Computer Notes In HINDI :कंप्यूटर की इनपुट डिवाइस | Computer Input Devices in Hindi

 Computer Notes In HINDI : इनपुट और आउटपुट युक्तियाँ (Input Output Devices)

Computer Notes In HINDI : इनपुट और आउटपुट युक्तियाँ | Computer Input Devices in Hindi



इनपुट और आउटपुट युक्तियाँ (Input Output Devices)

 

  • कम्प्यूटर और मनुष्य के मध्य सम्पर्क (Communication) स्थापित करने के लिए इनपुट-आउटपुट युक्तियों का प्रयोग किया जाता है। इनपुट युक्तियों का प्रयोग कम्प्यूटर को डेटा और निर्देश प्रदान करने के लिए किया जाता है। इनपुट डेटा को प्रोसेस करने के बाद, कम्प्यूटर आउटपुट युक्तियों के द्वारा प्रयोगकर्ता को आउटपुट प्रदान करता है। कम्प्यूटर मशीन से जुडी हुई सभी इनपुट-आउटपुट यूक्तियों को पेरीफेरल युक्तियाँ भी कहते हैं।

 

कम्प्यूटर इनपुट युक्तियाँ (Input Devices Computer in Hindi)

 

वे युक्तियाँ, जिनका प्रयोग उपयोगकर्ता के द्वारा कम्प्यूटर को डेटा और निर्देश प्रदान करने के लिए किया जाता है, इनपुट युक्तियाँ कहलाती हैं। इनपुट युक्तियाँ उपयोगकर्ता से इनपुट लेने के बाद इसे मशीनी भाषा (Machine Language) में परिवर्तित करती हैं और इस परिवर्तित मशीनी भाषा को सीपीयू के पास भेज देती हैं।

 

Computer Input Devices Name List in Hindi

कीबोर्ड 

प्वॉइण्टिंग युक्तियाँ 

  • माउस (Mouse ) 
  • ट्रैकबॉल (Trackball) 
  • जॉयस्टिक (Joystick) 
  • प्रकाशीय कलम (Light Pen) 

टच स्क्रीन (Touch Screen) 

डिजिटाइजर्स और ग्राफिक टैबलेट्स

 बार कोड रीडर (Bar Code Reader) 

ऑप्टिकल मार्क रीडर 

ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्नीशन 

मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रीडर (Magnetic Ink Character Reader-MICR) 

स्मार्ट कार्ड रीडर (Smart Card Reader) 

बायोमैट्रिक सेन्सर (Bio-metric Sensor) 

स्कैनर (Scanner) 

माइक्रोफोन (Microphone-Mic)

वेबकैम या वेबकैमरा (Webcam or Web Camera)

 

प्रमुख इनपुट युक्तियाँ निम्न हैं कीबोर्ड (Keyboard)

 

1. की बोर्ड क्या है इसके प्रकार 

 

  • कीबोर्ड एक प्रकार की मुख्य इनपुट डिवाइस है। कीबोर्ड का प्रयोग कम्प्यूटर को अक्षर और अंकीय रूप में डेटा और सूचना देने के लिए करते हैं। कीबोर्ड एक सामान्य टाइपराइटर की तरह दिखता है, किन्तु इसमें टाइपराइटर की अपेक्षा कुछ ज्यादा कुंजियाँ (Keys) होती हैं। जब कोई कुंजी कोबोर्ड पर दबाई जाती है तो कीबोर्ड, कीबोर्ड कण्ट्रोलर और कीबोर्ड बफर से सम्पर्क करता है।

 

  • कीबोर्ड कण्ट्रोलर, दबाई गई कुंजी के कोड को कीबोर्ड बफर में स्टोर करता है और बफर में स्टोर कोड सी पी यू के पास भेजा जाता है। सी पी यू इस कोड को प्रोसेस करने के बाद इसे आउटपुट डिवाइस पर प्रदर्शित करता है। कुछ विभिन्न प्रकार के कीबोर्ड जैसे कि QWERTY, DVORAK और AZERTY मुख्य रूप से प्रयोग किए जाते हैं।

 

कीबोर्ड में कुंजियों के प्रकार (Types of Keys on Keyboard)

 

 कीबोर्ड में निम्न प्रकार की कुंजियाँ होती हैं-

 

(i) अक्षरांकीय कुंजियाँ (Alphanumeric Keys) 

