विश्व थैलेसीमिया दिवस 2024 : उद्देश्य इतिहास महत्व | World Thalassemia Day 2024 Importance History
विश्व थैलेसीमिया दिवस 2024 : उद्देश्य इतिहास महत्व
विश्व थैलेसीमिया दिवस 2024 उद्देश्य इतिहास महत्व
- दुनिया भर में 08 मई को ‘विश्व थैलेसीमिया दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक लक्ष्य थैलेसीमिया जैसे गंभीर आनुवंशिक विकार और इससे पीड़ित रोगियों के संघर्ष के संबंध में जागरूकता बढ़ाना है।
- साथ ही यह दिवस पीड़ितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये समर्पित डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मियों तथा इस रोग के उन्मूलन की दिशा में कार्य कर रहे वैज्ञानिकों का भी सम्मान करता है।
विश्व थैलेसीमिया दिवस का इतिहास
- विश्व थैलेसीमिया दिवस (08 मई) की शुरुआत वर्ष 1994 में थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन द्वारा की गई थी। थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जो कि माता-पिता से बच्चों तक पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होता है। इस स्थायी रक्त विकार के कारण रोगी के लाल रक्त कणों (RBC) में पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है। इसके कारण एनीमिया हो जाता है और रोगियों को जीवित रहने के लिये हर दो से तीन सप्ताह बाद रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। रोग की गंभीरता जीन में शामिल उत्परिवर्तन और उनकी अंतःक्रिया पर निर्भर करती है।
थैलेसीमिया क्या होता है?
- थैलेसीमिया एक स्थायी रक्त विकार (Chronic Blood Disorder) है। यह एक आनुवंशिक विकार है, जिसके कारण एक रोगी के लाल रक्त कणों (RBC) में पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है।
- इसके कारण एनीमिया हो जाता है और रोगियों को जीवित रहने के लिये हर दो से तीन सप्ताह बाद रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है।
- थैलेसीमिया माता-पिता के जींस के माध्यम से बच्चों को मिलने वाला एक आनुवंशिक विकार है।
- प्रत्येक लाल रक्त कण में हीमोग्लोबिन के अणुओं की संख्या 240 से 300 मिलियन के बीच हो सकती है।
- रोग की गंभीरता जीन में शामिल उत्परिवर्तन और उनकी अंतःक्रिया पर निर्भर करती है।
थैलेसीमिया कितने प्रकार का होता है ?
थैलेसीमिया माइनर-
- थैलेसीमिया माइनर में, हीमोग्लोबिन जीन गर्भधारण के दौरान विरासत में मिलता है, इसमें एक जीन माँ से और एक पिता से मिलता है। एक जीन में थैलेसीमिया के लक्षण वाले लोगों को वाहक के रूप में जाना जाता है या उन्हें थैलेसीमिया माइनर ग्रस्त कहा जाता है। थैलेसीमिया माइनर कोई विकार नहीं है इसमें व्यक्ति को केवल हल्का एनीमिया होता है।
थैलेसीमिया इंटरमीडिया-
- ये ऐसे मरीज़ हैं, जिनमें हल्के से लेकर गंभीर लक्षण तक मिलते हैं।
थैलेसीमिया मेजर-
- यह थैलेसीमिया का सबसे गंभीर रूप है। ऐसा तब होता है, जब एक बच्चे को माता-पिता प्रत्येक से दो उत्परिवर्तित जीन मिलते हैं। थैलेसीमिया मेजर से ग्रस्त बच्चे में जीवन के पहले वर्ष के दौरान गंभीर एनीमिया के लक्षण विकसित होते हैं। जीवित रहने के लिये उन्हें अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (Bone Marrow Transplant) या नियमित रूप से रक्त चढ़ाए जाने की आवश्यकता होती है।
प्रायः थैलेसीमिया के मरीज़ ग्रस्त होते
हैं:
- एनीमिया
- कमजोर हड्डियाँ
- देर से या मंद विकास
- शरीर में लौह की अधिकता
- अपर्याप्त भूख
- बढ़ा हुआ प्लीहा या यकृत
- पीली त्वचा
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