पारिस्थितिकी संबंध अथवा पारिस्थितिकी पिरामिड |Ecological Relationship Ecological Pyramid

पारिस्थितिकी संबंध अथवा पारिस्थितिकी पिरामिड  (Ecological Relationship / Ecological Pyramid )

 

पारिस्थितिकी संबंध अथवा पारिस्थितिकी पिरामिड |Ecological Relationship Ecological Pyramid

पारिस्थितिकी संबंध अथवा पारिस्थितिकी पिरामिड

पारिस्थितिकी पिरामिड का उदाहरण दो विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) के द्वारा समझा जा सकता है। यह उदाहरण निम्न दो विभिन्न बायोमास (Biomas) का प्रतिनिधित्व करते हैं-

 

(i) शीतोष्ण कटिबंध घास के मैदान (Temperate Grasslands) तथा 

(ii) शीतोष्ण कटिबंध बायोमास (Temperate Forest Biomas)

 

पारिस्थितिकी संबंध अथवा पारिस्थितिकी पिरामिड |Ecological Relationship Ecological Pyramid

  • आहार श्रृंखला के प्रत्येक अनुक्रमिक ( Succession) स्तर पर जैविकों (Organism) की संख्या में कमी होती जाती है। 
  • शीतोष्ण कटिबंधीय वनों की पारिस्थितिकी पिरामिड ( Ecological Pyramid) का आधार संकीर्ण (Narrow) हैक्योंकि इन वनों में अधिकतर उत्पादक (Producers) बड़े ऊँचे वृक्ष तथा झाड़ियाँ हैं।
  • दूसरे शब्दों मेंउत्पादकों की तुलना में उपभोक्ताओं की संख्या कम है। इसके विपरीत शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदानों में पारिस्थितिकी पिरामिड का आधार चौड़ा है जो ऊपर के स्तरों पर जाते हुए अनुक्रमिक रूप में संकीर्ण होता जाता है।

 


 

आहार श्रृंखला (Food Chain) तथा ऊर्जा संचार

आहार श्रृंखला (Food Chain) तथा ऊर्जा संचार


  • सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को पेड़-पौधे प्रकाश को प्रकाश संश्लेषण ( Photosynthesis) के द्वारा रासायनिक ऊर्जा में तब्दील कर देती है। घास-फूसपेड़-पौधों को उपभोक्ता उपयोग करते हैंकुछ ऊर्जा साँस प्रक्रिया में समाप्त हो जाती है तथा कुछ गल-सड़कर मृत भक्षियों का आहार बन जाता है। उपभोक्ता स्वयं मांसाहारी प्राणियों का भोजन बनते हैं इस प्रक्रिया में भी कुछ ऊर्जा का ह्रास होता है। अंतत: मांसाहारी उपभोक्ता को सर्वभक्षी अथवा बड़े मांसाहारी खा जाते हैं। यह आहार श्रृंखला एवं ऊर्जा संचार सभी प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्रों में देखा जा सकता है।

 

पारिस्थितिकी उत्पादन (Ecological Production)

 

  • प्रति इकाई जैविक पदार्थों के वजन को बायोमास (Biomass) कहते हैं। इस जैविक पदार्थ को सूखी अवस्था में मापा जाता है। जैव-पदार्थ पेड़-पौधों तथा पशु-पक्षियों पर आधारित होता है इसलिये इसको वनस्पति पदार्थ अथवा प्राणी-पदार्थ (Animal-Biomass) कहते हैं। जैव पदार्थ में पेड़-पौधोंफसलोंप्राणी-पदार्थ तथा वृक्षों की जड़ों इत्यादि को सम्मिलित किया जाता है।

 

  • प्राथमिक उत्पादकों (Primary Producers/Autotrophs) का किसी समय प्रति इकाई उत्पादन को पारिस्थितिकी उत्पादन (Ecological Productivity) कहते हैं। किसी पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) की उत्पादन शक्ति निम्न पर निर्भर करती है- (i) वनस्पति को प्राप्त होने वाली ऊष्मा तथा प्रकाश की मात्रा, (ii) पेड़-पौधों की सूर्य प्रकाश को ऊर्जा में परिवर्तन करने की क्षमता अथवा प्रकाश ऊर्जा (Light Energy) को रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy) में परिवर्तन करने की क्षमता। रासायनिक ऊर्जा से ही जैविक पदार्थों के ऊतक (Tissues) उत्पन्न होते हैं।

 

  • प्राथमिक उत्पादन (Primary Production) को निम्न दो विधियों से मापा (Measured) जा सकता है (i) कुल प्राथमिक उत्पादकता (Gross Primary Production- GPP) तथा (ii) असली प्राथमिक उत्पादन (Net Primary Production - NPP)। पेड़-पौधों के द्वारा उत्पादित कुल ऊर्जा को कुल प्राथमिक उत्पादकता (Gross Primary Productivity) कहते हैंजबकि असली प्राथमिक उत्पादकता (Net Primary Productivity) उस ऊर्जा को कहते हैं जो पेड़-पौधे आहार श्रृंखला को उपलब्ध कराते हैं। इस प्रकार असली प्राथमिक उत्पादकता में वह ऊर्जा सम्मिलित नहीं होती जो पेड़-पौधे अपनी वृद्धि करने के लिये साँस (Respiration) के रूप में खर्च कर लेते हैं।
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