विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2024 : थीम (विषय) उद्देश्य महत्व इतिहास| World press freedom day 2024 History
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2024: थीम (विषय) उद्देश्य महत्व इतिहास
(World press freedom day 2024 Theme History)
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2024 : उद्देश्य महत्व इतिहास
- प्रत्येक वर्ष विश्व भर में 3 मई को ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ मनाया जाता है।
- विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस और मीडिया की आज़ादी के महत्त्व के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रेस को लोकतंत्र का 'चौथा स्तंभ' माना जाता है।
- सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने और प्रशासन तक आम लोगों की आवाज़ को पहुँचाने में प्रेस/मीडिया की काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। ऐसे में मीडिया की स्वतंत्रता इसके लिये कुशलतापूर्वक कार्य करने हेतु अत्यंत महत्त्वपूर्ण मानी जाती है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2022 : थीम (विषय)
- इस वर्ष 2022 में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की थीम Journalism under digital siege है।
- वर्ष 2021 विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की थीम ‘इनफाॅॅर्मेशन एज़ ए पब्लिक गुड’ है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का इतिहास World press freedom day History
- यूनेस्को की जनरल काॅन्फ्रेंस की सिफारिश के बाद दिसंबर 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा की थी।
- ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ (3 मई) ‘विंडहोक’ (Windhoek) घोषणा की वर्षगांठ को चिह्नित करता है। वर्ष 1991 की ‘विंडहोक घोषणा’ एक मुक्त, स्वतंत्र और बहुलवादी प्रेस के विकास से संबंधित है। इस वर्ष विश्व प्रेस दिवस की थीम ‘इनफाॅॅर्मेशन एज़ ए पब्लिक गुड’ है। यह विषय प्रेस द्वारा प्रचारित महत्त्वपूर्ण सूचना को लोकहित के रूप में देखने पर ज़ोर देती है।
- 3 मई को ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ (WPFD) मनाया जाता है।
- यह दिवस ‘ संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन’ (UNESCO) द्वारा आयोजित किया जाता है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस प्रमुख बातें
- वर्ष 1991 में यूनेस्को की जनरल काॅन्फ्रेंस की सिफारिश के बाद वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा की थी।
- यह दिवस वर्ष 1991 में यूनेस्को द्वारा अपनाई गई 'विंडहोक' (Windhoek) घोषणा को भी चिह्नित करता है।
- वर्ष 1991 की ‘विंडहोक घोषणा’ एक मुक्त, स्वतंत्र और बहुलवादी प्रेस के विकास से संबंधित है।
भारत में प्रेस की स्वतंत्रता Freedom of press in India
- प्रेस की स्वतंत्रता को भारतीय कानूनी प्रणाली द्वारा स्पष्ट रूप से संरक्षित नहीं किया गया है, लेकिन यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (क) के तहत संरक्षित है, जिसमें कहा गया है - "सभी नागरिकों को वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार होगा"।
- वर्ष 1950 में रोमेश थापर बनाम मद्रास राज्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने पाया कि सभी लोकतांत्रिक संगठनों की नींव प्रेस की स्वतंत्रता पर आधारित होती है।
- हालाँकि प्रेस की स्वतंत्रता भी असीमित नहीं होती है। कानून इस अधिकार के प्रयोग पर केवल उन प्रतिबंधों को लागू कर सकता है, जो अनुच्छेद 19 (2) के तहत इस प्रकार हैं-
- भारत की संप्रभुता और अखंडता से संबंधित मामले, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता या न्यायालय की अवमानना के संबंध में मानहानि या अपराध को प्रोत्साहन।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ (World Press Freedom Index) 2021
- हाल ही में जारी 180 देशों के ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ (World Press Freedom Index) 2021 में भारत 142वें स्थान पर है। यह ‘रिपोर्टर्स सेन्स फ्रंटियर्स’ (RSF) या ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ द्वारा प्रत्येक वर्ष प्रकाशित किया जाता है।
- फ्रीडम इन द वर्ल्ड 2021 (अमेरिका आधारित ‘फ्रीडम हाउस’), मानवाधिकार रिपोर्ट 2020 (अमेरिकी राज्य विभाग), ऑटोक्रेटाइज़ेशन गोज़ वायरल (स्वीडन के वैरायटीज़ ऑफ डेमोक्रेसी) जैसी सभी रिपोर्टों में भारत में पत्रकारों को डराने-धमकाने पर प्रकाश डाला गया है।
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