पत्रकारिता का अर्थ मुख्यतः
सूचना के आदान-प्रदान से जुड़ा से हुआ है। किसी घटना के तथ्य, कारण एवं
उपयोगिता की जांच करना पत्रकारिता का मूल कर्तव्य है।
घटना की सूचना देना पत्रकारिता के
छः ककार, महत्वपूर्ण हैं।
ये छः ककार हैं- क्या, कब, कहाँ, सूचना किससे, किसने, क्यों।
अर्थात्
कोई घटना घटी तो क्या घटना ? घटना कब घटी ? घटना कहाँ घटी ? घटना का जिम्मेदार कौन है ? घटना का असर किस पर हुआ है ? और घटना के पीछे
वास्तविक कारण क्या हैं ?
इस प्रकार हम
देखते हैं कि किसी घटना के पीछे छिपे मूल तथ्यों पर प्रकाश डालना ही पत्रकारिता का
मूल उद्देश्य है न कि केवल सूचना देना।
पत्रकारिता का उद्देश्य
पत्रकारिता का कार्य है सूचना देना, घटना के पीछे
छिपे कारणों की - तालाश करना, घटना के प्रति लोगों को जागृत करना, घटना के पक्ष या
विपक्ष में लोगों को जागरूक करना, जनता की रूचि निर्माण करना और उन्हें दिशा देना। अतः जब भी
पत्रकारिता के अर्थ की बात होगी, हमारे सामने उसके उद्देश्य होंगे।
पत्रकारिता अपने श्रेष्ठ
रूप में जन-सामान्य को वाद विवाद का मंच देकर उन्हें किसी घटना के प्रति जागरूक
करने का कार्य करता है। इसके पश्चात् प्रतिबद्ध पत्रकारिता जनता को सत्य तक
पहुँचने के लिए दिशा-निर्देशिका का कार्य भी करती है। इस दृष्टि से पत्रकारिता
अपने इस महान उद्देश्य से भटक कर ज्यादा मुनाफा कमाने में लगी हुई है। मूल्य
निर्माण से दूर आज की पत्रकारिता सेक्स, हिंसा एवं अर्थ के बाजारीकरण के इर्द-गिर्द घूम रही है जो
चिन्ताजनक है।
पत्रकारिता का वर्गीकरण Classification of Journalism in Hindi
पत्रकारिता का यह विभाजन स्थूलतः किया गया है। समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पम्पलेट इत्यादि
प्रिन्ट मीडिया के अन्तर्गत आते हैं। टी.वी., फिल्म इत्यादि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अन्तर्गत तथा
कम्प्यूटर, इन्टरनेट, ब्लॉग, ट्वीटर इत्यादि ई-मीडिया के अन्तर्गत। इसके भी अवान्तर का
विषय पत्रकारिता के इतिहास का विवेचन करना है।
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