ऊष्मा का मात्रक| ऊष्माधारिता एवं विशिष्ट ऊष्माधारिता | Heat Unit in Hindi
ऊष्मा का मात्रक, ऊष्माधारिता एवं विशिष्ट ऊष्माधारिता
ऊष्मा की मात्रा
- वस्तु में ऊष्मा न होकर आन्तरिक ऊर्जा होती है और यही आन्तरिक ऊर्जा ताप- अन्तर होने पर एक से दूसरी वस्तु में अन्तरित होती है, जिसे ऊष्मा कहते हैं।
- प्रारम्भ में ऊष्मा का मात्रक कैलोरी (calorie) था, जिसे परिभाषा अनुसार, 1 ग्राम जल के ताप में 1°C की वृद्धि के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा के बराबर माना गया। ऊष्मा का SI मात्रक जूल (J) है और 1 कैलोरी = 4.2 जूल।
- ऊष्मा का एक अन्य मात्रक किलो कैलोरी है, जो 1000 कैलोरी के है बराबर है। भोजन की ऊर्जा को ' कैलोरी' से व्यक्त करते हैं जो एक किलो कैलोरी के बराबर है।
ऊष्माधारिता एवं विशिष्ट ऊष्माधारिता–
- किसी वस्तु की ऊष्माधारिता (heat capacity) ऊष्मा की वह मात्रा है, जो वस्तु के ताप में 1K की वृद्धि कर सके। इसका SI मात्रक J/K है ।
- वस्तु की विशिष्ट ऊष्माधारिता ऊष्मा की वह मात्रा है, जो उसके किलोग्राम द्रव्यमान के ताप में 1K की वृद्धि कर सके। इसका SI मात्रक J/kgk है।
कुछ सामान्य पदार्थों की विशिष्ट ऊष्माधारिताएं तालिका में दी गई हैं
सीसा -130
लोहा - 460
पारा -140
मिट्टी का तेल - 210
जल - 4200
जल की विशिष्ट ऊष्माधारिता बहुत अधिक है।
कार इंजन कूलेंट
- विशिष्ट उच्च ताप क्षमता के कारण जल का उपयोग कार इंजन में तरल कूलेंट के रूप में किया जाता है। अन्य तरलों की तुलना में जल उसके तापमान में प्रति डिग्री की वृद्धि होने पर उष्मा का ज्यादा अवशोषण करता है।
- परंतु कार इंजन को ठंडा करने के लिये पानी पर्याप्त नहीं होता है। पानी में इसके लिये कुछ शीतलक (कूलेंट) जैसे कि एथिलीन ग्लाइकॉल, पोटेशियम डाइक्रोमेट, ट्राई- सोडियम फॉस्फेट एवं सोडियम नाइट्रेट आदि मिलाए जाते हैं।
एक शीतलक:
(i) जल के क्वथनांक को बढ़ाकर शीतलन की प्रक्रिया को तीव्र करता है, इस प्रकार जल इंजन से अतिरिक्त ऊष्मा ले जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि शीतलन व्यवस्था अधिक प्रभावी बनती है।
(ii) इंजन के धाविक भाग पर पानी के हानिकारक प्रभाव को कम करने में सहायता करता है।
(iii) वाटर पंप के लिये बिकेट या चिकनाई का कार्य करता है, तथा
(iv) जल के हिमांक बिंदु को नीचे लाता है, जिससे ठंडे देशों में 0°C पर भी जल नहीं जमता है।
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