Current Affairs Summary March 2022 in Hindi | समसमयिकी सारांश मार्च 2022
Current Affairs Summary March 2022 in Hindi (समसमयिकी सारांश मार्च 2022)
विशेष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह
- महिला और बाल विकास मंत्रालय 'आज़ादी का अमृत महोत्संव' के अंतर्गत आज से विशेष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ता़ह का आयोजन करेगा। मंत्रालय सात दिन के इस उत्सआव में विभिन्नष गतिविधियाँ आयोजित करेगा और सोशल मीडिया पर कई अभियान चलाए जाएंगे। इनमें महिलाओं की सुरक्षा और उनके सशक्तीकरण जैसे मुद्दों पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन
- नेपाल की संसद ने "व्याख्यात्मक घोषणा" के साथ 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अनुदान सहायता-मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (MCC) समझौते की पुष्टि की है। वर्ष 2017 से ही नेपाली संसद (Nepali Parliament) में इस समझौते को मंज़ूरी दिलवाने के लिये प्रयास चल रहे थे। कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा (Sher Bahadur deuba US Relations) ने एमसीसी को मंज़ूरी दिलवाने के लिये सरकार के सहयोगी दलों की बैठक बुलाई थी।
राष्ट्रीय पोलियो
टीकाकरण अभियान, 2022
- केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पोलियो टीकाकरण अभियान की शुरुआत (26 फरवरी, 2022 से) की गई है। सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों को पहले से कहीं अधिक बीमारियों से बचाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। हाल के दिनों में कई नए टीके पेश किये गए हैं जैसे- न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (PCV), मीजल्स-रूबेला वैक्सीन (MR), और रोटावायरस वैक्सीन। सरकार ने बच्चों की अतिरिक्त सुरक्षा हेतु टीकाकरण कार्यक्रम में “इंजेक्टेबल इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन” को भी शामिल किया है। वर्ष 1988 में विश्व स्वास्थ्य सभा के प्रस्ताव के बाद वित्तीय वर्ष 1994-95 में भारत में पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसे ओरल पोलियो वैक्सीन के तहत 100 प्रतिशत कवरेज प्राप्त करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0 पल्स पोलियो कार्यक्रम (2019-20) के 25 वर्षों को चिह्नित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया एक राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान था। इसमें 27 राज्यों के कुल 272 ज़िलों में पूर्ण टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य रखा गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वर्ष 2022 तक कम-से-कम 90% अखिल भारतीय टीकाकरण कवरेज के लक्ष्य को हासिल करना है।
भाषा प्रमाणपत्र सेल्फी अभियान
- हाल ही में शिक्षा मंत्रालय द्वारा ‘भाषा प्रमाणपत्र सेल्फी’ अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान को बहुभाषावाद को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक विविधता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है ताकि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को बढ़ावा दिया जा सके। इस पहल का उद्देश्य ‘भाषा संगम’ (Bhasha Sangam) मोबाइल एप को बढ़ावा देना है जिसे MyGov India और शिक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है।
इमनाती चक्रवात
- हाल ही में मेडागास्कर में एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात ‘इमनाती’ ने कहर बरपाया। इसने मनाकारा के दक्षिण-पूर्वी ज़िले के ठीक उत्तर में लैंडफॉल (Landfall) की स्थिति देखी गई। उष्णकटिबंधीय चक्रवात कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच उत्पन्न होने वाले चक्रवात हैं। इनकी उत्पत्ति उष्णकटिबंधीय सागरीय भागों पर तब होती है जब तापमान 27ºC से अधिक हो
अंतर्राष्ट्रीय मानसून परियोजना कार्यालय
- हाल ही में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 के अवसर पर सरकार द्वारा एक अंतर्राष्ट्रीय मानसून परियोजना कार्यालय (International Monsoons Project Office- IMPO) को शुरू किया गया है। प्रारंभ में पांँच वर्षों की अवधि के लिये यह अंतर्राष्ट्रीय मानसून परियोजना कार्यालय पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) पर आधारित होगा। IMPO की स्थापना देश की अर्थव्यवस्था हेतु मानसून के महत्त्व को उजागर करने के लिये की गई है
जन औषधि दिवस
सप्ताह 1 से 7 मार्च, 2022
- रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा 1 से 7 मार्च, 2022 तक जनऔषधि दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष चौथा जन औषधि दिवस 7 मार्च को मनाया जाएगा। भारत सरकार द्वारा मार्च 2025 के अंत तक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों (PMBJK) की संख्या को बढ़ाकर 10,500 करने का लक्ष्य रखा गया है। चौथे जन औषधि दिवस की थीम “जन औषधि-जन उपयोगी” है। इस सप्ताह को मनाने का उद्देश्य जन औषधि परियोजना के लाभों और जेनेरिक दवाओं के उपयोग के बारे में जागरूकता को बढ़ाना है।
- प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJK) को वर्ष 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य सभी को सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएंँ उपलब्ध कराना था। यह योजना देश में जेनेरिक दवाओं के उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने से संबंधित है। सरकार द्वारा निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, समितियों, गैर-सरकारी संगठनों, सहकारी निकायों आदि को शामिल करते हुए यह कार्यक्रम शुरू किया गया था।
मानवरहित
सबमर्सिबल 'हायदू-1'
- चीन के मानवरहित सबमर्सिबल 'हायदू-1' ने दुनिया के सबसे गहरे समुद्र बिंदु- ‘मारियाना ट्रेंच’ पर 10,907 मीटर की गहराई तक गोता लगाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। चीन के इस अभियान के दौरान भूगर्भीय वातावरण की हाई-डेफिनिशन तस्वीरें और गहरे समुद्र से नमूने एकत्र किये गए। इस अभियान के दौरान मानवरहित सबमर्सिबल 'हायदू-1' कुल चार बार मारियाना ट्रेंच में 10,000 मीटर से अधिक नीचे तक गया। ज्ञात हो कि चीन ने पिछले कुछ वर्षों में समुद्र तल पर समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों का पता लगाने के लिये गहरे समुद्र में प्रौद्योगिकी विकसित करने के अपने प्रयासों को तेज़ किया है। वर्ष 2011 में चीन ने 15 वर्षों के लिये हिंद महासागर में 10,000 किलोमीटर के पॉलीमेटेलिक सल्फाइड अन्वेषण क्षेत्र हेतु अंतर्राष्ट्रीय समुद्र तल प्राधिकरण’ के साथ समझौता किया था।
MeitY स्टार्ट-अप हब
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा स्टार्ट-अप, प्रौद्योगिकी नवाचार एवं बौद्धिक संपदा को बढ़ावा देने हेतु ‘MeitY Startup Hub’ (MSH) नामक एक संगठन स्थापित किया गया है। MSH एक राष्ट्रीय समन्वय, सुविधा और निगरानी केंद्र के रूप में कार्य करेगा जो MeitY के सभी स्टार्ट-अप और नवाचार संबंधी गतिविधियों को एकीकृत करता है। भारत में लगभग 8000 टेक स्टार्ट-अप के साथ यह दुनिया के सबसे जीवंत स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में से एक है, जो इसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बनाता है।
“स्त्री मनोरक्षा परियोजना”
