प्रकाश
हमेशा ही एक माध्यम से प्रकाशीय रूप से सघन (denser) माध्यम में जा सकता है लेकिन यह विरल माध्यम में हमेशा ही नहीं जा
सकता। जब प्रकाश किरणें सघन माध्यम से विरल माध्यम के पृष्ठ (सतह) पर आपतित हो रही
हो और आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक हो तब प्रकाश का अपवर्तन नहीं होता, बल्कि सम्पूर्ण प्रकाश परावर्तित होकर
उसी माध्यम में लौट आता है। इस घटना को प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं।
पूर्ण- आंतरिक परावर्तन का प्रयोग उदाहरण
पूर्ण-
आंतरिक परावर्तन का एक उपयोगी प्रयोग प्रकाशीय-रेशों (optical fibers), जो उच्च गुणवत्ता के कांच के महीन
तन्तु (तार) होते हैं, में किया जाता है। इन रेशों के एक सिरे
पर आपतित प्रकाश आन्तरिक रूप से बार-बार परावर्तित होकर दूसरे सिरे तक गमन करते
हुए बाहर आ जाता है जैसा में दिखाया गया है।
अतः प्रकाशीय-रेशे प्रकाश को एक से दूसरे सिरे तक
"नलिका" प्रवाह के रूप में प्रेषित करते हैं। सजावटी टेबल लैम्प में इन
प्रकाशीय रेशों का प्रयोग होता है। डॉक्टर किसी रोगी के पेट आदि को भीतर से देखने
के लिए महीन प्रकाशीय रेशों के पुंज काम में लाते हैं। पेट के भीतरी भाग को
प्रकाशित करने के लिए प्रकाश कुछ रेशों के द्वारा नीचे भेजा जाता है और कुछ अन्य
रेशों से वापस परावर्तित किया जाता है। यह विधि अंतर्दशन (एण्डोस्कोपी) कहलाती है।
आजकल
दूरसंचार एवं नेटवर्किंग के लिये तांबे की तारों की जगह ऑप्टिकल फाइबर का बड़ी
मात्रा में उपयोग हो रहा है। ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग इसलिये किया जाता है क्योंकि
ये लचीले होते हैं तथा इनका तारों के रूप में बंडल बनाया जा सकता है। लंबी दूरी के
दूरसंचार हेतु ये विशेष रूप से उपयोगी होते हैं क्योंकि विद्युत तारों की तुलना
में इनमें प्रकाश का गमन ज्यादा आसानी से होता है। साथ ही, प्रत्येक फाइबर कई स्वतंत्र चैनलों का
संचारण कर सकता है क्योंकि प्रत्येक फाइबर भिन्न तरंगदैर्ध्य के प्रकाश का उपयोग
करता है।
इन
फाइवर्स का निर्माण पारदर्शी प्लास्टिक या कांच या दोनों के संयोग से किया जाता
है। हालांकि, लंबी दूरी के दूरसंचार हेतु जिन
फाइबर्स का उपयोग किया जाता है, उनमें
सदैव निम्न ऑप्टिकल दुर्बलता के कारण कांच का ही उपयोग किया जाता है।
फाइबर्स
का उपयोग सुदूर संवेदन में भी किया जाता है। इनका उपयोग संवेदकों के रूप में ताप, दाब आदि के मापन के लिये किया जाता है।
एक्सट्रिसिक फाइवर ऑप्टिकल केबल सेंसर में भी ऑप्टिकल केबल का उपयोग किया जाता है।
एक्सट्रिसिक सेंसर का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि वे ऐसे स्थानों पर पहुंच सकते
हैं, जो दुर्गम क्षेत्रों में स्थित होते
हैं।
किसी वायुयान के इंजन के भीतर के तापमान का मापन करना एक कठिन
कार्य है लेकिन एक्सट्रिसिक सेंसर की सहायता से यह कार्य आसानी से
किया जा सकता है।
कुछ इमारतों में, छत
से सूर्य के प्रकाश को इमारत के अन्य भागों तक पहुंचाने के लिये भी ऑप्टिकल
फाइबर्स का उपयोग किया जाता है। इनका उपयोग सजावटी कार्यों के लिये भी किया जाता
है।
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