अनुसंधान कितने प्रकार के होते हैं|अनुसंधान के प्रकार का वर्णन| Types of Research in Hindi
अनुसंधान के प्रकार का वर्णन Types of Research in Hindi
सामान्यतः अनुसन्धान निम्न प्रकार का होता है-
- ऐतिहासिक
अनुसन्धान (Historical
Research)
- वर्णनात्मक
अनुसन्धान (Descriptive
Research)
- प्रयोगात्मक
अनुसन्धान (Experimental
Research)
- क्रियात्मक
अनुसन्धान (Actionable
Research)
- अन्तर-
अनुशासनात्मक अनुसन्धान (Inter-disciplinary Research)
ऐतिहासिक अनुसन्धान Historical Research Details in Hindi
जॉन डब्ल्यू. बेस्ट के अनुसार, "ऐतिहासिक अनुसन्धान का सम्बन्ध ऐतिहासिक समस्या के वैज्ञानिक विश्लेषण से है। विभिन्न पद भूतकाल के सम्बन्ध में एक नई सूझ पैदा करते है, जिसका सम्बन्ध वर्तमान एवं भविष्य से होता है।"
ऐतिहासिक अनुसन्धान के मूल उद्देश्य है-
- भूत
के आधार पर वर्तमान को समझना और भविष्य के लिए सतर्क रहना।
- शिक्षा
मनोविज्ञान अमदा सामाजिक विज्ञानों में चिन्तन को नई दिशा देना।
- भूतकालीन
तथ्यों के प्रति जिज्ञासा की तृप्ति ।
- वर्तमान
में सिद्धान्त और क्रियाएँ जो व्यवहार में है, उनके उद्भव में
विकास की परिस्थितियों का विश्लेषण
ऐतिहासिक अनुसन्धान के चरण Steps of Historical Research
ऐतिहासिक अनुसन्धान के निम्नलिखित चरण होते हैं-
1. ऑकड़ों का संग्रह
2.
ऑकड़ों का विश्लेषण
3.
उपरोक्त आधार पर तथ्यों का विश्लेषण एवं रिपोर्ट
ऐतिहासिक अनुसन्धान के क्षेत्र में निम्नलिखित बातों को शामिल किया जा सकता है।
- शिक्षाशास्त्रियों
मनोवैज्ञानिकों के सुझाव।
- प्रयोगशाला
एवं संस्थाओं द्वारा किए गए व्यावहारिक कार्य।
- विभिन्न
समय अवधि में विचारों के बदलाव व विकास की स्थिति ।
- विशेष
प्रकार की विचारधारा का प्रभाव व उसके स्त्रोत।
- पुस्तक
सूची की तैयारी।
वर्णनात्मक अनुसन्धान Descriptive Research Details in Hindi
इसके अन्तर्गत स्पष्ट परिभाषित समस्या पर कार्य किया जाता है। यह
विशेष सरल एवं अत्यन्त कठिन, दोनों प्रकार का हो सकता है। यह 'क्या है' को स्पष्ट करता है। इसके अन्तर्गत समस्या समाधान हेतु उपयोगी सूचना
प्राप्त करते हैं। इसके कल्पनापूर्ण नियोजन आवश्यक है। यह अनुसन्धान संख्यात्मक
एवं गुणात्मक दोनों हो सकता है।
इसके अन्तर्गत स्पष्ट परिभाषित समस्या पर कार्य किया जाता है। यह
विशेष सरल एवं अत्यन्त कठिन, दोनों प्रकार का हो सकता है। यह 'क्या है' को स्पष्ट करता है। इसके अन्तर्गत समस्या समाधान हेतु उपयोगी सूचना
प्राप्त करते हैं। इसके कल्पनापूर्ण नियोजन आवश्यक है। यह अनुसन्धान संख्यात्मक
एवं गुणात्मक दोनों हो सकता है।
वर्णनात्मक अनुसन्धान के उद्देश्य
- भविष्य
के अनुसन्धान के प्राथमिक अध्ययन में सहायता करना।
- मनोवैज्ञानिक
विशेषताओं से परिचय प्राप्त करना और शैक्षिक नियोजन में सहायता करना।
- मानव
व्यवहार के विभिन्न पक्षों की जानकारी प्राप्त करना।
- भविष्य
