भ्रष्टाचार रोकने हेतु - केंद्रीय सतर्कता आयोग (सी.वी.सी.) | Corruption and CVC Details in Hindi

भ्रष्टाचार रोकने हेतु - केंद्रीय सतर्कता आयोग (सी.वी.सी.) 
Corruption and CVC Details in Hindi

भ्रष्टाचार रोकने हेतु - केंद्रीय सतर्कता आयोग (सी.वी.सी.) | Corruption and CVC Details in Hindi


भ्रष्टाचार रोकने हेतु - केंद्रीय सतर्कता आयोग (सी.वी.सी.)

  • संथानम समिति की सिफारिशों के आलोक में 1964 में केंद्रीय सतर्कता आयोग का गठन किया गया। इसका प्रधान केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त होता है जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा उनके हस्ताक्षर और मोहर के अधीन की जाती है। आयुक्त छः वर्ष के लिए अथवा 65 वर्ष की आयु होने तकजो पहले पड़ेअपना पद ग्रहण करते हैं। संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य अथवा अध्यक्ष के निलम्बन अथवा पदच्युति के लिये प्राविहित पद्धति के अतिरिक्त अन्यथा केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त को अपने पद से निलम्बित अथवा पदच्युत नहीं किया जा सकता। सेवानिवृत्ति के उपरान्त वह केन्द्रीय सरकार अथवा राज्य सरकार के अधीन आगे कोई नौकरी स्वीकार नहीं कर सकता है। आयुक्त के अतिरिक्त आयोग में एक सचिवएक विशेष कार्य अधिकारीएक मुख्य तकनीकी आयुक्तसात विभागीय जाँच आयुक्तदो अवर सचिव और नौ तकनीकी आयुक्त हैं। मुख्य तकनीकी आयुक्त का संगठन केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त को स्थानान्तरित कर दिया गया है।

 

  • केन्द्रीय सतर्कता आयोग का अधिकार क्षेत्र और अधिकार उन सभी विषयों के संबंध में है जो केन्द्रीय सरकार के कार्यकारी अधिकार में है। इस प्रकार अधिकार क्षेत्र केन्द्रीय सरकार के सभी कर्मचारियों तथा सार्वजनिक उद्यमोंनिगमित निकायों और केन्द्र सरकार के कार्यकारी अधिकारों के अंतर्गत आने वाले किसी भी विषय से संबंधित अन्य संगठनों के कर्मचारियों तक विस्तृत है। दिल्ली महानगरीय परिषद तथा दिल्ली नगरपालिका भी इसके क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। शुरुआत में आयोग ने केवल राजपत्रित अधिकारियों तथा उनके समकक्ष अधिकारियों को ही अपने कार्यक्षेत्र में सम्मिलित किया है। 


केन्द्रीय सतर्कता आयोग के निम्नलिखित कार्य हैं-

 

1. यह ऐसे किसी भी मामले की जाँच करता है जिसमें सरकारी कर्मचारी पर अनुचित प्रयोजन हेतु अथवा भ्रष्ट तरीके से कार्य करने का संदेह या आरोप हो।

 

2. यह किसी भी इस शिकायत पर कि सरकारी कर्मचारी ने अनुचित अथवा भ्रष्ट प्रयोजनों हेतु अपने अधिकारों का प्रयोग किया है या प्रयोग नहीं किया हैसरकारी कर्मचारी के भ्रष्टाचारकदाचारबेईमानीअन्य प्रकार के दुराचार या उपापराध को किसी भी शिकायत पर जाँच या छानबीन प्रेरित करता है। 

3. यह एजेन्सियों से प्रतिवेदन मँगाता है जिससे कि यह इनमें भ्रष्टाचार निरोधी तथा सतर्कता कार्यों पर निरीक्षण और सामान्य रोकथाम कर सके। 

4. यह आगे की कार्यवाही हेतु शिकायतों को अपने सीधे नियंत्रण में ले सकता है। आगे की कार्यवाही या तो (अ) केन्द्रीय जाँच ब्यूरो अथवा संबंधित एजेन्सी को इसकी जांच सौंपनाहो सकती है।

5. जहाँ तक प्रशासन की प्रक्रियाएँ और कार्य व्यवहार निष्ठा बनाए रखने से संबंधित है सी.वी.सी. इनका पुनरीक्षण प्रारंभ कर सकता है।

 

  • आयोग अपने कार्यकलापों के बारे में एक वार्षिक प्रतिवेदन गृह मंत्रालय को प्रेषित करता हैजिसमें आयोग द्वारा की गयी उन सिफारिशों की ओर विशेष ध्यान आकर्षित किया जाता है जो स्वीकृत अथवा कार्यान्वित नहीं हुई हो । गृह मंत्रालय यह प्रतिवेदन संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष प्रस्तुत करता है।

 

  • आयोग अलग-अलग व्यक्तियों से शिकायतें प्राप्त करता है। यह विभिन्न स्रोतोंयथाप्रेस रिपोर्ट्ससंसद में सांसदों के भाषणों में दी गयी जानकारीआडिट आपत्तियोंसंसदीय समितियों के प्रतिवेदनों में की गयी टिप्पणियोंआर्डर रिपोर्टों तथा केन्द्रीय जाँच ब्यूरो द्वारा आयोग की जानकारी में लाई गयी सूचनाओं से भ्रष्टाचारकदाचार अथवा दुराचार संबंधी जानकारी भी एकत्रित करता है। यह सदाचार समिति जैसे ऐच्छिक संगठनोंजिम्मेवार नागरिकों तथा समाचार पत्रों की सहायता का भी स्वागत करता है। आयोग को अधिकांशतः उन विषयों पर शिकायतें प्राप्त होती हैं जो राज्य सरकारों के कार्य-क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। जहाँ उपयुक्त समझा जाता हैऐसी शिकायतें आवश्यक कार्यवाही हेतु राज्य सतर्कता आयुक्तों के पास भेज दी जाती हैं। उसी प्रकारराज्य सतर्कता आयोग द्वारा प्राप्त केन्द्र सरकार के कार्य क्षेत्र के विषयों से संबंधित शिकायतें उपयुक्त कार्यवाही हेतु केन्द्रीय सतर्कता आयोग को भेज दी जाती है।


इन शिकायतों पर कार्यवाही करने के लिये केन्द्रीय सतर्कता आयोग के पास निम्नांकित विकल्प हैं: 

 

(1) वह मामले को जाँच हेतु संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग को सौंप सकता है। 

(2) यह केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) को जाँच करने के लिये कह सकता है। 

(3) यह केन्द्रीय जाँच ब्यूरो के निदेशक को मामला रजिस्टर करने और उसकी छानवीन करने के लिये कह सकता है।

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