- संपूर्ण भारत में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के उद्देश्य से महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा निमहांस (NIMHANS) बंगलूरू के सहयोग से ‘स्त्री मनोरक्षा परियोजना’ (Stree Manoraksha Project) की शुरुआत की गई है। परियोजना का लक्ष्य देश भर में छह हज़ार वन-स्टॉप केंद्रों (One-Stop Center-OSC) के पदाधिकारियों को मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण प्रदान करना है। वन-स्टॉप सेंटर में महिलाएँ चिकित्सा, कानूनी और आपराधिक मुद्दों पर सहायता प्राप्त कर सकती हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा ताकि इसे समझना आसान हो। NIMHANS द्वारा एक वेबसाइट भी बनाई गई है जिसमें प्रशिक्षण के संबंध में काफी जानकारी उपलब्ध है। यह परियोजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की अनुमानित आवश्यकताओं के आधार पर दो प्रारूपों में लागू की जाएगी। एक प्रारूप के तहत सुरक्षा गार्ड, रसोइया, सहायक, केस वर्कर, परामर्शदाता, केंद्र प्रशासक, पैरामेडिकल स्टाफ आदि सहित सभी OSC पदाधिकारियों को बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा। दूसरे प्रारूप के तहत महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में और आजीवन आघात जैसे विभिन्न घटकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्नत पाठ्यक्रम पर ज़ोर दिया जाएगा।
स्वदेश पर्यटन पुरस्कार
- राज्य सरकारों तथा केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन व विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा किये जा रहे प्रयासों को महत्त्व देने के क्रम में पर्यटन मंत्रालय ने विभिन्न श्रेणियों में स्वदेश पर्यटन पुरस्कारों की शुरुआत की है। ये पुरस्कार योजनाबद्ध उद्देश्यों की उपलब्धि, अभिनव पहल, योजना, डिज़ाइन और संचालन में स्थिरता संबंधी सिद्धांतों को अपनाने, कुशल परियोजना निगरानी, आसपास के क्षेत्र के विकास में निजी निवेश को आकर्षित करने की क्षमता तथा मनोवांछित संचालन एवं रखरखाव आदि सुनिश्चित करने के लिये किये गए प्रयासों सहित सर्वोत्तम तौर-तरीकों को प्रदर्शित करेंगे।
- पर्यटन मंत्रालय ने सबसे पहले निम्नलिखित श्रेणियों- सर्वश्रेष्ठ टूरिस्ट इंटरप्रिटेशन सेंटर, सर्वश्रेष्ठ लॉग हट सुविधा, सर्वश्रेष्ठ एमआईसीई सुविधा, सर्वश्रेष्ठ कैफेटेरिया, सर्वश्रेष्ठ क्राफ्ट हाट/स्मारिका शॉप की सुविधा, सर्वश्रेष्ठ साउंड एंड लाइट शो, सर्वश्रेष्ठ तट विकास (समुद्र तट/नदी/झील) आदि के तहत प्रविष्टियाँ आमंत्रित करने का निर्णय लिया है। पर्यटन मंत्रालय ने अपनी प्रमुख योजना 'स्वदेश दर्शन' के तहत भारत के 31 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 5500 करोड़ रुपए से अधिक की 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत 500 से अधिक पर्यटन स्थलों पर पर्यटन संबंधी बुनियादी सुविधाओं का विकास किया गया है।
जन औषधि दिवस 7 मार्च
- प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिये 7 मार्च को जन औषधि दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी योजना के लाभार्थियों के साथ वर्चुअली बातचीत करते हैं। चौथे ‘जन औषधि दिवस’ का आयोजन फार्मास्यूटिकल्स विभाग के तत्त्वावधान में ‘फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया’ (PMBI) द्वारा किया जा रहा है।
‘संभव’ और ‘स्वावलंबन’ पहल
- केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यबम उद्यम (MSME) राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने एमएसएमई मंत्रालय द्वारा ऑल-इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एआईपीएमए) के सहयोग से 4-5 मार्च, 2022 को नई दिल्लीर में प्लास्टिक रीसाइक्लिंग एवं अपशिष्ट प्रबंधन पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान पूरे देश में विशेष रूप से आकांक्षी ज़िलों में युवाओं के मध्यख उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिये दो विशेष पहल ‘संभव’ और ‘स्वावलंबन’ की शुरुआत की। इस मेगा अंतर्राष्ट्री य शिखर सम्मेपलन का आदर्श वाक्य है- “अपने कचरे को जानें और रीसाइक्लिंग करना कैसे सही काम है एवं इसे सही तरीके से कैसे किया जाए (Know your Waste and how Recycling is the right thing to do, which is to be done in a right way)”।
ग्लाइकोस्मिस
एल्बीकारपा (Glycosmis
Albicarpa)
- भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने तमिलनाडु में कन्याकुमारी वन्यजीव अभयारण्य से एक नई ‘जिन बेरी’ प्रजाति (Gin Berry Species) ग्लाइकोस्मिस एल्बीकारपा की खोज की है। यह एक एकल आबादी के रूप में पाई गई जो लगभग 2 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैली हुई है। ग्लाइकोस्मिस एल्बीकारपा एक सदाबहार छोटा पेड़ है और दक्षिणी पश्चिमी घाट के लिये स्थानिक है। यह प्रजाति ऑरेंज परिवार रूटासी से संबंधित है। इन टैक्सोनॉमिक (Taxonomic) समूहों से संबंधित कई पौधों का उपयोग उनके औषधीय मूल्य और भोजन के लिये किया जा रहा है।
स्लीनेक्स' (SLINEX)
- 7 से 10 मार्च तक भारतीय और श्रीलंकाई नौसेनाओं के द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास SLINEX (Sri Lanka–India Naval Exercise) का नौवाँ संस्करण विशाखापत्तनम में आयोजित किया जा रहा है। दो चरणों में यह अभ्यास 7 और 8 मार्च को विशाखापत्तनम में होने वाले हार्बर चरण तथा 9 एवं 10 मार्च को बंगाल की खाड़ी में होने वाले समुद्री चरण के साथ आयोजित किया जाएगा। पिछले वर्ष अक्तूबर, 2020 में भारतीय नौसेना और श्रीलंकाई नौसेना के बीच संयुक्त वार्षिक द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास 'स्लीनेक्स-20' (SLINEX-20) का आठवाँ संस्करण त्रिंकोमाली (Trincomalee), श्रीलंका में आयोजित किया गया था। नौवें संस्करण के तहत SLNS सयूराला एक उन्नत अपतटीय गश्ती पोत श्रीलंकाई नौसेना का प्रतिनिधित्व कर रहा है जबकि भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व आईएनएस किर्च, एक निर्देशित मिसाइल कार्वेट द्वारा किया जा रहा है।
स्वच्छाग्रह अभियान
- संस्कृति मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने सुलभ इंटरनेशनल के सहयोग से आज़ादी का अमृत महोत्सव के तत्त्वावधान में 5 मार्च को नई दिल्ली में "स्वच्छता, स्वाधीनता और सुलभ" के मूल विचार के साथ जागरूकता के व्यापक प्रसार हेतु एक कार्यक्रम "स्वच्छाग्रह" का आयोजन किया।
- स्वच्छाग्रह अभियान दुनिया के सबसे बड़े और सबसे प्रभावी जन आंदोलन ‘सत्याग्रह’ से प्रेरित है। स्वच्छता की एक स्थायी संस्कृति विकसित करना इस अभियान का उद्देश्य है। यह अभियान युवा नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और युवा नेतृत्व के विकास को प्रोत्साहित कर स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देता है। इस अवसर पर अमृत महोत्सव पर फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग की गई। इस कार्यक्रम में एक गीत एवं फिल्म शोकेस के साथ स्वच्छता, स्वाधीनता और सुलभ के विचार को बढ़ावा देने के लिये नए उपायों पर एक पैनल चर्चा हुई।
बोल्ट्ज़मैन पदक
- भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER), पुणे के भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर दीपक धर का चयन प्रतिष्ठित बोल्ट्ज़मैन पदक-2022 के लिये किया गया है। यह पुरस्कार इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड फिज़िक्स (International Union of Pure and Applied Physics-IUPAP) की ओर से सांख्यिकीय भौतिकी में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिये तीन साल में एक बार दिया जाता है। इस साल अगस्त 2022 में यह अवार्ड प्रो. दीपक धर को जापान में होने वाले स्टैटफिस 28 में दिया जाएगा। वह प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के जॉन जे होफील्ड (John J Hoefield) के साथ पदक को साझा करेंगे। भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर दीपक धर (Deepak Dhar) बोल्ट्ज़मैन पदक से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। प्रोफेसर धर वर्तमान में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (Indian Institute of Science Education and Research-IISER), पुणे में फैकल्टी हैं।
ऊंँट संरक्षण और विकास नीति
