अनुवाद के प्रकार |साहित्यानुवाद कार्यालयी अनुवाद विधिक अनुवाद आशु अनुवाद, पत्रकारिता में अनुवाद | Types of Translation in Hindi

अनुवाद के प्रकार साहित्यानुवाद कार्यालयी अनुवाद  विधिक अनुवाद  आशु अनुवाद

अनुवाद के प्रकार |साहित्यानुवाद कार्यालयी अनुवाद  विधिक अनुवाद  आशु अनुवाद | Types of Translation in Hindi


अनुवाद के प्रकार Types of Translation in Hindi

 

  • आज वैज्ञानिक औद्योगिक और प्रशासनिक आदि सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भाषा का जो रूप उभर रहा है वह प्रयुक्ति के रूप में ही विकसित हो रहा है। इन विषयों से सम्बद्ध विचारणाओं और धारणाओं को व्यक्त करने में सक्षम हिन्दी का रूप प्रयोजन- विशेष के लिए प्रयुक्त रूप को सामने ला रहा है। विषय विशेष से सम्बद्ध शब्दावली की संरचना हो रही है। हम जानते हैं कि प्रयोजनमूलक का एक स्वरूप व्यावहारिक हिन्दी का भी है जिसमें अनुवाद की महत्वपूर्ण भूमिका है। शायद ही जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र हो जिसमें अनुवाद की उपादेयता प्रमाणित न की जा सके। अनुवाद कई प्रकार का होता है। 

अनुवाद के प्रकारों का विभाजन दो प्रकार से किया जा सकता है-

 

1. विषयवस्तु के आधार पर 

2 प्रकृति या प्रक्रिया के आधार पर।

 

1. विषय वस्तु के आधार पर अनुवाद के प्रकार

 

(क) साहित्यिक 

1. काव्यानुवाद 

2. नाटकानुवाद 

3. कथा - साहित्यानुवाद

4. जीवनी 

5. आत्मकथा

6. निबंध 

7. आलोचना 

8. डायरी 

9. रेखाचित्र 

10 संस्मरण


(ख) कार्यालयी

1. वैज्ञानिक या तकनीकी 

2. वाणिज्यिक 

3. मानविकी एवं समाज - शास्त्रीय 

4. सूचना माध्यनम 

5. प्रशासनिक एवं कानूनी

 

प्रकृति या प्रक्रिया के आधार पर अनुवाद के प्रकार 

1. शब्दानुवाद 

2. छायानुवाद 

3. मूलयुक्त 

5. रूपान्तारण 

6. अनुकरण 

7.प्रतिध्वननि 

9. सारानुवाद 

10. व्याख्यानुवाद 

11. दुभाषिये का अनुवाद 

4. भावानुवाद 

8. मूल रचना से

 

साहित्यानुवाद क्या होता है ?

  • कला और साहित्य किसी भी समाज की पहचान बनाते हैं। किसी भी देश और समाज को जानने के लिए वहाँ के साहित्य को पढ़ना परखना ज़रूरी होता है। युगीन परिस्थितियों का अंकन साहित्य में होता है। उदाहरण के लिए मक्सिम गोर्की का कथासहित्य तत्कालीन रूस में हुई क्रांति और जनसंघर्ष का जीवन्त दस्तावेज़ हैए उसका अनुवाद करते हुए हम पात्रों या स्थानों आदि के नाम बदलते हुए उसका भारतीयकरण नहीं कर सकते क्योंकि भारतीय स्थितियाँ तत्कालीन रूस से बिल्कुल भिन्न थीं। इसी तरह किसी नोबेल विजेता यूरोपीय सहित्यकार से सम्बन्धित हिंदी समाचार बनाया जा रहा है तो पत्रकार को उस साहित्यकार के परिवेश और युगीन स्थितियों का हिंदी में जस का तस उल्लेख करना होगा क्योंकि उसके साहित्य में उसके देश और समाज की स्थितियों का दस्तावेज़ हैभारत का नहीं।

 