  • इसके अन्तर्गत अक्षर कुंजियाँ (A, B,...... Z, a, b, c,....., z) और अंकीय कुंजियाँ (0, 1, 2, .9) आती हैं।

 

(ii) अंकीय कुंजियाँ (Numeric Keys) 

  • ये कुंजियाँ कीबोर्ड पर दाएँ तरफ होती हैं। ये कुंजियाँ अंको ( 0, 1, 2, 9) और गणितीय ऑपरेटरों (Mathematical operators) से मिलकर बनी होती है।

 

(iii) फंक्शन कुंजियाँ (Function Keys)

  • इन्हें प्रोग्रामेबल कुंजियाँ भी कहते हैं। इनके द्वारा कम्प्यूटर से कुछ विशिष्ट कार्य करवाने के लिए निर्देश दिया जाता है। ये कुंजियाँ अक्षरांकीय कुंजियों के ऊपर F1, F2, F12 से प्रदर्शित की जाती हैं।

 

(iv) कर्सर कण्ट्रोल कुंजियाँ (Cursor Control Keys) 

  • इसके अन्तर्गत चार तीर के निशान वाली कुंजियाँ आती हैं जो चार दिशाओं (दाएँ, बाएँ, ऊपर, नीचे) को दर्शाती हैं। ये कुंजियाँ अक्षरांकीय कुंजियों और अंकीय कुंजियों के मध्य उल्टे T आकार में व्यवस्थित होती हैं, इनका प्रयोग कर्सर को ऊपर, नीचे, दाएँ या बाएँ ले जाने के लिए करते हैं। इन चारों कुंजियों के अतिरिक्त चार कुंजियाँ और होती हैं, जिनका प्रयोग कर्सर को कण्ट्रोल करने के लिए करते हैं। ये कुंजियाँ निम्न हैं-

 

  • (a) होम (Home) इसका प्रयोग लाइन के प्रारम्भ में या डाक्यूमेण्ट के प्रारम्भ में कर्सर को वापस भेजने के लिए करते हैं।

 

  • (b) एण्ड (End) इसका प्रयोग कर्सर को लाइन के अन्त में भेजने के लिए करते हैं।

 

  • (c) पेज अप (Page Up ) इस कुंजी को दबाया जाता है तो पेज का व्यू (View) एक पेज ऊपर हो जाता है और कर्सर पिछले पेज पर चला जाता है।

 

  • (d) पेज डाउन (Page Down) जब ये कुंजी दबाई जाती है तो पेज का व्यू एक पेज नीचे हो जाता है और कर्सर अगले पेज पर चला जाता है।

 

कुछ अन्य कुंजियाँ निम्नलिखित हैं 

 

  • कण्ट्रोल कुंजियाँ (Control Keys-Ctrl) ये कुंजियाँ, अन्य कुंजियों के साथ मिलकर किसी विशेष कार्य को करने के लिए प्रयोग की जाती हैं। जैसे Ctrl + S डॉक्यूमेण्ट को सुरक्षित करने के लिए प्रयोग होती हैं।

 

  • एण्टर कुंजी (Enter Key) इसे कीबोर्ड की मुख्य कुंजी भी कहते हैं। इसका प्रयोग उपयोगकर्ता द्वारा टाइप किए गए निर्देश को कम्प्यूटर को भेजने के लिए किया जाता है। एण्टर कुंजी टाइप करने के बाद निर्देश कम्प्यूटर के पास जाता है और निर्देश के अनुसार कम्प्यूटर आगे का कार्य करता है।

 

  • शिफ्ट कुंजी (Shift Keys) कीबोर्ड में कुछ कुंजी ऐसी होती हैं, जिनमें ऊपर-नीचे दो संकेत छपे होते हैं। उनमें से ऊपर के संकेत को टाइप करने के लिए उसे शिफ्ट कुंजी के साथ दबाते हैं। इसे कॉम्बीनेशन की भी कहा जाता है । 


  • एस्केप कुंजी (Escape Key) इसका प्रयोग किसी भी कार्य को समाप्त करने या बीच में रोकने के लिए करते हैं। यदि Ctrl Key दबाए हुए, एस्केप कुंजी दबाते हैं तो यह स्टार्ट मेन्यू (Start Menu) को खोलता हैं। 