- हाल ही में राजस्थान राज्य सरकार द्वारा बजट वर्ष 2022-23 में ऊंँट संरक्षण और विकास नीति की घोषणा की गई है। राज्य सरकार के आंँकड़ों के अनुसार राजस्थान में दो लाख से भी कम ऊंँट बचे हैं। वर्ष 2012 के बाद से भारत में ऊंँटों की संख्या में 1.5 लाख की कमी आई है। वर्ष 2019 में आखिरी बार गिने जाने पर लगभग 2.5 लाख ऊंँट बचे थे। चूंँकि ऊंँटों की आबादी लगातार घट रही है, अत: राजस्थान सरकार द्वारा इस नीति की घोषणा की गई है। इस नीति के लिये 10 करोड़ रुपए का बजट भी प्रस्तावित किया गया है।
अटल इनोवेशन मिशन
- नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन ने भारतीय युवाओं के बीच ऑगमेंटेड रियलिटी (Augmented Reality- AR) कौशल को बढ़ावा देने हेतु स्नैप इंक के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की है। स्नैप इंक एक वैश्विक कैमरा निर्माता कंपनी है। दो साल की समय-सीमा में स्नैप इंक अटल टिंकरिंग लैब्स से जुड़े 12,000 से अधिक शिक्षकों को ऑगमेंटेड रियलिटी पर प्रशिक्षण प्रदान करेगी, जिससे एटीएल के स्कूलों के नेटवर्क से संबद्ध लाखों छात्रों तक इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की पहुंँच संभव हो सकेगी। स्नैप इंक द्वारा भी AR विज्ञापन बूटकैंप, विज्ञापन क्रेडिट और अन्य अवसरों सहित भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की मदद करने हेतु अटल इनक्यूबेशन सेंटर (Atal Incubation Centers- AICs) के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की गई। भारत में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये नीति आयोग के कार्यक्रम अटल नवाचार मिशन के तहत अटल समुदाय नवाचार केंद्र (Atal Community Innovation Centre- ACIC) कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के कम विकसित क्षेत्रों में सामुदायिक नवाचार को प्रोत्साहित करना है।
"पेंशन दान
करें" योजना (‘Donate
a Pension’ Scheme)
- केंद्रीय श्रम और रोज़गार मंत्रालय ने सोमवार को प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना के तहत किसी भी नागरिक को एक असंगठित श्रमिक की ओर से प्रीमियम राशि का भुगतान करने की अनुमति देने वाली "पेंशन दान करें" योजना (‘Donate a Pension’ Scheme) शुरू की है। पेंशन योजना, जिसे वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया था, असंगठित क्षेत्र के 18 से 40 वर्ष के उन श्रमिकों, जो हर महीने 15,000 रुपए तक कमाते हैं, को उम्र के आधार पर 55 रुपए से 200 रुपए तक प्रीमियम राशि का भुगतान कर नामांकन करने की अनुमति देती है, जिसका मिलान सरकार द्वारा किया जाएगा। 60 वर्ष की आयु तक पहुँचने पर लाभार्थियों को 3,000 रुपए मासिक पेंशन मिलेगी। यह योजना एक नागरिक को "अपने घर या प्रतिष्ठान में घरेलू कामगारों, ड्राइवरों, सहायकों, देखभाल करने वालों, नर्सों जैसे तत्काल सहायक कर्मचारियों के प्रीमियम योगदान को दान करने की अनुमति देती है।
मिशन इंद्रधनुष में ओडिशा का पहला स्थान
- मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तहत कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ सफल टीकाकरण के अलावा 90.5% टीकाकरण हासिल करने वाला ओडिशा देश का एकमात्र राज्य बन गया है। माताओं और बच्चों के लिये निवारक स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में एक कदम के रूप में लक्षित महिलाओं और बच्चों के पूर्ण टीकाकरण कवरेज को बढ़ावा देने के लिये इसी वर्ष मार्च माह से ओडिशा में गहन मिशन इंद्रधनुष (IMI) 4.0 शुरू किया गया है।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS) की रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा राष्ट्रीय स्तर पर पूर्ण टीकाकरण कवरेज में 90.5% पूर्ण टीकाकरण के साथ सूची में सबसे ऊपर है। राज्य के बीस ज़िले पूर्ण टीकाकरण में 90% से ऊपर थे और 10 ज़िले 90% से नीचे थे। आमतौर पर पूर्ण टीकाकरण में पोलियो, तपेदिक, पीलिया, डिप्थीरिया, काली खाँसी, टेटनस, एचआईवी, मस्तिष्क बुखार, निमोनिया, खसरा, रूबेला, दस्त, जापानी बुखार आदि सहित 12 विभिन्न प्रकार की बीमारियों के खिलाफ निवारक टीके शामिल होते हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 25 दिसंबर, 2014 को ‘मिशन इंद्रधनुष’ की शुरुआत की थी। मिशन इन्द्रधनुष एक बूस्टर टीकाकरण कार्यक्रम है जो कम टीकाकरण कवरेज वाले ज़िलों में शुरू किया गया था।
महिलाओं के स्वामित्व वाला पहला औद्योगिक पार्क
- भारत के पहले 100 प्रतिशत महिलाओं के स्वामित्व वाले औद्योगिक पार्क का संचालन हैदराबाद में शुरू हुआ है। राज्य सरकार के साथ साझेदारी में फिक्की महिला संगठन (FLO) द्वारा शुरू किये गए इस पार्क में कुल 25 इकाइयाँ हैं, जो 16 विविध श्रेणी के उद्योगों का प्रतिनिधित्व करती हैं और सभी का स्वामित्व महिलाओं के पास एवं उनके द्वारा संचालित हैं। फिक्की महिला संगठन द्वारा स्थापित यह औद्योगिक पार्क देश में अपनी तरह का पहला पार्क है, जिसे 250 करोड़ रुपए के निवेश के साथ पाटनचेरु के पास सुल्तानपुर में 50 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किया गया है। इस पार्क के तहत महिला उद्यमियों को अतिरिक्त 10 प्रतिशत सब्सिडी देने का भी आश्वासन दिया गया है।
पाल-दाधवाव नरसंहार
- 07 मार्च को गुजरात के ‘पाल-दाधवाव नरसंहार’ के 100 वर्ष पूरे हुए हैं। पाल-दाधवाव नरसंहार 7 मार्च, 1922 को साबरकांठा ज़िले के पाल-चितरिया और दाधवाव गांवों में हुआ था, जो उस समय इडर राज्य का हिस्सा था। मोतीलाल तेजावत के नेतृत्व में 'एकी आंदोलन' के हिस्से के रूप में पाल, दाधवाव और चितरिया के ग्रामीण ‘वारिस नदी’ के तट पर एकत्र हुए थे। यह आंदोलन अंग्रेज़ों और सामंतों द्वारा किसानों पर लगाए गए भू-राजस्व कर (लगान) के विरोध में था। तेजावत को उदयपुर राज्य द्वारा अपराधी घोषित किया गया था और उन पर 500 रुपए के इनाम की घोषणा की गई थी। मेवाड़ भील कॉर्प्स (MBC), जो कि अंग्रेज़ों द्वारा तेजावत की तलाश में स्थापित एक अर्द्ध-सैनिक बल था, ने इस सभा के बारे में सुना और वे मौके पर पहुँच गए। यहाँ तेजावत की उपस्थिति के कारण अफसरों ने गोली चलाने के आदेश दे दिये और इसके तहत 1000 से अधिक भील आदिवासी मारे गए, हालाँकि ब्रिटिश सरकार के आँकड़े बताते हैं कि इस घटना में केवल 22 लोगों की मृत्यु हुई थी।
सुषमा स्वराज पुरस्कार
- हाल ही में राज्य विधानसभा में बजट पेश करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने महिलाओं के लिये राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रों से संबंधित जीवन के विभिन्न पहलुओं में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान या उपलब्धियों हेतु 'सुषमा स्वराज पुरस्कार' की घोषणा की है। इस पुरस्कार के तहत राज्य सरकार द्वारा 5 लाख रुपए की पुरस्कार राशि के साथ एक प्रशस्ति प्रदान किया जाएगा। सुषमा स्वराज सर्वोच्च न्यायालय की वकील और एक वरिष्ठ भारतीय राजनीतिज्ञ थीं, जिन्होंने 16वीं लोकसभा (2014-2019) के दौरान भारत के विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के वाद वे इस पद पर कार्य करने वाली दूसरी महिला थीं।
ईरान का ‘नूर-2’ उपग्रह
- ईरान की सेना ने हाल ही में ‘नूर-2’ उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करते हुए अपने ‘कासेद’ रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया है। यह मिशन लगभग दो वर्षों में पृथ्वी की कक्षा में पहुँचने वाला पहला ईरानी प्रक्षेपण है। ईरान के सशस्त्र बलों की एक शाखा- ‘इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स’ (IRGC) द्वारा संचालित छोटे उपग्रहों की शृंखला में ‘नूर-2’ उपग्रह दूसरे नंबर पर है। ‘नूर-2’ उपग्रह 500 किलोमीटर (311 मील) की ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। यह वर्ष 2020 में लॉन्च किये गए ‘नूर-1’, जो ईरान का पहला समर्पित सैन्य उपग्रह था, का अपग्रेडेड संस्करण है। फारसी भाषा में नूर का अर्थ है- ‘प्रकाश’। ईरान द्वारा इस उपग्रह का निर्माण ‘अंतर्राष्ट्रीय क्यूबसैट मानक’ के अनुसार किया गया है। माना जा रहा है कि अंतरिक्ष में दूसरा उपग्रह स्थापित किये जाने से ईरान की सेना की काफी प्रगति होगी, जिससे देश के परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर चिंता और अधिक बढ़ जाएगी।