कार्यालयी अनुवाद - 

  • कार्यालयी अनुवाद से आशय प्रशासनिक पत्राचार तथा कामकाज के अनुवाद का है। जैसा कि विदित है स्वतंत्रता के पश्चात संविधान ने हिंदी को राजभाषा बनाने का संकल्प तो लिया पर कुछ राजनीतिक और सामाजिक दुविधाओं के चलते वह आज तक कार्यरूप नहीं ले सका। आज राजभाषा के मसले पर भारत में द्विभाषिक नीति लागू है। जिस अंग्रेज़ी को संविधान ने दस साल में अंग्रेजी के बदले हिन्दी को राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने का प्रारूप दिया था वह आज भी पूरी तरह से नहीं हो पाया है। हर राज्य को अपनी राजभाषा निर्धारित करने की स्वतंत्रता संविधान ने दी थी और राज्यों ने उसके अनुरूप राजभाषा का निर्धारण किया भी है किन्तु संघीय सरकारों से उसके प्रशासनिक कार्यव्यहार अंग्रेज़ी में ही होते हैं। हिंदी है लेकिन अंग्रेज़ी भी है और राज्यों के प्रकरण में उनकी अपनी राजभाषाएँ भी हैं। ऐसी स्थिति में अनुवाद की उपयोगिता और महत्व उत्तरोत्तर बढ़ता जा रहा है। सभी जानते हैं कि प्रशासनिक शब्दावली का अपना एक विशिष्ट रूप है जो बहुधा अंग्रेज़ी से अनुवाद पर आधारित होता है। पारिभाषिक शब्द इसी प्रकार की प्रशासनिक शब्दावली का एक प्रमुख हिस्सा हैं। एक अनुवादक के लिए सरकार के कामकाज पर आधारित इस शब्दावली की सामान्य जानकारी का होना अनिवार्य है। अनेक संसदीय शब्दों का हिन्दी में प्रचलन इसी शब्दावली के आधार पर हो गया है।

 

विधिक अनुवाद - 

  • न्यायपालिका संविधान में वर्णित लोकतंत्र के तीन स्तम्भों में से एक पत्र पत्रिकाओं में न्याय और उससे जुड़ी प्रक्रिया से सम्बन्धित अनेक लेख व समाचार होते हैं। हिंदी को राजभाषा बनाए जाने के संकल्प के बावजूद उच्च तथा उच्चतम न्यायालय का सारा कामकाज अंग्रेज़ी में ही होता है। सारे निर्णय और अभिलेख अंग्रेज़ी में होते हैं और न्यायालय की कार्यवाही भी अग्रेज़ी में ही सम्पन्न होती है। हिंदी में नकल और समाचार बनाते हुए वह विधिक शब्दावली का तकनीकी रूप से सही अनुवाद करने की आवश्यकता होती है।

 

आशु अनुवाद क्या होता है 

  • यह एक रोचक प्रक्रिया है। आपने आशुलेखन के बारे में सुना होगा इसमें स्थान विशेष पर ही तत्काल कोई विषय दिया जाता है जिस पर उसी समय लिखना होता है ऐसे ही आशु अनुवाद में भी तत्काल अनुवाद किया जाता है। अंग्रेज़ी में सामान्य रूप से इसे Interpretation कहते हैं। जब कोई ऐसा राजनेता देश में आता है जिसे अंग्रेज़ी भी न आती होती हो हमारे देश के राजनेताओं के साथ उसकी वार्ता Interpretation की सहायता से ही सम्भव हो पाती है। दुभाषिया (Interpreter) वह व्यक्ति होता है जो आंगतुक की भाषा का तुरंत और सरल अनुवाद मौखिक रूप से हमारे राजनेता के सम्मुख प्रस्तुत करता है और हमारे राजनेता की भाषा का आगंतुक राजनेता के सम्मुख । वह एक ऐसा भाषिक मध्यस्थ है जिस पर यह उत्तरदायित्व होता कि वह वार्ता को तकनीकी रूप से शतप्रतिशत सही सम्भव बनाए। आशु अनुवाद के कुछ और भी आयाम हो सकते हैं। जैसे फोन पर किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति से की जा रही वार्ता अथवा किसी महत्वपूर्ण व्याक्ति के भाषण को तुरंत अपनी अथवा लक्ष्य-भाषा में में अनुवाद करके लिखते जाना।