  • बैक स्पेस कुंजी (Back Space Keys) इसका प्रयोग टाइप किए गए डेटा या सूचना को समाप्त करने के लिए करते हैं। यह डेटा को दाएँ से बाएँ दिशा की ओर समाप्त करता है। 


  • डिलीट कुंजी (Delete Keys) इस कुंजी का प्रयोग कम्प्यूटर की मेमोरी और स्क्रीन से अक्षर को समाप्त करने के लिए करते हैं। किन्तु यदि इसे शिफ्ट की के साथ दबाते हैं तो चुनी हुई फाइल कम्प्यूटर की मेमोरी से स्थायी रूप से समाप्त हो जाती हैं।
 
  • कैप्स लॉक कुंजी (Caps Lock Key) इसका प्रयोग वर्णमाला (Alphabet) को बड़े अक्षरों ( Capital letters) में टाइप करने के लिए करते हैं। जब ये की सक्रिय (Enable) होती है तो बड़े अक्षर टाइप होता हैं। यदि यह कुंजी निष्क्रिय (Disable) होती है तो छोटे अक्षर (Small Letter) में टाइप होता है। 


  • स्पेसबार कुंजी (Spacebar Key) इसका प्रयोग दो शब्दों या अक्षरों के बीच स्पेस बनाने या बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह कीबोर्ड की सबसे लम्बी कुंजी होती हैं। 


  • नम लॉक की (Num Lock Key) इसका उपयोग सांख्यिक की-पैड (Numeric Key pad) को सक्रिय या निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है। यदि ये कुंजी सक्रिय होती है तो अंक टाइप होता है और यदि ये कुंजी निष्क्रिय होती है तो अंक टाइप नहीं होता हैं। 


  • विण्डो कुंजी (Window Key) इसका प्रयोग स्टार्ट मेन्यू को खोलने के लिए करते हैं ।

 

  • टैब कुंजी (Tab Key) इसका प्रयोग कर्सर को एक बार में पाँच स्थान आगे ले जाने के लिए किया जाता है। कर्सर को पुनः पाँच स्थान वापस लाने के लिए टैब कुंजी को शिफ्ट कुंजी के साथ दबाया जाता है। इसका प्रयोग पैराग्राफ इण्डेंट करने के लिए भी किया जाता है।

 

  • एण्टर कुंजी (Enter Key) ओके बटन (OK Button) दबाने का एक वैकल्पिक (Alternative) तरीका है।

 

  • शिफ्ट कुंजी (Shift Key) इस कुंजी (Key) को दूसरी कुंजियों के साथ प्रयोग किया जाता है, इसलिए इसे संयोजन कुंजी (Combination) भी कहते हैं।

 

  • कैप्स लॉक (Caps Lock) और नम लॉक (Num Lock) को टोगल कुंजी ( Toggle Keys) कहते हैं क्योंकि जब ये दबाए जाते हैं तो इनकी अवस्थाएँ (States) परिवर्तित होती रहती हैं। 
  • QWERTY कीबोर्ड में कुल 104 कुँजी होती हैं।


प्वॉइण्टिंग युक्तियाँ (Pointing Devices) क्या होती हैं इनकी जानकारी एवं प्रकार 

 

प्वॉइण्टिंग डिवाइसेज का प्रयोग मॉनीटर के स्क्रीन पर कर्सर या प्वॉइण्टर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए किया जाता है। कुछ मुख्य रूप से प्रयोग में आने वाली प्वॉइन्टिंग युक्तियाँ; जैसे- माउस, ट्रैकबॉल, जॉयस्टिक, लाइट पेन और टच स्क्रीन आदि हैं।

 

1. माउस (Mouse )

 

  • माउस एक प्रकार की प्वॉइण्टिंग युक्ति है। इसका प्रयोग कर्सर (टेक्स्ट में आपकी पोजिशन दर्शाने वाला ब्लिकिंग प्वॉइण्ट) या प्वाइण्टर को एक स्थान-से-दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए करते हैं। इसके अतिरिक्त माउस का प्रयोग कम्प्यूटर में ग्राफिक्स (Graphics) की सहायता से कम्प्यूटर को निर्देश देने के लिए करते हैं ।

 

