March Day List in Hindi with Details | मार्च माह के दिवस और उनकी जानकारी
March Day List in Hindi with Details मार्च माह के दिवस और उनकी जानकारी
- शून्य भेदभाव दिवस 1 मार्च
- विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस 1 मार्च
- विश्व वन्य जीव दिवस 3 मार्च
- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National security day) – 4 मार्च
- विश्व श्रवण (Hearing) दिवस - 3 मार्च
- विश्व किडनी दिवस - 12 मार्च
- केन्द्रीय औधोगिक सुरक्षा बल स्थापना दिवस-12 मार्च
- विश्व नींद दिवस -13 मार्च
- पाई दिवस Pi Day- 14 मार्च
- विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumer Rights Day) – 15 मार्च
- आयुध निर्माण दिवस-18 मार्च
- अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस - 20 मार्च
- विश्व गौरया दिवस (World Sparrow Day) – 20 मार्च
- विश्व कविता दिवस - 21 मार्च
- नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस - 22 मार्च
- विश्व जल दिवस - 22 मार्च
- विश्व मौसम विज्ञान दिवस - 23 मार्च
- ग्रामीण डाक जीवन बीमा दिवस- 24 मार्च
- विश्व तपेदिक दिवस / विश्व क्षयरोग दिवस (World Tuberculosis Day) – 24 मार्च
- हिरासत में लिए गए और लापता स्टाफ सदस्यों के साथ एकजुटता का अंतरराष्ट्रीय दिवस - 25 मार्च
- बांग्लादेश का राष्ट्रीय दिवस- 26 मार्च
- विश्व थियेटर (रंगमंच) दिवस-27 मार्च
- आर्य समाज स्थापना दिवस-29 मार्च
- राजस्थान दिवस-30 मार्च
March Day List in Hindi with Details
शून्य भेदभाव दिवस 01 मार्च
- कानून के समक्ष और आम लोगों के व्यवहार में समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष विश्व स्तर पर 01 मार्च को शून्य भेदभाव दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस आय, आयु, लिंग, स्वास्थ्य स्थिति, रंग, नस्ल, व्यवसाय, यौन अभिविन्यास, धर्म और जातीयता आदि आधारों पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को जल्द-से-जल्द खत्म करने के लिये तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता पर ज़ोर देता है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2013 में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र एड्स कार्यक्रम (UNAIDS) द्वारा की गई थी और इसे पहली बार 01 मार्च, 2014 को मनाया गया था। UNAIDS के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के साथ विश्व की कुल आबादी के 70 प्रतिशत से अधिक हिस्से को किसी-न-किसी रूप में असमानता और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। शून्य भेदभाव दिवस का लक्ष्य बेहतर राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक नीतियों के माध्यम से लोगों के अधिकारों की रक्षा कर उनके सम्मान को बनाए रखना है।
विश्व वन्यजीव दिवस 3 मार्च
- यह दिवस वन्यलजीवों के संरक्षण के महत्त्व के बारे में जागरूकता के प्रसार हेतु प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को मनाया जाता है। 20 दिसंबर, 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 मार्च को विश्व वन्य जीव दिवस के रूप में मानने का निर्णय लिया था। संयुक्त राष्ट्र ने अपने रेज़ोल्यूशन में घोषणा की थी कि विश्व वन्यजीव दिवस आम लोगों को विश्व के बदलते स्वरूप तथा मानव गतिविधियों के कारण वनस्पतियों एवं जीवों पर उत्पन्न हो रहे खतरों के बारे में जागरूक करने के प्रति समर्पित होगा। ज्ञात हो कि 3 मार्च, 1973 को ही वन्यजीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) को अंगीकृत किया गया था। इस वर्ष विश्व वन्यजीव दिवस की थीम है- ‘फारेस्ट एंड लाइवलीहुड: सस्टेनिंग पीपल एंड प्लानेट।’ यह दिवस इस तथ्य को रेखांकित करने का अवसर प्रदान करता है कि मानव जीवन के लिये वन एवं पारिस्थितिकी तंत्र कितने महत्त्वपूर्ण हैं। संयुक्त राष्ट्र की मानें तो वैश्विक स्तर पर लगभग 200 से 350 मिलियन लोग या तो जंगलों के भीतर/आसपास रहते हैं या फिर जीवन एवं आजीविका के लिये वन संसाधनों पर प्रत्यक्ष तौर पर निर्भर हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 4 मार्च