 

वैज्ञानिक एवं तकनीकी अनुवाद - 

  • जाहिर है कि हमारा मौजूदा समय विज्ञान और तकनीक का युग है। विज्ञान के बहुआयामी विकास ने मानव जीवन की गतिविधियों ही नहीं वरन उसके जीवनमूल्यों को भी कई स्तरों पर बदल दिया है। समाचारपत्रों में विज्ञान और तकनीक से सम्बन्धित गतिविधियों के कई समाचार होते हैं और उनके लिए ज़रूरी होता है कि पत्रकार को वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली की पर्याप्त जानकारी होए जिसके अभाव में अनुवाद हास्यास्पद और विचित्र हो सकता है। rail या train को हिंदी में लौहपथगामिनी जैसे विचित्र और हास्यास्पद अनुवाद की जगह रेल या ट्रेन ही लिखना अनुवादक के हित में होगा। computer के लिए कम्प्यूटर ही लिखना होगा इसी तरह हिंदी संगणक की जगह कैलक्यूलेटर शब्द का ही प्रयोग होता है।

 

वाणिज्यिक "अनुवाद - 

  • यह क्षेत्र व्यापार के साथ-साथ प्रमुखतः बैकिंग व्यवसाय का है। सभी को विदित है कि समूचे विश्व की संचालक शक्ति अब पूँजी हो चली है। भूमंडलीकरण और विश्वग्राम जैसी उत्तरआधुनिक अवधारणाएँ प्रकारांत से इसी के गिर्द घूमती हैं। आम आदमी के जीवन में बाज़ार का स्थान अब निश्चित है बहुराष्ट्रीय कम्पनियों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की जानकारी सम्बन्धित विषयवस्तु के अनुवाद द्वारा ही सम्भव है। इस तरह के अनुवाद की अपनी शब्दावली होती है जिसकी प्राथमिक जानकारी अनुवादक को होनी आवश्यक है। आम आदमी के जीवन में बैंकिंग का भी एक निश्चित महत्व है। बैंकिंग के क्षेत्र में हिंदी का प्रयोग मुख्य रूप से दो स्तरों पर होता है एक राजभाषा के स्तर पर और दूसरा जनभाषा के स्तर पर हिंदी को राजभाषा के रूप में सम्मान दिलाए जाने के कुछेक औपचारिक प्रयासों में बैंकों द्वारा हिंदी के प्रयोग पर ज़ोर दिए जाने की नीति शामिल है। दरअसल मामला राजभाषा का न होकर जनभाषा का है। बैंकों को अपनी पहुँच जनता तक बनानी होती है और इसके लिए वे हिंदी के इस्तेमाल पर बल देते हैं। हर बैंक में चूँकि महत्वपूर्ण मसौदे अंग्रेज़ी में ही तैयार किए जाते हैं लेकिन जनता तक उन्हें पहुँचाने के लिए उनका सरल हिंदी अनुवाद अनिवार्य होता हैए फलतः हर बैंक में हिंदी अधिकारी तैनात किए गए हैं।

 

शब्दानुवाद  - 

  • इस तरह के आदर्श अनुवाद में प्रयास किया जाता है कि मूल भाषा के प्रत्येक शब्द और अभिव्यक्ति की इकाई ( पदपदबंधमुहावरालोकोक्तिउपवाक्य अथवा वाक्य आदि का अनुवाद लक्ष्य भाषा में करते हुए मूल के भाव को संप्रेषित किया जाए। दूसरे शब्दों मूल पाठ की किसी अभिव्यक्त इकाई को छोड़ सकता है और न अपनी ओर से कुछ जोड़ सकता है। अनुवाद का यह प्रकार गणितए ज्योतिष विज्ञान और विधि साहित्य के अधिक अनुकूल होता है। 

