परिसंवाद (सिम्पोजियम) क्या होता है| परिसंवाद का अर्थ प्रकार उद्देश्य एवं उपयोग का क्षेत्र |Symposium Details In Hindi

परिसंवाद  का अर्थ  प्रकार उद्देश्य  एवं उपयोग का क्षेत्र Symposium Details In Hindi 
परिसंवाद (सिम्पोजियम) क्या होता है| परिसंवाद  का अर्थ  प्रकार उद्देश्य  एवं उपयोग का क्षेत्र |Symposium Details In Hindi



परिसंवाद  का अर्थ  प्रकार उद्देश्य  एवं उपयोग का क्षेत्र (Symposium Details In Hindi)


  • 'सिम्पोजियमशब्दकोश का प्रयोग सर्वप्रथम प्लेटो ने एक सुन्दर आदान-प्रदान के लिए किया थाजिसमें ईश्वर के प्रति विचार प्रस्तुत किए गए थे।
  • "यह एक ऐसा समूह है जिसमें श्रोता को उत्तम प्रकार के विचारों से अवगत कराया जाता है। श्रोता प्रकरण सम्बन्धी सामान्य तैयारी के अपने मंजे हुए विचारों को सम्मिलित करते हैं और नीतिमूल्यों तथा बोधगम्यता के सम्बन्ध में निर्णय लेते हैं।"


  • एक से अधिक व्यक्तियों की राय के अनुसार कोई निर्णय लेना होता है तो ऐसे सभी व्यक्तियों को आपस में बैठकर उस विषय पर वार्तालाप करना होता है। ऐसे वार्तालाप को परिसंवाद की संज्ञा दी जा सकती है। विस्तृत अर्थ के रूप में परिसंवाद सामूहिक निर्णय लेने की एक ऐसी तकनीक हैजिससे अधिकांश सभी लोग उस निर्णय के पक्ष में हो।


  • परिसंवाद विचारों के आदान-प्रदान और सम्प्रेषण शैली की एक परीक्षा है। परिसंवाद के माध्यम से कोई व्यक्ति सामूहिक स्थिति में किस प्रकार दूसरों से विचार विनिमय कर पाता है। इसी क्षमता को आंका जाता है।


  • प्रबन्धन संस्थानों तथा नौकरियों की तलाश कर रहे शिक्षार्थियों को सम्प्रेषणशीलता की जांच करने के लिए परिसंवाद एक सशक्त माध्यम है। परिसंवाद की प्रक्रिया का लक्ष्य किसी समस्या के विभिन्न पक्षों को समझना होता है। वक्ताओं और श्रोताओं में विचार गोष्ठी की भाँति प्रत्यक्ष रूप से अन्तःक्रिया नहीं होती है।


परिसंवाद (सिम्पोजियम) के प्रकार Symposium  types in Hindi

परिसंवाद मौलिक रूप से दो प्रकार के होते हैं-


  1. पहले प्रकार में ग्रुप को-ऑर्डिनेटर या समूह समन्वयक द्वारा एक विषय दिया जाता है और शिक्षार्थियों से निर्धारित अवधि तक परिचर्चा करने को कहा जाता है।
  2. कभी-कभी समूह को एक केस स्टडी की स्थितिछपी हुईदे दी जाती है और अभ्यर्थियों को तीन-चार मिनट का समय इसे पढ़ने व समझने के लिए दे दिया जाता है। इस केस-स्टडी एकल विषय अध्ययन के आधार पर प्रश्नों की चर्चा करनी होती है। इस प्रकार की सामूहिक परिचर्चा से समन्वयक आवेदकों की सम्प्रेषण कला के साथ विषय की ग्रहणशीलता की जाँच भी कर लेते हैं।


आकलन -अभ्यर्थियों के प्रदर्शन का आकलन परिसंवाद के समन्वयक द्वारा किया जाता है।

 

परिसंवाद (सिम्पोजियम)  के उद्देश्य

  • परिसंवाद का आयोजन निम्न उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किया जाता है-
  • तात्कालिक समस्या के विभिन्न पक्षों की जानकारी तथा उन्हें पहचानने की क्षमताओं का विकास करना।
  • किसी प्रकरण के विभिन्न पहलुओं को पहचानना और उन्हें बोधगम्य करना।
  • प्रकरण एवं समस्या सम्बन्धी निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना।
  • छात्रों व भागीदारी में व्यापक दृष्टिकोण का विकास करना।

 

परिसंवाद के उपयोग का क्षेत्र (Application of Symposium)

इसका उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के शिक्षण तथा अनुदेशन के लिए किया जा सकता है। कुछ प्रमुख प्रकरण इस प्रकार हैं

1.     परीक्षा में वस्तुनिष्ठ एवं निबन्धात्मक प्रश्नों का प्रयोग। 

2.     शिक्षा में सत्र प्रणाली एवं वार्षिक प्रणाली। 

3.     छात्रों में अनुदेशनहीनता के कारण। 

4.     शोधकार्यों में गुणात्मक विकास ।

5.     छात्र शिक्षण में अध्यापक की उपादेयता।


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