  • माउस का आविष्कार वर्ष 1963 में स्टैण्डफोर्ड रिसर्च सेण्टर डगलस-सी एंगलबर्ट ने किया था। इसमें सामान्यतः दो या तीन बटन होते हैं। एक  बटन को बायाँ बटन (Left Button) और एक बटन को दायाँ बटन (Right Button) कहते हैं। दोनों बटनों के बीच में एक स्क्रॉल व्हील (Wheel) होता है, जिसका प्रयोग किसी फाइल में ऊपर या नीचे के पेज पर कर्सर को ले जाने के लिए करते हैं।

 


माउस सामान्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

 

(a) वायरलेस माउस (Wireless Mouse ) 

(b) मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse ) 

(c) ऑप्टिकल माउस (Optical Mouse)

 

माउस के चार प्रमुख कार्य हैं

 

(a) क्लिक या लैफ्ट क्लिक (Click or Left Click) यह स्क्रीन पर किसी एक Object को चुनता है। 

(b) डबल क्लिक (Double Click) इसका प्रयोग एक डॉक्यूमेण्ट या प्रोग्राम को खोलने के लिए करते हैं। 

(c) दायाँ क्लिक (Right Click ) यह स्क्रीन पर आदेशों की एक सूची दिखाता है। दायाँ क्लिक का प्रयोग किसी चुने हुए Object के गुण को एक्सेस (Access) करने के लिए करते हैं। 

(d) ड्रैग और ड्रॉप (Drag and Drop) इसका प्रयोग किसी Object को स्क्रीन पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए करते हैं।

 

2.  ट्रैकबॉल (Trackball)

 

  • ट्रैकबॉल एक प्रकार की प्वॉइण्टिंग युक्ति है जिसे माउस की तरह प्रयोग किया जाता है। इसमें एक बॉल ऊपरी सतह पर होती है। इसका प्रयोग कर्सर के मूवमेण्ट (Movement) को कण्ट्रोल करने के लिए किया जाता है। 


ट्रैकबॉल का प्रयोग निम्नलिखित कार्यो में किया जाता है।

 

  • CAD वर्कस्टेशनों (Computer Aided Design Workstations) में 
  • CAM वर्कस्टेशनों (Computer Aided Manufacturing Workstations) 
  • कम्प्यूटरीकृत वर्कस्टेशनों (Computerised Worstations) जैसे कि एयर ट्रैफिक कण्ट्रोल रूम (Air-traffic Control Room), रडार कण्ट्रोल्स (Radar Controls) में 
  • जहाज पर सोनार तन्त्र ( Sonar System) में

 

3. जॉयस्टिक (Joystick)

 

  • जॉयस्टिक एक प्रकार की प्वॉइण्टिंग युक्ति होती है जो सभी दिशाओं में मूव करती है और कर्सर के मूवमेण्ट को कण्ट्रोल करती है। 
  • जॉयस्टिक का प्रयोग फ्लाइट सिम्युनेटर (Flight simulator), कम्प्यूटर CAD/CAM सिस्टम गेमिंग,  में किया जाता है। 
  • इसमें एक हैण्डल (Handle) लगा होता है, जिसकी सहायता से कर्सर के मूवमेण्ट को कण्ट्रोल करते हैं। 
  • जॉयस्टिक और माउस दोनों एक ही तरह से कार्य करते हैं किन्तु दोनों में यह अन्तर है कि कर्सर का मूवमेण्ट माउस के मूवमेण्ट पर निर्भर करता है, जबकि जॉयस्टिक में, प्वॉइण्टर लगातार अपने पिछले प्वॉइण्टिंग दिशा की ओर मूव करता रहता है और उसे जॉयस्टिक की सहायता कण्ट्रोल किया जाता है।

 

4. प्रकाशीय कलम (Light Pen)

 

  • प्रकाशीय कलम एक हाथ से चलाने वाली इलेक्ट्रोऑप्टिकल प्वॉइण्टिंग युक्ति है, जिसका प्रयोग ड्रॉइंग्स (Drawings) बनाने के लिए, ग्राफिक्स बनाने के लिए और मेन्यू चुनाव के लिए करते हैं। पेन में छोटे ट्यूब (Small Tube) के अन्दर एक फोटोसेल (Photocell) होता है।
  • यह पेन स्क्रीन के पास जाकर प्रकाश को सेन्स (Sense) करता है तथा उसके बाद पल्स उत्पन्न करता है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से पर्सनल डिजिटल असिस्टेण्ट (Personal Digital Assistant-PDA) में करते हैं। इसका प्रयोग स्क्रीन पर किसी विशिष्ट स्थिति (Location) को पहचानने (Identify) के लिए करते हैं। यदि यह स्क्रीन के किसी रिक्त स्थान पर रखा जाता है तो यह किसी भी प्रकार की सूचना नहीं देता है।