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना को चिह्नित करने के लिये प्रतिवर्ष 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य दुर्घटनाओं और किसी अन्य आपात परिस्थिति को रोकने के लिये आवश्यक सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के स्थापना दिवस पर पहली बार वर्ष 1972 में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, राष्ट्रीय स्तर पर एक गैर-लाभकारी, स्व-वित्तपोषित, त्रिपक्षीय निकाय है। इसे श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय द्वारा 4 मार्च, 1965 को सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर एक स्वैच्छिक आंदोलन शुरू करने के लिये स्थापित किया गया था। यह एक स्वायत्त निकाय है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का उद्देश्य समाज की रक्षा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना और लोगों में एक निवारक संस्कृति तथा वैज्ञानिक मानसिकता को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद आम जनता के बीच सुरक्षा से संबंधित संदेश प्रसारित करने वर्ष सड़क दुर्घटनाओं के कारण देश में 1.50 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु होती है और इससे भी अधिक संख्या में लोग शारीरिक रूप से अक्षम हो जाते हैं, जिसके कारण पीड़ित परिवारों के साथ-साथ संपूर्ण देश को भारी क्षति का सामना करना पड़ता है।
विश्व श्रवण दिवस 03 मार्च
- विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 03 मार्च को विश्व श्रवण दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक लक्ष्य इस संदेश को प्रसारित करना है कि समय पर और प्रभावी देखभाल लोगों को श्रवण बाधिता से मुकाबला करने में मदद कर सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा आयोजित किया जाने वाला यह दिवस श्रवण तंत्रिकाओं की सुरक्षा और निवारक उपायों को अपनाने के लिये की जाने वाली कार्रवाई के बारे में जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है। विश्व स्तर पर तकरीबन 1.5 बिलियन लोग पूर्ण अथवा आंशिक रूप से श्रवण बाधिता का सामना कर रहे हैं और इसमें से लगभग 430 मिलियन लोगों को जल्द-से-जल्द पुनर्वास सहायता की आवश्यकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2050 तक विश्व भर में लगभग 2.5 मिलियन लोग या 4 में से 1 व्यक्ति पूर्ण अथवा आंशिक रूप से श्रवण बाधिता से प्रभावित होगा।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च
- संपूर्ण मानव जाति के विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करने हेतु प्रत्येक वर्ष 08 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस लोगों को यह जानने का अवसर प्रदान करता है कि मानव जाति के विकास में अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है और महिलाओं की समान भागीदारी के बिना यह प्राप्त नहीं किया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2021 की थीम है- ‘वीमेन इन लीडरशिप: अचीविंग एन इक्वल फ्यूचर इन कोविड-19’। विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के उद्देश्य से इस दिवस को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। दरअसल वर्ष 1908 के आसपास महिलाओं के बीच उनके उत्पीड़न और असमानता के विषय को लेकर गंभीर बहस शुरू हुई और बदलाव की मुहिम तब और मुखर होने लगी जब 15000 से अधिक महिलाओं ने काम की कम अवधि, बेहतर भुगतान और मतदान के अधिकार को लेकर न्यूयॉर्क शहर से मार्च किया। 28 फरवरी, 1909 को संयुक्त राज्य अमेरिका में पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। वर्ष 1910 में, कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं का अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया और इसी सम्मेलन के दौरान जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की महिला नेत्री क्लारा ज़ेटकिन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के आयोजन का सुझाव प्रस्तुत किया गया था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन वर्ष 1975 में किया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 21 मार्च
- 21 मार्च, 2021 को वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का आयोजन किया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2012 में 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस (IDF) के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। इस दिवस का उद्देश्य वनों के महत्त्व और योगदान के बारे में विभिन्न समुदायों में जन-जागरूकता पैदा करना है। इस दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष सरकारी तंत्र और निजी संगठन मिलकर लोगों को वनों के महत्त्व और पर्यावरण तथा अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक करते हैं। इस दिवस का आयोजन संयुक्त राष्ट्र वन फोरम (UNFF) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (UNFAO) द्वारा