक्ति से उतनी ही अपेक्षा करना जितना आप स्वयं उसके लिए करते हैं ।
- अपनी प्रतिवद्धताओं और वायदों को निश्चित समय पर पूरा करना चाहे उसके लिए कितना भी त्याग करना पड़े।
- किसी एस उत्पाद का विज्ञापन या समर्थन न करना जिससे आप स्वयं सचमुच संतुष्ट न हों और समाज के लिए अच्छा न मानते हों।
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