फ्लोटिंग सौर परियोजना
- देश के अग्रणी उर्वरक निर्माता ‘सदर्न पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज़ कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (SPIC) ने तमिलनाडु के थूथुकुडी में 150.4 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से एक फ्लोटिंग सौर परियोजना स्थापित की है। यह अत्याधुनिक फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र स्थायी आधार पर ऊर्जा उत्पादन को अनुकूलित करने हेतु स्थापित किया गया है। यह परियोजना अत्याधुनिक हरित एवं सतत् प्रौद्योगिकी को लागू करने के लिये समूह की ESG रणनीति के अनुरूप है। SPIC परिसर के भीतर बड़े जलाशय पर स्थित यह सौर संयंत्र प्रतिवर्ष 42.0 मिलियन यूनिट बिजली पैदा कर सकता है। इसके माध्यम से उत्पन्न समग्र बिजली का उपयोग SPIC और ग्रीनस्टार फर्टिलाइज़र्स द्वारा किया जाएगा। स्वच्छ ऊर्जा के अलावा यह परियोजना जलाशय में पानी के वाष्पीकरण को लगभग 60 प्रतिशत तक कम करके पर्यावरण की मदद करेगी।
पूसा कृषि विज्ञान मेला
- दिल्ली स्थित ‘पूसा प्रौद्योगिकी संस्थान’ के परिसर में 09-11 मार्च के बीच ‘पूसा कृषि विज्ञान मेले’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य थीम ‘तकनीकी ज्ञान के माध्यम से आत्मनिर्भर किसान’ है। इस मेले का आयोजन ‘भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान’ (IARI) द्वारा किया गया था। मेले में देश के विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 40,000 किसानों ने हिस्सा लिया और IARI तथा 100 ICAR संस्थानों एवं कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा विकसित किस्मों एवं प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने ड्रोन तकनीक, सटीक खेती, गेहूँ की किस्मों, फलों, सब्जियों और फूल समेत विभिन्न कृषि मॉडल एवं किसान सलाहकार सेवाओं पर लाइव प्रदर्शनी आयोजित की।
‘साहित्योत्सव’ का आयोजन
- साहित्य अकादमी द्वारा 10 से 15 मार्च, 2022 तक नई दिल्ली में ‘साहित्योत्सव’ नामक समावेशी साहित्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ को चिह्नित करने हेतु किया जा रहा है। इस उत्सव के दौरान 24 आदिवासी भाषाओं के प्रतिनिधित्व के साथ नई दिल्ली स्थित रविंद्र भवन लॉन में ‘आदिवासी लेखकों की बैठक’ का भी आयोजन किया गया। साथ ही इस उत्सव के दौरान साहित्य अकादमी पुरस्कार के 24 विजेताओं को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया।
अदावी ब्रांड
- केरल में ‘नीलांबुर’ कस्बे के वन उत्पादों का एक नया ब्रांड लॉन्च किया गया है। जंगली शहद सहित नीलांबुर के आदिवासियों द्वारा एकत्र की जाने वाली लघु वनोपज अब ‘अदावी ब्रांड’ के तहत बेंचे जाएंगे। जन शिक्षण संस्थान (JSS) और नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) द्वारा संयुक्त रूप से नीलांबुर में आयोजित एक आदिवासी उत्सव में ‘अदावी ब्रांड’ को लॉन्च किया गया। अदावी ब्रांड ‘जन शिक्षण संस्थान’ और नाबार्ड द्वारा कार्यान्वित गोत्रमृत परियोजना का एक हिस्सा था। पहले चरण के तहत शुद्ध जंगली शहद के अलावा जंगली शतावरी, आँवले के विभिन्न प्रकार के अचार और आम को भी अदावी ब्रांड के तहत बढ़ावा दिया जाएगा। नीलांबुर कस्बे के आदिवासियों द्वारा गठित ‘गोत्रमृत सोसाइटी’ इन उत्पादों की बिक्री का नेतृत्व करेगी। नई योजना में ‘अदावी उत्पादों’ के लिये बेहतर एवं व्यापक बाज़ारों, विशेष रूप से विदेशी बाज़ारों की परिकल्पना की गई है।
केरल में IT कॉरिडोर
- कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक रिकवरी सुनिश्चित करने हेतु सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की क्षमता का दोहन करने के लिये केरल के वित्त मंत्री के.एन. बालगोपाल ने राज्य के हालिया बजट के दौरान एक नया आईटी पार्क, चार आईटी कॉरिडोर और 20 उपग्रह आईटी हब स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। राष्ट्रीय राजमार्ग-66 के साथ स्थापित होने वाला यह कॉरिडोर बड़े खरीदारी क्षेत्रों, मनोरंजक सुविधाओं और नाइटलाइफ सुविधाओं सहित प्रमुख बुनियादी परियोजनाओं को बढ़ावा देगा। नया आईटी पार्क कन्नूर ज़िले में स्थापित किया जाएगा जिससे इस क्षेत्र के विकास में तेज़ी आएगी।
'युवा वैज्ञानिक
कार्यक्रम'
- 16 मई से 28 मई तक युविका-2022 आवासीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 'युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम' जिसे ‘युविका’ (YUVIKA) के नाम से भी जाना जाता है, इसरो द्वारा प्रायोजित और भारत के अंतरिक्ष विभाग द्वारा वित्तपोषित एक वार्षिक अंतरिक्ष शिक्षा एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इसरो के पूर्व प्रमुख के. सिवन ने 18 जनवरी, 2019 को इस कार्यक्रम की घोषणा की और इसे चार महीने बाद 17 मई को लॉन्च किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति रुचि विकसित करना और उनका पोषण करना है। मुख्य रूप से अंतरिक्ष के उभरते क्षेत्र में रुचि जगाने के इरादे से युवाओं को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर मूलभूत ज्ञान प्रदान करना है। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिये हर साल प्रत्येक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश से 3 छात्रों का चयन किया जाना प्रस्तावित है। इसमें ऐसे राज्य शामिल होंगे जो CBSE, ICSE और राज्य के पाठ्यक्रम को कवर करते हैं। 8वीं कक्षा में उत्तीर्ण तथा वर्तमान में 9वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्र इस कार्यक्रम के लिये पात्र होंगे। इसरो भारत की अग्रणी अंतरिक्ष अन्वेषण एजेंसी है, जिसका मुख्यालय बंगलूरू में है।
जेंडर संवाद
- ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ‘जेंडर संवाद’ कार्यक्रम के तीसरे संस्करण का आयोजन किया गया। इस आयोजन में सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 3000 से अधिक राज्य मिशन कर्मचारियों एवं स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत वर्चुअल रूप में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर में लैंगिक असमानता के विरुद्ध जागरूकता पैदा करना है। वर्ष 2022 के लिये इस दिवस की थीम है- ‘महिला समूहों के माध्यम से खाद्य और पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देना।’ इस कार्यक्रम को ‘अमृत महोत्सय सप्ताह’ के अंतर्गत ‘नए भारत की नारी’ विषय पर आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में कोरोना काल के दौरान स्वयं सहायता समूहों द्वारा किये गए कार्यों की सराहना भी की गई। ज्ञात हो कि महिलाओं को भारत के सबसे बड़े आजीविका कार्यक्रम का हिस्सा बनाने के साथ दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) ने उन्हें स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण गरीबों के संघ के रूप में संगठित करके उनके सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण हेतु प्रतिबद्धता दिखाई है।
पावर फाउंडेशन
- पावर फाउंडेशन बिजली और संबद्ध क्षेत्रों हेतु सरकार द्वारा स्थापित एक नीतिगत्त निकाय है। पावर फाउंडेशन, बिजली मंत्रालय के तत्त्वावधान में गठित एक सोसायटी है। यह पावरग्रिड एनटीपीसी, आरईसी, पीएफसी, एनएचपीसी, टीएचडीसी और एसजेवीएन जैसे प्रमुख बिजली क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों द्वारा सोसायटी अधिनियम के तहत पंजीकृत है। पावर फाउंडेशन का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ने में भारत की सहायता करना है। यह राज्य सरकारों और व्यवसायों को अत्याधुनिक अनुसंधान में मदद करेगा। यह एक नीति निकाय के रूप में कार्य करेगा तथा राज्यों को सभी के लिये स्थायी ऊर्जा प्रदान करने में मदद हेतु डेटा, नीति और सिफारिशें प्रदान करेगा। भारत में 1,636 गीगावाट से अधिक अक्षय ऊर्जा (जलविद्युत सहित) की क्षमता है। विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से बिजली उत्पादन में वृद्धि हुई है और नवीकरणीय ऊर्जा शुल्कों में भी उल्लेखनीय कमी आई है। वर्ष 2021 में ग्लासगो में आयोजित UNFCCC COP 26 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता को वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट तक बढ़ाने का संकल्प लिया गया है। भारत द्वारा देश के विद्युत उत्पादन में अक्षय ऊर्जा स्रोतों के योगदान को 50% से अधिक तक बढ़ाने का भी संकल्प लिया गया है।
