जनसंपर्क के प्रमुख तत्व |जनसंपर्क के उपकरण | Elements and Tools of public relations

जनसंपर्क के प्रमुख तत्व, जनसंपर्क के उपकरण,
Elements and Tools of public relations

जनसंपर्क के प्रमुख तत्व |जनसंपर्क के उपकरण | Elements and Tools of public relations


जनसंपर्क के प्रमुख तत्व Key elements of public relations

 

जनसंपर्क के नाम से सबसे पहले जो छवि मष्तिष्क में उभरती हैवह एक ऐसे व्यक्ति (यों) की होती हैजो किसी संस्थान या संगठन की ओर से आम जनता से संवाद का दायित्व निर्वहन कर रहे होते हैं। लेकिनवास्तव में जनसंपर्क एक बहुत व्यापक और एक बहुत जटिल प्रक्रिया है। इसमें अनेक प्रकार के तत्वों का समावेश होता हैजिनमें निम्नलिखित तत्व प्रमुख हैं:

 

i. परामर्श: 

  • नीतियोंसंबंधों और विभिन्न जनसमूहों के साथ संवाद के संबंध में प्रबंधन का मार्गदर्शन।

 

ii. शोध: 

  • जनसंपर्क की रणनीति की योजना बनाने के क्रम में शोध के माध्यम से लोगों के व्यवहार और दृष्टिकोण का निर्धारण करना ऐसे शोध परस्पर समझ विकसित करने तथा लोगों को प्रभावित व सहमत करने में प्रयोग किए जा सकते हैं।

 

iii. मीडिया रिलेशंसः 

  • प्रचार पाने के लिए या संस्थान में उनकी रुचि का प्रत्युत्तर देने के लिए जनसंचार माध्यमों के साथ सामंजस्य स्थापित करना।

 

iv. प्रचार: 

  • चुने हुए माध्यमों के जरिए संस्थान के हित में सुनियोजित संदेशों का प्रचार करना।

v. कर्मचारी सदस्य संबंध: 

  • संस्थान के कर्मचारियों/सदस्यों की समस्याओं को सुननाउन्हें उनके हित में संस्थान की योजनाओं/कार्यक्रमों के बारे में सूचित व बेहतर करने के लिए प्रेरित करना ।

 

vi. सामुदायिक संबंध: 

  • एक समुदाय अथवा समूह के साथ मिलकर ऐसी सुनियोजित गतिविधियांजो संस्थान व उस समुदाय / समूह दोनों के लिए लाभप्रद वातावरण निर्माण में सहायक हों।

 

vii. लोक विषय: 

  • लोक नीतियों में प्रभावी संलिप्तता विकसित करना एवं लोगों की अपेक्षाओं से तालमेल बिठाने में संस्थान की सहायता करना।

 

vii. प्रशासकीय मामले: 

  • संस्थान की ओर से विधायिका एवं नियामक संस्थाओं से सीधे संपर्क करना। प्रशासकीय मामलों से संबंधित कार्यक्रम में लॉबिंग भी इसका एक हिस्सा हो सकती है।

 

ix. इष्यु मैनेजमेंट: 

  • जन आशंकाओं से जुड़े ऐसे मुद्दों को पहचानना व समाधान प्रस्तुत करनाजो एक संस्थान को प्रभावित करते हैं।

 

वित्तीय संबंध: 

  • इन्हें निवेशक संबंध अथवा अंशधारक संबंध के नाम से भी जाना जाता है। इनमें निवेशकों में आत्मविश्वास उत्पन्न करना और इसे कायम रखना तथा वित्त समूह के साथ अच्छे संबंध निर्मित करना शामिल है।


xi. औद्योगिक संबंध: 

  • एक संस्थान के उद्योग में अन्य कंपनियों व कारोबारी संगठनों के संपर्क में रहना।

 

xii. विकास/वित्त व्यवस्था: 

  • एक संस्था की आवश्यकताओं को लोगों के सामने प्रस्तुत करना एवं उन्हें संस्था को सहयोगमुख्य रूप से वित्तीय योगदान के माध्यम सेके लिए प्रोत्साहित करना।

 

xiii. अंतःसांस्कृतिक संबंध: 

  • सांस्कृतिक विविधताओं के बीच विभिन्न व्यक्तियों और समूहों से संपर्क व सामंजस्य स्थापित करना।

 

xiv. विशेष आयोजनः 

  • किसी व्यक्तिउत्पाद अथवा संस्थान में लोगों की रुचि को बढ़ाने के लिए ऐसी गतिविधयों का संचालन करनाजिनकी योजना जनता की बात सुनने और उस तक अपनी बात पहुँचाने के उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनाई गई हो।

 

xv. मार्केटिंग कम्युनिकेशन: 

