मानव–निर्मित आपदाएं एवं प्रकार |Man-made disasters and types in Hindi
मानव–निर्मित आपदाएं एवं प्रकार
(Man-made disasters and types in Hindi)
मानव–निर्मित आपदाएं (Man-made disasters in Hindi)
- तकनीकी और मानव जनित आपदाएं मनुष्यों के द्वारा मानव के नजदीकी संस्थापनों के कारण उत्पन्न होती है। इसमें पर्यावरणीय अवनति प्रदूषण और दुर्घटनाएं शामिल होती है। कुछ आपदाएं विभिन्न प्रकार के अन्य खतरों के कारण उत्पन्न होती है, जो कि अधिकतर मानव जनित और प्राकृतिक आपदाओं का जटिल संयोग होती है। खाद्य असुरक्षा, महामारी, संघर्ष, जनसंख्या विस्थापन इसके कुछ उदाहरण है।
जटिल आपात स्थितियाँ / संघर्ष (Complex Emergencies / Conflicts)
- किसी क्षेत्र, देश या समाज में मानवीय संकट आंतरिक एवं बाहय संघर्षों के कारण उत्पन्न होता है जो कि राष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष, युद्ध जैसी स्थितियां है जो दो सैन्य समूहों के बीच होने वाली घटनाओं के कारण होती है। इस प्रकार के युद्ध - दीर्घकालीन स्वास्थ्य समस्याएं, महामारी, विस्थापित समस्याएं, जल संकट, खाद्य संकट, शरणार्थी समस्याएं, भुखमरी और अकाल पैदा करते हैं। इस प्रकार के संघर्ष बड़े पैमाने के जन विस्थापन और शरणार्थी समस्यायें पैदा करती है। जटिल आपातकालीन परिस्थितियां मुख्यतः धनघोर हिंसा और जीवन की हानि, जनसंख्या विस्थापन, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में हानि इन समस्याओं के बड़े पैमाने पर बहुक्षेत्रीय मानवीय सहायताओं की आवश्यकताएं होती है।
अकाल (Famine)
- खाद्य सुरक्षा आपदाएं जटिल आपदाएं है जिनके बहुसंख्यक मूल कारण होते हैं। भयानक - और संघर्ष, खाद्य आपदाएं पैदा करते है, जबकि चिरकालीन खाद्य असुरक्षा अक्सर सूखा गरीबी को दर्शाती है। क्षण संकट, घरों की जटिल आर्थिक स्थितियां, विपन्नता, एड्स जैसी स्थितियाँ और जल-कुप्रबंधन को भी ये दर्शाते हैं। इन स्थितियों में खाद्य की अनुउपलब्धता रहती है या उचित वितरण व्यवस्था नहीं होती है। खाद्य संकट, कुपोशण पैदा करते हैं, जोकि लोगों की रोगों से लड़ने की क्षमता पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। जल संकट पैदा होने से लोग प्रदूशित जल पीने को मजबूर होते हैं जिसके परिणाम स्वरूप जल जनित रोग फैलते हैं। खाद्य सुरक्षा समस्याएं जनसंख्या या आबादी को अन्य क्षेत्रों में विस्थापित होने पर मजबूर करती है। बेहतर जीवन स्थितियों की तलाश में लोग कस्बों की सीमाओं की तरफ जाते हैं।
विस्थापित आबादी (Displaced Populations)
- विस्थापित आबादी समूहों में अपने निवास स्थान को छोड़ती है। इसका कारण अचानक हुआ कोई प्रभाव होता है, जैसे कि भूकम्प या बाढ़, संघर्ष या भय । विस्थापितियों में प्रायः घर वापसी की आज्ञा होती है। प्रवजन और विस्थापन एक दूसरे से आंतरिक तौर से संबंधित है फिर भी इन दोनों में अंतर होता हैं। विस्थापित आपादी देश में या सीमाओं के आर-पार से शरणार्थियों में प्रवजन से संबंधित है। प्राकृतिक आपदाओं या सैन्य संघर्षो के कारण में विस्थापन होता है। इनके लिए राहत बचाव, सहायताओं और सामुदायिक सहयोग की आवश्यकता होती है। प्रवजन, दूसरे स्तर पर व्यक्तिगत और सामाजिक सहायताओं को शामिल करता है, जिनमें विधिक सहायता और व्यक्तिगत मदद भी शामिल है। शरणार्थियों के पुनरूत्थान की जिम्मेदारी मुख्यतः मेजबान सरकार की होती है। संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के आवश्यक दिशा-निर्देश के अनुसार शरणार्थियों की संरचना और उनकी सहायता करना शासनादेश है।