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) केंद्रों में न्यूट्रास्युटिकल
उत्पाद
- प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) केंद्रों में अब न्यूट्रास्युटिकल उत्पाद भी मिलेंगे। न्यूट्रास्युटिकल्स कोई भी खाद्य-संबंधित पदार्थ हो सकते हैं, यह पौष्टिक-औषध (न्यूट्रास्युटिकल), जो "न्यूट्रिशन" (पोषण) तथा "फार्मास्युटिकल" (दवा/औषध) शब्दों से मिलकर बना एक खाद्य या खाद्य उत्पाद है जो बीमारी की रोकथाम एवं उपचार सहित स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय लाभ प्रदान करता है। ये स्वास्थ्य और चिकित्सा लाभ के साथ ही कुछ बीमारियों को रोकने और उनका इलाज करने में भी मदद करते हैं। न्यूट्रास्युटिकल उत्पादों में प्रोटीन पाउडर, प्रोटीन बार, माल्ट-आधारित खाद्य पूरक, इम्युनिटी बार, विटामिन सप्लीमेंट आदि शामिल होते हैं। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना को वर्ष 2008 में भारत सरकार के ‘रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय’ के अंतर्गत कार्यरत ‘फार्मास्यूटिकल्स विभाग’ द्वारा प्रारंभ किया गया था। वर्ष 2015 में इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फिर से लॉन्च किया गया। PMBJP को फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है, जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1960 के तहत पंजीकृत सोसायटी है। इसका लक्ष्य ‘प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र’ के माध्यम से देश की जनता को सस्ती एवं गुणवत्ता युक्त दवाइयाँ प्रदान करना है। इन जन औषधि केंद्रों को गुणवत्ता एवं प्रभावकारिता में महँगी ब्रांडेड दवाओं के समतुल्य जेनेरिक दवाओं को कम कीमतों पर उपलब्ध कराने के लिये स्थापित किया गया है। इस परियोजना का मूल उद्देश्य है- “Quality Medicines at Affordable Prices for All”।
गुजरात खेल महाकुंभ
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अहमदाबाद (गुजरात) में 11वें ‘गुजरात खेल महाकुंभ’ का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन गुजरात के सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम में किया जा रहा है। ज्ञात हो कि इस आयोजन की शुरुआत वर्ष 2010 में 16 खेलों और 13 लाख प्रतिभागियों के साथ की गई थी। वर्तमान में इस आयोजन में 36 सामान्य खेल और 26 पैरा-खेल शामिल हैं। खेल महाकुंभ के मौजूदा 11वें संस्करण के लिये तकरीबन 45 लाख से अधिक खिलाड़ियों ने पंजीकरण किया है। ‘खेल महाकुंभ-2022’ के लिये कोई न्यूनतम या अधिकतम आयु सीमा नहीं है। इस कार्यक्रम के तहत एक महीने की अवधि के लिये विभिन्न खेल कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा और चूँकि इसमें कोई आयु सीमा नहीं है, इसलिये इस कार्यक्रम में गुजरात के लोगों की भारी भागीदारी देखने को मिलेगी। विभिन्न आयु समूहों के लिये अलग-अलग खेल आयोजित किये जाएंगे। खेल महाकुंभ के दौरान शीर्ष तीन विजेताओं को उनके ज़िला एवं तालुका स्तर के आधार पर सम्मानित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री चा श्रमी कल्याण प्रकल्प
- त्रिपुरा सरकार ने “मुख्यमंत्री चा श्रमी कल्याण प्रकल्प” नामक एक विशेष योजना की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य त्रिपुरा के लगभग 7,000 चाय बागान श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। त्रिपुरा सरकार इस योजना के कार्यान्वयन के लिये 85 करोड़ रुपए खर्च करेगी। चाय बागान श्रमिकों को त्रिपुरा सरकार और केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त लाभों के तहत आवास, राशन और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। त्रिपुरा के 7,000 चाय बागान श्रमिकों में 75% महिलाएँ हैं। पूरे त्रिपुरा में 54 चाय बागानों और 21 चाय प्रसंस्करण कारखानों के माध्यम से चाय का उत्पादन किया जाता है। चाय का उत्पादन मुख्य रूप से सिपाहीजला, उनाकोटी, पश्चिम त्रिपुरा और उत्तरी त्रिपुरा ज़िलों में किया जाता है।
डिजिटल वॉटर डेटा बैंक एक्वेरियम
- हाल ही में कर्नाटक राज्य द्वारा भारत के पहले डिजिटल वॉटर डेटा बैंक, एक्वेरियम (AQVERIUM) लॉन्च किया गया है। डिजिटल वॉटर डेटा बैंक विभिन्न संस्थानों से प्राप्त जल डेटा की एक सूची है, जो जल के विभिन्न पहलुओं के बारे में विश्वसनीय जानकारी प्रदान करती है। यह जल-सुरक्षित दुनिया के लिये साक्ष्य-आधारित नीतियांँ और निर्णय लेने में मदद करता है। यह एक्वेरियम (AQVERIUM) एक्वाक्राफ्ट वेंचर्स की एक पहल है, जो एक ऐसी कंपनी है जिसके पास सभी को पेयजल और स्वच्छता प्रदान करने हेतु स्थायी पहल में विशेषज्ञता है। एक्वेरियम का इरादा लगभग दस लाख युवाओं को जल, स्वच्छता, जल-भूवैज्ञानिक विज्ञान और डेटा विज्ञान में प्रशिक्षित करने का है। यह आईटी, कौशल विकास और उद्यमिता के साथ टिकाऊ प्रौद्योगिकियों का संयोजन करने वाला एक अनूठा नवाचार है। वर्तमान में भारतीय जल बाज़ार अत्यधिक असंगठित है, अत: जल प्रबंधन की दिशा में एक व्यापक, 360-डिग्री दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता है।
कार्बन सीमा शुल्क
- हाल ही में यूरोपीय संघ (European Union- EU) के देशों द्वारा प्रदूषणकारी वस्तुओं के आयात पर विश्व का पहला कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन शुल्क लगाने का फैसला किया गया है।
- वर्ष 2020 से यूरोपीय संघ (EU) द्वारा स्टील, सीमेंट, उर्वरक, एल्युमीनियम और विद्युत के आयात पर कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन लागत लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। इस टैरिफ को लगाने का उद्देश्य यूरोपीय उद्योग की रक्षा करना है क्योंकि यूरोपीय बाज़ार कमज़ोर पर्यावरणीय नियमों वाले देशों में निर्मित सस्ते सामानों से भरा पड़ा है। यूरोपीय संघ के अनुसार, कार्बन सीमा पर यूरोपीय संघ की कंपनियों और विदेशों में समान कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) शुल्क लगाकर एक समान अवसर प्रदान करने का एक प्रयास है। यूरोपीय संघ का मानना है कि यह कदम किसी भी कार्बन रिसाव से बचने में मददगार साबित होगा और साझेदार देशों को मज़बूत पर्यावरण नियम व कार्बन-मूल्य निर्धारण नीतियों को स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित करेगा। इससे यूरोपीय संघ के देशों को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भी मदद मिलेगी। यह कार्बन टैरिफ प्रस्ताव यूरोपीय संघ की जलवायु परिवर्तन नीतियों का हिस्सा है जिसका उद्देश्य वर्ष 1990 के स्तर से वर्ष 2030 तक यूरोपीय संघ के कार्बन उत्सर्जन को 55% तक कम करना है। यूरोपीय संघ के देशों और यूरोपीय संसद के मध्य कार्बन सीमा पर शुल्क लगाने के लिये वार्ताओं का चरण तीव्रता के साथ चल रहा है क्योंकि वर्ष 2023 से इस कार्बन टैरिफ को लगाने के लिये तीन वर्षों का संक्रमण चरण शुरू होगा।
35वाँ सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला
- हरियाणा के फरीदाबाद में 19 मार्च, 2022 से 35वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन 04 अप्रैल तक किया जाएगा। इस मेले का आयोजन कोविड -19 के कारण दो वर्ष के अंतराल के बाद किया जा रहा है। सूरजकुंड मेला स्वयं में एक विशिष्ट आयोजन है क्योंकि यह भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक ताने-बाने की समृद्धि एवं विविधता को प्रदर्शित करता है तथा यह दुनिया का सबसे बड़ा शिल्प मेला है। यह मेला वर्ष 1987 में कुशल कारीगरों की संख्या को बढ़ावा देने हेतु शुरू किया गया था। इस मेले को वर्ष 2013 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया गया। इस मेले का आयोजन सूरजकुंड मेला प्राधिकरण एवं हरियाणा पर्यटन द्वारा केंद्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति और विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया जाता है।
देश की पहली पेपरलेस विधानसभा
- हाल ही में नगालैंड राज्य की विधानसभा पेपरलेस कार्यप्रणाली को अपनाने हेतु नेशनल ई-विद्या एप्लीकेशन (National e-Vidhan Application- NeVA) कार्यक्रम को लागू कर देश की पहली राज्य विधानसभा बन गई है। NeVA एक प्रकार की कार्य-प्रवाह प्रणाली (Work-Flow System) है जिसे NIC क्लाउड, मेघराज (MeghRaj) पर तैनात किया गया है जो सदन के अध्यक्ष द्वारा सदन की कार्यवाही के सुचारू रूप से संचालन के साथ ही सदन के विधायी कार्य को कागज़ रहित/पेपरलेस तरीके से संचालित करने में मदद करती है। NeVA एक सदस्य-केंद्रित और डिवाइस न्यूट्रल एप्लीकेशन है जिसे सदस्यों के संपर्क विवरण, व्यवसाय की सूची, प्रक्रिया नियमों, बुलेटिन, नोटिस, तारांकित या अतारांकित प्रश्नों के बारे में पूरी जानकारी एकत्र कर सदस्यों की विभिन्न कार्यवाही को स्मार्ट तरीके से संभालने के लिये तैयार किया गया था। NeVA के कार्यान्वयन पर होने वाले खर्च को केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच 90:10 के अनुपात के आधार पर वित्तपोषित किया जाता है। NeVA का उद्देश्य देश की विधायिकाओं को एक मंच प्रदान कर एक साथ लाना है।
एक्वामैप
- हाल ही में नए जल प्रबंधन और नीति केंद्र- एक्वामैप (AquaMAP) का उद्घाटन भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, प्रो. के. विजयराघवन द्वारा IIT मद्रास में किया गया है, साथ ही इसकी वेबसाइट https://aquamap.iitm.ac.in/ को भी लॉन्च किया गया गया है। एक्वामैप के उद्देश्यों में शामिल हैं- स्मार्ट जल प्रबंधन प्रथाओं को लागू करने में आने वाली चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करना, वास्तविक जीवन की जल संबंधी समस्याओं का समाधान करने की क्षमता हासिल करना, विभिन्न अनुप्रयोगों और व्यापक प्रभाव वाले समाधान प्रदान करना। इससे कम-से-कम छह जल नवाचार गांँवों या कस्बों (Water Innovation Villages or Towns) में पायलट प्रोजेक्ट पर अध्ययन करने में मदद मिलेगी। इसे उस समय एक मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है जब भारत के भीतर नीति कार्यान्वयन और जल प्रबंधन को दोहराए जाने की आवश्यकता होती है। इस परियोजना के तहत एक अत्याधुनिक हाइड्रो-सूचना विज्ञान प्रयोगशाला (Hydro-Informatics Laboratory) भी स्थापित भी की जाएगी। एक्वामैप के अंतर्गत जल प्रबंधन प्रथाओं को देश भर में विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया जाएगा तथा नवीन प्रबंधन प्रौद्योगिकियों के लिये स्केलेबल मॉडल के रूप में उपयोग किया जाएगा।
रूफटॉप सोलर प्रोग्राम
- हाल ही में रूफटॉप सोलर प्रोग्राम फेज- II (Rooftop Solar Programme Phase-II) को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। केद्रीय वित्तीय सहायता (Central Financial Assistance – CFA) के माध्यम से आवासीय क्षेत्र में इस कार्यक्रम के तहत 4000 मेगावाट रूफटॉप सोलर (RTS) क्षमता वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। निवासी कल्याण संघ (Residential Welfare Associations) और ग्रुप हाउसिंग सोसायटी हेतु 500 किलोवाट की अधिकतम क्षमता वाली सामान्य सुविधाओं के लिये CFA को 20% तक सीमित कर दिया गया है। रूफटॉप सोलर एक फोटोवोल्टिक प्रणाली है जिसमें बिजली पैदा करने वाले सौर पैनल आवासीय या व्यावसायिक भवन या संरचना की छत पर लगे होते हैं। रूफटॉप माउंटेड सिस्टम मेगावाट रेंज में क्षमता वाले ग्राउंड-माउंटेड फोटोवोल्टिक पावर स्टेशनों की तुलना में छोटे होते हैं। आवासीय भवनों पर रूफटॉप पीवी सिस्टम में आमतौर पर लगभग 5 से 20 किलोवाट (kW) की क्षमता होती है जबकि वाणिज्यिक भवनों पर 100 किलोवाट या उससे अधिक पहुँच जाती हैं।
ब्रिक्स टीका अनुसंधान एवं विकास केंद्र
- हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया द्वारा ‘ब्रिक्स टीका अनुसंधान एवं विकास केंद्र’ (BRICS Vaccine R&D Centre) लॉन्च किया गया। चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री वांग झिगांग ने लॉन्च समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने ब्रिक्स देशों से टीकों के उचित वितरण को बढ़ावा देने तथा ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
- अनुसंधान एवं विकास केंद्र, टीकाकरण संसाधनों को सुव्यवस्थित करने और सुरक्षित तथा प्रभावकारी कोविड-19 टीकों के लिये समान पहुंँच की सुविधा प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा तथा पारस्परिक लाभ के लिये देशों के बीच अनुभव साझा करने और सहयोग करने में मददगार साबित होगा। भारत द्वारा WHO की 65-70% वैक्सीन आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है और साथ ही 150 से अधिक देशों को टीकों की आपूर्ति की जाती है भारत विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माण उद्योगों में से एक है। यह केंद्र टीके के विकास और अनुसंधान के क्षेत्र में ब्रिक्स देशों के लाभों को एक साथ जोड़ने में मदद करेगा जो ब्रिक्स देशों की संक्रामक बीमारियों को नियंत्रित करने और उनसे बचने की क्षमता को बढ़ावा देगा।
‘सुरक्षा कवच 2’
- हाल ही में पुणे के लुल्लानगर में भारतीय सेना के अग्निबाज़ डिवीजन और महाराष्ट्र पुलिस के बीच ‘सुरक्षा कवच 2’ नामक एक संयुक्त अभ्यास का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में भारतीय सेना की काउंटर टेररिज़्म टास्क फोर्स (CTTF), महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते के साथ-साथ डॉग स्क्वॉड, क्विक रिएक्शन टीम्स (QRTs) तथा सेना व पुलिस की बम डिस्पोजल टीमों ने हिस्सा लिया। यह अभ्यास पुणे में किसी भी आतंकवादी हमले का मुकाबला करने हेतु पुलिस और सेना द्वारा की गई प्रक्रियाओं और अभ्यासों के समन्वय के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। इस अभ्यास का आयोजन दोनों संगठनों के बीच अंतःक्रियाशीलता में सुधार करने के लिये किया गया।
बिप्लोबी भारत गैलरी
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में शहीद दिवस के अवसर पर कोलकाता के ‘विक्टोरिया मेमोरियल हॉल’ में ‘बिप्लोबी भारत गैलरी’ का वर्चुअल उद्घाटन किया। ज्ञात हो कि यह गैलरी स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के विशिष्ट योगदान पर प्रकाश डालती है और स्वतंत्रता की ओर ले जाने वाली घटनाओं का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है। गैलरी स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के योगदान और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के लिये उनके सशस्त्र प्रतिरोध को प्रदर्शित करती है। ज्ञात हो कि इस पहलू को स्वतंत्रता आंदोलन की मुख्य धारा के आख्यान में उचित स्थान नहीं दिया गया है। यह नई गैलरी देश में स्वतंत्रता आंदोलन को गति देने वाले बौद्धिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि का भी चित्रण करेगी। क्रांतिकारी आंदोलन, क्रांतिकारी नेताओं द्वारा महत्त्वपूर्ण संघों का गठन, आंदोलन का प्रसार, भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन, नौसेना विद्रोह के योगदान को भी गैलरी में प्रदर्शित किया जाएगा।
एबेल पुरस्कार 2022
