Hindi Grammar- संज्ञा के शुद्ध प्रयोग सम्बन्धी नियम | Sangya Ke Niyam

Hindi Grammar- संज्ञा के शुद्ध प्रयोग सम्बन्धी नियम

Hindi Grammar- संज्ञा के शुद्ध प्रयोग सम्बन्धी नियम | Sangya Ke Niyam
 

संज्ञा के शुद्ध प्रयोग सम्बन्धी नियम


1. समूहवाचक और जातिवाचक संज्ञाओं का सम्बन्ध

सभी समूहवाचक संज्ञाएं प्रत्येक जातिवाचक संज्ञाओं के साथ प्रयुक्त नहीं होती। दोनों में विशिष्ट सम्बन्ध होता है जिनके आधार पर उनका परस्पर प्रयोग सुनिश्चित होता हैजैसे- 

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अशुद्ध प्रयोग - 

1. नेताओं का गिरोह प्रधानमंत्री से मिला। 

2. अंगूरों का ढेर कितना ताजा है। 

3. डाकुओं के शिष्टमंडल ने आत्मसमर्पण कर दिया। 

4. लताओं का झुंड बहुत सुन्दर है।

 

इन वाक्यों में नेताओंअंगूरोंडाकुओं और लताओं के लिए क्रमशः गिरोहढेरशिष्टमंडल और झुंड का प्रयोग अशुद्ध है। 

अतः अशुद्ध प्रयोग से बचने के लिए समूहवाचक संज्ञा और जातिवाचक संज्ञा के निम्नलिखित


सम्बन्ध को ध्यान रखें -  


1. श्रृंखला -पर्वतों की (अब मानव श्रृंखला भी बनने लगी है) 

2. जत्था-सैनिकस्वयंसेवकों का 

3. मण्डल नक्षत्रोंव्यक्तियों का 

4. गिरोह -चोरडाकुओंलुटेरोंपाकिटमारों का 

5. काफिला/कारवाँ ऊँटोंयात्रियों का 

6. ढेर-अनाजफलतरकारी का 

7. मण्डली -गायकोंविद्वानोंमूर्खों की

8. संघ -कर्मचारीमजदूरराज्यों का

9.शिष्टमंडल - अच्छे उद्देश्यों के लिए काम करने वाले व्यक्तियों का

10. झुंड- भेड़ों या बिना सोचे समझे काम करने वाले व्यक्तियों का 


2. द्रव्यवाचक संज्ञाओं का वचन 

द्रव्यवाचक संज्ञाओं के साथ यदि मात्रावाचक विशेषण का प्रयोग हो तो वे एकवचन में प्रयुक्त होती हैजैसे इन वाक्यों को देखें- 

 

1. मुझे दो किलो मिठाइयाँ चाहिए । 

2. उसने पाँच टन कोयले खरीदे।

 

इन वाक्यों में मिठाइयाँ और कोयले का प्रयोग अशुद्ध है क्योंकि उनके साथ मात्रावाचक शब्दों 'दो किलोऔर 'पाँच टनका प्रयोग हुआ इसके साथ ही खाने-पीने के अर्थ में भी द्रव्यवाचक संज्ञा का प्रयोग सदैव एकवचन में ही करना चाहिएजैसे

 

1. मुझे पूड़ियाँ अच्छी नहीं लगती। 

2. तेल की बनी मिठाइयाँ अच्छी नहीं होती। 

3. आज मैने रोटियाँ और मछलियाँ खायीं।

 

इन वाक्यों में पूड़ियाँमिठाइयाँरोटियाँ और मछलियाँ का अशुद्ध प्रयोग है। इसके स्थान पर पूड़ीमिठाईरोटी और मछली का प्रयोग शुद्ध होगा। 


3. भाववाचक संज्ञाओं का वचन - 

प्रायः भाववाचक संज्ञाओं का प्रयोग बहुवचन में नहीं होताजैसे

 

1. बच्चों की चंचलताएं मन को मोह लेती हैं। 

2. भारत-पाक के बीच शत्रुताएं अधिक हैंमित्रताएं कम। 

3. इन कमरों की लम्बाईयाँ - चौड़ाईयाँ क्या हैं ? 

4. मरीज कमजोरियों के कारण चल-फिर नहीं सकता। 

5. तुमने मेरे साथ बहुत भलाईयाँ की हैं।

 

  • इन वाक्यों में भाववाचक संज्ञाएं चंचलताएं शत्रुताएंमित्रताएंलम्बाईयाँ-चौड़ाईयाँकमजोरियाँ और भलाईयाँ का बहुवचन में अशुद्ध प्रयोग है। इनके स्थान पर इनका प्रयोग एकवचन में ही होना चाहिए । अपवादस्वरूप भाववाचक संज्ञाओं का बहुवचन प्रयोग वहाँ उचित होता है जहाँ विविधता का बोध होता है। ऐसे स्थलों पर भाववाचक संज्ञा का बहुवचन प्रयोग जातिवाचक संज्ञा के समान होता है। इन वाक्यों पर ध्यान दें- 

 

1. मनुष्य में बहुत सी कमजोरियाँ होती हैं। 

2. 'कामायनीकी अनेक विशेषताएं हैं।

 

4. आदरसूचक संज्ञा के लिए बहुवचन का प्रयोग 

व्यक्तिवाचक और जातिवाचक संज्ञाओं के साथ एकवचन होने पर भी आदर का भाव प्रकट करने के लिए बहुवचन क्रिया का प्रयोग किया जाता है। इन वाक्यों पर ध्यान दें -

 

1. तुलसीदास समन्वयकारी कवि थे। 

2. आप आजकल क्या कर रहे हैं ? 

3. प्रधानमंत्री आज नहीं आयेंगे। 

4. पिताजी अभी लखनऊ से नहीं लौटे हैं। 

5. माँजी! आप क्या सोच रही हैं। 

6. आपके दर्शन के लिए रुका था 


5. पुल्लिंग बहुवचन की जातिवाचक संज्ञाएं 

कुछ जातिवाचक संज्ञाएं सदैव पुल्लिंग में प्रयोग की जाती हैं। जैसे प्राणआँसूअक्षतओठ आदि एकवचन में होते हुए भी बहुवचन में किये जाते हैं। इन वाक्यों को देखें प्रयुक्त - 


1. रोगी के प्राण निकल चुके थे। 

2. शेर के बाल होते हैंशेरनी के नहीं। 

3. मैंने अपने हस्ताक्षर कर दिये थे। 

4. बारातियों पर अक्षत बरसाए गए।

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