कंप्यूटर और हिंदी | कंप्यूटर और हिंदी अनुवाद | Computer and Hindi Language
कंप्यूटर और हिंदी , कंप्यूटर और हिंदी अनुवाद
कंप्यूटर और हिंदी Computer and Hindi Language
- कंप्यूटर का प्रारंभ पश्चिमी देशों में हुआ अतः सबसे पहले जो भाषा कंप्यूटर में प्रयुक्त हुई वह अंग्रेजी थी। अंग्रेजी का वर्चस्व काफी समय तक कंप्यूटर पर छाया रहा लेकिन लोगों को लगा कि इसकी महती उपयोगिता है तो अनेक देशों ने कंप्यूटर के लिए अपनी भाषा में कार्य करने को प्राथमिकता दी।
- भारत सरकार ने भी इसी दृष्टि से कंप्यूटर के लिए भारतीय भाषाओं के विकास पर ध्यान दिया जिनमें राजभाषा हिंदी पर विशेष ध्यान दिया गया। हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा और राजभाषा दोनों है और आज कंप्यूटर के युग में हिंदी ने कंप्यूटर के साथ मिलकर अपना अपरिमित विकास किया है।
- कंप्यूटर पर हिंदी के निरंतर प्रयोग और विकास ने यह साबित कर दिया कि कंप्यूटर पर केवल अंग्रेजी का ही वर्चस्व नहीं रहेगा, उस पर हिंदी भी अपना अधिकार कर , सकती है। आज कंप्यूटर पर हिंदी के बढ़ते प्रयोग ने भी इस बात का आधारहीन कर दिया है कि बिना अंग्रेजी के कंप्यूटर ज्ञान न तो हासिल किया जा सकता है और न कंप्यूटर पर काम किया जा सकता है।
- मूल रूप से कंप्यूटर पर हिंदी का काम दो प्रकार का होता है। पहला तो पत्र, टिप्पणी, लेख, रिपोर्ट आदि तैयार करना, पत्रिका छापना आदि। दूसरा आंकड़ों को रखना अर्थात् वेतन पर्ची, परीक्षा परिणाम, पुस्तक सूची, सामान सूची आदि तैयार करना। इन सबके विकास के लिए अनके पैकेज बाजार में उपलब्ध हैं जो द्विभाषिक है और काफी उपयोगी हैं। कंप्यूटर पर अंग्रेजी का जो रथ सवार था अब उसे उतारने की पूरी तैयारी हिंदी ने कर ली है।
- हिंदी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के विकास ने इसे अत्यंत सुगम बना दिया है। सी-डेक ने आम भाषा में सॉफ्टवेयर उतारकर भाषा-ज्ञान की समस्या ही समाप्त कर दी है। इसका परिणाम यह हुआ है कि संवादहीनता की जो स्थिति थी, वह खत्म हो गई है।
- सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 'ओआरजी' तकनीक का प्रयोग कर इस भाषाई अंतराल का दूर कर दिया है। इससे जहां एक ओर कंप्यूटर तकनीक और साक्षरता को बढ़ावा मिलेगा वहीं घर बैठे अपनी भाषा में लोगों को जानकारियां मिल सकेगीं।
- हिंदी कंप्यूटिंग को बढ़ावा देने में जहां एक ओर सरकार प्रयास कर रही है वहीं अनेक गैर सरकारी संस्थाएं भी इस क्षेत्र में प्रयत्नशील हैं। यह कार्य दो स्तरों पर किया जा रहा है। एक राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से और दूसरे जनभाषा के रूप में हिंदी के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से भारत सरकार ने राजभाषा नीति हिंदी के प्रचार-प्रसार और प्रोत्साहन के लिए ही बनाई है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि राजभाषा संबंधी संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों को लागू करने के कार्यालयी हिंदी के प्रयोग में आ रही कठिनाइयों को में किया जाए और हिंदी को सरल, प्रभावी और सुविधाजनक बनाया जाए। कंप्यूटर आ जाने से हिंदी के विकास में सरकार को काफी मदद मिली है। राजभाषा विभाग सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ हिंदी के प्रयोगकर्ताओं को देने में लगा हुआ है। इसके तहत सी-डेक पुणे के माध्यम से भाषा प्रयोग उपकरण नाम योजना को लागू किया जा रहा है। परिणामस्वरूप आज ऐसे अनेक सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं।
कंप्यूटर और हिंदी अनुवाद Computer and Hindi Translation
- अब तक आप कंप्यूटर और हिंदी का संबंध जान गए होंगें। अब आपसे कंप्यूटर और हिंदी अनुवाद के बारे में चर्चा करना ठीक रहेगा।
- हिंदी अनुवाद के क्षेत्र में कंप्यूटर ने काफी योगदान दिया है। सबसे पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर ने अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद की दिशा में ‘कारपोर' उदाहरण आधारित कंप्यूटर अनुवाद उपकरण विकसित किया जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के मैनुअलों का अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद कार्य प्रारंभ हुआ। यह कंप्यूटर अनुवाद उपकरण अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद कर सकता है और अनुवादकों की सहायता के लिए पर्याप्त अनुवाद के विकल्प प्रस्तुत कर सकता है।
- बाद में 1995 में इसी क्षेत्र में नेशनल कौंसिल फॉर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी', मुंबई ने 'मात्रा' नामक कंप्यूटर अनुवाद उपकरण विकसित किया। यह अंग्रेजी समाचार कथाओं का हिंदी में अनुवाद करता है।
- सी डेक ने 'एन-ट्रांस' नाम सॉफ्टवेयर तैयार किया जो अंग्रेजी से भारतीय भाषाओं और भारतीय भाषाओं से अंग्रेजी में व्यक्तिवाचक संज्ञाओं का अनुवाद करता है। इसमें पहला भाग शब्दकोश है और दूसरे भाग में सशक्त स्वतः प्रणाली विन्यास है जो एक तरह का संदर्भ स्रोत हैं .