 

4. टच स्क्रीन (Touch Screen)

 

टच स्क्रीन एक प्रकार की इनपुट युक्ति है जो उपयोगकर्ता से तब इनपुट लेता है जब उपयोगकर्ता अपनी अंगुलियों को कम्प्यूटर स्क्रीन पर रखता है। टच स्क्रीन का प्रयोग सामान्यतः निम्न अनुप्रयोगों (Applications) में किया जता है-

 

  • (i) ए टी एम (ATM) में 
  • (ii) एयरलाइन आरक्षण (Air-Line Reservation) में 
  • (iii) बैंक (Bank) में 
  • (iv) सुपर मार्केट (Super Market) में 
  • (v) मोबाइल (Mobile) में

 

4. डिजिटाइजर्स और ग्राफिक टैबलेट्स (Digitizers and Graphic Tablets)

 

  • ग्राफिक टैबलेट के पास एक विशेष कमाण्ड होती है जो ड्राइंग, फोटो आदि को डिजिटल सिगनल्स में परिवर्तित करती है। यह कलाकार (Artist) को हाथ से इमेज और ग्राफिक इमेज बनाने की अनुमति प्रदान करता है।

 

C- बार कोड रीडर (Bar Code Reader)


  • यह एक इनपुट युक्ति होती है, जिसका प्रयोग किसी उत्पाद (Product) पर छपे हुए बार कोड ( यूनिवर्सल प्रोडक्ट कोड) को पढ़ने के लिए किया जाता है। बार कोड रीडर से प्रकाश की किरण निकलती है; फिर उस किरण को बार कोड इमेज पर सखते हैं। बार कोड रीडर में एक लाइट सेन्सिटिव डिटेक्टर होता है जो बार कोड इमेज को दोनों तरफ से पहचानता है। एक बार ये कोड पहचानने के बाद इसे सांख्यिक कोड (Numeric Code) में परिवर्तित करता है। बार कोड रीडर का ज्यादा प्रयोग सुपर मार्केट में किया जाता है, जहां पर बार कोड रीडर के द्वारा आसानी से किसी उत्पाद का मूल्य रीड किया जाता है। बार कोड गाढ़ी और हल्की स्याही की उर्ध्वाधर रेखाएँ हैं रूप सूचना में  प्रस्तुत किए जाते हैं। तथा मशीन इसे आसानी से पढ़ लेती है।

 

D. ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical Mark Reader-OMR)

 

  • ऑप्टिकल मार्क रीडर एक प्रकार की इनपुट डिवाइस है, जिसका प्रयोग किसी कागज पर बनाए गए चिन्हों को पहचानने लिए किया जाता है। यह कागज पर प्रकाश की किरण छोड़ता है। और प्रकाश की किरण जिस चिह्न पर पड़ती है उस चिह्न को OMR रीड (read) करके कम्प्यूटर को इनपुट दे देता है। OMR की सहायता से किसी वस्तुनिष्ठ प्रकार (Objective Type) की प्रयोगात्मक परीक्षा की उत्तर पुस्तिका की जाँच की जाती है। इसकी सहायता से हजारों प्रश्नों का उत्तर बहुत कम समय में आसानी से जाँचा जा सकता

 

E. ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्नीशन (Optical Character Recognition-OCR)

 

  • यह ओ एम आर (OMR) का ही कुछ सुधरा हुआ रूप होता है । यह केवल साधारण चिह्नों को ही नहीं, बल्कि छापे गए या हाथ से साफ साफ लिखे गए अक्षरों को भी पढ़ लेता है। यह प्रकाश स्रोत की सहायता से कैरेक्टर की शेप को पहचान लेता है। इस तकनीक को ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्नीशन (Optical Character Recognition) कहा जाता है। इसका उपयोग पुराने दस्तावेजों को पढ़ने में किया जाता है। इसका प्रयोग कई अनुप्रयोगों, जैसे कि टेलीफोन, इलेक्ट्रीसिटी बिल, बीमा प्रीमियम आदि को पढ़ने में किया जाता है। OCR की अक्षरों को पढ़ने की गति 1500 से 3000 कैरेक्टर प्रति सेकण्ड होती है।

