साइबर मीडिया लेखन के प्रमुख बिंदु |Key Points of Cyber Media Writing
साइबर मीडिया लेखन के प्रमुख बिंदु (Key Points of Cyber Media Writing)
साइबर मीडिया लेखन के प्रमुख बिंदु
साइबर मीडिया लेखन के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डालिए?
साइबर मीडिया के लिए लेखन के संबंध में यह बात ध्यान रखने की है कि ये मुद्रित माध्यम, रेडियो और टेलीविजन के लिए किए जाने वाले लेखन से पूर्णतः अलग प्रकार का होता है। यहां इस संबंध में निम्नलिखित बिंदुओं को देखा जा सकता है
1 विषय-सामग्री और लक्षित वर्ग
- साइबर मीडिया पर जो सामग्री प्रस्तुत की जा रही है वह रोचक होनी चाहिए, उबाऊ नहीं। साइबर मीडिया के लिए लेखन करने वाले को यह पता होना चाहिए कि उसका लक्षित वर्ग कौन सा है? उसे विद्यार्थी, महिलाएं, पुरुषों आदि किसके लिए लिखना है? इसका उसे पूरी तरह ध्यान रखना चाहिए और तदनुरूप अपना आलेख तैयार करना चाहिए। लेखन के दौरान कोई विषयवस्तु ऐसी न हो जो पाठकों को आरोपित लगे। उसे लगे कि सब कुछ सहज स्वाभाविक है न और ग्रहणकरने योग्य है। साइबर मीडिया में लेख भी लिखे जाते हैं और समाचार भी लेकिन इसके समाचार लेखन में आमुख का प्रयोग नहीं होता है। चूंकि यह मस्तिष्क और आंखों को अधिक प्रभावित करता है और इस पर पढ़ने की दर अन्य माध्यमों की अपेक्षा धीमी होती है।
- अतः इसमें शब्द-सीमा का विशेष ध्यान रखा जाता है। किसी भी प्रकार की सामग्री का प्रकाशन किया जाए लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाए कि सबसे महत्त्वपूर्णसामग्री सबसे पहले आए और अन्य सामग्री उसके बाद। अनुपयोगी सामग्री के लेखन और प्रस्तुति से दूर रहना चाहिए।
2 भाषा-शैली
- इसमें भाषा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसमें बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया जाता है जो सामान्य पाठक भी समझ सके। प्रायः प्रचलित शब्दों का अधिक व्यवहार किया जाता है और किया जाना चाहिए। एक जैसे समानार्थी शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए लेकिन एक ही शब्द का बार-बार प्रयोग ठीक नहीं है। कहने का तात्पर्य है कि भाषा सरल रखी जाए। लेखन के दौरान इस बात को स्मरणरखना अपेक्षित है कि प्रत्येक शब्द की सत्ता है और उसका महत्त्व समझकर शब्द का प्रयोग करना श्रेयस्कर है। लेखन तृतीय पुरुष की शैली में करना चाहिए और विश्वसनीयता और प्रामाणिकता की रक्षा के लिए अतिशयोक्ति से बचना ठीक रहता है।
- इसमें छोटे-छोटे वाक्य उचित रहते हैं। ऐसे वाक्यों के प्रयोग से सामग्री को समझने में आसानी रहती है। प्रारंभिक वाक्यों में ही विचार समझ में आ जाए, ऐसा लेखन होना चाहिए उपशीर्षकों के प्रयोग से विषय को प्रभावी और रोचक बनाया जाता है। एक अनुच्छेद में एक ही विचार का प्रतिपादन ठीक है और वाक्यों का परस्पर जुड़ा होना भी अपेक्षित है। यह प्रयास रहना चाहिए कि कोई भी अनुच्छेद 50-70 शब्दों में सिमट जाए। अनुच्छेदों में पर्याप्त अंतराल रखने से पठनीयता में वृद्धि होती है और लेखन भी आकर्षक बनता है। इनवरटिड कॉमा का प्रयोग भी सामग्री में करना चाहिए और शैली विवरणात्मक होना उचित रहता है। साइबर मीडिया के लिए किए जाने वाले लेखन में उद्धरणों का प्रयोग किया जा सकता है और किया भी जाता है। अपने लेखन में किसी न किसी संकेत शब्द को रखे जिससे पाठक को ढूंढने में आसानी हो। लेखन में पुनरावृत्ति न हो और यदि आवश्यक हो तो पुष्टि हेतु इसकी पुनरावृत्ति की जा सकती है। प्रतीकों, रूपकों, आंकड़ों के प्रयोग से बचना चाहिए। इस प्रकार के प्रयोग पाठकों को सहज नहीं प्रतीत होते। तकनीकी शब्दों का प्रयोग उसकी व्याख्या करते हुए किया जाना चाहिए।
3 तथ्य और वर्तनी की जांच
- सामग्री लेखन के बाद उसको सही प्रकार से जांच लेना चाहिए ताकि उसमें कोई कमी न हो। न तो विषयवस्तु से संबंधित और न वर्तनी से संबंधित वार्तालाप की शैली में किया गया लेखन प्रभावी रहता है बल्कि पाठकों को अपनी ओर खींचता भी है। अनौपचारिकता को पाठक अपने अनुकूल पाता है।
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