- प्रिया इलेक्ट्रॉनिक्स, पुणे ने परिवर्तन' नाम सॉफ्टवेयर बनाया है जिसकी मदद से हिंदी में बनाई गई कोई भी कंप्यूटर फाइल उपलब्ध हिंदी फांट या सॉफ्टवेयर में पढ़ना और फाइल में लिखित सूचना प्राप्त करना आसान हो गया। इसमें एक उत्पादक के फांट में बनाई गई फाइल दूसरे उत्पादक के फांट में बदलने की सुविधा भी है।
- मेट एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करता है। इसे प्राकृतिक भाषा संसाधन प्रयोगशाला ने विकसित किया है। इस मशीन साधित अनुवाद प्रणाली से 85 प्रतिशत पद व्याख्या और 60 प्रतिशत सही अनुवाद प्राप्त होता है। इसमें वाक्यों को शुद्ध करने की सुविधा है, संपादन की भी सुविधा है। इसमें द्विभाषी शब्दकोश भी है। वर्तनी को जांचने की भी सुविधा इस सॉफ्टवेयर में है। अनुवाद संबंधी एक और महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर सी-डैक ने बनाया है मंत्र राजभाषा। यह एक मशीन साधित अनुवाद टूल है जो विशिष्ट विषय क्षेत्र के अंग्रेजी पाइ का हिंदी में एक भाषा से अन्य भाषा में अनुवाद करता है। यह राजपत्रित अधिसूचना, कार्यालय आदेश, कार्यालय ज्ञापन, परिपत्र और वित्त क्षेत्र संबंधी दस्तावेजों को अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करता है। इसमें अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी व्याकरण की प्रस्तुति के लिए नियमानुरूप ट्री एडजाइनिंग ग्रामर का प्रयोग किया जाता है। इसे सी-डेक के अप्लाइड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ग्रुप ने तैयार किया है और भारत सरकार के राजभाषा विभाग ने प्रायोजित किया है।
1 मंत्र राजभाषा (स्टैंडअलोन संस्करण) -
- यह संस्करण उन प्रयोक्ताओं के लिए विकसित किया गया है जो बिना नेट कनेक्टिविटी के अपने कंप्यूटर पर अनुवाद सिस्टम का प्रयोग करना चाहते हैं। सिस्टम में पर्सनल लॉगइन आइडी, पासवर्ड और इनबॉक्स की सुविधा भी हैं जिसमें अनुवादित दस्तावेज रखा जा सकता है।
- इस अंतः क्रियात्मक सिस्टम में अनेक सहायक उपकरण (जैसे शब्दकोश आदि) भी दिए गए हैं।
2. मंत्र राजभाषा (इंट्रानेट संस्करण)-
- यह मंत्र राजभाषा स्टैंडअलोन का उन्नत संस्करण है और डिस्ट्रिब्यूटिड आरकिटेक्चर पर आधारित है। इसमें सर्वर के साथ-साथ क्लाइंट कंप्यूटिंग पॉवर का प्रयोग कर अनुवाद शीघ्रता से किया जाता है। क्लाइंट की मशीन पर अनुवाद किया जाता है जहां सर्वर र मुख्य लेक्सिकॉन का काम करता है।
3. मंत्र राजभाषा (इंटरनेट संस्करण)
- इस संस्करण का विकास और डिजाइन थिनक्लाइंट आरकिटेक्चर पर आधारित है। इसमें सारा अनुवाद सर्वर पर ही होता है। इसलिए दूरवर्ती स्थानों में भी इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध लो-एंड सिस्टम पर भी दस्तावेजों के अनुवाद करने के लिए इस सुविधा का प्रयोग किया जाता है। इसमें अपने अनुवाद सिस्टम को दूसरों के साथ बांटा जा सकता है।
मंत्र राजभाषा की विशेषताओं को इस प्रकार देखा जा सकता है
1. यह मानक अनुवाद करने वाला सिस्टम है।
2. इसमें अनुवादित फाइल को प्रयोगकर्ता द्वारा संपादित किया जा सकता हैं या अनुवादित पाठ में प्रत्यक्ष रूप से टंकित कर सकता है।
3. इसमें लंबे दस्तावेजों को खंडित किया जा सकता है और खंडित भागों का अनुवाद दस्तावेजों को जोड़ा जा सकता है।
4. अनुवाद से पहले दस्तावेज में फ्रेज मार्क कर सकते हैं, जिससे जुड़े हुए शब्दों का सही अनुवाद प्राप्त कर सकते हैं।
5.अंग्रेजी दस्तावेज का प्रारूप हिंदी आउटपुट में बना रहता है।
6. अनुवाद के दौरान अनुवाद हेतु वाक्यों के अनेक विकल्प उपलब्ध होते है जिनमें से उचित विकल्प का चयन किया जा सकता है।
7.
8. प्रयोग करने वाले को बहुअर्थी चयन करने की सुविधा भी उपलब्ध है।
9. प्रयोग करने वाला व्यक्ति अपने डाटाबेस को अपडेट और संपादित कर सकता है।
10. अनुवाद के किसी भी स्तर पर हिंदी को प्रत्यक्ष रूप से टाइप किया जा सकता है।
11. अनुवाद के लिए लिखित टंकित सामग्री को स्कैनर की मदद से कंप्यूटर में समाहित कर दिया जाता है और कंप्यूटर में लगा यह सॉफ्टवेयर उस सामग्री का हिंदी में अनुवाद कर देता है।
Post a Comment