समाचारपत्र की अवधारणा परिभाषा | समाचारपत्र किसे कहते हैं? |समाचारपत्र का स्वरूप| Newspaper Definition concept in Hindi

 समाचारपत्र की अवधारणा परिभाषा स्वरूप

समाचारपत्र की अवधारणा परिभाषा | समाचारपत्र किसे कहते हैं? |समाचारपत्र का स्वरूप|  Newspaper Definition concept in Hindi


समाचारपत्र की अवधारणा (समाचारपत्र किसे कहते हैं?)

समाचारपत्र की परिभाषा देते हुए उसके स्वरूप पर प्रकाश डालिए।

आइए यह जानें कि समाचारपत्र किसे कहते हैं? समाचारपत्र को भी समाचार की तरह अनेक विचारकों, पत्रकारों आदि ने परिभाषित करने का प्रयास किया लेकिन इसकी परिभाषा पर भी सभी एकमत नहीं हो सके। फिर भी कुछ परिभाषाएं यहां प्रस्तुत हैं. -

 

समाचारपत्र की ब्रिटानिका शब्दकोश के अनुसार परिभाषा 

  • ब्रिटानिका शब्दकोश के अनुसार समाचारपत्र एक बिना जिल्दवाला धारवाही प्रकाशन है, जो के नियत समय के अंतराल से प्रकाशित होता है और जिसमें समाचारों को प्रमुखता दी जाती है।'

 

ब्रिटेन के न्यूज पेपर लाइवल रजिस्ट्रेशन एक्ट में कहा गया है कि

'कोई भी पर्चा समाचारपत्र कहा जाएगा, जिसमें सार्वजनिक समाचार, सूचनाएं प्रकाशित हों अथवा उन समाचारों पर टिप्पणी हो और वह एक निश्चित अवधि के बाद प्रकाशित होता है।'

 

इसी से मिलती-जुलती परिभाषा अंबिकाप्रसाद वाजपेयी और डॉ. विजय कुलश्रेष्ठ ने दी है। अंबिकाप्रसाद वाजपेयी का कथन है कि 

'जिस कागज में सब लोगों के समाचार, जानकारियां, घटनाएं हों और जो बिक्री के लिए नियत स्थान पर छापा जाता हो, वह समाचारपत्र कहलाता , है।'

 

डॉ. विजय कुलश्रेष्ठ के शब्दों में

'

समसामयिक सूचनाओं के साथ आवश्यक टिप्पणियों एवं विवरणों के साथ निर्धारित कालक्रम में प्रकाशित होने वाले नियतकालिक को समाचारपत्र कहा जाता है।'

 

मेनफेड बर्थेल और जगदीश प्रसाद चतुर्वेदी ने समाचारपत्र के गुणों पर प्रकाश डाला है। बर्थेल के अनुसार 

समाचारपत्र निर्दोष के समान श्वेत, पाप समान काला, प्रेमिका के मिलन के समान क्षणभंगुर, समाचार प्रेषक की भांति समयनिष्ठ और सच्चरित्र पत्नी की भांति सद्व्यवहारी होता है।’ 


वहीं जगदीश प्रसाद चतुर्वेदी का कथन है कि

'समाचारपत्र देश की सभ्यता, संस्कृति और शक्ति के प्रतीक होते हैं। इनके द्वारा किसी भी देश और समाज की स्थिति परिस्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है।'

 

  • उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि समाचारपत्र समसामयिक समाचार, सूचनाओं, टिप्पणियों आदि से पूर्ण नियत समय के अंतराल से प्रकाशित होने वाला अजिल्द धारावाही प्रकाशन है जिसका उद्देश्य देश-विदेश की सभ्यता-संस्कृति, स्थिति-परिथिति आदि का बोध कराना है, जिसमें शुभ-अशुभ दोनों प्रकार की सूचनाओं का सन्निवेश होता है और जो एक दिन के बाद पुराना हो जाता है अर्थात् उसका महत्त्व कम हो जाता है।


 

समाचारपत्र का स्वरूप Form of newspaper

 

  • समाचारपत्र की अवधारणा के बाद यह जानें कि इसका स्वरूप क्या है? समाचारपत्र एक लोकप्रिय जनमाध्यम है। समाचारपत्र दैनिक भी प्रकाशित होते हैं, साप्ताहिक भी प्रकाशित होते हैं और पाक्षिक भी। जैसे 'दैनिक भास्कर', 'हिंदुस्तान', 'नवभारत टाइम्स' आदि दैनिक समाचारपत्र हैं और 'संडे मेल' को साप्ताहिक समाचारपत्र के उदाहरणस्वरूप लिया जा सकता है। यह साप्ताहिक समाचारपत्र अब प्रकाशित नहीं होता। इसके अलावा समाचारपत्र के अन्य भेद माने गए हैं लघु, मध्यम और बड़ा । 
  • लघु समाचारपत्र में आठ पृष्ठ होते हैं जिसमें पहला पृष्ठ मुखपृष्ठ होता है। इसमें समाचारपत्र का नाम, कार्टून व समाचार निहित रहते हैं। दूसरे पृष्ठ पर विज्ञापन रहते हैं। ये विज्ञापन वर्गीकृत विज्ञापन होते हैं। तीसरे पृष्ठ पर स्थानीय और संस्थागत समाचार प्रकाशित किए जाते हैं। चौथे पृष्ठ पर संपादकीय, अग्रलेख तथा संपादक के नाम पत्र आदि का प्रकाशन होता है। पाँचवें पृष्ठ पर राशिफल, शेषांश और प्रादेशिक समाचार आदि का प्रस्तुतीकरण होता है। छठा पृष्ठ सांस्कृतिक गतिविधियों, खेल-खिलाड़ी, अंतर्राष्ट्रीय समाचारों से युक्त होता है। सातवें पृष्ठ पर आर्थिक और वाणिज्यिक सूचनाएं रहती हैं और अंतिम पृष्ठ पर कुछ महत्त्वपूर्ण डेडलाइन समाचार, विज्ञापन व प्रेस लाइन आदि मिलती है।

