ऐतिहासिक व्यक्ति | UPSC history in hindi | Historic Person upsc exam

ऐतिहासिक व्यक्ति UPSC history in hindi (Historic Person upsc exam)

ऐतिहासिक व्यक्ति UPSC history in hindi | Historic Person upsc exam



ऐतिहासिक व्यक्ति UPSC history in hindi  

परमार्दिदेव (अथवा परमाल )

  • जेजाकुक्ति का अंतिम चंदेल राजा  (1166-1203) जो इस वंश का स्वतंत्र राजा था। उसे पहले पृथ्वीराज चौहान ने तथा बाद में कुतुबुद्दीन ऐबक ने पराजित कर उसकी राजधानी कालिंजर पर अधिकार कर लिया।

 

लॉर्ड पिगट 

  • मद्रास का गवर्नर (1775-78), जिसने कंपनी के म अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की कोशिश कीलेकिन इसके अपने 7 अधीनस्थों ने ही इसे पदच्युत कर बंदी बना लिया। उसकी मृत्यु मद्रास में बंदीगृह में हुई। 


पीर मुहम्मद खान

  • इसने अपना जीवन बैरम के सेवक के रूप में प्रारंभ कियाकिंतु शीघ्र ही बैरम-विरोधी खेमे में चला गया। बताया जाता है कि बैरम के प्रति उसके दुर्व्यवहार के कारण बैरम से विद्रोह किया था। बैरम के पतन के बाद उसने कई महत्त्वपूर्ण पदों पर काम किया। खानदेश पर अधिकार करने के असफल प्रयत्न (1562) के दौरान लौटते वक्त उसकी मृत्यु नर्मदा में डूब जाने से हुई। 


राणा प्रसाद

  • सिंध में अमरकोट का शासकजिसने हुमायूं तथा उसकी पत्नी हमीदा बानू को शरण दी थी। इनका पुत्र अकबर 1542 में यहीं पैदा हुआ था। 


प्रसेनजित

  • कोसल का राजा. जो बुद्ध एवं महावीर का समकालीन था 5 और दोनों ही उसके राज्य में गए थे। उसने बिंबिसार की बहन से विवाह किया तथा उसकी बहन का विवाह बिंबिसार से हुआ। वैवाहिक संबंध के बावजूद मगध तथा कोशल के बीच शत्रुता बनी रही तथा अजातशत्रु ने उसे एक गांव (काशी केनिकट) मगध को सौंपने को मजबूर किया। प्रसेनजित की मृत्यु के बाद धीरे-धीरे कोसल का पतन हो गया।

 

पुरुषोत्तम

  • हिंदू दार्शनिकजिसे अकबर ने फतहपुर सीकरी के इबादतखाना में आयोजित होने वाले धार्मिक शास्त्रार्थ में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था।


पुष्यगुप्त

  • रुद्रदमन प्रथम के जूनागढ़ अभिलेख में उल्लिखित चंद्रगुप्त मौर्य 5 का रिश्तेदार तथा सौराष्ट्र का मौर्य गवर्नर (राष्ट्रीय) जिसने कृषि कार्य के लिए प्रसिद्ध सुदर्शन झील का निर्माण करवाया।

 

कासिमखान

  • मुगल अभिजातजिसे शाहजहां ने बंगाल का सूबेदार नियुक्त किया तथा उसे पुर्तगाली व्यापारियों को समाप्त करने का आदेश दिया जो बंगाल में बस गए थे तथा अपने व्यापारिक अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे थे। उसने 1632  में हुगली पर अधिकार किया तथा पुर्तगालियों पर अंकुश लगाने में सफल रहा।

 

राधाकांतदेव

  • 19वीं शताब्दी में बंगाल केहिंदू समुदाय के प्रसिद्ध परंपरावादी न नेता जिन्होंने उदारतापूर्वक पूर्वी तथा पाश्चात्य शिक्षा को संरक्षण प्रदान किया। इन्होंने में डेविड हेयर को उसकी शैक्षणिक गतिविधियों में सहयोग प्रदान कियालेकिन ये डेंट समाज सुधारों (सती प्रथा सहित) तथा राममोहन राय के ब्रह्म समाज की गतिविधियों के विरुद्ध थे।

