प्रकाशीय यंत्र- लेंसयुक्त कैमरा संयुक्त सूक्ष्मदर्शी दूरबीन | Optic instruments in Hindi
प्रकाशीय यंत्र- लेंसयुक्त कैमरा संयुक्त सूक्ष्मदर्शी दूरबीन
प्रकाशीय यंत्र- लेंसयुक्त कैमरा संयुक्त सूक्ष्मदर्शी दूरबीन
लेंसयुक्त कैमरा -
- कैमरा एक प्रकाशरोधी बॉक्स होता है, जिसमें सामने या भाग में लेंस तंत्र लगा होता है और पिछले वाले भाग पर फोटो फिल्म लगी होती है। लेंस तंत्र वास्तव में अनेक लेंसों का बना होता है, जो फिल्म पर प्रकाश को फोकस कर प्रतिबिम्ब बनाता है। लेंस तंत्र में कई लेंस इसलिए होते हैं जिससे प्रतिबिम्ब, दोषों व विपथनों (aberrations) से मुक्त हो। इस लेंस तंत्र को आगे-पीछे कर भिन्न दूरियों की वस्तुओं के प्रतिबिम्ब को फिल्म पर फोकस कर सकते हैं। मानव-नेत्र की पुतली के समान कैमरे में भी एक छिद्र अथवा द्वारक होता है जिसके व्यास को कैमरे की परितारिका से छोटा-बड़ा किया जा सकता है। फिल्म व लेंस-तंत्र के मध्य एक शटर लगा होता है जिसे फोटो लेते समय तेजी से खोला और बंद किया जा सकता है और इसके खुलने की अवधि को समायोजित किया जा सकता है।
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी
- सूक्ष्मदर्शी की सहायता से अतिसूक्ष्म आकार की वस्तुओं को आवर्द्धित या बड़ा कर स्पष्ट देखा जा सकता है। संयुक्त सूक्ष्मदर्शी, छोटी फोकल दूरी के दो अभिसारी लेंसों का बना होता है, जिसमें एक को अभिदृश्यक (objective) लेंस तथा दूसरे को अभिनेत्र लेंस (eye lens) के रूप में प्रयुक्त करते हैं।
- अभिदृश्यक की ओर वस्तु को तेज प्रकाश से दीप्त कर रखने पर अभिदृश्यक लेंस से उसका वास्तविक व आवर्द्धित प्रतिबिम्ब बनता है। यह प्रतिविम्य अभिनेत्र लेंस के लिए वस्तु के रूप में कार्य करता है जो और भी बड़ा आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है। सूक्ष्मदर्शी में जो प्रतिबिम्ब दिखाई पड़ता है वह उल्टा होता है।
दूरबीन (Telescope) -
- दूरबीन दूरस्थ वस्तु का कोणीय आवर्धन करता है, जिससे दूरबीन में प्राप्त प्रतिबिम्ब द्वारा वस्तु के निकट होने का आभास होता है और वह सुस्पष्ट दिखाई देती है, मानो बड़ी हो गई हो। खगोलीय दूरबीन में अधिक फोकल दूरी के अभिसारी लेंस को अभिदृश्यक के रूप में तथा कम फोकल दूरी के लेन्स को अभिनेत्र लेंस के रूप में लगाया जाता है। दूर की वस्तु (ग्रहों व तारे) का वास्तविक व उल्टा प्रतिबिम्ब अभिदृश्यक अपने फोकस पर बनाता है। अब इस प्रतिबिम्ब को अभिनेत्र लेंस के फोकस के अन्दर ही समायोजित करते हैं जिससे अभिनेत्र द्वारा आभासी, आवर्धित व द्वितीयक प्रतिबिम्ब प्राप्त हो। यह अंतिम प्रतिबिम्ब वस्तु का उल्टा प्रतिबिम्ब होता है।
- स्थलीय दूरबीन में अंतिम प्रतिबिम्ब सीधा बने, इसके लिए अभिदृश्य लेंस व अभिनेत्र लेंस के बीच में एक अन्य लेंस लगाते हैं।
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