ठोस अपशिष्ट के परिभाषा एवं स्त्रोत एवं प्रबन्धन| नगरीय और औद्यौगिक अपशिष्ट का कारण प्रभाव एवं प्रबन्धन |Solid waste management
ठोस अपशिष्ट का प्रबन्धनः नगरीय और औद्यौगिक अपशिष्ट का कारण प्रभाव एवं प्रबन्धन
ठोस अपशिष्ट के परिभाषा एवं स्त्रोत
- मानव द्वारा उपयोग के उपरान्त परित्यक्त ठोस तत्वों या पदार्थों को ठोस अपशिष्ट कहते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के डिब्बे, बोतल, कांच, पॉलिथिन बैग, प्लास्टि का सामान, राख, घरेलू कचरा, लोह-लक्कड़, आदि सम्मिलित होते हैं। जनसंख्या वृद्धि तथा उपभोगवादी जीवनशैली के कारण लगातार ठोस अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा में वृद्धि हो रही है जो एक गम्भीर समस्या का स्वरूप लेता जा रहा है। ठोस अपशिष्ट पदार्थों का नियमित संग्रहण व समुचित स्थानों पर भली-भांति प्रतिपादन ठोस अपशिष्ट का प्रबन्धन कहलाता है।
ठोस अपशिष्ट पदार्थों के मुख्य स्त्रोत हैं-
घरेलू एवं नगरपालिका अपशिष्ट
- घरों से निकलने वाला कूड़ा-करकट तथा सार्वजनिक स्थलों पर एकत्रित कचरा नगर निकायों के लिए एक बड़ी समस्या है। इसमें डिब्बे, बोतल, कांच, पॉलिथिन बैग, प्लास्टि का सामान, राख, घरेलू कचरा, लोह-लक्कड़, टिन, ब्लेड, कागज आदि सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त पुराने वाहन, टायर, फिज, इलेक्ट्रोनिक सामान आदि का निस्तारण विकट समस्या है।
औद्योगिक अपशिष्ट
- औद्योगिक इकाईयों द्वारा अनेक प्रकार के अशिष्ट छोड़े जाते हैं, भूमि और जल प्रदूषण के प्रमुख्य कारक हैं। चीनी कारखनों से निकलने वाली खोई, तापीय ऊर्जा संयन्त्रों से उत्पादित राख, तांबा व एल्यूमिनयम, प्रगलन संयन्त्रों से निकलने वाले खतरनाक रसायन, उर्वरक इकाईयों से निकलने वाले अपशिष्ट इसके उपयुक्त उदाहरण हैं।
कृषिजनित अपशिष्ट
- फसल लेने के बाद खेतों में बचे डन्टल, पत्ते, घास-फूस आदि कृषि जनित अपशिष्ट कहलाते हैं। खेतों पड़े रहने वाले ये पदार्थ अधिक समय व अधिक मात्रा में होने पर समस्या पैदा करते हैं।
ठोस अपशिष्ट के अन्य स्त्रोतः
- खनन अपशिष्ट, मृत जानवरों का कंकाल, इमारती पत्थरों की कीटिंग व पॉलिश के दौरान निकलने वाली स्लरी, बुचड़घरों से निकलन वाला अपशिष्ट अस्पतालों से निकलने वाला बायो मडिकल वेस्ट पोल्टी फॉर्म का कचरा आदि ठोस अपशिष्ट के अन्य स्त्रोत हैं।
ठोस अपशिष्ट का प्रबन्धन
1. ठोस अपशिष्ट का नियमित एकत्रण एवं निस्तारण
2. विघटनीय एवं अविघटनीय कचरे का पृथक-पृथक संग्रहण जिससे निस्तारण एवं पुनःचक्रण सुधाजनक हो।
3. किसी भी प्रकार के अपशिष्ट का खुले में विसर्जन न किया जाय।
4. ज्वलनशील अपशिष्ट के निस्तारण हेतु नगर निकायों द्वारा इन्सिनेटर की स्थापना
5. ठोस अपशिष्ट का समुचित निस्तारण न करने वाली संस्था व व्यक्तियों पर कठोर कार्यवाही।
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