 

रघुजी भोंसले

  • नागपुर के भोंसले परिवार के संस्थापक थे। पेशवा बाजी र्टी राव प्रथम ने वरार में मराठा शक्ति को स्थापित करने के लिए इन्हें पूरी छूट दे रखी ३ थी। इनके वंशजों ने बरार पर 1853 तक शासन किया। इनकी राजधानी नागपुर थी। संतानहीन रघुजी तृतीय की 1853 में मृत्यु के बाद लॉर्ड डलहौजी ने इसे ब्रिटिश साम्राज्य य में मिला लिया।

 

रहमत अली चौधरी

  • कैंब्रिज में अध्ययनरत एक भारतीय मुसलमान जिन्होंने ड 1933 मेंपाकिस्तान शब्द का प्रतिपादन किया। यह मुसलमानों की बहुसंख्यक जनसंख्या पर आधारित भारतीय संघ की इकबाल की धारणा का विकास था। इस विचार को बाद में जिन्ना ने ग्रहण किया तथा पाकिस्तान को वास्तविकता में बदल दिया। 

राजशेखर

  • प्रतिहार राजा महिंद्रपाल (890-910) के दरबार का प्रसिद्ध कवि एवं नाटककार । जिसने संस्कृत में तीन तथा प्राकृत में एक (कर्पूर मंजरी) नाटक लिखा। 


रामानंद

  • उत्तर भारत (15वीं शताब्दी) के प्रारंभिक भक्ति संतों में से एक । जिनका जन्म इलाहाबाद के ब्राह्मण परिवार में हुआ था। हालांकि ये उत्तर के थेकिंतु इन्होंने अपने जीवन का अधिकांश भाग दक्षिण में बिताया। ये रामानुज से अत्यधिक प्रभावित थेराम के पूजक थे तथा इन्होंने जाति एवं लिंग का भेदभाव किए बिना सबको उपदेश दिया। उनके शिष्यों में कबीर एवं पद्मावती थे।

 

रोशनआरा

  • शाहजहां (मुमताज महल से उत्पन्न) की छोटी एवं दूसरी बेटी जिसने उत्तराधिकार के युद्ध में औरंगजेब का साथ दिया तथा सभी महत्त्वपूर्ण सूचनाएं गुप्त रूप से औरंगजेब को भेजकर उसकी काफी सहायता की। 


रुद्राम्बा देवी

  • वारंगल के काकातीय शासक गणपति देव की पुत्रीजो अपने पिता को उत्तराधिकारी बनी तथा उसका शासनकाल 13वीं शताब्दी के अंतिम दशक में था जब मार्को पोलो पूर्वी तट पर आया था।

 

रूपमती

  • मालवा के बाज बहादुर की पत्नी था। भारतीय इस्लामी परंपरा में उनको प्रेम गाथा काफी महत्त्व रखती है। इन दोनों के लिए बने दो खूबसूरत महल आज भी मांडू में अवस्थित हैं।

 

सलीमा बेगम

  • बाबर की बेटी की बेटी तथा अकबर की फुफेरी बहन थी । पहले इसका विवाह वैरम खान से हुआ था। बैरम खान के पतन तथा मृत्यु के बाद अकबर ने इससे विवाह कर लिया।

 

राणा सांगा

  • मेवाड़ का शासक (1509-29) तथा रायमल का पुत्र जो समकालीन भारत का महानतम योद्धा था। बाबर से तैमूर की तरह व्यवहार करने की अपेक्षा में इसने बाबर को आमंत्रित कियापर उसकी गणना सही साबित नहीं हुई। अत: उसके नेतृत्व में राजपूत बाबर की सेना के समक्ष खानवा के युद्ध (1527) में मिलेकिंतु संख्या में अधिक होने के बावजूद बुरी तरह परास्त हो गए। कुछ मामूली चोटों के साथ सांगा बच निकला। लेकिन बताया जाता है कि दूसरी बार बाबर से युद्ध करने की इच्छा के कारण इसे इसके सरदारों ने मार दिया।