- ‘नॉर्वेजियन एकेडमी ऑफ साइंस एंड लेटर’ ने हाल ही में वर्ष 2022 के ‘एबेल पुरस्कार’ (Abel Prize) की घोषणा की है। इस वर्ष यह पुरस्कार अमेरिकी गणितज्ञ ‘डेनिस पार्नेल सुलिवन’ को दिया जाएगा। डेनिस सुलिवन को यह पुरस्कार ‘टोपोलॉजी’ के बीजगणितीय, ज्यामितीय और गतिशील पहलुओं में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये दिया जा रहा है। टोपोलॉजी गणित का एक ऐसा विशिष्ट क्षेत्र है, जिसका जन्म प्रायः उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ था और इसका संबंध किसी भी प्रकार की सतह के ऐसे गुणों से है, जो विकृत होने पर भी नहीं बदलते हैं। विदित हो कि एबेल पुरस्कार 1 जनवरी, 2002 को स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य गणित के क्षेत्र मंप उत्कृष्ट वैज्ञानिक कार्यों को सम्मानित करना है। इस पुरस्कार के तहत 7.5 मिलियन नॉर्वेजियन क्रोनर (625000 अमेरिकी डॉलर) की राशि प्रदान की जाती है। ज्ञात हो कि गणित के क्षेत्र में कोई नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाता है। गणित का सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘फील्ड मेडल’ (Fields Medal) है जो कि 40 वर्ष की आयु तक के गणितज्ञों को प्रत्येक 4 वर्ष के अंतराल पर प्रदान किया जाता है।
ट्यूलिप फेस्टिवल
- आगामी ‘ट्यूलिप फेस्टिवल’ के मद्देनज़र केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन को आम जनता और पर्यटकों के लिये खोला गया है। श्रीनगर के इस ट्यूलिप गार्डन में वर्तमान में विभिन्न रंगों के लाखों ट्यूलिप फूल मौजूद हैं। विश्व प्रसिद्ध डल झील के किनारों पर ज़बरवान पहाड़ियों की घाटी में स्थित गार्डन में ट्यूलिप के रंग-बिरंगे फूलों का इंद्रधनुष लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। कश्मीर के इस प्रतिष्ठित ट्यूलिप गार्डन में 1.5 मिलियन से अधिक ट्यूलिप पौधे मौजूद हैं। ज़बरवान पहाड़ियों की तलहटी पर स्थित यह एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन है। लगभग 30 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन को वर्ष 2007 में कश्मीर घाटी में फूलों की खेती और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित गया था। इस गार्डन में ट्यूलिप के अलावा फूलों की कई अन्य प्रजातियाँ जैसे- जलकुंभी, डैफोडिल्स और रेननकुलस आदि भी मौजूद हैं। ट्यूलिप फेस्टिवल एक वार्षिक उत्सव है, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा पर्यटन प्रयासों के एक हिस्से के रूप में बगीचे में फूलों की शृंखला का प्रदर्शन करना है। यह कश्मीर घाटी में वसंत के मौसम की शुरुआत के दौरान आयोजित किया जाता है।
एडटेक प्लेटफॉर्म
‘बायजूस’
- भारतीय एडटेक कंपनी ‘बायजूस’ (Byju's) को इस वर्ष अक्तूबर से नवंबर माह के बीच कतर में खेले जाने वाले फीफा विश्व कप 2022 का आधिकारिक स्पॉन्सर नामित किया गया है। इसी के साथ यह एडटेक कंपनी ‘फीफा विश्व कप’ से जुड़ने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है। इसी के साथ ‘बायजूस’ फीफा विश्व कप के चिह्न, प्रतीक और संपत्ति का उपयोग अपने प्रचार अभियानों के दौरान कर सकेगी। गौरतलब है कि इससे पूर्व वर्ष 2019 में ‘बायजूस’ कंपनी ने भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी/टी-शर्ट को भी स्पॉन्सर किया था। इस वर्ष फीफा फुटबॉल विश्व कप में दुनिया भर के 32 देश हिस्सा लेंगे। ज्ञात हो कि वर्ष 2018 में हुए विश्व कप में फ्राँस ने क्रोएशिया को 4-2 से हराकर खिताब अपने नाम किया था।
वर्ष 2022 के प्रतिष्ठित ऑस्कर पुरस्कार
- लॉस एंजिल्स में वर्ष 2022 के प्रतिष्ठित ऑस्कर पुरस्कारर वितरित किये गए हैं। ‘कोडा’ को बेस्ट फिल्म के लिये ऑस्कर से सम्मानित किया गया है। सर्वश्रेष्ठट सहायक अभिनेता का ऑस्कटर पुरस्का्र इस बार ट्रॉय कोस्तुसर को फिल्मठ ''कोडा'' में उनकी भूमिका के लिये दिया गया है। वे ऑस्क र के लिये नामित होने और यह पुरस्काोर जीतने वाले पहले बधिर पुरूष अभिनेता हैं। इसके अतिरिक्तस सर्वश्रेष्ठह सहायक अभिनेत्री का पुरस्कालर आरियाना डि बोस को फिल्मक वेस्टइसाइड स्टो री के लिये दिया गया है। सर्वश्रेष्ठप सिनेमेटोग्राफी, विज़ुअल इफेक्ट्सव एवं साउंड के लिये फिल्मअ ड्यून को तीन पुरस्काहर मिले हैं, जबकि लघु विषय पर सर्वश्रेष्ठअ वृतचित्र का पुरस्कालर द क्वीरन ऑफ बास्केाट बॉल को दिया गया है। इनकान्टोे सर्वश्रेष्ठ ऐनीमेटेड फीचर फिल्मा घोषित की गई है, जबकि सर्वश्रेष्ठा एनिमेटेड लघु फिल्मा का पुरस्काइर द विंडशील्डक वाइपर को मिला है। जापान की फिल्मक ड्राइव माई कार को सर्वश्रेष्ठम अंतर्राष्ट्रीाय फीचर फिल्म का पुरस्कार मिला है। एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चरर ऑर्टस एंड साइंसेज़ के 94वें एकेडमी अवार्ड समारोह में इस बार 1 मार्च से 31 दिसंबर, 2021 के बीच प्रदर्शित सर्वश्रेष्ठा फिल्मों को पुरस्कृत किया गया है।
विश्व का पहला वन्यजीव बॉण्ड
- विश्व बैंक (इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट, IBRD) ने ब्लैक राइनो की लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिये दुनिया का पहला वन्यजीव बॉण्ड (Wildlife Conservation Bond) जारी किया गया है और इसके तहत 150 मिलियन डॉलर जुटाए गए हैं इन बॉण्ड का प्रयोग दक्षिण अफ्रीका के दो संरक्षित वन्यजीव- 'एडो एलीफेंट नेशनल पार्क (AENP) और ग्रेट रिवर नेचर रिज़र्व (GFRNR) में ब्लैक राइनो (काले गैंडे) की संख्या में वृद्धि और संरक्षण हेतु किया जाएगा। यह बॉण्ड 5 साल के लिये जारी किया गया है ताकि ब्लैक राइनो का सतत् विकास हो सके। इस वन्यजीव संरक्षण बॉण्ड (WCB) को "राइनो बॉण्ड (Rhino Bond)" के रूप में भी जाना जाता है। यदि यह कार्यक्रम सफल होता है तो केन्या में बाघ, शेर और गोरिल्ला जैसी अन्य वन्यजीव प्रजातियों के संरक्षण के लिये इसका विस्तार किया जा सकता है। राइनो/गैंडे की कुल पाँच प्रजातियाँ पाई जाती हैं- अफ्रीका में व्हाइट और ब्लैक राइनो (White and Black Rhinos in Africa), एक सींग वाले गैंडे (Greater One-Horned), एशिया में जावा और सुमात्रन गैंडे/राइनो (Javan and Sumatran Rhino) की प्रजातियाँ। ब्लैक राइनो केवल अफ्रीका में पाए जाते हैं। ब्लैक राइनो को आईयूसीएन की रेड लिस्ट में गंभीर रूप से संकटग्रस्त के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है।
‘प्रस्थान’ एक अपतटीय सुरक्षा अभ्यास
- पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय के तत्त्वावधान में 16 नवंबर, 2021 को मुंबई से दूर अपतटीय विकास क्षेत्र (ODA) में ‘प्रस्थान’ एक अपतटीय सुरक्षा अभ्यास का आयोजन किया गया। हर छह महीने में आयोजित होने वाला यह अभ्यास अपतटीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये महत्त्वपूर्ण है और इसका उद्देश्य अपतटीय विकास क्षेत्रों (ODA) में विभिन्न प्रकार की आकस्मिक घटनाओं पर एसओपी एवं बेहतर कार्रवाई करने हेतु भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना, तटरक्षक बल, ओएनजीसी, पोर्ट ट्रस्ट, सीमा शुल्क, राज्य मत्स्यपालन विभाग तथा समुद्री पुलिस सहित सभी समुद्री हितधारकों के प्रयासों को एकीकृत करना है। यह अभ्यास मुंबई के पश्चिम में लगभग 94 एनएम पर स्थित ओएनजीसी के एमएचएन प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया गया। इस अभ्यास में सभी हितधारकों को वास्तविक परिदृश्य प्रदान किया गया ताकि पश्चिमी ओडीए में आकस्मिक घटनाओं पर सटीक प्रतिक्रिया और उनका मुकाबला करने में तत्परता तथा एक साथ आपसी तालमेल द्वारा कार्रवाई करने की उनकी क्षमता का आकलन किया जा सके।
आईएनएस वलसुरा
- राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 25 मार्च, 2022 को आईएनएस वलसुरा को प्रतिष्ठित 'प्रेसिडेंटस कलर' यानी 'राष्ट्रपति निशान' प्रदान किया। ‘राष्ट्रपति निशान’ को शांति और युद्ध, दोनों स्थितियों में किसी सैन्य इकाई द्वारा राष्ट्र के लिये की गई असाधारण सेवा के सम्मान में प्रदान किया जाता है। भारतीय नौसेना पहली भारतीय सशस्त्र सेना है. जिसे 27 मई, 1951 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा राष्ट्रपति निशान से सम्मानित किया गया था। आईएनएस वलसुरा वर्ष 1942 से सेवा में है। यह नौसेना का प्रमुख प्रशिक्षण पोत है जहाँ नौसेना, तटरक्षक एवं अन्य मित्र राष्ट्रों के अधिकारियों व नाविकों को आईएनएस वलसुरा पर ही इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, हथियार प्रणाली एवं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाता है। यह यूनिट भारतीय नौसेना के अधिकारियों और नाविकों को आवश्यक कौशल से लैस करने में हमेशा आगे रही है ताकि सूचना प्रौद्योगिकी में उन्नति के साथ अपनी गति बनाए रखने के अलावा तेज़ी से जटिल हो रही हथियारों और इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों की युद्ध क्षमता को बरकरार रखा जा सके।
‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ (ILO) का नया महानिदेशक
- टोगो के राजनयिक ‘गिल्बर्ट एफ. हौंगबो’ को ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ (ILO) का अगला महानिदेशक नियुक्त किया गया है। हौंगबो को ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ के शासी निकाय द्वारा चुना गया है, जिसमें सरकारों, श्रमिकों और नियोक्ताओं के प्रतिनिधि शामिल थे। उनका पाँच वर्षीय कार्यकाल 01 अक्तूबर, 2022 से शुरू होगा। ज्ञात हो कि यूनाइटेड किंगडम के वर्तमान महानिदेशक गाय राइडर, वर्ष 2012 से इस पद पर कार्यरत हैं। ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ (ILO) संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र त्रिपक्षीय संस्था है, जिसकी स्थापना वर्ष 1919 में वर्साय की संधि द्वारा राष्ट्र संघ की एक संबद्ध एजेंसी के रूप में की गई थी। यह श्रम मानक निर्धारित करने, नीतियाँ विकसित करने एवं सभी महिलाओं तथा पुरुषों के लिये सभ्य कार्य को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम तैयार करने हेतु 187 सदस्य देशों की सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिकों को एक साथ लाता है। वर्ष 1946 में ILO, संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध पहली विशिष्ट एजेंसी बनी थी। वर्ष 1969 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया।
स्टॉकहोम जल पुरस्कार
- स्टॉकहोम इंटरनेशनल वाटर इंस्टीट्यूट (SIWI) ने वैज्ञानिक और वाष्पीकरण विशेषज्ञ ‘विल्फ्रेड ब्रुट्सर्ट’ को वर्ष 2022 के ‘स्टॉकहोम जल पुरस्कार’ से सम्मानित किया है, ज्ञात हो कि इस पुरस्कार को व्यापक तौर पर जल के नोबेल पुरस्कार के रूप में भी जाना जाता है। प्रोफेसर विल्फ्रेड ब्रुट्सर्ट को यह पुरस्कार 'पर्यावरणीय वाष्पीकरण को मापने में उनके अभूतपूर्व कार्य हेतु प्रदान किया गया है। विल्फ्रेड ब्रुट्सर्ट ने वाष्पीकरण को मापने और पृथ्वी के ऊर्जा संतुलन में इसकी भूमिका को समझने हेतु विधि विकसित की हैं, जिससे इस बात का अधिक सटीक अनुमान लगाया जा सकता है कि वर्षा किस प्रकार विकसित हो सकती है। यह विधि विशेषज्ञों को यह समझने में मदद कर सकती है कि वर्तमान में कितना पानी उपलब्ध है और भविष्य में कितना उपलब्ध होगा। विदित हो कि स्टॉकहोम इंटरनेशनल वाटर इंस्टीट्यूट (SIWI) बेहतर जल प्रशासन की वकालत करने हेतु स्थापित एक संस्थान है, जो पिछले 30 वर्षों से ‘जल से संबंधित असाधारण उपलब्धियों’ के लिये लोगों और संगठनों को इस पुरस्कार से सम्मानित कर रहा है।
विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क
- भारत सरकार के वेस्ट टू वेल्थ मिशन के तहत पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के सहयोग से 29 मार्च, 2022 को न्यूत ज़ाफराबाद, पूर्वी दिल्ली में नगर पालिका ठोस अपशिष्टज के ऑनसाइट प्रसंस्करण के लिये विकेंद्रीकृत अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी पार्क (Decentralised Waste Management Technology Park) का उद्घाटन किया गया। इसका उद्देश्य ज़ीरो वेस्ट् और ज़ीरो ऊर्जा के साथ एक मापनीय (स्केिलेबल) ऑनसाइट प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना करना है।
UNEP फ्रंटियर रिपोर्ट
2022
- UNEP फ्रंटियर रिपोर्ट 2022 हाल ही में जारी की गई है, जिसका शीर्षक ‘नॉइज़, ब्लेज़ एंड मिसमैच (Noise, Blazes and Mismatches) है। इस रिपोर्ट में बांग्लादेश के ढाका को दुनिया के सबसे शोर वाले शहर के रूप में स्थान दिया गया है, जिसके बाद मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश का स्थान है तथा पाकिस्तान का इस्लामाबाद तीसरे स्थान पर है। दूसरी ओर जॉर्डन में इरबिड को सबसे शांत शहर के रूप में स्थान दिया गया है जिसके बाद फ्राँस में ल्यों और स्पेन की राजधानी मैड्रिड का स्थान है। भारतीय के पाँच शहरों- नई दिल्ली, कोलकाता, जयपुर, आसनसोल और मुरादाबाद को दुनिया के सबसे शोर वाले शहरों में स्थान दिया गया है। फ्रंटियर रिपोर्ट 2022 में कुल 61 शहरों को स्थान दिया गया है जिसमें दक्षिण एशिया से 13, पश्चिम एशिया से 10, यूरोप से 10, दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया और प्रशांत से 11, उत्तरी अमेरिका से 6, अफ्रीका से 7 तथा लैटिन अमेरिका से 4 शहर शामिल हैं। फ्रंटियर रिपोर्ट 2022 ध्वनि प्रदूषण और इसके दीर्घकालिक शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य प्रभावों पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
जल जीवन मिशन
- हाल ही में छह राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा एवं हिमाचल प्रदेश ने वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नल जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission- JJM)- हर घर जल के तहत वित्त वर्ष 2022-23 हेतु निष्पादन प्रोत्साहन अनुदान (Performance Incentive Grant) के लिये अर्हता प्राप्त कर ली है।
- जल जीवन मिशन के तहत निष्पादन प्रोत्साहन अनुदान के प्रावधान ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा दिया है जो इस मिशन के तहत त्वरित कार्यान्वयन तथा सुनिश्चित जल आपूर्ति में सहायक साबित होगी। इस मिशन का उद्देश्य वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में घरेलू नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा के बाद से अब तक 6.10 करोड़ से अधिक घरों को नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराया जा चुका है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिये जल जीवन मिशन का बजट बढ़ा कर 60,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
डीबीटी भारत पोर्टल (DBT Bharat Portal)
- हाल ही में डीबीटी भारत पोर्टल (DBT Bharat Portal) पर 53 विभिन्न मंत्रालयों की केंद्र प्रायोजित और केंद्रीय क्षेत्र की 313 योजनाओं को यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जोड़ा गया है कि लाभार्थियों को पोर्टल के तहत सटीक रूप से लक्षित किया जा सके। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefits Transfer- DBT) कार्यक्रम को 1 जनवरी, 2013 को सरकार की वितरण प्रणाली में सुधार करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। मूल रूप से यह योजना उस धन का दुरुपयोग रोकने के लिये है, जिसे किसी भी सरकारी योजना के लाभार्थी तक पहुँचने से पहले ही बिचौलिये तथा अन्य भ्रष्टाचारी हड़पने की जुगत में रहते हैं। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से जुड़ी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें किसी बिचौलिये का कोई भूमिका नहीं है और यह योजना सरकार तथा लाभार्थियों के बीच सीधे चलाई जा रही है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत दी जाने वाली सब्सिडी का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में करती है। साथ ही लाभार्थियों को भुगतान उनके आधार कार्ड के ज़रिये किया जाता है।
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