सम्मेलन (कॉन्फ्रेंस) का अर्थ (सम्मेलन क्या होता है)|Conference GK in Hindi
सम्मेलन (कॉन्फ्रेंस) का अर्थ (सम्मेलन क्या होता है) Conference GK in Hindi
सम्मेलन का अर्थ (सम्मेलन क्या होता है) Conference GK in Hindi
- सम्मेलन व्यक्तियों की एक सभा होती है, जिसमें उन्हें एक निश्चित समय में एक साथ किसी विशिष्ट कार्य का चिन्तन करना होता है।
- शिक्षा के क्षेत्र में उच्च अधिगम के लिए यह एक महत्त्वपूर्ण प्रविधि है। शिक्षा के ज्ञानात्मक एवं भावात्मक उच्च उददेश्यों की प्राप्ति की जाती है। यह एक बड़े समूह की सभा होती है, इसके अन्तर्गत तात्कालिक गम्भीर समस्याओं पर विचार किया जाता है। आधुनिक समय में सम्मेलन का महत्त्व प्रत्येक क्षेत्र में व्याप्त है। प्रजातान्त्रिक मूल्यों एवं लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सम्मेलन सम्मे प्रविधि का विशेष महत्त्व है।
A meeting of two or more persons for discussing
matters of common concern
सम्मेलन का आयोजन तीन स्तरों पर किया जाता है-
क्षेत्रीय सम्मेलन
- क्षेत्रीय सम्मेलन में क्षेत्रीय समस्याओं को प्राथमिकता दी जाती हैै।
राष्ट्रीय सम्मेलन
- राष्ट्र सम्बन्धी धार्मिक, शैक्षिक सामाजिक, राजनीतिक विषय को प्राथमिकता दी जाती हैै।
अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन
- इसमें मानवीय समस्या, वैज्ञानिक आविष्कार, नये उपागम सम्बन्धी समस्या पर चिन्तन और विवेचन किया जाता है।
सम्मेलन का उद्देश्य (Aim of Conference)
- सम्मेलन का उद्देश्य समूह के व्यक्तियों के ज्ञान, अनुभव, विचार, भावनाओं एवं राय के आधार पर एक समान उद्देश्य के लिए सलाह-मशविरा एवं परिचर्चा करना है।
- यह एक प्रकार की सभा होती है, जहाँ सदस्य अपने ज्ञान का संग्रहण प्रस्तुत विषय से सम्बन्धित सूचनाओं पर अपने विचार एवं दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान करते हैं। सदस्य अपनी व्यक्तिगत एवं सामूहिक समस्याओं पर विचार करते हैं। समूह को सम्मेलन का उद्देश्य निर्धारित करना पड़ता है।
सम्मेलन की प्रक्रिया (Process of Conference)
सम्मेलन की कार्यवाही को निम्न चरणों में विभक्त किया जा सकता है-
प्रारम्भ
- सभाध्यक्ष सभा के विषय, समस्या, उद्देश्य आदि के बारे में बताता है तथा सम्मेलन की पृष्ठभूमि को भी स्पष्ट करता है । इसके बाद परिचय शुरू होती है।
परिचर्चा
- प्रथम प्रश्न पूरे समूह के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। जब समूह के सदस्य उत्तर देना प्रारम्भ करते है तो परिचर्चा की कार्यवाही शुरू हो जाती है। कोई भी सदस्य इसका उत्तर दे सकता है। यदि परिचर्चा समाप्त प्रतीत होती है तो सभाध्यक्ष प्रस्तुत कर सदस्यों को अधिक विचार-विमर्श के लिए प्रेरित करता है।
समापन
- सम्मेलन के समापन पर सभाध्यक्ष मुख्य बिन्दुओं का संक्षिप्तीकरण कर निष्कर्ष निकालने निकालने का प्रयास करता है और विशिष्ट सुझाव भी देता है।
सम्मेलन के बाद
- निष्कर्ष की प्रति सभी सहभागियों को सभाध्यक्ष द्वारा दी जाती है।
विषय सूची ...
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