आतंकवाद विरोधी दिवस (एंटी-टेररिज़्म दिवस) 2024 : 21 मई विशेष जानिए क्या है आतंकवाद |Anti terrorism Day 2024 Pledge in Hindi
आतंकवाद विरोधी दिवस (एंटी-टेररिज़्म दिवस) 2024
आतंकवाद विरोधी दिवस (एंटी-टेररिज़्म दिवस) 2024
प्रतिवर्ष 21 मई को देश भर में एंटी-टेररिज़्म दिवस अथवा आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी को स्मरण करना है।
एंटी-टेररिज़्म दिवस का लक्ष्य
एंटी-टेररिज़्म दिवस का लक्ष्य आम लोगों में हिंसा और आतंकवाद के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस अवसर पर युवाओं को आतंकवाद के विरुद्ध जागरूक करने तथा उन्हें मानव पीड़ा एवं मानव जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है। एंटी-टेररिज़्म दिवस के अवसर पर देश भर के विभिन्न हिस्सों में उक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिये गृह मंत्रालय द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
राजीव गांधी के बारे में
- राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त, 1944
- 21 मई, 1991 सुसाइड बॉम्बर द्वारा राजीव गांधी की हत्या
- मात्र 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे और संभवतः दुनिया के उन युवा राजनेताओं में से एक हैं जिन्होंने इतनी कम उम्र में किसी सरकार का नेतृत्त्व किया।
- राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को बम्बई (मुंबई) में हुआ था। विज्ञान में रुचि रखने वाले राजीव गांधी वर्ष 1984 में अपनी माँ की हत्या के पश्चात् काॅन्ग्रेस अध्यक्ष एवं देश के प्रधानमंत्री बने और वर्ष 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। 21 मई, 1991 को चेन्नई में एक रैली के दौरान अलगाववादी संगठन लिट्टे की महिला सुसाइड बॉम्बर ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी।
आतंकवाद क्या होता है ?
आतंकवाद को एक
प्रकार के हिंसात्मक गतिविधि के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो कि अपने
आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं
वैचारिक मक़सद को पाने के लिए गैर-सैनिक अर्थात नागरिकों की सुरक्षा को भी निशाना
बनाते हैं। गैर-राज्य कारकों द्वारा किये गए राजनीतिक, वैचारिक या
धार्मिक हिंसा को भी आतंकवाद की श्रेणी का ही समझा जाता है। अब इसके तहत
गैर-क़ानूनी हिंसा और युद्ध को भी शामिल कर लिया गया है।
आतंकवाद के प्रकार
- गैर-राज्य कर्ताओं द्वारा आतंकवाद: इसमें आतंकवाद की कार्रवाई ऐसे व्यक्ति या समूह द्वारा की जाती है जो कि ना तो किसी सरकार के साथ जुड़ा होता है और ना ही उसे किसी सरकार का वित्तीय सहयोग प्राप्त होता है। हालांकि सरकार से अप्रत्यक्ष संबंध को पूरी तरह से नकार नहीं सकते। नक्सलवाद, एलटीटीई आतंकवाद और पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद इस तरह के आतंकवाद के उदाहरण हो सकते हैं।
- स्वापक आतंकवाद: इस श्रेणी में क्रमबद्ध धमकी अथवा हिंसा द्वारा सरकार की नीतियों को प्रभावित करने वाले स्वापक (नारकोटिक) पदार्थों का अवैध व्यापार आता है। इस ज़रिये आतंकवादी संगठन अपने लिए धन जुटाने का काम करते हैं। मादक पदार्थों और नकली करेंसी की समस्या इसी श्रेणी के अंदर आते हैं।
- मानवजाति राष्ट्रवादी आतंकवाद: ऐसा आतंकवाद अक्सर अलग देश बनाने या एक मानवजातीय समूह का दूसरे पर स्तर बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- धार्मिक आतंकवाद: इस तरह के आतंकवाद की श्रेणी में हिंसा को ईश्वरीय कर्तव्य या सांस्कारिक कृत्य माना जाता है और इसे धार्मिक अनिवार्यता के आधार पर सही ठहराया जाता है।
- राज्य प्रायोजित आतंकवादी: जब किसी देश की सरकार खुद किसी आतंकवादी गतिविधि को समर्थन दे रही होती है तो इस प्रकार के आतंकवाद को राज्य प्रायोजित आतंकवाद कहा जाता है। हाल के समय में कुछ देशों ने विदेश नीति के एक सुविचार एक साधन के रूप में इस तरह आतंकवाद को अपनाया है। भारत आज़ादी के वक़्त से ही इस प्रकार के आतंकवाद का सामना करता आ रहा है। इसमें महत्वपूर्ण भूमिका पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की है। वर्तमान की पुलवामा घटना इसी का एक उदाहरण है।
- वामपंथी आतंकवाद: सत्ता में बैठे लोगों के खिलाफ कई बार कृषक अथवा मजदूर वर्ग द्वारा हिंसा का रास्ता अपनाया जाता है। इस वर्ग का मानना होता है कि उनकी समस्यायों के लिए हुक्मरान ही ज़िम्मेदार हैं। इस तरह के हिंसा वामपंथी विचारधारा से प्रेरित होकर किए जाते हैं। इसे ही वामपंथी आतंकवाद की श्रेणी में रखा जाता है। भारत की नक्सलवाद की समस्या इसी का एक उदाहरण है।
आतंकवाद का कारण
- गरीबी, अशिक्षा और आर्थिक कारण
- सामाजिक पिछड़ापन
- ज़िहाद के नाम पर आतंकवाद
- शासन में हस्तक्षेप
- महत्वाकांक्षा
- झुंझलाहट और गुस्सा
- प्रतिद्वंदी देश को कमजोर करना
- आतंकवाद के साधन
- पर्यावरणीय आतंकवाद
- जन संहार के हथियार
- रासायनिक हथियार
- न्यूक्लियर हथियार
- जैविक हथियार
- साइबर आतंकवाद
- आत्मघाती आतंकवाद
- भारत में आतंकवाद की स्थिति
- भारत के आतंरिक इलाके में आतंकवाद
- पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद
- वामपंथी-चरमपंथ
- नकली करेंसी के ज़रिये आर्थिक आतंकवाद
- मादक पदार्थों की सप्लाई के ज़रिये आतंकवाद
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