किया जाता है। वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम है- ‘वन रेस्टोरेशन: ए पाथ टू रिकवरी एंड वेल-बीइंग’। इस वर्ष की थीम इस बात पर ज़ोर देती है कि वनों की बहाली और सतत् प्रबंधन किस प्रकार जलवायु परिवर्तन एवं जैव विविधता के संकट से मुकाबला करने में मददगार साबित हो सकते हैं। स्वतंत्रता के बाद से भारत की आबादी में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है, हालाँकि इसके बावजूद भारत के कुल भूमि क्षेत्र के पाँचवें हिस्से पर वन मौजूद हैं। वन स्थिति रिपोर्ट, 2019 की मानें तो वर्ष 2017 से वर्ष 2019 के बीच भारत के वन आवरण क्षेत्र में 3,976 वर्ग किमी. अथवा 0.56 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है।
विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च
- 20 मार्च, 2021 को दुनिया भर में विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) मनाया गया। इस दिवस का आयोजन आम लोगों में गौरैया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया जाता है। इसके अलावा शहरी वातावरण में रहने वाले आम पक्षियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी इस दिवस को मनाने का एक उद्देश्य है। गौरैया की लगातार कम होती जा रही तादाद के मद्देनज़र वर्ष 2010 में पहली बार यह दिवस मनाया गया था। 2012 में दिल्ली सरकार ने गौरैया को दिल्ली का राजकीय पक्षी घोषित किया था। ब्रिटेन की 'रॉयल सोसायटी ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ बर्ड्स' ने भारत से लेकर विश्व के विभिन्न हिस्सों में अनुसंधानकर्त्ताओं द्वारा किये गए अध्ययनों के आधार पर गौरैया को 'रेड लिस्ट' में शामिल किया है। गौरैया की संख्या में यह कमी शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में देखी गई है। गौरैया 'पासेराडेई' परिवार की सदस्य है। दुनिया भर में गौरैया की 26 प्रजातियाँ हैं, जिसमें से 5 भारत में पाई जाती हैं।
बिहार दिवस 22 मार्च
- 22 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार दिवस के अवसर पर राज्यं के सभी लोगों को शुभकामनाएँ दी। यह दिवस राज्य के गठन का प्रतीक है। बिहार दिवस उस तारीख को चिह्नित करता है, जब ब्रिटिश शासन के दौरान बिहार एक प्रांत के रूप में अस्तित्व में आया था। वर्ष 1912 में बिहार को बंगाल से अलग किया गया था। बिहार दिवस की शुरुआत वर्ष 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गई थी। बिहार का उल्लेख वेदों, पुराणों, महाकाव्यों आदि में मिलता है। भारतीय संघ के प्रमुख राज्यों में से एक, बिहार उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखंड के साथ अपनी सीमा साझा करता है। बिहार में कई नदियाँ मौजूद हैं, जिनमें सबसे महत्त्वपूर्ण गंगा नदी है। अन्या नदियाँ हैं- सोन, पुनपुन, फल्गुं, कर्मनाशा, दुर्गावती, कोसी, गंडक, घाघरा आदि। बिहार का कुल भौगोलिक क्षेत्र लगभग 93.60 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 55.54 लाख हेक्टेयर पर खेती होती है। राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में: राजगीर, नालंदा, वैशाली, पावापुरी (जहाँ भगवान महावीर ने अंतिम साँस ली और निर्वाण प्राप्त किया), बोधगया, विक्रमशिला (उच्चल शिक्षा के बौद्ध विश्वविद्यालय के अवशेष), पटना (पाटलिपुत्र का प्राचीन नगर) और सासाराम (शेरशाह सूरी का मकबरा) तथा मधुबनी (प्रसिद्ध मधुबनी चित्रकला का केंद्र) आदि शामिल हैं।
विश्व मौसम विज्ञान दिवस 23 मार्च
- पृथ्वी के वातावरण की रक्षा में आम लोगों की भूमिका के महत्त्व को उजागर करने के लिये प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस 23 मार्च, 1950 को विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की स्थापना को चिह्नित करता है, जो कि 23 मार्च, 1950 को स्थापित एक अंतर-सरकारी निकाय है। यह दिवस समाज की सुरक्षा एवं भलाई के लिये राष्ट्रीय मौसम विज्ञान एवं जल विज्ञान सेवाओं के आवश्यक योगदान को दर्शाता है। विश्व मौसम विज्ञान दिवस 2021 की थीम ‘द ओशियन, अवर क्लाइमेट एंड वेदर’ है। यह विषय सतत् विकास हेतु महासागर विज्ञान के संयुक्त राष्ट्र के दशक की शुरुआत को दर्शाता है, जो समुद्र विज्ञान हेतु समर्थन जुटाने और सतत् विकास में महासागर विज्ञान की भूमिका को समझने पर केंद्रित है। ज्ञात हो कि महासागर पृथ्वी की सतह का 70 प्रतिशत हिस्सा कवर करता है और जलवायु परिवर्तन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
विश्व क्षयरोग दिवस 24 मार्च