 

F. मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रीडर (Magnetic Ink Character Reader-MICR)

 

  • MICR सूचनाओं का मैट्रिक्स के रूप में उनके आकार का परीक्षण करता है, उसके बाद उसे रीड करता है और रीड करने के बाद सूचनाओं को कम्प्यूटर में भेजता है। सूचनाओं में कैरेक्टर एक विशेष इंक से छपे होते हैं, जिसमें आयरन कण (Iron Particles) होते हैं और उन कणों को मैग्नेटाइज (Magnetize) किया जा सकता है। इस प्रकार की स्याही को चुम्बकीय स्याही कहते हैं। 

 

  • इसका प्रयोग बैंको में चेक में नीचे छपे मैग्नेटिक इनकोडिंग संख्याओं को पहचानने और प्रोसेस करने के लिए किया जाता है।

 

G. स्मार्ट कार्ड रीडर (Smart Card Reader)

 

स्मार्ट कार्ड रीडर एक डिवाइस है, जिसका प्रयोग किसी स्मार्ट कार्ड के माइक्रोप्रोसेसर को एक्सेस (Access ) करने के लिए किया जाता है। स्मार्ट कार्ड दो प्रकार के होते हैं-  

  • (i) मैमोरी कार्ड 
  • (ii) माइक्रोप्रोसेसर कार्ड

 


  • मैमोरी कार्ड में नॉन-वॉलेटाइल मैमोरी स्टोरेज कम्पोनेण्ट होता है जो डेटा को स्टोर करता है। माइक्रोप्रोसेसर कार्ड में वॉलेटाइल मैमोरी और माइक्रोप्रोसेसर कम्पोनेण्ट्स दोनों होते हैं। कार्ड सामान्यतः प्लास्टिक से बना होता है। स्मार्ट कार्ड का प्रयोग बड़ी कम्पनियों और संगठनों में सुरक्षा के उद्देश्य से किया जाता है।

 

H. बायोमैट्रिक सेन्सर (Bio-metric Sensor) 

  • बायोमैट्रिक सेन्सर एक प्रकार की डिवाइस है, जिसका प्रयोग किसी व्यक्ति की अंगुलियों के निशान को पहचानने के लिए करते हैं। बायोमैट्रिक सेन्सर का मुख्य प्रयोग सुरक्षा के उद्देश्य से करते हैं।

 

  • इसका प्रयोग किसी संगठन में कर्मचारियों या संस्थान में विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए किया जाता है। बायोमैट्रिक बहुत शुद्धतापूर्वक एवं दक्षतापूर्वक कार्य करता है, इसीलिए इसका प्रयोग के उद्देश्य से ज्यादा होता है।

 

I - स्कैनर (Scanner)

 

  • स्कैनर का प्रयोग पेपर पर लिखे हुए डेटा या छपे हुए चित्र (Image) को डिजिटल रूप में परिवर्तित करने के लिए करते हैं। यह एक ऑप्टिकल इनपुट डिवाइस है जो इमेज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदलने के लिए प्रकाश को इनपुट की तरह प्रयोग करता है। 
  • और फिर चित्र को डिजिटल रूप में बदलने के बाद कम्प्यूटर में भेजता है। स्कैनर का प्रयोग किसी दस्तावेज (Documents) को उसके वास्तविक रूप में स्टोर करने के लिए किया जा सकता है, जिससे उसमें आसानी से कुछ बदलाव किया जा सके। 


स्कैनर निम्न प्रकार के होते हैं-

 

(i) हैण्ड हेल्ड स्कैनर (Hand Held Scanner) 

  • ये आकार में काफी छोटे और हल्के होते हैं, जिन्हें आसानी से हाथ में रखकर भी डॉक्यूमेण्ट को स्कैन किया जा सकता है। यदि किसी डॉक्यूमेण्ट को स्कैन करना तो डॉक्यूमेण्ट के अलग-अलग भागों को स्कैन करना पड़ता है। लेकिन आकार में छोटा और हल्का होना इसका एक महत्वपूर्ण फायदा है।

 

(ii) फ्लैटबेड स्कैनर्स (Flatbed Scanner)