 

  • मध्यम श्रेणी के समाचारपत्र में बारह पृष्ठ होते हैं। इस श्रेणी के समाचारपत्र के पहले पृष्ठ पर नाम पट्टिका, प्रमुख समाचार, अन्य समाचार, कार्टून, समाचार संबंधी चित्र आदि का प्रकाशन होता है। दूसरे पृष्ठ पर स्थानीय समाचार रहते हैं और तीसरा पृष्ठ क्षेत्रीय समाचारों से परिपूर्ण रहता है। चौथे पृष्ठ पर वर्गीकृत विज्ञापन मिलते हैं और पांचवे पृष्ठ पर स्थानीय समाचारों का उल्लेख होता है। छठे पृष्ठ पर संपादकीय, अग्रलेख, सामयिक लेख आदि का प्रकाशन होता है और सातवें पृष्ठ पर शेषांश, अंतर्राष्ट्रीय समाचार, विज्ञापन होता है। आठवें पृष्ठ पर विज्ञापन, ग्रामीण समाचार व खेल संबंधी समाचार होते हैं। नवें पृष्ठ पर फीचर, राशिफल, रेडियो और टेलीविजन/चैनलों के कार्यक्रमों की विज्ञप्ति, पाठक प्रतिक्रिया दी जाती है। दसवें पृष्ठ पर आर्थिक और वाणिज्यिक समाचार और विज्ञापन दिए जाते हैं। ग्यारहवां पृष्ठ शेयर बाजार और विज्ञापन आदि का प्रस्तुतीकरण होता है। बारहवें पृष्ठ पर डेडलाइन प्राप्त समाचार, चित्र, प्रेस लाइन विज्ञापन आदि निहित रहते हैं।

 

बड़ा समाचारपत्र प्रायः महानगरों और राज्यों की राजधानियों से प्रकाशित होता है। ऐसे समाचारपत्र में कभी-कभी सोलह पृष्ठ से लेकर चौबीस पृष्ठ तक होते हैं। अंतिम चार या आठ पृष्ठ रंगीन होते हैं और उनका संख्या क्रम 'सत्रह' से न होकर 'एक' से होता है। अंग्रेजी अखबारों अधिक पृष्ठ प्रकाशित होते हैं। यहां उदाहरणस्वरूप 'दैनिक भास्कर के दिल्ली संस्करण को लिया जा रहा है।


सोलह पृष्ठ के समाचारपत्र का स्वरूप इस प्रकार होता है-

 

पहला पृष्ठ - नाम पट्टिका, समाचार, समाचारों से संबंद्ध चित्र, विज्ञापन। 

दूसरा पृष्ठ - दिल्ली के समाचार और उनसे संबद्ध चित्र। 

तीसरा पृष्ठ - राजनीतिक समाचार, विज्ञापन (इस पृष्ठ को जंतर मंतर' नाम दिया गया है) 

चौथा पृष्ठ - शेषांश, तारे सितारे (राशिफल) आश्चर्यजनक और विशेष समाचार आदि इसे 'भास्कर विशेष' नाम दिया गया है। 

पाँचवां पृष्ठ - प्रांतीय समाचार और विज्ञापन (हरियाणा, पंजाब) 

छठा पृष्ठ - विविध और वर्गीकृत विज्ञापन। 

सातवां पृष्ठ - प्रांतीय समाचार और विज्ञापन (मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़) 

आठवां पृष्ठ - प्रांतीय समाचार और विज्ञापन (गुजरात, महाराष्ट्र, हिमाचल) 

नवां पृष्ठ -प्रांतीय समाचार (राजस्थान) 

दसवां पृष्ठ - प्रांतीय समाचार (उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड) 

ग्यारहवां पृष्ठ - कॅरियर मंत्र (सोमवार को प्रकाशित) 

बारहवां पृष्ठ संपादकीय, अग्रलेख, इंटरनेट पर अपलोड की गई सामग्री का प्रकाशन, जीवन दर्शन आदि। 

तेरहवां पृष्ठ सामयिक लेख, परदे के पीछे। 

चौदहवां पृष्ठ - स्पोर्ट्स। 

पंद्रहवां पृष्ठ देश-विदेश, विज्ञापन। 

सोलहवां पृष्ठ सारा जहां, समाचार, विज्ञापन।

 

इसी प्रकार की संरचना अन्य समाचारपत्रों की भी है। बस थोड़ा बहुत प्रस्तुति को लेकर और शीर्षकों को लेकर भिन्नता है. 

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