- प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को दुनिया भर में विश्व क्षयरोग दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य क्षयरोग/तपेदिक से स्वास्थ्य, समाज और अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा इस वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिये किये जा रहे प्रयासों में तेज़ी लाना है। गौरतलब है कि वर्ष 1882 में क्षय रोग (TB) के जीवाणु की खोज करने वाले डॉ. रॉबर्ट कोच की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को विश्व क्षयरोग दिवस मनाया जाता है, 24 मार्च 1882 में ही डॉ. रॉबर्ट कोच ने टीबी बैक्टीरिया की खोज की थी। क्षयरोग विश्व में सबसे घातक संचारी रोगों में से एक है। टीबी या क्षय रोग बैक्टीरिया (माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस) के कारण होता है जो फेफड़ों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आँकड़ों की मानें तो अकेले वर्ष 2019 में दुनिया भर में क्षयरोग (टीबी) के कारण कुल 1.4 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई थी। इस तरह क्षयरोग विश्व भर में होने वाली मौतों के प्रमुख 10 कारणों में से एक है। इस वर्ष विश्व क्षयरोग दिवस का विषय है- ‘द क्लॉक इज़ टिकिंग’, जो कि इस ओर इशारा करता है कि क्षयरोग को समाप्ति करने के लिये वैश्विक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का समय बीतता जा रहा है।
विश्व रंगमंच दिवस 27 मार्च
- आम लोगों को रंगमंच के विभिन्न पहलुओं और इसके महत्त्व के बारे में जागरूक करने के लिये प्रत्येक वर्ष 27 मार्च को विश्व रंगमंच दिवस का आयोजन किया जाता है। विश्व रंगमंच दिवस की स्थापना इंटरनेशनल थियेटर इंस्टीट्यूट (ITI) द्वारा की गई थी और इस दिवस का आयोजन पहली बार 27 मार्च, 1962 को पेरिस में किया गया था। प्रथा के अनुसार, इस दिन किसी थियेटर के किसी प्रसिद्ध व्यक्ति द्वारा रंगमंच की मौजूदा स्थिति पर विचार व्यक्त करते हुए संदेश दिया जाता है। वर्ष 1962 में पहला विश्व थियेटर दिवस संदेश जीन कोक्टयू द्वारा दिया गया था। वर्ष 2002 में यह संदेश भारत के सबसे प्रसिद्ध थियेटर कलाकार गिरीश कर्नाड ने दिया था। नाटक अथवा थियेटर रंगमंच से जुड़ी एक विधा है, जिसे अभिनय करने वाले कलाकारों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। नाटक की परंपरा बहुत प्राचीन है। इस संदर्भ में शेक्सपियर की निम्नलिखित पंक्तियाँ उल्लेखनीय हैं-
- ‘यह दुनिया एक रंगमंच है और सभी स्त्री-पुरुष सिर्फ पात्र हैं’।
राजस्थान दिवस 30 मार्च
- 30 मार्च, 2021 को राष्ट्रपति ने राजस्थान के स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य के लोगों को बधाई दी। राजस्थान दिवस का आयोजन राज्य के गठन के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को किया जाता है। राजस्थान, आधिकारिक तौर पर 30 मार्च, 1949 को तब अस्तित्व में आया, जब इस राजपूताना क्षेत्र को भारत में शामिल किया गया था। ज्ञात हो कि क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है। सातवीं शताब्दी में यहाँ चौहान राजपूतों का प्रभुत्व बढ़ने लगा और बारहवीं शताब्दी तक उन्होंने एक साम्राज्य स्थापित कर लिया था। वर्ष 1857 के विद्रोह के बाद लोग स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिये महात्मा गांधी के नेतृत्व में एकजुट हुए और वर्ष 1935 में अंग्रेज़ी शासन वाले भारत में प्रांतीय स्वायत्तता लागू होने के बाद राजस्थान में नागरिक स्वतंत्रता तथा राजनीतिक अधिकारों के लिये आंदोलन और तेज़ हो गया। वर्ष 1948 में बिखरी हुई विभिन्न रियासतों को एक करने की प्रक्रिया शुरू हुई, जो वर्ष 1956 में राज्य में पुनर्गठन कानून लागू होने तक जारी रही। राजस्थान की पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान है, जबकि उत्तर में पंजाब, उत्तर-पूर्व में हरियाणा, पूर्व में उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में मध्य प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम में गुजरात है। राजस्थान भौगोलिक रूप से कुल 9 क्षेत्रों में विभाजित है और ये सभी क्षेत्र विरासत और कलात्मक दृष्टि से काफी समृद्ध हैं। राज्य में कुल दो नेशनल टाइगर रिज़र्व हैं- सवाई माधोपुर में रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान और अलवर में सरिस्का टाइगर रिज़र्व। राजस्थान का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से शुरू होता है। ईसा पूर्व 3000 से 1000 के बीच यहाँ की संस्कृति सिंधु घाटी सभ्यता जैसी थी।
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