इंटरनेट और हिंदी | Internet and Hindi

इंटरनेट और हिंदी  (Internet and Hindi)

इंटरनेट और हिंदी  (Internet and Hindi)

इंटरनेट और हिंदी Internet and Hindi

 

  • कंप्यूटर के साथ-साथ इंटरनेट पर हिंदी का प्रयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा आप फेसबुकटिवट्र,कू, जैसी सोशल वेबसाइटस पर हिंदी का बढ़ता साम्राज्य देख सकते हैं और वहां से प्राप्त लिंक के माध्यम से इंटरनेट पर हिंदी में विचार रख सकते हैंअपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।


  • कविताकहानी आदि विभिन्न विधाएं हिंदी में इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। इनमें लगातार प्रगति हो रही है। यद्यपि अभी भी अधिकांश सामग्री इंटरनेट पर अंग्रेजी में उपलब्ध है लेकिन साथ ही अनुवाद की भी सुविधा है जिससे आप इस सामग्री का लाभ ले सकते हैं। 


  • अब आपको इंटरनेट पर चैटिंग करने के लिए किसी सॉफ्टवेयर की आवश्यकता नहीं है। आप सीधे वेबसाइट्स पर जाकर चैटिंग कर सकते हैं। अपने मित्रों को ईमेल कर सकते हैं। आज हिंदी में भी ईमेल की सुविधा उपलब्ध है। 


  • गूगल और और अन्य सोशल मीडिया platform पर आपको इस प्रकार की सुविधाएं मिल सकती हैं। इसी प्रकार राजभाषा डॉट कॉमराजभाषा डॉट नेट आदि वेबसाइट्स भी उपलब्ध हैं। हिंदी की अनेक ऐसी वेबसाइट्स हैं जिन पर साहित्यसंस्कृति की प्रस्तुति होती है और विचारपरक लेख प्रसारित - प्रकाशित होते हैं।  


  • सोशल साइटसजैसे फेसबुक पर भी ऐसी प्रतियोगिताएं देखने को मिलती हैं जो एक प्रकार से हिंदी और हिंदी साहित्य की श्रीवृद्धि में अपना योगदान देती हैं।इंटरनेट पर अनेक वेबसाइट्स ऐसी हैं जो हिंदी शब्दकोश संबंधी सुविधाएं प्रदान करती हैंजैसे शब्दकोश डॉट कॉमई-महाशब्दकोशशब्दमाला आदि। 


  • ई-महाशब्दकोश सी-डैकभारत सरकार की प्रस्तुति है। इसके अतिरिक्त कुछ ऑफलाइन साइट्स भी हैंजैसे शब्द - ज्ञान । इसकी मदद से एक बार इंटरनेट से शब्दकोश डाउनलोड कर बिना इंटरनेट से जुड़े भी शब्दकोश की सहायता ली जा सकती है। इन सभी शब्दकोशों से न केवल इच्छित शब्दों का अर्थ ढूंढा जा सकता है बल्कि उन शब्दों के शुद्ध हिंदी उच्चारण और उदाहरण सहित उनके प्रयोगों की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है। 


  • यद्यपि हिंदी कंप्यूटिंग में यूनीकोड के आने से हालांकि काफी दिक्कतें दूर हो गई हैं लेकिन अभी भी कई मामलों में मानकीकरण नहीं हो पाया है। एक सर्वस्वीकृत की-बोर्ड की समस्या अभी भी बनी हुई है। अनेक प्रकार के फांट हैं जो यूनीकोड में रूपांतरित नहीं हो पाते। प्रिंटर और स्कैनर की अनुकूलता की समस्या भी बनी हुई है। इनके लिए व्यापक और गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है।

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