 

शम्स-ए-सिराज अफीफ

  • फिरोजशाह तुगलक के काल का प्रसिद्ध इतिहासकार एवं अधिकारीजो तारीखे फिरोजशाही का लेखक था। 


सर सत्येन्द्र प्रसन्ना सिन्हा 

  • बंगाल में जन्मे तथा पेशे से वकीलसिन्हा अंग्रेजों द्वारा गवर्नर (1920 से 1924 तक बिहार एवं उड़ीसा के) नियुक्त होने वाले प्रथम भारतीय थे। ये वायसराय की कार्यकारी परिषद (1909) में भी नियुक्ति तथा 'पीयरका दर्जा प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय थे। राजनीति में काफी देर से आए तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बम्बई अधिवेशन (1915) के अध्यक्ष थे। 


द्वारकानाथ टैगोर

  • कलकत्ता में जोरासांको के प्रसिद्ध टैगोर परिवार के संस्थापक थे। व्यवसाय में इन्होंने काफी धन कमाया तथा यूनियन बैंक की स्थापना की जो बैंकिंग क्षेत्र में बंगाल का पहला कदम था। इन्होंने समकालीन उदारवादी आंदोलन को समर्थन प्रदान किया। ये ब्रह्म समाज के प्रारंभिक समर्थकों में से एक थे। 


सत्येंद्रनाथ टैगोर

  • आई० सी० एस० परीक्षा पास करने वाले प्रथम भारतीय (1864) जो देवेंद्रनाथ टैगोर के द्वितीय पुत्र तथा रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई थे।


तानसेन

  • प्रसिद्ध संगीतकारजिन्हें अकबर ने संरक्षण प्रदान किया। मुगल दरबार में इनका आगमन ऐसी महत्त्वपूर्ण घटना थी कि अकबर ने 1562 में इनकी स्मृति में रंगीन चित्र बनवाया। इसके पहले उनके संरक्षक ग्वालियर के मानसिंह तोमर वंश) थे।

तीवर

  • ये अशोक की दूसरी रानीकारूवाकीसे उत्पन्न पुत्रों में से एक थेजिसका उल्लेख अशोक अभिलेखों में से एक में हुआ हैकिंतु और कुछ ज्ञात नहीं है।

 

तुगरिल खान

  • तुर्की अभिजातजिसे बल्चन ने इसे बंगाल का गवर्नर नियुक्त किया था। इसने 1278 में विद्रोह कर दियाकिंतु तीन वर्षों के एक अभियान के बाद सुल्तान द्वारा इस विद्रोह को दबा दिया गया तथा इसकी हत्या कर दी गई।


तुसास्फ

  • अशोक के शासनकाल में गुजरात अथवा कठियावाड़ का गवर्नर थामौर्य सेवा में यह एक फारसी व्यक्ति था। चंद्रगुप्त मौर्य के काल में निर्मित प्रसिद्ध सुदर्शन झील में निकास नालियां बनवाने का श्रेय इसे प्राप्त है। 


राणा उदयसिंह

  • मेवाड़ का शासकजो राणा सांगा का पुत्र तथा उत्तराधिकारी एवं राणा प्रताप का पिता था। जब इसकी राजधानीचित्तौड़ पर अकबर का अधिकार हो गया तो उसने उदयपुर में नई राजधानी का निर्माण किया। 


उम्त उल उमरा

  • कर्नाटक का नवाबजिसकी 1801 में मृत्यु के पश्चात लॉर्ड वेलेजली ने कर्नाटक का प्रशासन अपने हाथों में इस आधार पर ले लिया कि उम्दूत का टीपू के साथ षड्यंत्रकारी पत्रव्यवहार का संपर्क था। 


