समाचार लेखन के सूत्र-छ: ककार |Sources-Six Types of News Writing in Hindi
समाचार लेखन के सूत्र-छ: ककार (Sources-Six Types of News Writing)
समाचार लेखन के सूत्र-छ: ककार (Sources-Six Types of News Writing)
- समाचार लेखन के लिए जो तथ्य जुटाने होते हैं, उनमें छः ककारों का विशेष महत्व है। ये छः ककार - प्रसिद्ध अंग्रेजी पत्रकार एडविन एल. शूमैन ने सन् 1894 में प्रकाशित अपनी पुस्तक 'प्रैक्टिकल जर्नलिज़्म' में इन सूत्रों के विषय में चर्चा की है। वहाँ इन सूत्रों को फाइव (5) डब्ल्यू वन(1)एच Who?What? When? Where? Why? और How? के आधार पर फाइव डब्ल्यू थियरी भी कहा जाता है।
- चूँकि हिन्दी इन सूत्रों का पहला अक्षर 'क' से आरम्भ होता है अतः इन्हें छः ककार सिद्धान्त कहा जाने लगा। इन छः ककारों में किसी भी समाचार से सन्दर्भित सभी उत्तर समाहित हैं। 'घटना क्या है? 'कहाँ घटी है'? ' कब घटी है? 'कौन इसके लिए उत्तरदायी है? 'घटना का कारण क्या है ? और घटना कैसे घटी? इन सवालों के जबाव न केवल एक समाचार लेखन की उपयोगिता को सिद्ध करते हैं अपितु इन सूत्रों के आधार पर लेखक जो तथ्य जुटाता है, वे समाचार पाठकों के मन में भी समाचार के विषय में जानने की जिज्ञासा को बल देते हैं।
समाचार लेखन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं छः ककार ( फाइव (5) डब्ल्यू तथा वन (1) एच)-
कौन- घटना को अंजाम देने वाला कौन था ?
क्या -क्या घटना हुई ?
कब - घटना कब हुई ?
कहाँ - घटना कहाँ हुई ?
क्यों -घटना क्यों हुई ?
कैसे -घटना कैसे हुई ?
नीचे लिखे दो उदाहरणों से छः ककार के विषय में स्पष्टतः जानकारी हो जाएगी
- 1. दो अक्टूबर को विद्यालय में आयोजित भाषण प्रतियोगिता में नेहा प्रथम आई।
- 2. कल रात बाजार में मामूली कहा सुनी में श्याम ने रमेश को छुरा मार कर घायल कर दिया।
- कौन क्या कब कहाँ क्यों कैसे.
Post a Comment