 

भावानुवाद - 

  • इस प्रकार के अनुवाद में भाव अर्थ और विचार पर अधिक ध्यान दिया जाता है लेकिन ऐसे शब्दों पदों या वाक्यांशों की उपेक्षा नहीं की जाती जो महत्वपूर्ण हों। ऐसे अनुवाद से सहज प्रवाह बना रहता है।

 

सारानुवाद - 

  • यह आवश्यकतानुसार संक्षित या अति संक्षिप्त होता है। भाषणों विचार गोष्ठियों और संसद के वादविवाद की विशद विषयवस्तु के सार का अनूदित प्रस्तुतीकरण इसी कोटि का होता है।

 

यांत्रिक अनुवाद - 

  • आधुनिक समय में कम्प्यूटर की सक्षमता और हमारी उस निर्भरता उत्तरोत्तर बढ़ती गई है। आज ऐसे साफ्टवेयर उपलब्ध हैं जो दो या अधिक भाषाओं बीच अनुवाद करने की क्षमता रखते हैं। गूगल ने ऑनलाइन अनुवाद की सुविधा भी दी है। इन सारी तकनीकी उपलब्धियों के बीच हमें यह भी समझ लेना होगा कि इसकी कुछ निर्णायक सीमाएँ भी हैं। अनुवाद करने वाले साफ्टवेयर अकसर कोरा शब्दानुवाद करते हैं और उनमें वांछित अर्थबोध की प्राप्ति नहीं हो पाती। यानी इस तरह के अनुवाद पर भाषायी पुनर्गठन के स्तर पर आवश्यक स्तर की प्राप्ति के लिए काफी काम करना होता है। अतः शब्दातंरण के लिए इस तरह का यांत्रिक अनुवाद काम का हो सकता है लेकिन पूरी वाक्यरचना के स्तर पर यह बहुधा असफल सिद्ध हुआ है। हाँ लिप्यन्तरण के क्षेत्र में कम्प्यूटर साफ्टवेयर्स ने हमारी बहुत सहायता की है।

 

पत्रकारिता में अनुवाद - 

  • भूमंडलीकरण जैसी आधुनिक अवधारणाओं के प्रभाव के चलते अनुवाद पत्रकारिता का एक प्रमुख अंग बन गया है अंग्रेज़ी को आज प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सम्पर्क भाषा का दर्ज़ा प्राप्त है और इंटरनेट सूचनाओंसमाचारों के त्वरित अंतरण का प्रमुख माध्यम है इसलिए ज़रूरी होता जा रहा है कि हिंदी समाचारपत्र के डेस्क पर भी कार्य करने वाला कर्मी न सिर्फ़ अंग्रेज़ी के सामान्य कार्यव्यवहार से परिचित हो बल्कि वह प्राप्त सामग्री का एक त्वरित एवं तथ्यपूर्ण अनुवाद भी कर पाए जिससे तत्सम्बन्धी समाचार दिया जा सके। पत्रकारिता के अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिवाणिज्यव्यापारखेलविज्ञान तथा तकनीक आदि कई पक्ष ऐसे हैं जिनके समाचार निर्माण में इस  तरह के अनुवाद की आवश्यकता होती है। अतः पत्रकारिता में एक उज्ज्वल भविष्य के लिए पत्रकार का अनुवाद में कुशल होना मौजूदा परिस्थितियों में अब अनिवार्य हो चला है। आजकल प्रमुख हिन्दी अखबारों में इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी नेट और विदेशों से जुड़ी मनोरंजक और ज्ञानवर्धक सामग्री देखने को मिलती है। अनुवाद में दक्ष पत्रकार के लिए इस काम में बहुत सुविधा होती है कि वो अंग्रेजी में उपलब्ध इस तरह की सामग्री को तत्काल अनुवाद कर सकता है। इस तरह वह अखबार में अपना महत्व और उपयोगिता बढ़ा सकता है।

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