उपगुप्त

  • प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु जिसने अशोक को बौद्ध बनाया। यह अशोक के साथ बौद्धधर्म से संबद्ध महत्त्वपूर्ण पवित्र स्थानों के दौरे पर गया। अशोक को बुद्ध का जन्म स्थान दिखाया जहां पर अशोक ने रुम्मिनदेई स्तंभ अभिलेख स्थापित करवाया। समकालीन बौद्ध ग्रंथों में इसे 'मोग्गलिपुत्त तिम्सके नाम से भी संबोधित किया गया है। 


उस्ताद ईसा

  • यह संभवत: ताज का डिजाइन निर्माता था तथा ताज का निर्माण उसकी देखरेख में हुआ।

 

विज्ञेश्वर (विज्ञानेश्वर)

  • प्रसिद्ध हिंदू विधि निर्माताजो कल्याणी के चालुक्य राजा विक्रमांक (1076-1126) के काल का था। हिंदू उत्तराधिकार के नियमों पर उसका ग्रंथमिताक्षराअत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं।

 

विष्णुवर्धन (अथवा बिट्टी देव )

  • द्वारसमुद्र का होयसल राजा (1110-41) जिसका शासनकाल धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व का है। मूलत: यह जैन था लेकिन रामानुज के संपर्क में आने से वैष्णव हो गया। अपने धर्म परिवर्तन के बाद इसने अपना नाम बिट्टीदेव से बदलकर विष्णुवर्धन कर लिया। अपने नए धर्म के विकास के लिए इसने कई विशाल मंदिर बनवाए तथा उनमें से कुछ आज भी बेलूर एवं हलेबिड में विद्यमान हैं। इनमें से हलेबिड का होयसलेश्वर मंदिर सर्वोत्तम उदाहरण है।

 

विश्वासराव

  • पेशवा बालाजीराव का पुत्र तथा भविष्य का उत्तराधिकारी। जो पानीपत के तृतीय युद्ध में अहमदशाह अब्दाली की सेना से पराजित होने वाली मराठा सेना का नाममात्र का प्रमुख था। इसके चाचा (सदाशिव राव भाऊ)जो सेना का वास्तविक सेनापति थाके साथ इसकी हत्या इस युद्ध में हो गई।

 

सर विलियम वेडरबर्न

  • विशिष्ट अंग्रेज आई० सी० एस० अधिकारीजिसने सेवानिवृत्त होने के बाद कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय भाग लिया। इसने कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में भाग लिया तथा 1899 एवं 1910 के कांग्रेस अधिवेशनों का अध्यक्ष बना . 


याज्ञवल्क्य

  • प्रसिद्ध प्राचीन हिंदू दार्शनिक तथा ऋषिजो परंपरा के अनुसार मिथिला के प्रसिद्ध दार्शनिक-राजा जनक से संबद्ध हैं। 


यशोमति

  • थानेश्वर के पुष्यभूति शासक प्रभाकरवर्धन की रानी तथा हर्ष की मांजो बाण के हर्षचरित के अनुसार अपने पति की मृत्यु के बाद ये सती हो गई।

 

जार्ज यूल

  • विरले गैर-सरकारी अंग्रेज व्यवसायियों में से एक जिसकी भारतीयों की राजनैतिक आकांक्षाओं के प्रति सहानुभूति थी। इसने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का समर्थन किया तथा 1888 में आयोजित इलाहाबाद के चौथे अधिवेशन में कांग्रेस का अध्यक्ष बना।


जैनुल आबिदीन

  • काश्मीर का आठवां सुल्तान (1420-60), जो धार्मिक सहिष्णुता तथा साहित्य के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध हैं। इन्होंने महाभारततथा राजतरंगिणी का अनुवाद फारसी में करवाया।


जेबुनिनसा

  • औरंगजेब की बेटियों में से एक थी। ये एक अत्यंत प्रतिभाशाली महिला थीजो फारसी तथा अरबी की ज्ञाता तथा विशेषज्ञ सुलेखकार थी और जिसका अपना पुस्तकालय था।


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