  • ये काफी बड़े और महँगे स्कैनर होते हैं तथा काफी उच्च गुणवत्ता के चित्र उत्पन्न करते हैं। इसमें एक समतल पटल (Flat Surface) होता है जिस पर डॉक्यूमेण्ट को रखकर स्कैन किया जाता है। यह बिल्कुल उसी तरह कार्य करता है जिस तरह फोटोकॉपी मशीन पर पेज रखकर फोटोकॉपी करते है। यह एक बार में पूरा एक पेज स्कैन करता है

 

(iii) ड्रम स्कैनर ( Drum Scanner) 

  • ये माध्यम आकार (Medium Size) के स्कैनर होते हैं। इनमें एक घूमने वाला ड्रम होता है। पेपर या शीट को स्कैनर में इनपुट देते हैं और स्कैनर में लगा ड्रम पूरे पेज पर घूमता है, जिससे पूरा पेज स्कैन हो जाता है। यह बिल्कुल फैक्स मशीन की तरह कार्य करता है।

 

J. माइक्रोफोन (Microphone-Mic) 

  • माइक्रोफोन एक प्रकार का इनपुट डिवाइस है, जिसका प्रयोग कम्प्यूटर को साउण्ड के रूप में इनपुट देने के लिए किया जाता है। माइक्रोफोन आवाज को प्राप्त करता है तथा उसे कम्प्यूटर के फॉर्मेट (Format) में परिवर्तित करता हैमाइक्रोफोन जिसे डिजिटाइज्ड साउण्ड या डिजिटल ऑडियो भी कहते हैं। माइक्रोफोन में आवाज को डिजिटल रूप में परिवर्तित करने के लिए एक सहायक हार्डवेयर की आवश्यकता पड़ती है। इस सहायक हार्डवेयर को साउण्ड कार्ड कहते हैं। माइक्रोफोन को कम्प्यूटर के साथ जोड़ा जाता है, जिससे आवाज कम्प्यूटर में रिकॉर्ड हो जाती है। आजकल माइक्रोफोन का प्रयोग स्पीच रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर (Speech Recognition Software) के साथ भी किया जाता है अर्थात् इसकी सहायता से हमें कम्प्यूटर टाइप करने की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि जो बोला जाता है वो डॉक्यूमेण्ट में छप जाता है।

 

K. वेबकैम या वेबकैमरा (Webcam or Web Camera)

 

  • वेबकैम एक प्रकार की वीडियों कैम्चरिंग (Capturing) डिवाइस है। यह एक डिजिटल कैमरा है जिसे कम्प्यूटर के साथ जोड़ा जाता है। इसका प्रयोग वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग और ऑनलाइन चैटिंग (Chatting) आदि कार्यों के लिए किया जाता है।

 

  • इसकी सहायता से चित्र भी बना सकते हैं। यदि दो लोगों के कम्प्यूटर में वेबकैमरा लगा है और कम्प्यूटर इण्टरनेट से जुड़ा हुआ है तो हम आसानी से एक-दूसरे को देखकर बातचीत कर सकते हैं।

 

इनपुट युक्तियाँ  महत्वपूर्ण तथ्य

  • ऑप्टिकल माउस का आविष्कार माइक्रोसॉफ्ट ने वर्ष 1999 में किया था। 
  • स्कैनर ग्रे स्केल (Gray scale) और कलर मोड (Colour mode) दोनों में इमेज (Image) को स्टोर कर सकता है।
  •  ड्रैग तथा ड्रॉप का तात्पर्य है कि माउस के बाएँ बटन को क्लिक किए रखना और माउस प्वॉइण्टर को किसी दूसरे स्थान पर ले जाकर बाएँ बटन को छोड़ देना है। 
  • OCR टेक्नोलॉजी का विकास अधिक शुद्धता से अक्षरों को पहचानने के लिए किया गया है। इसीलिए इसे इण्टेलिजेन्स करैक्टर रिकॉग्निशन (Intelligence Character Recognition-ICR) भी कहते हैं । 
  • स्पीच रिकॉग्निशन सिस्टम, बोले हुए शब्दों को मशीन के पढ़ने लायक इनपुट में  बदल देता है। इसका प्रयोग हवाई जहाज कॉकपिट में, Voice डायलॉग, सरल डेटा प्रविष्टि, स्पीच से टेक्स्ट प्रोसेसिंग में होता है।

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