समानुभूति एवं सहानुभूति दोनों मनुष्य के संवेगात्मक पक्ष से संबंधित हैं परंतु समानुभूति में जहाँ हम दूसरों की भावनाओं को समझते हैं और उसके साझेदार भी बनते है जबकि सहानुभूति ऐसी भावना है जिसमें दूसरों को कठिनाई में देखकर औपचारिक रूप से अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं, सांत्वना देते हैं, बंधाते हैं, यहा उनकी कठिनाइयों को समझने और साझेदार बनने का प्रयास नहीं होता है। इस रूप में समानुभूति, सहानुभूति से आगे है। सहानुभूति जहाँ एक तरफा व्यवहार है वहीं समानुभूति दूसरों की समस्या को महसूस कर उसके अनुसार किया गया व्यवहार है।
समानुभूति में संज्ञानात्मक तत्व होता है जबकि सहानुभूति में केवल भावात्मक संवेग मात्र होता है।
समानुभूति और दया (Empathy and Pity)
दया में वह भावना शामिल होती है कि जो व्यक्ति पीड़ा में है वह स्वयं उसका समाधान नहीं कर सकता। दया का समानुभूति और सहानुभूति से कोई विरोध नहीं होता है आम तौर पर दया में ये दोनों स्थितियाँ अंतर्निहित होती हैं।
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