  • ऐसी गतिविधयों का संयोजनजो एक उत्पादसेवा अथवा विचार को बेचने के उद्देश्य से तैयार की गई हों। इस प्रकार की गतिविधियों में विज्ञापनप्रचारसहायक सामग्रीप्रमोशनप्रत्यक्ष संवादव्यापार प्रदर्शनी और अन्य विशेष आयोजन शामिल हैं।

 

जनसंपर्क के उपकरण Public relations tools in hindi

 

जैसा कि हम जानते हैं कि जनसंपर्क के अंतर्गत हम बहुत प्रभावी ढंग से अपनी बात को जनता के सामने रखते हैं। लेकिन सवाल पैदा होता है कि हम इसका प्रबंधन कैसे करें यानी इसे मैनेज करने के तौर-तरीके सीखने होंगे और हमें ऐसे उपकरणों का सहारा लेना पड़ेगा जिससे कि अपनी बात प्रभावी तरीके से लोगों तक पहुंचाई जा सके। वास्तव में जनसंपर्क से हमें क्या हासिल होगा

 

i. लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करना। 

ii. लोगों का विश्वास जीतना। 

iii. अच्छी छवि का निर्माण करना। 


अब हम कुछ ऐसे पीआर उपकरणों का जिक्र कर रहे हैं जो कि लोगों तक अपनी बात पहुंचाने में सक्षम साबित होते हैं।

 

1. मौखिक संचार 

  • इस प्रक्रिया में आपसी वार्तालाप और संवादों का जिक्र किया जा सकता है। जैसे कक्षा में शिक्षक और छात्रों के बीच वार्तालाप । इसे द्विपक्षीय संचार प्रक्रिया की श्रेणी में भी रखा जाएगा। छात्र अपनी समस्याएं रखेंगे और शिक्षक उसका निराकरण करेगा। यह सबसे प्रभावी संचार का तरीका है क्योंकि इसमें प्रश्नों और उनका स्पष्टीकरण भी शामिल रहता है।

 

अ. भाषण- 

  • हम 15 अगस्त और 26 जनवरी को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के भाषणों का जिक्र किया जाता है। और वास्तव में ये भाषण काफी प्रभावी माने जाते हैं। इनके द्वारा बखान किए गए संदेशों और योजनाओं पर लोगों की बारीकी की नजर रहती है।

 

आ. साक्षात्कार- 

  • इसके अलावा साक्षात्कार प्रक्रिया भी द्विपक्षीय संचार की प्रक्रिया है जिसमें बातों को प्रभावी ढंग से रखा जाता है। उदाहरण के लिए किसी क्रिकेट खिलाड़ी या फिर किसी फिल्म अभिनेता के साक्षात्कार में लोगों की काफी दिलचस्पी रहती है और उसके इंटरव्यू में निकली बातों का जनमानस पर असर भी होता है।


 2. प्रिंटेड या ग्राफिक संचार

 

अ. फ्लायर्स- 

  • अक्सर समाचार पत्रों के अंदर प्रिंटेड कागज डाले जाते हैं। इसके माध्यम से या तो किसी स्कूल का प्रचार-प्रसार किया जा रहा होता है या फिर किसी अस्पताल के बारे में। गर्मी की छुट्टियों के दौरान अक्सर अखबारों में ऐसे पेपर मिलेंगे। इसके अलावा किसी खास प्रदर्शनी के बारे में भी अखबारों में पड़े पेपर से पता चलता है। जनसंपर्क की यह विधि काफी अनूठी है। इसमें एक सिंगल यूनिट के बारे में जन जागरूकता पैदा करने की ललक होती है। स्कूलअस्पताल या खास प्रदर्शनी इसके उदाहरण हैं।

 

ब. ब्रोचर्स- 

  • जब एक कागज से सूचना देने का मंतव्य नहीं पूरा हो पाता है और कई कागजों पर पूरी सूचना आ पाती है। ऐसे में पंफलेट या फोल्डर का निर्माण किया जाता है। पीआर उपकरण के तौर पर ब्रोचर्स का प्रयोग किया जाता है। विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों द्वारा अपने-अपने ब्रोचर्स निकाले जाते हैं। ट्रेवेल एजेंसियों द्वारा टूर पैकेजों की जानकारी भी अपने ब्रोचर्स यानी लीफलेट में दी जाती है।

 

स. न्यूजलेटर्स- 

  • यह एक निश्चित अंतराल के बाद प्रकाशित किया जाता है। कुछ प्रमुख लक्षित श्रोताओं या कस्टमरों को दिया जाता है। लोगों पर केन्द्रित सामग्री प्रकाशित करते हैं। इसमें पत्र के प्रवाह वाली भाषा का प्रयोग किया जाता है।

 

