हिन्दी में विज्ञान लेखन |Science writing in hindi

 हिन्दी में विज्ञान लेखन (Science writing in Hindi)

 

हिन्दी में विज्ञान लेखन |Science writing in hindi

 हिन्दी में विज्ञान लेखन (Science writing in Hindi)


इसके लिए चार प्रमुख तत्वों पर ध्यान देना होगा - हिन्दी भाषा का ज्ञानलेखन क्षमता और वैज्ञानिक जानकारी तथा हिन्दी में विज्ञान का प्रचार-प्रसार की तीव्र अभिलाषा। अच्छे लेखन के लिए कुछ प्रमुख सूत्र बताए गए हैं-

 

पहलापाठक को केन्द्र में रखकर लेखन कार्य किया जाए। दूसराएक बात एक ही बार लिखी यानी रिपीटीशन न किया जाए। तीसरालिखने के बाद उसे पढ़ा जाए और गलतियां जाएदी जाएं। कुछ अन्य बिंदु भी महत्वपूर्ण हैं।

 

i. विज्ञान लेखन किसके लिए किया जाना है और किस विधा के माध्यम से यह लोगों तक सहजता से पहुंच सकता है। 

ii. लिखित विज्ञान सामग्री को परोसने का एक कच्चा खाका बनाना पड़ सकता हैजिससे शीर्षक और उपशीर्षक स्पष्ट हो सकें और लोगों के समझ में जानकारियां आ सकें।

iii. विज्ञान की सामग्री को पढ़नादेखना और समझना तथा उसे सुव्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करने से ही लेखन प्रभावकारी हो सकेगा। 


iv. विज्ञान सामग्री को बोझिल और नीरस न बनाएं बल्कि उसकी जानकारियों को रुचिकर तथा आसान ढंग से परोसा जाए जिससे लोगों को भार न लगे । भाषा की जटिलता से बचें तथा आंकड़ेबाजी के फेर में न पड़ें। अर्थपूर्ण आंकड़ों पर जोर रहना चाहिए मसलन दुर्घटना या बाढ़ से मरने वालों की संख्या लोग जानना चाहते हैं ऐसे में उचित संख्या पर ज्यादा जोर होना चाहिए।

 

v. विज्ञान लेखन में प्रामाणिकता पर ज्यादा जोर होना चाहिए। अप्रामाणिक और अपुष्ट लेखन में लोगों को भ्रम तो होगा ही लेखक की गरिमा पर भी चोट लगेगी। सुनी-सुनाई  बातों को नजरअंदाज करें।

 

vi. नवांकुर या नए लेखक विज्ञान लेखन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें जैसे- संक्षेप में लिखेंलेखक का औचित्य स्पष्ट होलेखक की योग्यता उपयुक्त हो रचना की संक्षिप्त रूपरेखा स्पष्ट करें। इसके लिए सामग्री और स्रोत कैसे जुटाएंगेवह भी बताएं तथा रचना कार्य में कितना समय लगेगाइसे भी लिखें।

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