के अनुसन्धान के प्राथमिक अध्ययन में सहायता करना।
- मनोवैज्ञानिक
विशेषताओं से परिचय प्राप्त करना और शैक्षिक नियोजन में सहायता करना।
- मानव
व्यवहार के विभिन्न पक्षों की जानकारी प्राप्त करना।
वर्णनात्मक अनुसन्धान के चरण Steps of Descriptive Research
वर्णनात्मक अनुसन्धान के निम्नलिखित चरण है-
अनुसन्धान
समस्या का कथन
- यह
निर्धारित करना कि समस्या सर्वेक्षण अनुसन्धान के उपयुक्त है या नहीं।
- उचित
सर्वेक्षण विधि का चुनाव ।
- सर्वेक्षण
के उद्देश्यों का निर्धारण ।
- सर्वेक्षण
की सफलता का निर्धारण।
- आँकड़े
प्राप्त करने का अभिकल्प।
- आँकड़ों
का संग्रह।
- आंकड़ों
का विश्लेषण।
- प्रतिवेदन
तैयार करना।
वर्णनात्मक अनुसन्धान के निम्नलिखित चरण है-
- यह
निर्धारित करना कि समस्या सर्वेक्षण अनुसन्धान के उपयुक्त है या नहीं।
- उचित
सर्वेक्षण विधि का चुनाव ।
- सर्वेक्षण
के उद्देश्यों का निर्धारण ।
- सर्वेक्षण
की सफलता का निर्धारण।
- आँकड़े
प्राप्त करने का अभिकल्प।
- आँकड़ों
का संग्रह।
- आंकड़ों
का विश्लेषण।
- प्रतिवेदन
तैयार करना।
वर्णनात्मक अनुसन्धान के प्रकार Types of Descriptive Research
- सर्वेक्षण
अध्ययन
- अन्तर्सम्बन्धी
का अध्ययन
- विकासात्मक
अध्ययन
- सर्वेक्षण
अध्ययन
- अन्तर्सम्बन्धी
का अध्ययन
- विकासात्मक अध्ययन
प्रयोगात्मक अनुसन्धान Experimental Research Details in Hindi
यह ऐसी विधि है जिसमें हम किसी सूक्ष्म समस्या का समाधान प्रस्तुत कर सकते हैं। यह विधि अर्थ एवं उपयोगिता की दृष्टि से व्यावहारिक है। इसमें अध्ययन
नियन्त्रित परिस्थिति में किया जाता है। यह विधि एकल चर की धारणा पर आधारित है। यह
सभी विज्ञानों में प्रयुक्त की जाती है।
यह ऐसी विधि है जिसमें हम किसी सूक्ष्म समस्या का समाधान प्रस्तुत कर सकते हैं। यह विधि अर्थ एवं उपयोगिता की दृष्टि से व्यावहारिक है। इसमें अध्ययन
नियन्त्रित परिस्थिति में किया जाता है। यह विधि एकल चर की धारणा पर आधारित है। यह
सभी विज्ञानों में प्रयुक्त की जाती है।
प्रयोगात्मक अनुसन्धान के चरण
- प्रयोग
अनुसन्धान के विभिन्न चरण इस प्रकार है
समस्या
से सम्बन्धित साहित्य का सर्वेक्षण
- समस्या
का चयन एवं परिभाषीकरण
- परिकल्पना
निर्माण, विशिष्ट
पदावली तथा चरों की व्याख्या
- प्रयोगात्मक
योजना का निर्माण।
- प्रयोग
करना।
- आंकड़ों
का संकलन एवं सारणीयन
- प्राप्त
निष्कर्ष का मापन
- निष्कर्ष
का विश्लेषण एवं व्याख्या
- निष्कर्ष
का विधिवत् प्रतिवेदन तैयार करना।
- प्रयोग
अनुसन्धान के विभिन्न चरण इस प्रकार है
- समस्या
का चयन एवं परिभाषीकरण
- परिकल्पना
निर्माण, विशिष्ट
पदावली तथा चरों की व्याख्या
- प्रयोगात्मक
योजना का निर्माण।
- प्रयोग
करना।
- आंकड़ों
का संकलन एवं सारणीयन
- प्राप्त
निष्कर्ष का मापन
- निष्कर्ष
का विश्लेषण एवं व्याख्या
- निष्कर्ष
का विधिवत् प्रतिवेदन तैयार करना।
क्रियात्मक अनुसन्धान Actionable Research Details in Hindi
कोर के अनुसार,
