साक्षात्कार लेखन (साक्षात्कार कैसे लिखें?)|स्तंभ लेखन (स्तंभ लेखन किसे कहते हैं?) | Column and Interview Writing in Hindi
साक्षात्कार लेखन (साक्षात्कार कैसे लिखें?)स्तंभ लेखन (स्तंभ लेखन किसे कहते हैं?)
साक्षात्कार लेखन (साक्षात्कार कैसे लिखें?)
समाचारपत्रों में साक्षात्कार भी लोगों को आकर्षित करते हैं। इसका उद्देश्य अपने प्रश्नों के माध्यम से किसी व्यक्ति के विचारों अथवा व्यक्तित्व को पाठकों के सामने लाना होता है। यह अंग्रेज़ी शब्द 'इंटरव्यू’ का हिंदी रूपांतर है। साक्षात्कार को कभी समाचारपत्र के संवाददाता, संपादक लेते हैं और कभी स्वतंत्र पत्रकार। लेकिन समाचारपत्र के लिए इनका लेखन किया जाता है और यह लेखन प्राय: दो प्रकार से किया जाता है-
i. फीचर के रूप में और
ii. प्रश्नात्मक शैली में।
- फीचर के रूप में साक्षात्कार के लिए कोई निश्चित शैली नहीं होती। इसका प्रारंभ वार्तालाप, वर्णन, कार्य आदि किसी से किया जा सकता है। बस इतना ध्यान रखना चाहिए कि अधिक महत्त्व की बात शुरू में आए और कम महत्त्व की बात बाद में उसका आमुख अपने-आप में सशक्त और संगठित हो। यानी जिस व्यक्ति से साक्षात्कार लिया गया है उसका परिचय, उसके द्वारा व्यक्त विचारों का संकेत प्रारंभ में आ जाना चाहिए। दूसरे अनुच्छेद में साक्षात्कार के उद्देश्य को स्पष्ट करना चाहिए और बाद के अनुच्छेदों में प्रस्तुत- अप्रस्तुत शैली का प्रयोग करते हुए उसे पूर्णता प्रदान करनी चाहिए ताकि पाठक साक्षात्कार को पूरा पढ़कर छोड़े। प्रस्तुत-अप्रस्तुत शैली का अर्थ है साक्षात्कार-लेखन में साक्षात्कारदाता के वास्तविक शब्दों को बताना।
- प्रश्नात्मक शैली में साक्षात्कार हेतु जिस क्रम से प्रश्न किए जाते हैं उसी क्रम में ठीक ढंग से उत्तर को तैयार कर लिया जाता हैं। इसका लेखन वार्तालाप शैली में होगा। एक प्रश्न फिर एक उत्तर, इस प्रकार सारा साक्षात्कार-लेखन किया जाएगा। इस प्रकार के साक्षात्कार के प्रारंभ में साक्षात्कार का उद्देश्य, व्यक्ति का परिचय, पृष्ठभूमि आदि को स्पष्ट कर देना चाहिए। इसका प्रारंभ भी जिज्ञासावर्धक और आकर्षक होना चाहिए।
स्तंभ लेखन ( स्तंभ लेखन किसे कहते हैं?)
- स्तंभ लेखन विचारपरक लेखन का ही एक रूप है। स्तंभ लेखन लेखक विशेष का लेखन होता है। लेखक विशेष की लोकप्रियता को देखते हुए पत्र पत्रिकाएं ऐसे लेखकों से स्तंभ लेखन कराती हैं। विष्णु नागर, खुशवंत सिंह, एम० जे० अकबर, आलोक मेहता आदि अच्छे स्तंभ लेखकों में माने जाते हैं। स्तंभ लेखन में लेखक को विषय को चुनने, अपने विचार को अपने ढंग से प्रस्तुत करने की आजादी होती है। ये लेखक पहले से स्थापित होते हैं, नए लेखकों को स्तंभ लेखन के अवसर कम ही मिलते हैं।
- इनके अतिरिक्त समाचारपत्रों में कहानी, कविता, उपन्यास के अंश, फिल्म समीक्षा, पुस्तक समीक्षा, कला-समीक्षा आदि भी प्रकाशित होते हैं। इनमें कहानी, कविता, उपन्यास के अंश आदि की रचना रचनाकारों द्वारा की जाती है और इसमें संपादकीय विभाग को विशेष श्रम नहीं करना पड़ता। समीक्षाएं भी प्रायः विद्वान लोगों और आलोचकों द्वारा लिखवाई जाती हैं और इनका उद्देश्य साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों से लोगों को परिचित कराना होता है।
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