द. प्रेस रिलीज - 

  • जब मीडिया को कोई जानकारी या सूचना उपलब्ध कराई जाती है तो प्रेस रिलीज का सहारा लिया जाता है। इसके लिए आकर्षक शीर्षक के साथ स्टोरी लिखी जाती है जिसे पत्रफैक्स और ई-मेल के जरिए मीडिया संस्थानों तक भेजा जाता है।

 

3. प्रिंट मीडिया- 

  • इसमें अखबारों और पत्रिकाओं का महत्वपूर्ण स्थान है। इनमें प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों का खासा महत्व है। जनसंपर्क के उपकरण के रूप में विज्ञापन लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। अखबार के एक पन्ने पर कई विज्ञापन प्रकाशित होते हैं जबकि मैगजीन या पत्रिका में एक पेज पर केवल एक या दो विज्ञापन ही दिखाई देते हैं।

 

4. आउटडोर मीडिया

 

अ. होर्डिंग्स-

  • सड़कों के किनारेदीवारों के सहारे लोहे के एंगिल पर या मकानों की छतों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए जाते हैं जो किसी कंपनीउत्पाद या सामग्री का प्रचार-प्रसार करते हैं। उनमें आकर्षक चित्रों और कथनों को समाहित किया जाता है।

 

ब. इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले-

  • भवनोंआवासों और बड़े प्रतिष्ठानों पर इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले भी लगाए जाते हैं तो रात के समय प्रकाशित होते रहते हैं और उनसे कंपनीउत्पाद का प्रचार-प्रसार होता रहता है। कभी-कभी आसमान में बड़े गुब्बारों में हवा भरकर उनपर संदेश लिख दिया जाता है। इससे भी उत्पादों और कंपनी के बारे में समय-समय पर जानकारी मिलती है।

 

स. पोस्टर- 

  • ज्यादा लोगों की भीड़भाड़ वाली जगहों पर पोस्टर लगाकर जब जन जागरूकता या संदेश दिया जाता है तो इससे ज्यादा लोगों का फायदा होता है। जैसे रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड के पास वाली दीवारों पर वॉल पेंटिंग करके या पोस्टर लगाकर संदेश या जानकारी देने का काम किया जाता है। इसमें शब्दों के अलावा चित्रों का प्रयोग भी किया जाता है।

 

5. ब्रॉडकास्ट मीडिया

 

अ. रेडियो 

  • आवाज का जादू श्रोताओं के दिमाग में शब्द चित्र खींचता है। इससे श्रोताओं मन मस्तिष्क पर असर पड़ता है। पीआर टूल के तौर पर संदेश और संगीत का बड़ा महत्व है।

 

ब. टीवी-

  • सामने स्क्रीन पर चलती फिरती तस्वीर और संदेश दर्शकों के दिमाग पर सीधा प्रभाव डालते हैं। क्रिकेट मैचरीयलिटी शोडांस शो दर्शकों पर भरपूर प्रभाव डालते हैं।

 

स. इंटरनेट

  • -सोशल मीडिया वेबसाइटों के अलावा अन्य बहुत सी वेबसाइटों पर लोगों के लिए लोक लुभावन वादे किए जाते हैं। जैसे- सस्ती उड़ानों का विज्ञापन लोगों को बहुत भाता है।

 

6. मीडिया के अन्य प्रकार

 

अ. वेबसाइट- 

  • वेब पेजों और तस्वीरों के कलेक्शन को वेबसाइट कहा जाता है। इंटरनेट के द्वारा लाखों लोगों द्वारा एक ही समय में देखा जा सकता है। इंटरनेट पर लोगों को काफी विज्ञापन विभिन्न वेबसाइटों के माध्यम से दिखाई पड़ते हैं। वेबसाइट के माध्यम ये ट्रेनोंबसों और उड़ानों के आने-जाने की जानकारी भी मिलती है। रेलवे ने रिजर्वेशन के लिए सुविधाएं भी दे रखी हैं जो पीआर टूल के तौर पर जानी जाती है।

 

ब. सेलिब्रिटी इंडोर्समेंट-

  • टीवी और रेडियो पर किसी जानी-मानी हस्ती द्वारा जब उत्पादों का प्रचार किया जाता है तो इसका प्रभाव भी लोगों पर पड़ता है और वह उसके कहे गए शब्दों के आधार पर भी कार्य करते हैं। जैसे- फिल्म अभिनेता द्वारा साबुनकपड़ा या कोल्ड ड्रिंक का विज्ञापन करना ।

 

स. प्रदर्शनी 

  • शहर में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनी लगाई जाती है। इसमें किसी बड़े हाल में उत्पादों को इस ढंग से सजाया व संवारा जाता है जिससे कि लोगों को सटीक सूचना मिल सके और वे प्रभावी ढंग से खरीददारी कर सकें। प्रदर्शनी लगाए जाने से व्यापार को बढ़ावा मिलता है।

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