"यह वह
प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यावहारिक कार्यकर्ता वैज्ञानिक विधि से अपनी समस्याओं
का अध्ययन, अपने निर्णय व
क्रियाओं में निर्देशन, सुधार और मूल्यांकन
करते हैं।"
- क्रियात्मक अनुसन्धान, शोध का ऐसा
स्वरूप है जिसमें समस्याओं के सैद्धान्तिक अध्ययन के साथ उसके व्यावहारिक अध्ययन
पर न केवल बल दिया जाता है, बल्कि व्यावहारिक पक्ष अधिक हावी होता है। क्रियात्मक शोधकर्ता घटनाओं की वस्तुस्थिति को समझकर, उनके तथ्यों का अध्ययन करके उन तथ्यों के आधार पर व्यावहारिक समस्या
के हल के लिए प्रयत्न करता है।
"यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यावहारिक कार्यकर्ता वैज्ञानिक विधि से अपनी समस्याओं का अध्ययन, अपने निर्णय व क्रियाओं में निर्देशन, सुधार और मूल्यांकन करते हैं।"
- क्रियात्मक अनुसन्धान, शोध का ऐसा स्वरूप है जिसमें समस्याओं के सैद्धान्तिक अध्ययन के साथ उसके व्यावहारिक अध्ययन पर न केवल बल दिया जाता है, बल्कि व्यावहारिक पक्ष अधिक हावी होता है। क्रियात्मक शोधकर्ता घटनाओं की वस्तुस्थिति को समझकर, उनके तथ्यों का अध्ययन करके उन तथ्यों के आधार पर व्यावहारिक समस्या के हल के लिए प्रयत्न करता है।
क्रियात्मक शोध के चरण
समस्या का
अभिज्ञान
- कार्य
के लिए प्रस्तान पर विचार-विमर्श
क्रियात्मक
परिकल्पना का निर्माण करना
- परिकल्पना
की जाँच करना
- योजना
का क्रियान्वयन एवं तथ्य संकलन
- तथ्यों
का वर्गीकरण, विश्लेषण
व व्याख्या
- सुझाव
शिक्षा क्षेत्र में क्रियात्मक शोध का महत्त्वपूर्ण योगदान है-
- विभिन्न श्रेणी के बालकों के लिए अलग-अलग तरह का पाठ्यक्रम निर्धारित
करने, बदलाव लाने, इसे समय के अनुरूप करने का कार्य, क्रियात्मक शोध द्वारा किया जाता है।
- यह शिक्षार्थियों के साथ शिक्षकों की समस्याओं का भी हल करता है।
शैक्षिक प्रगति के मूल्यांकन का कार्य भी इस पद्धति द्वारा किया जाता है।
- कार्य
के लिए प्रस्तान पर विचार-विमर्श
- परिकल्पना
की जाँच करना
- योजना
का क्रियान्वयन एवं तथ्य संकलन
- तथ्यों
का वर्गीकरण, विश्लेषण
व व्याख्या
- सुझाव
शिक्षा क्षेत्र में क्रियात्मक शोध का महत्त्वपूर्ण योगदान है-
- विभिन्न श्रेणी के बालकों के लिए अलग-अलग तरह का पाठ्यक्रम निर्धारित करने, बदलाव लाने, इसे समय के अनुरूप करने का कार्य, क्रियात्मक शोध द्वारा किया जाता है।
- यह शिक्षार्थियों के साथ शिक्षकों की समस्याओं का भी हल करता है। शैक्षिक प्रगति के मूल्यांकन का कार्य भी इस पद्धति द्वारा किया जाता है।
अन्तर- अनुशासनात्मक अनुसन्धान Inter-disciplinary Research Details in Hindi
इसका अर्थ है कि प्रत्येक विषय को एक पूर्ण इकाई के रूप में अलग-अलग लेकर
अनेक विषयों (अनुशासन),जिनका एक ही लक्ष्य हो, उन्हें एक समूह में रखा जाए, जिसमें
छात्रों को अधिकतम लाभ हो और एक समन्वित ज्ञान का विकास हो।
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