यातायात दुर्घटनाए ( Transport Accidents)
- तकनीकी तौर पर यातायात दुर्घटनाएं, मशीनी यातायात के साधन से होने वाले हादसे है। ये आपदा के पार और उपभाग भी है- वायु दुर्घटनाएं, जाव दुर्घटनाएं, रेल दुर्घटनाएं और मोटर साधनों से होने वाले हादसे है। रेल यातायात, सड़क यातायात और जलयानों द्वारा रासायनिक पदार्थ का सहाय, यातायात दुर्घटनाओं के अन्तर्गत आता है। विभिन्न नियम और दिशा निर्देश रासायनिक पदार्थों के सन्तुलित यातायात के लिए बनाये गये है। टैंक, के का की सुरक्षा कीER पेट्रोलियम गाड़ियों के सुरक्षा अधिनियम, पेट्रोलियम पदार्थों के यातायात की सुरक्षा की गारंटी देते हैं।
औद्योगिक दुर्घटनाएं ( Industrial Accidents)
इन दुर्घटनाओं में रासायनिक विस्फोट, परमाणिक विस्फोट और खदान दुर्घटनाएं शामिल है। आपदाओं को केवल विस्फोटों में वर्गीकृत किया जा सकता है और विस्फोट वास्तव में दुर्घटनाएं है। यदि ये दुर्घटनाएं या विस्फोट अन्य दुर्घटनाओं का कारण बनते है तो इन्हें कारक दुर्घटनाएं कहा जाता है, जैसे कि :-
- विषैले औद्योगिक पदार्थों का रिसाव, प्रदूषण और वातावरण अवनति और जैविक प्रदूषण का कारण है। प्राकृतिक और पर्यावरणीय स्त्रोतों का कुप्रबंधन भी इन दुर्घटनाओं से जुड़ा है।
- अमल वर्षा (Acid Rain) रासायनिक प्रदूषकों जैसे सल्फर और नाइट्रोजन योगिक वातावरण में अत्यधिक मात्रा में अम्लीय योगिकों को धो देते हैं। सतह पर जमने से मिट्टी और पानी अम्लीय हो जाते हैं जिसके कारण कृषि एवं परिस्थिकी को क्षति पहुँचती है।
आपदाओं का अल्प वर्गीकरण
- विश्व भर में आपदाएं उत्थान पर है। आपदाओं की पुनरावृत्ति मानव लापरवाही और मुख्य विकास के कुछ अहम मुद्दों की अनदेखी की गवाही देते हैं। बात दृष्टिगत है कि आपदाओं से संबंधित सबसे विघटनकारी कारक अनिश्चिता, आघात और दुःख उत्पन्न करते हैं। आपदाएं जान-माल की हानि संसाधनों के भय, उत्पादन नमता में हास, और आर्थिक क्रियाओं में व्यवधान का कारण बनती है। इसके अतिरिक्त आपदाएं विकास प्रक्रिया में प्रतिगामी प्रभाव डालती है, क्योंकि सीमित संसाधनों का हस्तातरण बचाव, पुर्नवास और पुर्ननिर्माण की गतििवधियों की ओर हो जाता है। आपदाओं को जटिल और यौगिक भागों में भी वर्गीकृत किया जा सकता है । यौगिक आपदा की व्याख्या एक प्रकार के खतरे के तौर पर की जाती है। उदाहरण के लिये अकाल लोगों के समूह विस्थापन और नागरिक उन्नाव के कारण उत्पन्न होते हैं। राजनीतिक विघटन या राजनीतिक प्राधिकरण के विघटन को बढ़ावा देने वाली आपदाएं जटिल आपदाएं कही जा सकती है। इन आपदाओं में समस्याएं मूलतः राजनीतिक प्रवृत्ति की होती है। उदाहरण के लिये राहत के वितरण में होने वाला साम्प्रदायिक भेदभाव या पक्षपात ।
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